21 जुलाई 1969 को मंजिल पर पहुंचा अपोलो 11 मिशन बताता है कि जब राजनीतिक महत्वाकांक्षा विज्ञान से मिलती है तो मानव सभ्यता दुर्लभतम उपलब्धियां हासिल करती है।
अपोलो अभियान की कुल उपलब्धि क्या रही?
मुख्य उपलब्धियों में अंतरिक्ष की होड़ में अमरीका की सोवियत संघ पर जीत और ब्रह्मांड के अन्वेषण को लेकर पूरी दुनिया के बढ़े आत्मविश्वास को गिनाया जा सकता है। इसके अलावा अपोलो अभियान से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ भी हैं:- चंद्रमा के लिए कुल नौ अपोलो अभियान रवाना हुये। इनमें से कुल छह अभियान चंद्रमा की सतह तक पहुँचने के थे। कुल 24 अंतरिक्ष यात्रियों ने इन चंद्र अभियानों में भाग लिया, जिनमें से तीन दो-दो बार मिशन में शामिल हुए. कुल 12 अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे। ये बारह के बारह अमरीकी थे। इनमें से मात्र एक वैज्ञानिक था।
चार साल की अवधि में चंद्रमा पर गए बारहों अमरीकी या तो अपने माँ-बाप की पहली या एकमात्र संतान थे। इन चंद्रयात्रियों ने जाने-अनजाने चंद्रमा पर यंत्रों और उपकरणों के रूप में 118 टन सामान छोड़ा (हवा, पानी या जीवाणुओं के बिना सारी चीज़ें 40 साल बाद भी शायद हूबहू उसी हालत में होंगी जिस रूप में इन्हें वहाँ छोड़ा गया था)। बदले में वे चंद्रमा से कंकड़-पत्थर के रूप में कुल क़रीब 343 किलोग्राम वज़न उठा कर लाए जिनका अभी तक अध्ययन किया जा रहा है। हालाँकि आलोचकों के अनुसार इनसे जितनी जानकारियाँ मिल सकती थीं वो कब की मिल चुकी हैं। सर्वप्रमुख जानकारी ये थी कि अरबों साल पहले कोई एस्टेरॉयड धरती से टकराया था, जिससे अपार मात्रा में उत्पन्न धूल-गुबार अंतरिक्ष में पहुँचा जो अंतत: जमने के बाद चंद्रमा बना।
इसी तरह एक लेज़र दर्पण प्रयोग भी 40 साल से लगातार जारी है। दरअसल आर्मस्ट्राँग और एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर एक दर्पण रख छोड़ा था जिस पर टेक्सस के मैकडोनल्ड लेज़र रेन्जिंग स्टेशन के वैज्ञानिक लेज़र किरणें परावर्तित करा के चंद्रमा की कक्षा की माप लेते हैं। इस अध्ययन की सबसे बड़ी उपलब्धि ये जानकारी है कि चंद्रमा हर साल धरती से ढाई इंच दूर खिसकता जा रहा है। यह दर्पण तो चंद्रमा पर आगे भी रहेगा ही, सो किसी अन्य प्रयोगशाला वाले ज़रूरत पड़ने पर लेज़र प्रयोग कर सकेंगे।
इस अभियान के सभी मुख्य पड़ावो को हमने इस लेख शृंखला मे समेटा है।
अपोलो 00 :अपोलो अभियान (1/9/2007) - 21 जुलाई 1969 को जब नील आर्मस्ट्राँग ने चन्द्रमा की सतह पर क़दम रखा तो निसंदेह वह मानव के अब तक के सबसे साहसिक अन्वेषण अभियान का उदाहरण था। पहली बार किसी मानव ने दूसरी दुनिया में क़दम रखा था।अंतरिक्ष …
अपोलो 01 : एक दुर्घटना (2/6/2007) - चन्द्रमा यह मानव मन को सदीयो से ललचाता रहा है। कवियो ने इस चन्द्रमा के लिये क्या क्या नही लिखा। विज्ञानीयो के लिये भी चन्द्रमा एक कुतुहल का विषय रहा। जब मानव पृथ्वी की सीमा को लांघ का ब्रम्हांड की …
अपोलो 04 :सफलता की पहली उडान (2/7/2007) - अपोलो 4 यह अपोलो अभियान का दूसरा यान था। यह सैटर्न 5 राकेट की पहली मानवरहित उडान थी। राकेट के दो चरण S-IC और S-II की भी यह पहली उडान थी। सैटर्न 5 यह मानव द्वारा बनाया गया सबसे बडा वाहन था। …
अपोलो 05 : चन्द्रयान की उडान (2/8/2007) - अपोलो 5 यह चन्द्रयान (Lunar Module- जो भविष्य मे चन्द्रयात्रीयो को ले जाने वाला था) कि पहली मानव रहित उडान थी। इस उडान की खासीयत यह थी कि इसमे आरोह और अवरोह के लिये अलग अलग चरण लगे हुये थे …
अपोलो 06 : असफलताओ के झटके (2/9/2007) - अपोलो 6 यह अपोलो चन्द्र अभियान की सैटर्न -V राकेट की दूसरी और अंतिम मानवरहित उडान थी। उद्देश्य इस अभियान का उद्देश्य मानव सहित अपोलो उडान(अपोलो 8) के पहले सैटर्न V राकेट की अंतिम जांच उडान था। दूसरा उद्देश्य नियत्रंण …
अपोलो 07 : मानव सहित प्रथम अपोलो उड़ान (2/10/2007) - अपोलो 7 यह अपोलो कार्यक्रम का प्रथम मानव अभियान था। यह ग्यारह दिन पृथ्वी की कक्षा मे रहने वाला था, साथ ही सैटर्न 1B की प्रथम मानव सहित उडान थी। पहली बार तीन अमरीकी यात्री अंतरिक्ष मे जा रहे थे। …
अपोलो 08 : चांद के पार चलो (2/11/2007) - अपोलो 8 यह अपोलो कार्यक्रम का दूसरा मानव अभियान था जिसमे कमाण्डर फ़्रैंक बोरमन, नियंत्रण कक्ष चालक जेम्स लावेल और चन्द्रयान चालक विलीयम एन्डर्स चन्द्रमा ने की परिक्रमा करने वाले प्रथम मानव होने का श्रेय हासील किया। सैटर्न 5 राकेट …
अपोलो 09 : एक अभ्यास उड़ान (2/12/2007) - अपोलो 9 यह अपोलो कार्यक्रम का तीसरा मानव सहित अभियान था। यह 10 दिवसीय पृथ्वी की परिक्रमा का अभियान था जो 3 मार्च 1969 को प्रक्षेपित किया गया था। यह सैटर्न राकेट की दूसरी मानव उडान और चन्द्रयान (Lunar Module) की पहली मानव उडान …
अपोलो 10 : मानव इतिहास का सबसे तेज सफर (2/13/2007) - अपोलो 10 अपोलो कार्यक्रम का चतुर्थ मानव अभियान था। यह दूसरा अंतरिक्ष यात्री दल था जिसने चन्द्रमा की परिक्रमा की। इस अभियान मे चंद्रयान(Lunar Module) की चन्द्रमा की कक्षा मे जांच की गयी थी। अपोलो 9 ने चंद्रयान की पृथ्वी …
अपोलो 11 : मानवता की एक बडी छलांग (2/14/2007) - अपोलो 11 यह पहला मानव अभियान था जो चन्द्रमा पर उतरा था। यह अपोलो अभियान की पांचवी मानव उडान थी और चन्द्रमा तक की तीसरी मानव उडान थी। 16 जुलाई 1969 को प्रक्षेपित इस यान से कमांडर नील आर्मस्ट्रांग, नियंत्रण यान …
अपोलो 12 : एक बडा कदम ! (2/15/2007) - अपोलो 12 यह अपोलो कार्यक्रम का पांचवा और चन्द्रमा पर उतरने वाला दूसरा मानव अभियान था। अंतरिक्ष यात्री दल पीट कोर्नाड(Pete Conrad)-3 अंतरिक्ष यात्राये, कमांडर रिचर्ड गोर्डान(Richard Gordon) – 2 अंतरिक्ष यात्राये, मुख्य नियंत्रण यान चालक एलन बीन(Alan Bean)– एक …
अपोलो 13 : एक सफल असफल अभियान (2/20/2007) - अपोलो 13 यह अपोलो अभियान का चद्रंमा अवतरण का तृतीय मानव अभियान था। इसे 11 अप्रैल 1970 को प्रक्षेपित किया गया था। प्रक्षेपण के दो दिन बाद ही इसमे एक विस्फोट हुआ जिसके कारण नियंत्रण यान से ऑक्सीजन का रिसाव शुरू हो …
अपोलो 14 : प्रथम चन्द्र ओलंपिक (3/1/2007) - अपोलो 14 यह अपोलो अभियान का आठवां मानव अभियान और चंद्रमा पर अवतरण करने वाला तीसरा अभियान था। अंतरिक्ष यात्री दल एलेन शेफर्ड (Alan Shepard ) , 2 अंतरिक्ष यात्राये, कमांडर स्टुवर्ट रूसा (Stuart Roosa) , 1 अंतरिक्ष यात्रा, नियंत्रण …
अपोलो 15 : चंद्रमा पर तीन दिन (3/2/2007) - अपोलो 15 यह अपोलो कार्यक्रम का नौंवा मानव अभियान था और चन्द्रमा पर अवतरण करने वाला चौथा अभियान था। यह J अभीयानो मे से पहला अभियान था जिनमे चन्द्रमा पर ज्यादा समय तक ठहरने की योजना थी। कमांडर डेवीड स्काट …
अपोलो 16 : चन्द्रमा पर सबसे तेज वाहन (3/3/2007) - अपोलो 16 यह अपोलो कार्यक्रम का दसंवा मानव अभियान और चन्द्रमा पर अवतरण करने वाला पांचवां अभियान था। यात्री दल जान डब्ल्यु यंग (John W. Young) : 4 अंतरिक्ष यात्राये, कमांडर थामस केन मैटींगली जुनियर (Thomas K. (Ken) Mattingly Jr) …
अपोलो 17 : चन्द्रमा पर पहला वैज्ञानिक और अंतिम मानव (3/4/2007) - अपोलो 17 यह अपोलो कार्यक्रम का अंतिम और ग्यारहवां मानव अभियान था। रात मे प्रक्षेपित होने वाला यह पहला अभियान था। इस अभियान की विशेषता थी कि पहली बार कोइ वैज्ञानिक चन्द्रमा पर जा रहा था। इसके पहले सभी यात्री …
पंख और हथौड़ा मे से पहले ज़मीन पर कौन पहुँचेगा ? (11/8/2011) - यदि आप एक हथौड़े और एक पंख को कुछ ऊंचाई से एक साथ छोड़े तो सबसे पहले ज़मीन पर कौन पहुंचेगा ? पृथ्वी पर निश्चय ही हथौड़ा पहुंचेगा लेकिन पंख पर वायु के अधिक प्रतिरोध के कारण। चंद्रमा के जैसी वायुरहित स्थिति मे दोनो …
अपोलो चंद्रयात्रा षडयंत्र (कांसपिरेसी) थ्योरी (9/3/2018) - वर्तमान मे कांसपिरेसी थ्योरियाँ एक बहुत बड़ा बाजार है और इस बाजार में कई तरह की कांसपिरेसी थ्योरी प्रचलित है जिनमे से एक है अपोलो चंद्रयात्रा षडयंत्र (कांसपिरेसी थ्योरी)। इस थ्योरी में ऐसे बहुत से लोग है जो यह मानते …
चांद के पार चलो : चंद्रयान-2 (6/14/2019) - भारत की अंतरिक्ष ऐजेंसी इसरो ने दूसरे चंद्र अभियान के लिए चंद्रयान-2 भेजने की घोषणा कर दी है। इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर के सिवन ने कहा कि 15 जुलाई को तड़के क़रीब 2:51 बजे चंद्रयान-2 उड़ान भरेगा और अनुमान है …
चंद्रयान-2 : विक्रम लैंडर की असफ़लता (9/9/2019) - भारत शनिवार 7 सितंबर 2019 की सुबह इतिहास रचने से दो क़दम दूर रह गया। अगर सब कुछ ठीक रहता तो भारत विश्व का पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चन्द्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुव के क़रीब उतरता। 978 …
अपोलो 11 अभियान के सदस्य रहे माइकल कोलिंस का 90 साल की उम्र में निधन (4/29/2021) - अपोलो 11 मिशन के क्रू सदस्य रहे अंतरिक्षयात्री माइकल कोलिंस का निधन हो गया है। उन्होंने 28 अप्रैल को आख़िरी सांस ली। 90 वर्षीय कोलिंस के परिवार ने उनके निधन की पुष्टि की है।
कोलिंस के परिवार ने बताया, "वो लंबे समय से कैंसर से बड़ी बहादुरी से लड़ रहे थे लेकिन बुधवार को उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने आख़िरी दिन शांति से अपने परिवार के साथ बिताए।"
अपोलो मिशन के दौरान कोलिंस चंद्रमा की कक्षा में ही रुके थे जबकि उनके सहयोगी नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन चंद्रमा पर उतरे थे।
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