यदि आप एक हथौड़े और एक पंख को कुछ ऊंचाई से एक साथ छोड़े तो सबसे पहले ज़मीन पर कौन पहुंचेगा ? पृथ्वी पर निश्चय ही हथौड़ा पहुंचेगा लेकिन पंख पर वायु के अधिक प्रतिरोध के कारण। चंद्रमा के जैसी वायुरहित स्थिति मे दोनो एक साथ जमीन पर पहुचेंगे। गैलीलीयो के पूर्व वैज्ञानिक इस प्रयोग के परिणामो पर चकित थे, उन्होने पाया था कि वायु के प्रतिरोध की अनुपस्थिति मे सभी पिंड एक ही गति से नीचे गिरेंगे। गैलीलीयो ने भिन्न द्रव्यमान के धातु के गोलो को ऊंचाई से गिरा कर यह प्रयोग किया था और पाया था कि वे समान गति से गिरते है। लोककथाओं के अनुसार गैलीलीयो ने यह प्रयोग पीसा की झुकी मीनार से किया था लेकिन इस कथा की प्रामाणिकता पर संदेह है।
इस तरह के प्रयोग के लिए सर्वोत्तम स्थान चंद्रमा है ,जहां पर वायु प्रतिरोध नही है। 1971 मे अपोलो 15 के अंतरिक्ष यात्री डेवीड स्काट ने एक हथौड़ा और पंख चंद्रमा की सतह पर कुछ ऊंचाई से छोड़ा था, यह विडीयो उसी प्रयोग का है। गैलीलीयो और आइंस्टाइन के जैसे वैज्ञानिको के अनुमान के अनुसार दोनो पंख और हथौड़ा चंद्रमा की सतह पर एक साथ पहुंचे थे। इस प्रयोग ने सिद्ध किया था कि समानता सिद्धांत(equivalence principle) के अनुसार गुरुत्वाकर्षण द्वारा उत्पन्न त्वरण पिंड के द्रव्यमान, घनत्व, संरचना, रंग आकार या किसी अन्य गुण पर निर्भर नही है। समानता सिद्धांत(equivalence principle) आधुनिक भौतिकी मे इतना महत्वपूर्ण है कि इस पर वर्तमान मे भी बहस और प्रयोग होते हैं।
गुरूजी,
हमें अवकाश में रोकेट उड़ते दीखते है, उसमे कोई इंसान होता है या मानवरहित होता है, और वो राकेट कहा जा रहे होते है?
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आप आकाश में जिन्हें राकेट समझ रहे हसि वे राकेट नहीं जेट विमान है जिनके पीछे भाप से बनी धुएं की लकीर जैसी बनी दिखती है।
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Hello guruji,
अगर कोई तारा हमसे 4 प्रकाशवर्ष की दुरी पर है।
और अभी उसमे विस्फोट होकर उसकी मृत्यु हो जाती है, तो हमें वो विस्फोट अभी दिखाई देगा या 4 साल बाद।
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4 वर्ष बाद
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गुरूजी,
सभी कहते है कि वृक्ष हमें ऑक्सिजन देता है।
लेकिन मैंने ये भी सुना है कि वृक्ष रात में ऑक्सीजन लेता है और कार्बन डायोक्षैड छोड़ता है।
तो फिर हमें वृक्ष से ऑक्सीजन कैसे मिलता है, मतलब जितना वो ऑक्सीजन देता है उतना ही रात जो लेता है।
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धवल, सभी जीवित वनस्पति और प्राणी श्वसन करते है। यह दिन रात हमेशा चलने वाली प्रक्रिया है, इसमे आक्सीजन ग्र्हण की जाती है और कार्बन डाय आकसाईड उत्सर्जन होता है।
पौधे इसके अतिरिक्त केवल दिन मे प्रकाश संश्लेषण करते है जिसमे कार्बन डाय आक्साईड ग्रहण करते है और आक्सीजन उत्सर्जन करते है।
यदि हम दोनो प्रक्रियाओं को जोड़ दे, तो कुल उत्सर्जित आक्सीजन की मात्रा ग्रहण की गई आक्सीजन की मात्रा से अधिक होती है।
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हमारी पृथ्वी पर ग्रेविटी है। लेकिन Criss Angel, Dynamo जैसे magician हवा में उड़कर ग्रेविटी को मात दे रहे है। वो कौनसी ताकत है?
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वो सब ट्रिक होती है, वे हवा मे नही उड़ते है, वे पतले महीन तारो से बंधे होते है जो प्रकाश व्यवस्था के कारण दिखाई नही देते है, ना ही कैमरे की पकड़ मे आते है।
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standard jabarjast zindabad..
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क्या इस वाक्य, ‘1917 मे अपोलो 15 के अंतरिक्ष यात्री…’ में १९१७ वर्ष सही है? शायद यह १९७१ हो या फिर कुछ और।
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उन्मुक्त जी,
धन्यवाद जी, 1971 ही सही है, लेख मे ठीक कर दिया है।
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पीसा के मीनार वाली बात तो मुझे मात्र काल्पनिक कहानी ही लगती है. कहीं ऐसा पढ़ा भी था !
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very interesting .
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बढि़या लेख। कहा जाता है कि गैलीलियो ने पीसा की मीनार से वस्तुएं गिराकर यह प्रयोग किया था। ज्ञानवर्द्धक जानकारी।
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