पृथ्वी तथा केप्लर 452b

हमारे वर्तमान ज्ञान के आधार पर पृथ्वी के जैसे ग्रह पर पहुंचने मे हमे कितना समय लगेगा ?


मान लिजिये कि पृथ्वी पर एक विश्य व्यापी संकट आता है और हमे पृथ्वी छोड़कर जाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति मे हमे पृथ्वी से सर्वाधिक समान ग्रह पर जाने के लिये जितना समय लगेगा ?

पृथ्वी तथा केप्लर 452b
पृथ्वी तथा केप्लर 452b

प्रारंभ करने के लिये अब तक की हमारी जानकारी के अनुसार पृथ्वी से सर्वाधिक समानता वाला ग्रह केप्लर-452b है। इस ग्रह की जानकारी हमे केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला से मिली थी जो मार्च 2009 मे अंतरिक्ष मे स्थापित किया गया था और तब से अब तक यह अंतरिक्ष की गहराईयो मे ग्रहो की खोज मे लगा हुआ है। केप्लर-452 तारा सूर्य के जैसा तारा है और ब्रह्माण्ड मे हमसे 1400 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। इस तारे की सतह का तापमान हमारे सूर्य के जैसा है और इस तारे की ऊर्जा उत्पादन की दर भी सूर्य के समान है।

सूर्य तथा केप्लर-452 दोनो तारे पीले रंग के G वर्ग के सामान्य तारे है। इसका अर्थ यह है कि केप्लर-452 तारे का जीवन योग्य क्षेत्र भी सूर्य के समान ही होगा। किसी तारे का जीवन योग्य क्षेत्र उस तारे से इतनी दूरी पर माना जाता है जहाँ पर जल द्रव रूप मे उपस्थित रह सके, इससे कम दूरी पर वह भाप बनकर उड़ जायेगा, ज्यादा दूरी पर बर्फ़ के रूप मे जम जायेगा। जीवन के द्रव जल सबसे ज्यादा आवश्यक पदार्थ है। केप्लर-452 के जीवन योग्य क्षेत्र मे केप्लर-452b ग्रह उपस्थित है, यह स्थिति सौर मंडल मे पृथ्वी की उपस्थिति के समान है।

केप्लर-452b के वर्ष की अवधि भी पृथ्वी के समान ही है तथा इस ग्रह को मिलने वाली ऊर्जा भी पृथ्वी के समान ही है। केप्लर-452b की कक्षा 385 दिन की है जबकि हमारी पृथ्वी की कक्षा 365 दिन की है, यह ग्रह पृथ्वी की तुलना मे 10% अधिक ऊर्जा प्राप्त करता है।

सौर मंडल, केप्लर 452 तथा केप्लर 186
सौर मंडल, केप्लर 452 तथा केप्लर 186

वैज्ञानिक इस ग्रह का घनत्व का प्रत्यक्ष मापन नही कर पाये है लेकिन अप्रत्यक्ष आधार पर हम जानते है कि यह ग्रह पृथ्वी से पांच गुणा द्रव्यमान रखता है और लगभग 60% अधिक विशाल है। इसका अर्थ यह है यह ग्रह भी पृथ्वी के जैसे पथरीला, चट्टानी होगा। यह हमारे लिये महत्वपूर्ण है क्योंकि हम गैस के गोले मे रहने का तरिका नही जानते है।

इस ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से दोगुनी होगी। इससे हमे थोड़ी कठिनाई अवश्य होगी लेकिन अन्य सब तथ्यों को ध्यान मे रखते हुयी हम मान सकते है कि कम से कम इस ग्रह पर मानव के जीवित रह सकने की सबसे ज्यादा संभावनाये है।

तो क्या हम वहाँ पर जा सकते है? चलिये गणना आरंभ करते है।

एक प्रकाश वर्ष का अर्थ होता है, एक वर्ष मे प्रकाश द्वारा तय की गयी दूरी। प्रकाश एक सेकंड मे लगभग तीन लाख किमी तथा एक वर्ष मे 95 खरब किमी(9.5 ट्रिलियन किमी) की दूरी तय करता है। 1400 प्रकाश वर्ष का अर्थ होगा, 133,000 खरब किमी। यदि हम अपने सबसे तेज रफ़्तार वाले यान न्यु हारीजोंस की गति को देखे तो वह लगभग 50,000 किमी/घंटा से चल रहा है, इस गति से हमे केप्लर-452b तक पहुचने मे 2.6 करोड़ वर्ष लग जायेंगे।

इसका अर्थ है कि इस गति से केप्लर-452b तक कोई भी जीवित नही पहुंच पायेगा।

तुलना के लिये, आधुनिक मानव का उद्भव अव से 200,000 वर्ष पहले हुआ है। मानव ने अपने जन्मस्थल अफ़्रिका को लगभग 130,000 पहले छोड़ा था। ये संख्या केप्लर-452b की यात्रा मे लगने वाले समय 2.6 करोड़ वर्ष के निकट भी नही है।

लेकिन यदि हम बेहतर तकनिक विकसित कर ले तो ? यदि हम अधिक तेज गति से यात्रा कर सके तो ?

तब भी यह यात्रा इतनी आसान नही होगी। यदि हम प्रकाशगति से यात्रा करे तब भी हमे केप्लर-452b तक पहुचने मे 1400 वर्ष लग जायेंगे। इसका अर्थ यह होगा कि यदि हम आज यात्रा प्रारंभ करें तो 3015 मे इस ग्रह पर पहुच पायेंगे।

प्रकाशगति से यात्रा करने पर समय विस्तारण(Time Dilation) की भी भूमिका होगी। इस यात्रा मे यान मे शामिल व्यक्तियों को यह यात्रा लगभग एक शताब्दि की लगेगी, लेकिन यान के बाहर समस्त ब्रह्माण्ड के लिये यह अवधि 1400 वर्ष की होगी। इसका अर्थ यह होगा कि इस यात्रा की समाप्ति पर यात्रीयों को ब्रह्माण्ड यात्रा प्रारंभ करने के समय के ब्रह्माण्ड से भिन्न लगेगा।

लेकिन हम कुछ अन्य निकट के ग्रहो तक भी जा सकते है। उदाहरण के लिये अल्फा सेंचुरी Bb ग्रह पृथ्वी से सबसे निकट का सौर बाह्य ग्रह है। यह ग्रह अल्फा सेंचुरी B तारे की परिक्रमा करता है। (इस ग्रह के अस्तित्व पर कुछ विवाद है।) मान ले कि इस ग्रह का अस्तित्व है, तब यह ग्रह हमसे 4.37 प्रकाश वर्ष की दूरी पर होगा। इस ग्रह पर प्रकाशगति से जाने पर चार वर्ष से अधिक लग जायेगा।

लेकिन इस ग्रह पर जाने का कोई अर्थ नही है, यह ग्रह अपने मातॄ तारे के अत्याधिक निकट परिक्रमा करता है। इसका वर्ष केवल तीन दिन पांच घंटे का है। इसका अर्थ यह है कि यह ग्रह अत्याधिक उष्ण है और इस पर किसी भी तरह का जीवन संभव नही है।

तब हम क्या कर सकते है ?

हमारे पास जीवन योग्य एक ही ग्रह है, उसे बचाये और आशा करे कि हमे ऐसी किसी यात्रा की आवश्यकता ना हो।

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18 विचार “हमारे वर्तमान ज्ञान के आधार पर पृथ्वी के जैसे ग्रह पर पहुंचने मे हमे कितना समय लगेगा ?&rdquo पर;

      1. ऐसा नही है। यदि आप तेज गति से यात्रा करें तो पृथ्वी के सापेक्ष आपका समय धीमा होगा लेकिन आपकी उम्र बढ़्ते रहेगी।
        यदि आपने प्रकाशगति की समीप की गति से यात्रा की तो आपका यान मे एक वर्ष पृथ्वी के सैकड़ो वर्ष के तुल्य होगा लेकिन आपकी उम्र एक वर्ष ही अधिक होगी।

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  1. तो एक काम तो शायद हो सकता है।
    कि अगर हमें उस ग्रह पर यानी की प्रथ्वी की बहन जिसे आपने नाम दिया है उस पर पहुँचने में लाखों बर्ष का समय (अनुमानित ) लगेगा ।
    तो आप अश्वथामा को ढूँढये । कहते है कि यह महाभारत के समय से है।
    क्योंकि वह अमर है।और अभी भी है।
    और हम तो जा नही सकते क्योकि हमारी आयु तो एक निश्चित समय के लिए है।

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  2. अगर हम प्रकाश से भी तेज गति से चलने वाले यान विकसित कर ले. तो हम केप्लर और उस जैसे गोल्डीलॉक्स जोन के ग्रहों तक भी पहुँच सकते हैं…इंसान कुछ भी कर सकता है…कुदरत उसे रोकने के लिए नहीं चैलेंज करने के लिए बनी है…हमें सिर्फ अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना चाहिए और निरंतर विकास करना चाहिए…

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    1. आइंसटाइन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार प्रकाश गति से तेज यात्रा संभव नही है। यदि प्रकाश गति से तेज यात्रा संभव होती तो आइंस्टाइन गलत है। हाँ प्रकाशगति से तेज यात्रा के लिये कुछ गणितिय शार्टकट जैसे वर्म होल, या सैद्धांतिक कण टेक्यान है लेकिन ये तकनिकी रूप से संभव है या नही कह नही सकते है। यदि वर्म होल या टेक्यान का अस्तित्व संभव हो तो भी तकनिक के विकास मे कम से कम हजार वर्ष लग जायेंगे।

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  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन : तीन महान विभूतियाँ में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर …. आभार।।

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