भौतिकी के बिना खगोलभौतिकी का अस्तित्व नही है।(Without Physics, there's no Astrophysics)

खगोल भौतिकी 29 :खगोलभौतिकी वैज्ञानिक कैसे बने ?


लेखक : ऋषभ मूलभूत खगोलभौतिकी (Basics of Astrophysics)’ शृंखला के उपान्त्य लेख मे हम सबसे अधिक पुछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे कि खगोलभौतिकी वैज्ञानिक कैसे बने ? यह प्रश्न दर्जनो छात्रों तथा शौकीया खगोलशास्त्र मे … पढ़ना जारी रखें खगोल भौतिकी 29 :खगोलभौतिकी वैज्ञानिक कैसे बने ?

लाल विचलन के तीन प्रकार

खगोल भौतिकी 5 : लालविचलन(Redshift) के तीन प्रकार और उनका खगोलभौतिकी मे महत्व


लेखक : ऋषभ इस शृंखला के दूसरे लेख मे हमने देखा कि किस तरह से किसी खगोलभौतिक वैज्ञानिक के लिये विद्युत चुंबकीय वर्णक्रम(Electromagnetic Spectrum) ब्रह्माण्ड के रहस्यो को समझने के लिये एक महत्वपूर्ण और उपयोगी उपकरण है। किसी भी खगोलीय … पढ़ना जारी रखें खगोल भौतिकी 5 : लालविचलन(Redshift) के तीन प्रकार और उनका खगोलभौतिकी मे महत्व

अलबर्ट आइंस्टाइन

अल्बर्ट आइन्स्टाइन (Albert Einstein) : 20 वी सदी के महानतम वैज्ञानिक


मानव इतिहास के जाने-माने वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन (Albert Einstein) 20 वीं सदी के प्रारंभिक बीस वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। अपनी खोजों के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत दिये। वे सापेक्षता के … पढ़ना जारी रखें अल्बर्ट आइन्स्टाइन (Albert Einstein) : 20 वी सदी के महानतम वैज्ञानिक

विश्व को बदल देने वाले 10 क्रांतिकारी समीकरण


विश्व के सर्वाधिक प्रतिभावान मस्तिष्को ने गणित के प्रयोग से ब्रह्माण्ड के अध्ययन की नींव डाली है। इतिहास मे बारंबार यह प्रमाणित किया गया है कि मानव जाति के प्रगति पर्थ को परिवर्तित करने मे एक समीकरण पर्याप्त होता है। … पढ़ना जारी रखें विश्व को बदल देने वाले 10 क्रांतिकारी समीकरण

सापेक्षतावाद के बारे मे जानने योग्य 12 तथ्य


आइंस्टाइन ने अपने सापेक्षतावाद सिद्धांत के द्वारा विश्व का अंतरिक्ष, समय, द्रव्यमान, ऊर्जा और गुरुत्वाकर्षण के प्रति दृष्टिकोण बदल कर रख दिया था। 1. आइंस्टाइन से पहले गति के को समझने के लिये आइजैक न्यूटन के नियमो का प्रयोग किया … पढ़ना जारी रखें सापेक्षतावाद के बारे मे जानने योग्य 12 तथ्य

समय : क्या है समय ?


विश्व की समस्त सेनाओं से शक्तिशाली एक ऐसा विचार होता है जिसका "समय" आ गया हो। - विक्टर ह्युगो
विश्व की समस्त सेनाओं से शक्तिशाली एक ऐसा विचार होता है जिसका “समय” आ गया हो। – विक्टर ह्युगो

समय क्या है ? समय का निर्माण कैसे होता है?

भौतिक वैज्ञानिक तथा लेखक पाल डेवीस के अनुसार “समय” आइंस्टाइन की अधूरी क्रांति है। समय की प्रकृति से जुड़े अनेक अनसुलझे प्रश्न है।

  • समय क्या है ?
  • समय का निर्माण कैसे होता है ?
  • गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से समय धीमा कैसे हो जाता है ?
  • गति मे समय धीमा क्यों हो जाता है ?
  • क्या समय एक आयाम है ?

अरस्तु ने अनुमान लगाया था कि समय गति का प्रभाव हो सकता है लेकिन उन्होने यह भी कहा था कि गति धीमी या तेज हो सकती है लेकिन समय नहीं! अरस्तु के पास आइंस्टाइन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत को जानने का कोई माध्यम नही था जिसके अनुसार समय की गति मे परिवर्तन संभव है। इसी तरह जब आइंस्टाइन साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के विकास पर कार्य कर रहे थे और उन्होने क्रांतिकारी प्रस्ताव रखा था कि द्रव्यमान के प्रभाव से अंतराल मे वक्रता आती है। लेकिन उस समय आइंस्टाइन  नही जानते थे कि ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है। ब्रह्माण्ड के विस्तार करने की खोज एडवीन हब्बल ने आइंस्टाइन द्वारा “साधारण सापेक्षतावाद” के सिद्धांत के प्रकाशित करने के 13 वर्षो बाद की थी। यदि आइंस्टाइन को विस्तार करते ब्रह्माण्ड का ज्ञान होता तो वे इसे अपने साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत मे शामील करते। अवधारणात्मक रूप से विस्तार करते हुये ब्रह्माण्ड मे गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के फलस्वरूप धीमी गति से विस्तार करते हुये क्षेत्र के रूप मे अंतराल की वक्रता दर्शाना ज्यादा आसान है। हमारे ब्रह्माण्ड के सबसे नाटकीय पहलुंओ मे एक यह है कि उसका विस्तार हो रहा है और विस्तार करते अंतराल मे गति, बल तथा वक्र काल-अंतराल की उपस्थिति है।

पढ़ना जारी रखें “समय : क्या है समय ?”