अपोलो 16 : चन्द्रमा पर सबसे तेज वाहन


अपोलो 16 यह अपोलो कार्यक्रम का दसंवा मानव अभियान और चन्द्रमा पर अवतरण करने वाला पांचवां अभियान था।

चन्द्रमा का पैनोरोमिक दृश्य
चन्द्रमा का पैनोरोमिक दृश्य


यात्री दल

  1. जान डब्ल्यु यंग (John W. Young) : 4 अंतरिक्ष यात्राये, कमांडर
  2. थामस केन मैटींगली जुनियर (Thomas K. (Ken) Mattingly Jr) : 1 अंतरिक्ष यात्रा, नियंत्रण यान चालक
  3. चार्ल्स ड्युक  जुनियर (Charles Duke Jr.) : 1 अंतरिक्ष यात्रा चन्द्रयान चालक
मैटींगली, यंग और ड्युक
मैटींगली, यंग और ड्युक


वैकल्पिक यात्री दल

  • फ्रेड हैसे (Fred Haise) : कमांडर, अपोलो 13 और स्पेशशटल एन्टरप्राईज का अनुभव
  • स्टुवर्ट रूसा(Stuart Roosa) : नियंत्रण यान चालक , अपोलो 14 का अनुभव
  • एडगर मिशेल (Edgar Mitchell): चन्द्रयान चालक,अपोलो 14 का अनुभव

अभियान के आंकडे़

प्रक्षेपित द्रव्यमान : 2,921,005 किग्रा
यान का द्रव्यमान : 46,782 किग्रा
चन्द्रयान का द्रव्यमान : 16,444 किग्रा
नियंत्रण यान का द्रव्यमान: 30,354 किग्रा

पृथ्वी की परिक्रमा : 3 चन्द्रमा की ओर जाने से पहले, 1 आने के बाद
चन्द्रमा की परिक्रमा : 64

चन्द्रयान का मुख्य नियंत्रण यान से विच्छेद: 20 अप्रैल 1972 को 18:07:31 बजे
चन्द्रयान का मुख्य नियंत्रण यान से पुनः जुड़ना: 24 अप्रैल 1972 को 03:35:18 बजे

यान बाह्य गतिविधीयां

यान बाह्य गतिविधी 1: यंग और ड्युक
प्रारंभ: 21 अप्रैल 1972 को 16:47:28 बजे
अंत: 21 अप्रैल को 23:58:40 बजे
समय: 7 घंटे, 11 मिनिट और 2 सेकंड

यान बाह्य गतिविधी 2: यंग और ड्युक
प्रारंभ: 22 अप्रैल 1972 को 16:33:35 बजे
अंत: 22 अप्रैल को 23:56:44 बजे
समय: 7 घंटे, 23 मिनिट और 9 सेकंड

 

यान बाह्य गतिविधी 3: यंग और ड्युक
प्रारंभ: 23 अप्रैल 1972 को 15:25:28 बजे
अंत: 23 अप्रैल को 21:05:03 बजे
समय: 5 घंटे, 40 मिनिट और 3 सेकंड

यान बाह्य गतिविधी 4: पृथ्वी की वापिसी के समय मैटींगली
प्रारंभ: 25 अप्रैल 1972 को 20:33:46 बजे
अंत: 25 अप्रैल को 21:57:28 बजे
समय: 1 घंटे, 23 मिनिट और 42सेकंड

यान पृथ्वी पर क्रिस्मस द्वीप के पास गीरा और इसे यु एस एस टेकोन्डरोगा(USS Ticonderoga) जहाज ने उठाया।

अभियान

यह एक J अभियान था और इसमे भी एक चन्द्र वाहन ले जाया गया था। इस अभियान ने कुल 94.7 किग्रा नमूने जमा कर पृथ्वी पर लाये गये थे।
इस अभियान मे भी अपोलो 15 की तरह पृथ्वी की ओर वापसी की दौरान  यान से बाहर आकर कैमरो से फिल्म कैसेट निकाली गयी थी। चन्द्रमा की कक्षा मे इस यान ने एक चन्द्रमा की कक्षा मे उपग्रह छोड़ा था , जिसने चन्द्रमा की 34 दिनो तक 425 परिक्रमायें की। इस उपग्रह का द्र्व्यमान 36.3 किग्रा था। इस अभियान ने चन्द्रमा के मार्ग से पृथ्वी के भी कई तस्वीरे ली थी।

अपोलो 16 द्वारा चन्द्रमा पर उतरने का स्थान
अपोलो 16 द्वारा चन्द्रमा पर उतरने का स्थान


चन्द्रमा पर उतरने से पहले जब चन्द्रयान(ओरीयान) मुख्य नियंत्रण यान(कैस्पर) से अलग हो चुका था, तब मुख्य नियंत्रण यान के एक इंजन मे समस्या उतपन्न हो गयी थी। चन्द्रमा पर अवतरण को रद्द करने के संकेत मील गये थे। लेकिन पाया गया कि खतरा ज्यादा बड़ा नही है और चन्द्रयान मुख्य यान से अलग हो चुका है इसलिये चन्द्रयान को चन्द्रमा पर उतरने के लिये कहा गया। लेकिन अभियान को चार दिन से एक दिन कम कर तीन दिन का कर दिया गया।

अपोलो 16 द्वारा चन्द्रमा छोडी गयी प्लेट
अपोलो 16 द्वारा चन्द्रमा छोडी गयी प्लेट


यंग और ड्युक ने चन्द्रमा पर तीन दिन बिताये और डेस्कार्टेस पठार का निरिक्षण किया जबकि मैटींगली चन्द्रमा की कक्षा मे प्रयोग करते रहे। यात्रीयो ने चन्द्रमा पर एक स्थान जिसे ज्वालामुखी के रूप मे जाना जाता था , असल मे उलका आगातो से बना पथरीला इलाका है। उन्होने इस स्थान से एक बड़ी चट्टान ( 11.7 किग्रा) ले कर आये जिसे बाद मे ‘बीग मुले‘ नाम दिया गया।

यंग चन्द्रयान और चन्द्रवाहन के पास
यंग चन्द्रयान और चन्द्रवाहन के पास


यंग अमरीकी ध्वज को सलाम करते हुये
यंग अमरीकी ध्वज को सलाम करते हुये

इस अभियान के दौरान उन्होने चन्द्रमा पर 18 किमी/घंटा की गति से चन्द्रवाहन को चलाया जो कि एक रिकार्ड है।


7 विचार “अपोलो 16 : चन्द्रमा पर सबसे तेज वाहन&rdquo पर;

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  2. बरमुडा का त्रिकोणीय समुन्द्र जिसे प्रथ्बी का ब्लैक होल भी कहते है। यहाँ से जाने वाले अधिकतर यानो को इसने अपने ओर आकर्षित करके अपने अन्दर विलीन कर लेता हैँ। इस समुन्द्र मेँ अनेक से जलयान , वायुयान इसके बवडंर मेँ फस कर अपनी समाधि ले चुके हैँ।

    main is bare main ye kahonga ki aliens is raste ka parvoeg karte hain.

    Aliens hain lakin bhaot dor untak pahojna moshkil hain lakin na momkin nahi.

    ager apan jese log antrish main jaye to bahot khojh pata laga sakte hain.

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  3. बरमुडा का त्रिकोणीय समुन्द्र जिसे प्रथ्बी का ब्लैक होल भी कहते है। यहाँ से जाने वाले अधिकतर यानो को इसने अपने ओर आकर्षित करके अपने अन्दर विलीन कर लेता हैँ। इस समुन्द्र मेँ अनेक से जलयान , वायुयान इसके बवडंर मेँ फस कर अपनी समाधि ले चुके हैँ। आगे बाद मेँ! विवेक राय,यू.पी. ,मऊ,दोहरीघाट,रामपुर

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