अपोलो 14 यह अपोलो अभियान का आठवां मानव अभियान और चंद्रमा पर अवतरण करने वाला तीसरा अभियान था।

अंतरिक्ष यात्री दल
- एलेन शेफर्ड (Alan Shepard ) , 2 अंतरिक्ष यात्राये, कमांडर
- स्टुवर्ट रूसा (Stuart Roosa) , 1 अंतरिक्ष यात्रा, नियंत्रण यान चालक
- एडगर मिशेल (Edgar Mitchell) ,1 अंतरिक्ष यात्रा चन्द्रयान चालक

वैकल्पिक यात्री दल
- जीन सेरनन(Gene Cernan), कमांडर
- रोनालड इवान्स(Ronald Evans), नियंत्रण यान चालक
- जो एन्गल(Joe Engle), चन्द्रयान चालक
अभियान के आंकडे़
द्रव्यमान
नियंत्रण यान: 29,240 किग्रा
चन्द्रयान :15,264 किग्रा
नियंत्रण यान से चन्द्रयान का विच्छेद : 5 फरवरी 1971 सुबह 04:50:43
चन्द्रयान का नियंत्रण यान से पुनः जुड़ना : 6 फरवरी 1971 शाम 20:35:42
यान बाह्य गतिविधीयां
यान बाह्य गतिविधी 1
प्रारंभ : 5 फरवरी 1971, 14:42:13 बजे
अंतरिक्ष यात्री : शेफर्ड
चन्द्रमा पर अवतरण : 14:54 बजे
यान मे वापिसी : 19:22 बजे
अंतरिक्ष यात्री: मिशेल
चन्द्रमा पर अवतरण : 14:58 बजे
यान मे वापिसी : 19:18 बजे
अंत : 5 फरवरी 19:30:50 बजे
कुल समय : 4 घंटे 47 मिनिट और 50 सेकंड
यान बाह्य गतिविधी 2
प्रारंभ : 6 फरवरी 1971, 08:11:15 बजे
अंतरिक्ष यात्री :शेफर्ड
चन्द्रमा पर अवतरण : 08:16 बजे
यान मे वापिसी : 12:38 बजे
अंतरिक्ष यात्री :मिशेल
चन्द्रमा पर अवतरण : 08:23 बजे
यान मे वापिसी : 12:28 बजे
अंत : 6 फरवरी 12:45:56 बजे
कुल समय : 4 घंटे 34 मिनिट और 41 सेकंड
अभियान के मुख्य मुद्दे
इस अभियान की शुरुवात मे चन्द्रयान ‘कीटी हाक’ को चन्द्रयान ‘अंटारेस‘ से जुड़ने मे कुछ समस्याये आयी थी। इस प्रक्रिया मे कुल 1 घंटा और 42 मिनिट लग गये थे।
मार्ग मे चन्द्रयान को दो समस्याओ से जुझना पडा था। पहली समस्या मे कम्प्युटर ने अभियान के असफल होने के संकेत देने शुरू कर दिये थे। नासा के अनुसार यह कम्युटर के तारो के सर्किट बोर्ड के किसी जोड मे आयी किसी खराबी की वजह से था। इसका एक हल जोडो मे टेप लगाना था। इस हल ने कुछ समय तक काम किया लेकिन कुछ देर बाद फिर से परेशानी आ गयी। यदि यह परेशानी अवरोह इंजन के दागे जाने पर आती तब कम्युटर इस संकेत को सही संकेत समझकर स्वचालित रुप से अभियान को रोक देता जिससे आरोह इंजन अवरोह इंजन से अलग होकर चन्द्रयान वापिस चन्द्रमा की कक्षा मे चला जाता। दूसरा हल कम्प्युटर के प्रोग्राम को बदलने का था जिसमे इस संकेत पर कोई ध्यान नही दिया जाता। शेफर्ड और मिशेल ने इस हल पर काम किया और कम्प्युटर के प्रोग्राम को समय रहते बदल दिया।
दूसरी समस्या राडार मे आयी थी, राडार चन्द्रमा पर लाक नही हो पा रहा था। जो कुछ प्रयासो के बाद ठीक हो गयी। शेफर्ड ने इस यान को बाकी चन्द्रमा अवतरणो की तुलना मे अपने निर्धारित जगह से काफी निकट उतारा था।

फ्रा माउरो संरचना जो कि अपोलो 13 का योजनागत अवतरण स्थल था पर ही अपोलो 14 को उतारा गया था। मीशेल और शेफर्ड मे चन्द्रमा की सतह पर दो बार उतरकर चन्द्रमा की सतह पर भूगर्भिय गतिविधीयो का अध्यन किया। इस अभियान मे उन्होने एक चन्द्र रीक्शा का प्रयोग किया।
दूसरे अवतरण मे यात्रीयो का उद्देश्य क्रोनर क्रेटर का अध्यन था लेकिन वे क्रेटर को ढूंढ नही पाये। बाद मे पता चला की वे क्रेटर से सिर्फ 65 फिट की तक पहुंच गये थे।
शेफर्ड और मिशेल ने अनेक उपकरण लगा कर आंकडे़ जमा किये और लगभग 45 किग्रा चन्द्रमा के नमुने जमा किये। इस अभियान की अन्य विशेषताओ मे चन्द्रमा पर पहली बार सामान ढोने के लिये वाहन का प्रयोग, चन्द्रमा से सबसे ज्यादा मात्रा मे नमुने जमा कर वापिस लाना, चन्द्रमा की सतह पर सबसे लंबा समय व्यतित करना(33 घंटे), सबसे लंबी यान बाह्य गतिवीधी ( 9 घंटे 17 मिनिट), चन्द्र्मा की सतह पर पहली बार रंगीन टीवी का प्रयोग आदि थे।
यह यात्री दल चन्द्रमा से वापिस आने के बाद कुछ समय के लिये अलग वातावरण मे रखा जाने वाला अंतिम यात्री दल था।

इस अभियान मे शेफर्ड ने अन्य लोगो की नजर बचाकर छः लोहे की गोल्फ क्लब और 2 गोल्फ गेंद लेकर गये थे। उन्होने चन्द्र्मा की सतह पर एक हाथ से कुछ गोल्फ के शाट भी लगाये। मिशेल ने भी एक लोहे की छड से चन्द्रमा पर भाला फेंकने की कोशीश कर डाली। इस तरह चन्द्रमा पर पहला ओलंपिक सफल हुआ।
“अपोलो 14 : प्रथम चन्द्र ओलंपिक&rdquo पर एक विचार;