नासा ने हमारे सौर मंडल के तुल्य एक तारा-ग्रह प्रणाली खोजी है जिसके पास आठ ग्रह है। इस तारे का नाम केप्लर 90 है।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को एक बड़ी सफलता मिली है। NASA के केपलर अंतरिक्ष दूरबीम ने हमारे जितना बड़ा ही एक और तारा-ग्रह प्रणाली खोजी है। दरअसल, यह तारा और उसके ग्रह पहले ही खोजे गये था, अब वहीं पर आठवें ग्रह की भी पहचान कर ली गई है। ऐसे में सूर्य या उस जैसे किसी तारे की परिक्रमा करने के मामले में केपलर-90 प्रणाली की तुलना हमारे सौरमंडल से की जा सकती है।
इसका अर्थ यह है कि केप्लर 90 के पास हमारे सूर्य के जैसे आठ ग्रह है। इसके पहले केप्लर 90 मे ट्रेपिस्ट -1 के जैसे सात ग्रह ज्ञात थे।
खास बात यह है कि इस खोज में गूगल की ओर से कृत्रिम बुद्धि( आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) की मदद ली गई, जो मानवों के रहने योग्य ग्रहों की तलाश करने में काफी मदद करेगा। केपलर-90 ग्रह प्रणाली के इस आठवें ग्रह का नाम केपलर 90i है। गूगल और नासा के इस प्रॉजेक्ट द्वारा हमारे जैसे ही सौर मंडल की खोज से इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि ब्रह्मांड में किसी ग्रह पर परग्रही( ऐलियन) मौजूद हो सकते हैं।
दिलचस्प है कि केपलर-90 के ग्रहों की व्यवस्था हमारे सौर मंडल जैसी ही है। इसमें भी छोटे ग्रह अपने तारे से नजदीक हैं और बड़े ग्रह उससे काफी दूर मौजूद हैं। NASA के अनुसार, इस खोज से पहली बार स्पष्ट होता है कि दूर कहीं तारा प्रणाली में हमारे जैसे ही सौर परिवार मौजूद हो सकते हैं। यह सौर मंडल हमसे करीब 2,545 प्रकाश वर्ष दूर है।
नासा ने बताया कि इस ग्रह का तापमान करीब 800 डिग्री फारेनहाइट (426 डिग्री सेल्सियस) है। नया खोजा ग्रह केपलर 90i इन ग्रहों में सबसे छोटा ग्रह है। यह ग्रह पृथ्वी की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत बड़ा होने का अनुमान है। केपलर 90i पृथ्वी की तरह एक पथरीला ग्रह है। केपलर 90i पर पृथ्वी की तरह एक वर्ष का समय दो हफ्तों का होगा। क्योंकि ये अपनी तारे की परिक्रमा में 14.4 दिन में कर लेता है। एंड्रयू वंडरबर्ग ने कहा कि केप्लर-90 का धरातल बुध ग्रह की तरह ही बहुत ज्यादा गर्म है।
टेक्सस यूनिवर्सिटी के नासा सगन पोस्टडॉक्टरल फेलो एवं खगोल विज्ञानी एंड्रयू वांडबर्ग ने कहा,
‘नया ग्रह पृथ्वी से करीब 30 प्रतिशत बड़ा माना जा रहा है। हालांकि यह ऐसी जगह नहीं है, जहां आप जाना चाहेंगे।’ उन्होंने बताया कि यहां काफी चट्टानें हैं और वातावरण भी घना नहीं है। सतह का तापमान काफी ज्यादा है और इससे लोग झुलस सकते हैं। वांडबर्ग के मुताबिक सतह का औसत तापमान करीब 800 डिग्री फ़ारनहाइट हो सकता है।
केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला को 2009 में प्रक्षेपित किया गया था, और इसने करीब 1,50,000 तारों को को छाना है। खगोल वैज्ञानिको ने केप्लर डाटा के जरिए अब तक 2,500 ग्रहों की खोज की है।
नासा ने 14 दिसंबर 2017 को एक प्रेस कांफ़्रेंस मे घोषणा की है।
नोट : बहुत सी बेहुदा वेबसाईट/समाचार पत्रों ने इस प्रेस कांफ़्रेंस को एलियन की घोषणा से जोड़ा था।
sir, aap jo ye artical likhte he kya aap iski mp3 file create kar sakte.
me ye is liye keh raha hu kyuki mera pass itna time nahi hota ki me ye artical pad saku.
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हमारे पास भी इतना समय नही होता कि एम पी ३ मे रीकार्डींग कर सके!
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Sir, what is artificial intelligence? and how it does the work I means how it helps in searching of liveable planet for human in space.
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कृत्रिम बुद्धिमता या आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस का अर्थ है मशीनो द्वारा स्वयं सोचने की निर्णय लेने की क्षमता। मशीने निरिक्षण से, अपनी स्मृति के आधार पर निर्णय लेती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (अंग्रेज़ी:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का अर्थ है कृत्रिम तरीक़े से विकसित की गई बौदि्धक क्षमता। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का आरंभ 1950 के दशक में हुआ था। ये संगणक और संगणक प्रोग्रामों को उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास होता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क चलते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उद्देश्य होता है कि संगणक अपने-आप तय कर पाये उसकी अगली गतिविधि क्या होगी। इसके लिए संगणक को अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया चुनने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इसके पीछे यही प्रयास होता है कि संगणक मानव की सोचने की प्रक्रिया की नकल कर पाये। इसका एक अनूठा उदाहरण है शतरंज]] खेलने वाले संगणक। ये संगणक प्रोग्राम मानव मस्तिष्क की लगभग हर चाल की काट और अपनी अगली चाल सोचने के लिए संगणक को प्रोग्राम किया हुआ है। ये इतना सफल रहा है कि मई 1997में आईबीएम का संगणक डीप ब्लू ने विश्व के सबसे नामी शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव को हरा चुका है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दो शब्दों से मिलकर बना होता है।
1- आर्टिफिशियल जिसका मललव होता है ऐसाी वस्तु जो प्राकृतिक नहीं हो मतलव कि उसे मानव के द्वारा वनाया गया हो या कहे की कृत्रिम हो।
इस प्रकार हम कह सकते है कि एक इस तरह का सिस्टम विकसित करना जो कृत्रिम रूप से सोचने, समझने एवं सीखने की क्षमता रखता हो जैसे की मानव रखता हैं। मतलब की एक ऐसा सिस्टम जो व्यवहार प्रतिक्रिया देने में दक्ष हो और जो मानव से भी वेहतर हो। इस पर अध्यन चल रहा है। इसे लघु शब्दों में एआई भी कह सकते है हम कह सकते है कि फेसबुक में जो फ्रेन्ड सजेशन का जो ऑप्शन है वह ए.आई का एक हिस्सा है।
कई बार हम रोबोट को एआई कह देते है ऐसा नहीं है रोबोट एक ऐसा सिस्टम है जिसमें एआई को डाला गया है। हम इसे इस तरह भी परिभाषित कर सकते है की इस प्रकार का अध्यन जिसमें हम एक ऐसा सोफटवेयर विकसित करे जिससे एक कम्प्यूटर भी इंसान की तरह और उससे बेहतर प्रतिक्रिया दे सके। एआई में कई विषय आते है जिसमे दर्शन , समाजशास्त्र और गणित एवं भाषा का ज्ञान होता हैं।
एआई को चार भागों में विभाजित कर सकते हैं।
1- इंसान की तरह सोचना 2- इंसान की तरह व्यवहार करना 3- तर्क एवं विचारो युक्त मतलब संवदेनशील, बुद्धिमान, तथ्यों को समझना एवं तर्क एवं विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया भी देना।
इस तरह हम कह सकते है कृत्रिम तरह से एक ऐसा सिस्टम विकसित करना जो इंसान की तरह कार्य कर सके, सोच सके एवं अपनी प्रतिक्रिया दे सके है।
जब भी मानव बुद्धिमत्ता की चर्चा होती है, तब अनेक बुद्धिमान लोगों का स्मरण होता है। हाल के वर्षों में मानवीय सोच समझ इतनी तेजी से विकसित होती जा रही है कि प्रकृति की रचना को हर क्षेत्र में कड़ी चुनौती दे रही है। विज्ञाण की प्रगति के साथ साथ हरेक चीज कृत्रिम बनती जा रही है। इस प्रगति में मानव ने बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भी अपने अनुभव और आकांक्षाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित करने का प्रयास किया है। वैज्ञानिकों द्वारा ऐसे संगणक भी आविष्कृत कर लिए गए हैं जिनमें जटिल से जटिल कार्य को न्यूनतम समय में करने की क्षमता होती है। आधुनिक कंप्यूटरीकृत मशीनें किसी लिखे हुए पाठ को मानव की तरह से ही शब्दों की पहचान कर एवं पढ़ सकती है। ऑटो पायलट मोड पर वायुयान, मशीन द्वारा संचालित किये जाते हैं। कंप्यूटरों में ध्वनियां और आवाजों को पहचानने की क्षमता होती है। किन्तु कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक रूप से सीमित भी है, क्योंकि इसका सामर्थ्य इसकी प्रोग्रामिंग पर निर्भर करता है। लेकिन मानवीय मस्तिष्क में ऐसी कोई सीमा निश्चित नहीं होती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मानवीय कार्य को काफी सुविधाजनक बना दिया है। सौ मस्तिष्कों की क्षमता वाला कार्य, मात्र एक ही संगणक सुलभ कर सकता है। ये बात गणनाओं व तर्कों के संदर्भ में है। एआई के प्रमुख एप्लीकेशन निम्न है 1- एक्सपर्ट सिस्टम 2 – गेम प्लेयिंग 3 – स्पीच रिकग्निशन 4 – नेचुरल लैंग्वेज 5 – कंप्यूटर विज़न 6 – न्यूरल नेटवर्क 7 – रोबोटिक्स 8 – फाइनेंस 9 – कंप्यूटर साइंस 10 – मौसम का पूर्वानुमान 11 – उड्डयन
इसे तीन भागो में विभाजित किया गया है
1-कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2-शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता 3- विलक्षणता
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे और नुकसान ऐसा माना जा रहा है कि इससे कम कम हो जायेंगे और मानव के स्थान पर मशीनो को काम में लिया जायेगा जिसके कई नुकसान भी हो सकते है कि मशीन स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी और उस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो वह मानव सभ्यता के लिए हानिकारक हो सकता है
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sir namaste!!!
sir superconductor ke uper lekh hai kya???
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नही , सुपरकंडक्टर के उपर कोई लेख नही है।
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kaya inme se kisi bhi planet ka environment human ko support krta he?
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अभी तक इसमे जीवन योग्य कोई ग्रह नही पाया है।
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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सर मैंने सुना है कि वैज्ञानिकों ने हमारे सौरमण्डल में 9वां ग्रह होने का अनुमान लगाया है। जिसे वह planet 9 कहते है
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इस लेख में विस्तार से लिखा है https://vigyanvishwa.in/2016/01/21/planetnine/
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