
एलियन जीवन की तलाश
शुक्र ग्रह पर मिले जीवन होने के संकेत
खगोल शास्त्रियों को शुक्र ग्रह के वायुमंडल में एक गैस मिली है, जो वहां जीवन होने का संकेत दे रही है। संभावना जताई गई है कि हो सकता है शुक्र ग्रह के बादलों में सूक्ष्म जीव तैर रहे हैं। उस गैस का नाम है फॉस्फीन – अणु जो एक फास्फोरस के कण और तीन हाइड्रोजन… पढ़ना जारी रखें शुक्र ग्रह पर मिले जीवन होने के संकेत
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन भाग 6 : जल – जीवन का विलायक
वर्तमान मे जीवन के विलायक के रूप मे केवल जल ही ज्ञात है। अब हम देखते है जल की ऐसी कौनसी विशेषताये है जो उसे जीवन का विलायक बनाये हुये है, कैसे वह आदर्श जैव विलायक के रूप मे सभी आवश्यक शर्तो को पूरा करता है। यह हमे अन्य विलायको के आदर्श जीवन के विलायक… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन भाग 6 : जल – जीवन का विलायक
आगे पढ़ें ….केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला :सौर मंडल के बाहर जीवन की खोज को समर्पित वेधशाला
केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला नासा का सौर मंडल से बाहर पृथ्वी सदृश ग्रहों को खोजने का अबतक का सबसे सफ़ल अभियान रहा है। इस अभियान का नाम महान खगोल शास्त्री योहानस केप्लर को समर्पित था। इसे 7 मार्च 2009 को अंतरिक्ष मे भेजा गया था और अपने 9 वर्षो के अभियान के पश्चात इसे 30 अक्टूबर 2018… पढ़ना जारी रखें केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला :सौर मंडल के बाहर जीवन की खोज को समर्पित वेधशाला
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन भाग 5 : जीवन अमृत – जल एक महान विलायक
अब तक हमारी चर्चा का केंद्र जीवित प्राणीयों की जैवरासायनिक संरचनाओं पर रहा है। यह सब बहुत महत्वपूर्ण था लेकिन हम इस तथ्य को नजर अंदाज नही कर सकते कि ये जैव अणु निर्वात मे कार्य नही करते है। पृथ्वी पर सभी जैव जैव कोशीकाओं के अंदर सभी जैव रासायनिक प्रक्रियायें द्रव जल की उपस्थिति… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन भाग 5 : जीवन अमृत – जल एक महान विलायक
आगे पढ़ें ….Wow! सिगनल
15 अगस्त 1977 को सेटी मे कार्यरत डॉ जेरी एहमन(Jerry Ehman) ने ओहीयो स्टेट विश्वविद्यालय(Ohio State University) के बीग इयर रेडीयो दूरबीन(Big Ear Radio Telescope) पर एक रहस्यमयी संदेश प्राप्त किया। इस संदेश ने परग्रही जीवन से संपर्क की आशा मे नवजीवन का संचार कर दिया था। यह संदेश 72 सेकंड तक प्राप्त हुआ लेकिन… पढ़ना जारी रखें Wow! सिगनल
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन भाग 4 :बोरान आधारित जीवन
सिलिकान के पश्चात बोरान अकेला तत्व है जोकि कार्बन को चुनौती दे सकता है। यह तत्व आवर्तसारणी मे कार्बन के बांए स्थित है, जबकि सिलिकान कार्बन के नीचे है। जैव रसायनशास्त्रीयों की बोरान मे दिलचस्पी का कारण इसके द्वारा प्रदर्शित बहुआयामी तथा अत्याधिक असामान्य रासायनिक व्यवहार है। यह सिलिकान के जैसे उच्च तापमान पर बहुत… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन भाग 4 :बोरान आधारित जीवन
आगे पढ़ें ….पृथ्वी के बाहर किसी अन्य ग्रह पर बसने की बेताबी
“हमारी पृथ्वी ही वह ज्ञात विश्व है जहाँ जीवन है। आनेवाले समय में भी कहीं ऐसा कुछ नहीं दिखता जहाँ हम प्रस्थान कर सकें। जा भी सकें तो बस न सकेंगे। मानें या न मानें, इस क्षण तो पृथ्वी ही वह स्थान है जहाँ हम अटल रह सकते हैं।” प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक कार्ल सागन का… पढ़ना जारी रखें पृथ्वी के बाहर किसी अन्य ग्रह पर बसने की बेताबी
आगे पढ़ें ….मानवता : पृथ्वी के अतिरिक्त एक और घर की तलाश
शीत ऋतु , अमावस की रात, निरभ्र आकाश मे चमकते टिमटिमाते तारे, उत्तर से दक्षिण की ओर तारों से भरा श्वेत जलधारा के रूप मे मंदाकीनी आकाशगंगा का पट्टा! आकाश के निरीक्षण के लिये इससे बेहतर और क्या हो सकता है। अपनी दूरबीन उठाई और आ गये छत पर; ग्रह, तारों और निहारिकाओ को निहारने… पढ़ना जारी रखें मानवता : पृथ्वी के अतिरिक्त एक और घर की तलाश
आगे पढ़ें ….टेरा फ़ार्मिंग: किसी ग्रह को जीवन योग्य बनाना
हमारी अब तक की जानकारी के अनुसार द्रव जल जीवन के लिये आवश्यक है, इसके बिना जीवन संभव नही है। पृथ्वी पर हर कहीं द्रव जल उपलब्ध है और जीवन ने पनपने का मार्ग खोज निकाला है। इसलिये मानव अंतरिक्ष अण्वेषण मे सबसे पहले जल खोजता है। अब तक चंद्रमा, मंगल, युरोपा और एन्सलेडस पर जल… पढ़ना जारी रखें टेरा फ़ार्मिंग: किसी ग्रह को जीवन योग्य बनाना
आगे पढ़ें ….नासा ने सौर मंडल के जैसे एक और सौर मंडल खोजा : केप्लर 90
नासा ने हमारे सौर मंडल के तुल्य एक तारा-ग्रह प्रणाली खोजी है जिसके पास आठ ग्रह है। इस तारे का नाम केप्लर 90 है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को एक बड़ी सफलता मिली है। NASA के केपलर अंतरिक्ष दूरबीम ने हमारे जितना बड़ा ही एक और तारा-ग्रह प्रणाली खोजी है। दरअसल, यह तारा और उसके… पढ़ना जारी रखें नासा ने सौर मंडल के जैसे एक और सौर मंडल खोजा : केप्लर 90
आगे पढ़ें ….एलियन या प्राकृतिक : अंतरिक्ष मे पायी गई विचित्र ध्वनियाँ और संकेत
अंतरिक्ष मे एक खौफ़नाक सन्नाटा छाया रहता है क्योंकि ध्वनि अंतरिक्ष मे यात्रा नही कर पाती है लेकिन अंतरिक्ष शांत नही है। लगभग सभी अंतरिक्ष के पिंड ऐसे रेडीयो संकेतो का उत्सर्जन करते है जिन्हे मानव के कान सुन नही पाते है जिन्हे विशेष उपकरणो से ग्रहण किया जाता है। रेडीयो संकेतो की खोज के… पढ़ना जारी रखें एलियन या प्राकृतिक : अंतरिक्ष मे पायी गई विचित्र ध्वनियाँ और संकेत
आगे पढ़ें ….KIC 8462852 : एलीयन सभ्यता ? एक बार फ़िर से चर्चा मे
हमारे ब्रह्मांड मे ढेर सारी अबूझ पहेलीयाँ है, लेकिन पिछले कुछ समय से विश्व के खगोलशास्त्री एक अजीब सी उलझन में फंसे हुए हैं। इसकी वजह है एक अनोखा तारा। यह तारा काफी रहस्यमय है। इससे जुड़ी बातें इसे किसी भी अन्य ज्ञात तारे से अलग बनाती हैं। यह तारा 2015 के अंतिम महिनो मे… पढ़ना जारी रखें KIC 8462852 : एलीयन सभ्यता ? एक बार फ़िर से चर्चा मे
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन भाग 3 : क्या सिलीकान आधारित जीवन संभव है?
कार्बन के विकल्प के रूप मे सिलीकान का प्रस्ताव 1891 मे खगोलभौतिक वैज्ञानिक जुलियस स्कीनर(Julius Scheiner) ने रखा था। उनके इस तर्क के पीछे कारण था कि सिलिकान के बहुत से यौगिक उच्च तापमान पर भी स्थाई रहते है, इस अवधारणा के अनुसार पृथ्वी की तुलना मे उच्च तापमान वाले ग्रहों का जीवन सिलिकान आधारित… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन भाग 3 : क्या सिलीकान आधारित जीवन संभव है?
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन भाग 2 : कार्बन – जीवरसायन का आधार क्यों है?
सभी तरह का ज्ञात जीवन कार्बन आधारित है, इसकी हर कोशीका कार्बन और कार्बनिक प्रक्रियाओं का प्रयोग करती है। हमारे सामने प्रश्न है कि क्या कार्बन अकेला तत्व है जो जैविक अणुओं का आधार बना सकता है ? क्या जीवन को कार्बन आधारित ही होना चाहिये ? या पृथ्वी पर जीवन का आधार इसलिये है… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन भाग 2 : कार्बन – जीवरसायन का आधार क्यों है?
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन भाग 1 : क्या जीवन के लिये कार्बन और जल आवश्यक है ?
जब हम आकाश मे देखते है तो हम कल्पना ही नही कर पाते हैं कि ब्रह्मांड कितना विराट है। हमारे ब्रह्माण्ड मे एक अनुमान के अनुसार 100 अरब आकाशगंगायें है और हर आकाशगंगा मे लगभग 100 अरब तारें है। इनमे से अधिकतर तारों के पास ग्रंहो की उपस्थिति की संभावना है। तारों और उनके संभावित… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन भाग 1 : क्या जीवन के लिये कार्बन और जल आवश्यक है ?
आगे पढ़ें ….खगोलशास्त्रियों को सौर परिवार से बाहर मिले ‘पृथ्वी की तरह’ के सात ग्रह
खगोलविदों ने एक ही तारे की परिक्रमा करते धरती के आकार के कम-से-कम सात ग्रहों को खोज निकाला है। मशहूर विज्ञान पत्रिका नेचर में बुधवार को प्रकाशित एक अध्ययन में इन ग्रहों की दूरी 40 प्रकाश वर्ष बताई गई है। एक प्रकाश वर्ष प्रकाश के एक वर्ष में तय की गई दूरी के बराबर होता… पढ़ना जारी रखें खगोलशास्त्रियों को सौर परिवार से बाहर मिले ‘पृथ्वी की तरह’ के सात ग्रह
आगे पढ़ें ….सौरबाह्य(EXOPLANET) ग्रहों की खोज का विज्ञान
अगस्त 2016 तक 3000 से अधिक सौरबाह्य ग्रह खोजे जा चुकें है। इनमे से लगभग 100 ग्रहों को 2004 पश्चात चीली स्थित ला सिल्ला वेधशाला(La Silla) के हाई एक्युरेशी रेडियल वेलोसिटी प्लेनेट सर्चर(High Accuracy Radial Velocity Planet Searcher- HARPS) के द्वारा खोजा गया है। 2009 के पश्चात एक हजार से अधिक ग्रहों को नासा की… पढ़ना जारी रखें सौरबाह्य(EXOPLANET) ग्रहों की खोज का विज्ञान
आगे पढ़ें ….सौर मंडल के बाहर की सैर
न्यु हारिजोंस(New Horizones) अंतरिक्षयान के प्लूटो अभियान की सफलता के साथ ही मानव ने सौर मंडल के मुख्य पिंडो की प्राथमिक यात्रा पूरी कर ली है। अब ब्रेकथ्रु स्टारशाट(Breakthrough Starshot) अभियान तथा एचबार टेक्नालाजीस(Hbar Technologies) जैसी कंपनीयों के द्वारा सौर मंडल के बाहर जाने वाले अंतरिक्षयानो के निर्माण का प्रारंभ हो गया है। ये यान… पढ़ना जारी रखें सौर मंडल के बाहर की सैर
आगे पढ़ें ….क्या रूसी वैज्ञानिको ने एलियन सभ्यता के संकेत ग्रहण किये है ?
30 अगस्त 2016 से इंटरनेट (भारतीय मिडीया भी) मे सेती(SETI- “Search for Extraterrestrial Intelligence”) द्वारा एलीयन सभ्यता के संकेत पाये जाने के समाचार आ रहे है। लेकिन वैज्ञानिक इन समाचारो पर अभी तक सहमत नही है। HD 164595 नामक सूर्य के जैसे तारे से रूसी खगोल वैज्ञानिक द्वारा ’कृत्रिम’ रेडियो संकेत पाये गये है। यह… पढ़ना जारी रखें क्या रूसी वैज्ञानिको ने एलियन सभ्यता के संकेत ग्रहण किये है ?
आगे पढ़ें ….प्राक्सीमा ब : सूर्य के निकटस्थ तारे की परिक्रमा करते जीवन की संभावना योग्य ग्रह की खोज
वैज्ञानिको ने सूर्य के निकटस्थ तारे ’प्राक्सीमा सेंटारी’ की परिक्रमा करते जीवन की संभावना योग्य ग्रह की खोज की है। प्राक्सीमा सेंटारी एक लाल वामन तारा है जो कि सूर्य से केवल 4.24 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। जब भी सौर बाह्य ग्रहो की खोज मे पृथ्वी के आकार के छोटे ग्रहों की… पढ़ना जारी रखें प्राक्सीमा ब : सूर्य के निकटस्थ तारे की परिक्रमा करते जीवन की संभावना योग्य ग्रह की खोज
आगे पढ़ें ….पृथ्वी पर जीवन का उद्भव कैसे हुआ ?
पृथ्वी का जन्म आज से 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था। यह माना जाता है कि पृथ्वी की सतह पर जीवन का उद्भव पहले एक अरब वर्ष मे ही हो गया था। सबसे प्राचीन ज्ञात जीव सूक्ष्म तथा आकृतिहीन थे। इनके जीवाश्म सूक्ष्म राड के जैसे है जिन्हे जीवहीन प्रक्रियाओं से बने पदार्थ से अलग… पढ़ना जारी रखें पृथ्वी पर जीवन का उद्भव कैसे हुआ ?
आगे पढ़ें ….कार्दाशेव स्केल : सभ्यता के विकास का पैमाना
1964 मे कार्दाशेव ने किसी परग्रही सभ्यता के तकनीकी विकास की क्षमता को मापने के लिये एक पैमाने को प्रस्तावित किया। रशियन खगोल विज्ञानी निकोलाइ कार्दाशेव के अनुसार सभ्यता के विकास के विभिन्न चरणो को ऊर्जा की खपत के अनुसार श्रेणीबद्ध लिया जा सकता है। इन चरणो के आधार पर परग्रही सभ्यताओं का वर्गीकरण किया जा सकता… पढ़ना जारी रखें कार्दाशेव स्केल : सभ्यता के विकास का पैमाना
आगे पढ़ें ….KIC 8462852 : एलीयन सभ्यता ? रहस्य और गहराया!
अक्टूबर मे हमने एक लेख मे एक विचित्र तारे KIC 8462852 से उत्सर्जित प्रकाश मे आने वाली विचित्र कमी के बारे मे चर्चा की थी। इस तारे के प्रकाश मे आने वाली कमी का एक संभावित कारण किसी एलियन सभ्यता द्वारा विशाल डायसन गोले का निर्माण भी था। अब इस तारे से संबधित कुछ और… पढ़ना जारी रखें KIC 8462852 : एलीयन सभ्यता ? रहस्य और गहराया!
आगे पढ़ें ….क्या एलीयन है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है?
यह प्रश्न अक्सर सामने आते रहता है कि क्या पृथ्वी के बाहर जीवन है? यदि पृथ्वी के बाहर जीवन है तो क्या उस जीवन मे मानव जैसे बुद्धिमान जीवन की उपस्थिति है? सारे विश्व मे UFO/उड़नतश्तरी के दिखायी देने की अफवाहे/तथाकथित समाचार सामने आते रहते है। हालीवुड की फिल्मो मे भी एलीयन/परग्रही एक प्रमुख कथानक… पढ़ना जारी रखें क्या एलीयन है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है?
आगे पढ़ें ….पहली बार कैमरे में कैद हुआ निर्माणाधीन ग्रह
खगोलविदों ने पहली बार पृथ्वी से करीब 450 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक तारे के पास बन रहे एक ग्रह की तस्वीर को कैमरे में कैद किया है। अमेरिका के ऐरिजोना विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने LKCA 15 के डिस्क की दरार में बन रहे एक ग्रह की तस्वीर को कैमरे में कैद किया… पढ़ना जारी रखें पहली बार कैमरे में कैद हुआ निर्माणाधीन ग्रह
आगे पढ़ें ….KIC 8462852: क्या इस तारे पर एलीयन सभ्यता है?
खगोलशास्त्रीयो की एक टीम द्वारा प्रस्तुत एक शोध पत्र ने एलीयन या परग्रही के कारण खलबली मचा दी है। रूकिये! रूकिये! उछलिये मत! इस शोधपत्र मे एलीयन शब्द का कोई उल्लेख नही है, ना ही वह पत्र अप्रत्यक्ष रूप से एलियन की ओर कोई संकेत दे रहा है। लेकिन खगोलशास्त्रीयों ने एक तारा खोजा है… पढ़ना जारी रखें KIC 8462852: क्या इस तारे पर एलीयन सभ्यता है?
आगे पढ़ें ….हमारे वर्तमान ज्ञान के आधार पर पृथ्वी के जैसे ग्रह पर पहुंचने मे हमे कितना समय लगेगा ?
मान लिजिये कि पृथ्वी पर एक विश्य व्यापी संकट आता है और हमे पृथ्वी छोड़कर जाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति मे हमे पृथ्वी से सर्वाधिक समान ग्रह पर जाने के लिये जितना समय लगेगा ? प्रारंभ करने के लिये अब तक की हमारी जानकारी के अनुसार पृथ्वी से सर्वाधिक समानता वाला ग्रह केप्लर-452b है।… पढ़ना जारी रखें हमारे वर्तमान ज्ञान के आधार पर पृथ्वी के जैसे ग्रह पर पहुंचने मे हमे कितना समय लगेगा ?
आगे पढ़ें ….केप्लर 452b: पृथ्वी की जुड़वा बहन – पृथ्वी -2 की खोज
नासा की अंतरिक्ष वेधशाला ने अपने अभियान मे एक बड़ी सफलता पायी है। उसने एक नये ग्रह केप्लर 452B को खोज निकाला है जो अब तक के पाये गये गैर सौर ग्रह मे पृथ्वी से सबसे ज्यादा मिलता जुलता ग्रह है। केप्लर 452बी नामक इस ग्रह को ‘अर्थ-2’ के नाम से भी पुकारा जा रहा… पढ़ना जारी रखें केप्लर 452b: पृथ्वी की जुड़वा बहन – पृथ्वी -2 की खोज
आगे पढ़ें ….जीवन के लिये आवश्यक तत्वो का निर्माण
प्राचीन समय मे मानव शरीर को पंच तत्व -भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल से निर्मित माना जाता था। लेकिन आज हम जानते है कि ये पंचतत्व भी शुध्द तत्व नही है, और अन्य तत्वों से मीलकर बने है। इस लेख मे हम देखेंगे कि मानव शरीर के लिये आवश्यक तत्व कौनसे है? और उन तत्वो… पढ़ना जारी रखें जीवन के लिये आवश्यक तत्वो का निर्माण
आगे पढ़ें ….अंतरिक्ष मे जीवन की संभावना : दो नये पृथ्वी के आकार के ग्रहो की खोज
जब आप रात्रि आकाश का निरीक्षण कर रहे हो तो हो सकता है कि आप इस तारे केप्लर 62को नजर-अंदाज कर दें। यह एक साधारण तारा है, कुछ छोटा , कुछ ठंडा, सूर्य से कुछ ज्यादा गहरे पीले रंग का, इस तारे के जैसे खरबो तारे हमारी आकाशगंगा मे हैं। लेकिन यह तारा अपने आप… पढ़ना जारी रखें अंतरिक्ष मे जीवन की संभावना : दो नये पृथ्वी के आकार के ग्रहो की खोज
आगे पढ़ें ….यूरोपा पर जीवन की संभावनाएं पहले से ज्यादा !
हम वर्षो से यह जानते रहे है कि बृहस्पति का चन्द्रमा यूरोपा मे ठोस जमी हुयी सतह के नीचे द्रव जल का महासागर है। यूरोपा की लगभग पूरी सतह ठोस बर्फ से बनी हुयी है। हम यह भी जानते हैं कि इस सतह पर हजारो दरारें है जो पृथ्वी पर पानी पर तैरती बर्फ की परतो पर… पढ़ना जारी रखें यूरोपा पर जीवन की संभावनाएं पहले से ज्यादा !
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 09 : उड़नतश्तरीयां
कुछ लोगो का विश्वास है कि परग्रही प्राणी उड़नतश्तरीयो से पृथ्वी की यात्रा कर चूके है। वैज्ञानिक सामान्यतः उड़नतश्तरी के समाचारो पर विश्वास नही करते है और तारो के मध्य की विशाल दूरी के कारण इसकी संभावना को रद्द कर देते है। वैज्ञानिको इस ठंडी प्रतिक्रिया के बावजूद उड़नतश्तरी दिखने के समाचार कम नही हुये… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 09 : उड़नतश्तरीयां
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 08 : परग्रही सभ्यता मे वैज्ञानिक विकास : परग्रही जीवन श्रंखला भाग 08
यदि हम मानव इतिहास के पिछले 100,000 वर्षो मे विज्ञान के विकास पर दृष्टिपात करे तो हम पायेंगे कि यह अफ्रिका मे मानव के जन्म से लेकर अब तक यह उर्जा की खपत मे बढो़त्तरी का इतिहास है। रशियन खगोल विज्ञानी निकोलाइ कार्दाशेव के अनुसार सभ्यता के विकास के विभिन्न चरणो को ऊर्जा की खपत के… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 08 : परग्रही सभ्यता मे वैज्ञानिक विकास : परग्रही जीवन श्रंखला भाग 08
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 07 : अनुपात का सिद्धांत और दानवाकार प्राणी
हॉलीवुड की फिल्मो मे कुछ जीवो को विशालकाय दिखाया जाता है जैसे किंग कांग या गोड्जीला। इसी तरह परग्रही जीवो को भी कभी कभी विशालकाय मान लीया जाता है। लेकिन किसी भी जीव के आकार की एक सीमा होती है, वह उससे ज्यादा विशाल नही हो सकता। यदि किंग कांग सचमुच मे होता तब वह न्युयार्क को आतंकित… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 07 : अनुपात का सिद्धांत और दानवाकार प्राणी
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 06 : वे कैसे दिखते होंगे ?
हमारे मन में परग्रही के आकार-प्रकार की जो भी कल्पना है वह हालीवुड की फिल्मो से है। विभिन्न हालीवुड की फिल्मे जैसे एम आई बी, एलीयन, स्पीसीज इत्यादि मे अधिकतर परग्रहीयो को मानव के जैसे आकार में या कीड़े मकोड़ों के जैसे दर्शाया है। इन फिल्मो को देखकर हमारे मन में परग्रहीयो का वही रूप बस गया… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 06 : वे कैसे दिखते होंगे ?
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 05 : पृथ्वी जैसे सौर बाह्य ग्रह की खोज
परग्रही जीवन की खोज के लिये प्रस्तावित ड्रेक का समिकरण पूरी तरह से परिकल्पित(Hypothetical) है। यह समिकरण एक संभावना ही दर्शाता है जो कि वास्तविकता भी हो सकती है। दूसरी ओर सेटी प्रोजेक्ट अंतरिक्ष मे जीवन की खोज बेतरतीब रूप से कर रहा है। परग्रही जीवन की खोज का एक उपाय सौर मंडल के बाहर पृथ्वी… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 05 : पृथ्वी जैसे सौर बाह्य ग्रह की खोज
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 04 : कहां है वे ?
सेटी प्रोजेक्ट ने अभी तक परग्रही जीवन का कोई भी संकेत नही पकड़ा है। विज्ञानीयो को अब फ्रैंक ड्रेक के बुद्धिमान परग्रही सभ्यता समीकरण के कारक पूर्वानुमानो पर पुनर्विचार करने आवश्यकता महसूस हुयी। हाल मे प्राप्त हुयी खगोल विज्ञान की नयी जानकारीयो के अनुसार बुद्धिमान परग्रही सभ्यता की संभावना, 1960 मे फ्रेंक ड्रेक द्वारा गणना की गयी संभावना… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 04 : कहां है वे ?
आगे पढ़ें ….केप्लर वेधशाला ने एक सौर मंडल खोज निकाला !
नासा की अंतरिक्ष वेधशाला केप्लर का प्रयोग करते हुये खगोलशास्त्रीयो ने एक छः ग्रहो वाला सौर मंडल खोज निकाला है। लेकिन यह सौर मंडल विचित्र है क्योंकि इसके छः मे से पांच ग्रह अपने मातृ तारे के काफी समीप की कक्षा मे है। यह कक्षा बुध ग्रह की कक्षा से भी छोटी है। इनमे से… पढ़ना जारी रखें केप्लर वेधशाला ने एक सौर मंडल खोज निकाला !
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 02 : पृथ्वी के बाहर जीवन की वैज्ञानिक खोज
अंतरिक्ष मे जीवन की खोज करने वाले विज्ञानीयो के अनुसार अंतरिक्ष मे जीवन के बारे मे कुछ भी निश्चित कह पाना कठिन है। हम ज्ञात भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान के नियमों के अनुसार कुछ अनुमान ही लगा सकते है। अंतरिक्ष मे जीवन की खोज से पहले यह सुनिश्चित कर लेना आवश्यक है कि… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 02 : पृथ्वी के बाहर जीवन की वैज्ञानिक खोज
आगे पढ़ें ….परग्रही जीवन श्रंखला भाग 01 : क्या बाह्य अंतरिक्ष मे जीवन है ?
क्या बाह्य अंतरिक्ष मे जीवन है ? आज से पांच सौ वर्ष ईसवी सन 1600 मे पहले एक विचारक, गणितज्ञ और खगोलशास्त्री ने यह प्रश्न पूछा था। इस प्रश्न का उत्तर तो उस विचारक को नही मीला, उसे रोम की सड़को पर जिन्दा जला दिया गया था। इतना ही नही उसे जिन्दा जलाने से पहले… पढ़ना जारी रखें परग्रही जीवन श्रंखला भाग 01 : क्या बाह्य अंतरिक्ष मे जीवन है ?
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Russia’s Indigo Child: A Reincarnated Soul from Mars with Fascinating Knowledge Baffles Scientists
Sir kya ye sahi hai ?
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अफ़वाह है।
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Sir 2017 september me yaha aliens aaenge?? you tube pe dekha hai mene
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नहीं। इंटरनेट पर 90% कूड़ा होता है।
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Sir hamara sun dusre taro ki tarha hi hai ya ….
kuch alag hai….
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हमारा सूर्य एक औसत आकार का सामान्य तारा है, कुछ विशेष नहीं है।
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sir. g. kya light ek energy hai???
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हाँ प्रकाश शुद्ध ऊर्जा है
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sir kya aap kisi bhi aliens wali kisi ghatna par vishvas krte hai ??? yadi aap kisi esi ghatna par vishwas krte hai to mujhe kya uska link ya link text bhejne ki kirpa kre
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जी नहीं, सभी एलियन घटनाये अफवाह ही है।
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kuch storys afwah h but sub ni…..
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to kya ap proof de skte hai ki hm universe me akele hai
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हम ब्रहांड में अकेले नही है लेकिन एलियन के पृथ्वी तक आने के कोई प्रमाण नही है।
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sir quintumnia planet. jiska mene naaam suna hai ki vo aliens planet hai. sir kya ye sach hai??
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केवल अफवाह है। ऐसा कोई ग्रह् नहीं है।
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sir las vegas. me area 51. ke bare me jankari de sakte hai. kya vaha sach me aliens ate jaate hai??
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विशाल, एरिया 51 में अमरीका द्वारा लड़ाकू/गोपनीय विमान की टेस्टिंग होती है, नए हथियारों की जांच होती है।
वहां एलियन की कहानी केवल अफवाह होती है। कभी कभी सरकार खुद ऐसी अफवाह को बढ़ावा देती है जिससे लोग उंसके गुप्त विमानों को ufo समझे और उनके विमान गोपनीय रहे।
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Sir ji mai janna chahta hoon k koi aisa engine ban sakta hai k jaise aam engine oorja ke roop me diesal ya petrol ki input lete hai or energy output dete hai to mera sawal hai k aisa engine ban sakta hai jo start battery se ho jaye aur jo vo energy ki output de usme se hi usko input energy petrol ya diesel ki jagah di jaye to vo bina fuel ka engine ban sakta hai kya aisa ho sakta hai
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नहीं, यह ऊष्मा गतिकी क़े नियमो का उल्लंघन है।
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Kya magnet enarji se hum space ship nahi bana skate ?magnet ke ek druv KO pas me rakh nese dusra megnt bina chue aage khisk jata he kya vo pavor istmal nahi kar sakte?
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चुंबकीय ऊर्जा और विद्युत ऊर्जा एक ही है।
चुंबक से धकेल कर किसी अन्य चुंबक को आगे बढ़ाने के लिये किसी एक चुंबक को आगे बढ़ाना होगा, उसके लिये भी ऊर्जा चाहिये। यह उपाय अव्यवहारिक है।
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Aashish jee .brahmand . Alein. Or hamare adtitva ke bare me abtak ke sare thoughts or research ko janne ke bad hum kah sakte hai ki na to god ke astivs ka praman hai na hi aleins ka. Brahmand ki yatra possible nahi. Shayad hum itne bade aur anant brahmand me ek nam mitti ki ball me fase hue asahay se prani matra hai. Hame god ne banaya to god ke samne bhi sawal jarur hoga ya wah bhi pata lags raha hoga ki aakhir wo kaha se aaya .wo bhi apne astitva ko leker duvidha me jarur hoga. Idme koi sandeh nahi..
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Aasish jee.. agar hum future me dusre graho per jivan ka pata laga lete hai.to hum uska upyog kis prakar karenege. I mean pata lag jane ke bad hamara agla kadam kya hoga.
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ये व्यवहार वैसा ही होगा जैसे एक देश के निवासी दूसरे देश के निवासी से पहली बार मिलने पर करते है। संस्कृति, तकनीक और ज्ञान का आदान प्रदान।
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sir
NASA ka satelite es saal jupiter pr phocha tho kya sir aline ko earth pr aane ke liyee eetna hii time lgeega….??
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एलियन को पृथ्वी पर आने की यात्रा में कई वर्ष लगेंगे।
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Today scientists are searching oxygen at every planet and after search if oxygen will be exist there then they search life on that but if oxygen will not be exist there then why they think and tell that life can not be exist there ? Does with out oxygen life can not be grow there ? I really hope it is not important that without oxygen nobody can be survive . on our planet plants use CO2 for Survive and they are growing without oxygen . And it may be true the Aliens are surviving at any planet and they are using other gas for respiration and there are many kinds of Algous and bacterias they using many dangerous gases those which are very harmful for human and animals . Does Am I Right ?
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वैज्ञानिक जीवन की तलाश के लिए आक्सीजन नहीं खोज रहे बो जल खोज रहे है। आक्सीजन के बिना जीवन संभव् है। पृथ्वी पर भी कुछ वायरस बैक्टेरिया बिना आक्सीजन के जीते है।
जीवन के लिए जल आवश्यक है क्योंकि यह सर्वश्रेष्ठ विलायक है।
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आशुतोष पृथ्वी पर पौधे स्वशन के लिए आक्सीजन का तथा प्रकाश संश्लेषण के लिए co2 का प्रयोग करते है।
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Sir mai jaanta hun ki hamara sun Akash ganga me theek bichobich in hai to kya vo bhi Akash ganga ka chakkar lagata hai
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हमारा सूर्य आकाशगंगा के बाहरी हिस्से में है। वह भी आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करता है।
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मेरे ख्याल से ऐलियन होगें और जरूरी नहीं कि जिन गैसों व रासायनिक प्रक्रियाओं में हमारा विकास हुआ है वैसा ही उनका हो, हो सकता है वह जीने के लिये दूसरी गैस पर विकसित हुये हो उनकी रासायनिक संरचना और शारीरिक मशीनरी भी हम से भिन्न हो..…
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ye bahut hi achi website hai agar yah isi tarah chalti rahi to future mein student ke liye bahut achi hogi
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mere anusar dusre grah pr bhi hmari trh log rhte h unka science hmse bahut tez h abhi jaldi hi nasa ke report ke anusaar alien surya ke charo trf round lga rhe h &he control sun rays alien ke kuchh proof chand pr bhi mile h chand pr unke chhote chhote satellite ka milna earth pr unka space ship dikhna he prooved alien hote h
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1 नासा ने सूर्य के चक्कर लगाने वाले एलियन सम्बंधित कुछ नहीं कहा है।
2 चन्द्रमा पर एलियन संबधित कुछ नहीं मिला है।
3 कोई प्रमाण नहीं है की एलियन पृथ्वी पर आते है।
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Alian he year bat to pakki he, vo desare garh ke prani he Aur jald hi ve duniya ke samane aayeng.
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एलियन अवश्य है लेकिन उनका सामने आना संदेहास्पद है।
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Human is the biological mutation or evolution as like cells to fish fish to animal, and prokaryotic cells kya aeukaryotic se hi bane he ya dono ki utpatti alag alag hui hai,
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मानव और पृथ्वी के सभी प्राणी विकास(Evolution) से ही विकसीत हुये है। इन सभी का पूर्वज कोई एक एककोशीय प्राणी था।
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जी हम जानते है की परछाई का खेल ही ग्रहण है ।चूँकि चन्द्रमा का आकार पृथ्वी से देखे जाना पर घटता बढ़ता है तो क्या रोज चंद्र ग्रहण होता है।
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चन्द्रमा की कलाओ का सबन्ध उसकी रात्री वाले भाग से है। पूर्णिमा को उसके दिन वाला भाग पृथ्वी की ओर तथा अमावस्या को रात वाला भाग होता है।
लेकिन ग्रहण में पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है।
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जी, कहते है कि ऊर्जा अपनी रूप को बदलते है पर खत्म नही होता? अगर हम सोलर ऊर्जा को किसी बैट्री मे संचित करके फिर उसे प्रकाश ऊर्जा मे बदलते है । अब जब बैट्री का चार्ज खत्म हो जाता हैं तो वह प्रकाश ऊर्जा किस ऊर्जा का रूप ले लेती है ? कृपया मेरी जिग्यासा को मिटाने का प्रयत्न करे धन्यवाद ।
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बैट्री का आवेश(चार्ज) समाप्त हुआ अर्थात आपने उसे किसी प्रयोग मे लाया है। यदि आपने उससे किसी खिलौने मे प्रयोग की है तो उसकी ऊर्जा खिलौने के पहिये मे गतिज ऊर्जा के रूप मे बदल गयी है। मोबाईल मे वह ध्वनि ऊर्जा, उष्मा ऊर्जा, या किसी अन्य ऊर्जा मे बदल गयी है।
ऊर्जा केवल रूप बदलती है एक प्रकार से दूसरे प्रकार मे, वह नष्ट नही होती है।
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क्या एलियन सही मे है !है तो कहॉ ;वह कब आए और क्यो!
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एलियन हो सकते है। वे सौर मंड्ल से बाहर के किसी ग्रह के विकसीत बुद्धिमान प्राणी है। लेकिन उनके पृथ्वी पर आने के प्रमाण नही है।
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sir” kya mangal pe jewan sambhav hai
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सामान्य अवस्था मे मंगल पर जीवन संभव नही है, क्योंकि आक्सीजन कम है और काबन डाय आक्साईड की मात्रा जानलेवा है। लेकिन विशेष वातावरण बनाकर जैसे कांच के बड़े गुंबंद बना कर उसके अंदर जीवित रहा जा सकता है।
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Sir moon pr lite h kay
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चंद्रमा का स्वयं का प्रकाश नही है, वह सूर्य के प्रकाश से चमकता है।
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Sir erath ka aakar kay h golakar h ya andakar h plzzzz replay fast
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पृथ्वी गोलाकार या अण्डाकार दोनो नही है। ये मोसंबी जैसे है, दोनो ध्रुवो पर चपटी और मध्य मे उभरी हुयी।
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prithvi golakar hai but puri tarah se nahi yah kahana sahi hai ki vah mausambi ya orange ki tarah gol hai and yah kahana bilkul hi galat hai ki vah andakar hai kyonki prithvi scientists ke anusar prithavi ka path means vah jis maarg se surya ki parikrma karti hai vah maarg andakar hai. OK
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aliene hai but jese earth and or planet hai vaise hi unka bhi koi ek planet hai jaha per wo rahte hai but abhi tak science pata nahi laga payi hai ki wo kaha hai or kis jagah per hai …. unka bhi ek jeevan hai jese ki humara . hum O2 ( oxyzen) lete hai or wo N2 nitrozen lete hai bhut differents hai …………but unka bhi humari trah ek jeevan hai ………..
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Ye site aane wale time nishchit roop se scientist paida karegi… site ki bhasha romanchak aur motivativ hai….
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Kya koi prakash se bhi rejoice se travel kar Sakta hai?
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नही कोई भी वस्तु प्रकाशगति से यात्रा नही कर सकती!
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Jesa kayi movies mai dikhaya gya hai ke ek insan time travelling kar ke future me jata he or apne aap ko dekhta hai future me. Agr wo present se hi chala gya to age aane wale future me kese wo ho skta hai, future to uske bina hi hoga na, ap ka sochte ho is bare me.
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समय यात्रा सैद्धांतिक रूप से संभव है। व्यवहारिक रूप से संभव नही होने के कारण फ़िल्मो मे जो भी कुछ दिखाया जाता है वह वास्तविकता मे होगा या नही कहा नही जा सकता है।
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Yes,yah sabse achchhi blog hai hamari behatar knowladge ke lie..
Sir..
मेरा एक सवाल था कि राकेट,जो न्युटन के त्रितीय नियम के अनुसार उडती है,की क्रिया निर्वात या स्पेश में कैसे हो सकती है l
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यदि आप किसी गेंद को फ़ेंके तो गेंद आप पर उतना ही बल लगाती है। राकेट अपने नोजल से गर्म गैसो को फ़ेंकते है, ये गर्म गैस राकेट पर उतना ही बल लगाती है, जिससे राकेट आगे बढ़ता है। यह प्रक्रिया कहीं भी हो सकती है, स्पेस के निर्वात मे भी।
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अफगानिस्तान में 2013 को गुफा में मिले पुरातन यान के बारे में आषीश जी आपकी क्या राय है
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वह एक अफ़वाह मात्र है, किसी भी विश्वास्निय स्रोत से यह खबर नही आई है.
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आज 04/ फरवरी /2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
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मानव का विकास बन्दर से हुवा हे तो क्या मानव विकास अंतिम हे..? या फिर अभी तो शुरुवात हे….?
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यह एक अनवरत प्रक्रिया है, मानव का विकास जारी है
वैसे यह एक गलत तथ्य है कि मानव का विकास बंदर से हुआ है। सच यह है कि मानव और बंदरो के पुर्वज एक ही थे, उसकी संतानो मे से एक शाखा बंदरो की और एक मानव की है।
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Science ke students ke liye bahut he achchijankariya hai.
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you’re so gratefull thank you very much
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Mai yeh padh kar bahut romanchit hu aur vastav me yeh site romanchak hai aur yeh hame agli pidhi ka seekh aur sabak bhi batata hai.
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Sir Mai Yah Janna Chahta Hun Ki Black Hole Kya Hai Kya Iska koi Ending Point hai?
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श्याम विवर
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Vastv me yeh site ek adbhut site hai asi janjariya or kaha mil sakti hai
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BAHUT ACHHI JAKARIA HAI IS BLOG ME THANKS
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मान गए श्री मान जी आपको भी ……….! ये बहुत ही बढिया तरीका है विज्ञानं को बढ़ावा देने का ……..बहुत बहुत धन्यवाद !
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Sir mian ye janana chahata hu ki grevety kis karan se chijo ko apni or khichati hai.
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Sir good website for student
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