यह ‘प्रश्न आपके और उत्तर हमारे’ का पहला भाग है। यहाँ अब 4000 के क़रीब टिप्पणियाँ हो गयी हैं, जिस वजह से नया सवाल पूछना और पूछे हुए सवालों के उत्तर तक पहुँचना आपके लिए एक मुश्किल भरा काम हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब ‘प्रश्न आपके और उत्तर हमारे: भाग 2‘ को शुरू किया जा रहा है। आपसे अनुरोध है कि अब आप अपने सवाल वहीं पूँछे।
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1. प्रश्न आपके उत्तर हमारे : सितंबर 1, 2013 से सितंबर 30,2013 तक के प्रश्न और उनके उत्तर
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Sir, Maine NASA ke scientists ko is bare me kehte suna h ki 2025-30 tak hum bahut saare habitable planets ko khoj aur dekh sakne me safal ho jayenge…………To kya koi naya More Advanced Telescope ban raha h jo ki near future me working me ayega?????????Aur Is baat ki possibility kitne percent h ki hum humans Kardashev Scale ka civilization level 1 achieve kar payenge………current situation ke according it seems we’re unknowingly moving towards our extinction……
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1.जेम्स वेबर टेलिस्कोप निर्माणाधिन है।
2. अभी कार्दाशेव स्केल पर मानव सभ्यता के लेवल 1 तक पहुंचने की कोई संभावना नजर नही आ रही है। मानव आपस मे लढकर ही समाप्त हो जायेगा या वह पर्यावरण को इतना नुकसान पहुंचा देगा कि पृथ्वी जीवन के अनुकुल नही रह जायेगी।
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If air humidity ko badha diya jaye to Atmosphere pressure par kya effect padega
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कोई अंतर नही आयेगा।
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पानी के बुलबुले का दर्व्यमान धरती और अन्तरिक्ष मे कितना होगा
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अंतरिक्ष और पृथ्वी मे किसी भी वस्तु के द्रव्यमान पर कोई प्रभाव नही पड़ता है। दोनो स्थान पर वह समान रहेगा।
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Ashish sir
Satellite brahmand me kase gumta hai
Kya usko bhi idhan ki jarurat padte hai
Or padte hai to kase bajete hai or Kya bejte hai
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न्युटन के प्रथम नियम के अनुसार गतिशील वस्तु बाह्य बल की अनुपस्थिति मे गतिशील रहेगी। अंतरिक्ष मे कोई बाह्य बल नही है, जिससे सेटेलाईट को कक्षा मे पहुंचने के बाद किसी इंधन की आवश्यकता नही होती।
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4 January ko Earth Sun ke pass (Near) hota h Phir bhi Thand (Sardi) Hoti h ?
4 July ko Earth Sun se Duur (Distance) Phir bhi Garmi Kyo hoti h ?.
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इस लेख को देखो
https://vigyanvishwa.in/2016/12/21/seasons/
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Dharti per garmi aur sardi kaise hoti hai
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पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 1/2 डीग्री झुकी हुयी है। इससे सूर्य कि परिक्रमा करते हुये छह महिने तक पृथ्वी के एक गोलार्ध पर सूर्य किरणे सीधी पढ़ती है और दूसरे गोलार्ध मे तिरछी। अगले छह महिने इसका उल्टा हो जाता है। जिस गोलार्ध मे किरणे सीधी होती है वहाँ पर गर्मी और तिरछी होने पर सर्दी होती है।

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23 1/2 पर ही क्यों झुकी हैं
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वास्तविक कारण अज्ञात है लेकिन यह माना जाता है कि यह झुकाव पृथ्वी के जन्म के समय से ही है। यह झुकाव चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण से या किसी अन्य ग्रह के पृथ्वी के समीप से गुजरने से भी हो सकता है, यह घटना पृथ्वी के जन्म के तुरंत बार अर्थात ४ से ४.५ अरब वर्ष पहले हुयी होगी।
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धरती पर गर्मी और सर्दी इसलिए होता है क्योंकि 21 जून की स्थिति में इस दिन सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत होती है इसलिए इस दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटा होता है और दक्षिणी गोलार्ध में ठीक इसका उल्टा वस्तुतः 21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरायण होने लगता है जिसके कारण उत्तरी गोलार्ध में धीरे-धीरे गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है और 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर पहुंचता है तथा उसके बाद वह विषुवत रेखा की और अग्रसर होता है पुनः 23 सितंबर को विषवत रेखा पर पहुंचता है अतः इसके पश्चात उत्तरी गोलार्द्ध से धीरे-धीरे गर्मी का मौसम समाप्त होने लगता है इस दौरान इस अवधि में उत्तरी ध्रुव पर छह महीना दिन और दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने का रात होता है
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आदमी पृथ्वी क्यों खड़ा रह है
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गुरुत्व बल के कारण
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Kya mobile bi ek network h
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हाँ, WiFi Network
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Kya niutan ka dimag aaj bi jibit h Kya ise computer se joda gaya h
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नही! किसी भी दिमाग को कंप्युटर से जोड़ना वर्तमान मे असंभव है।
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Koi aur yes gais hai jisase hum jivit raha sakte…
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मानव केवल आक्सीजन गैस की उपलब्धता मे ही जीवित रह सकता है। लेकिन अन्य गैसो की मात्रा पर भी मानव जीवन निर्भर है जैसे कार्बन डाय आक्साईड की अधिकता मे मानव जीवित नही रह पायेगा।
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Draftsman va ji main khas uddeshya sath liye aapse prashna karta hoon.. Jo mere addhyan ka hissa hain. Mera aaj ka prashna hain kya kisi gas dwara Dravyaman Wali vastu ka janm sammbhav hain..
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गैस का भी द्रव्यमान होता है। गैसो द्वारा द्रव या ठोस वस्तुये बनती है।
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Namaskar Mera prashna ka sambandh Un gason say nahin jo kisi aur ke astitva say nikli hain. Big bang say pahelay Jin gason ka astitva rahan ho main unki baat kar rahan hoon. Aur kya hydrogen gas say Jal kar koi this padharth Bana yadi Han to kaunsa. Helium jalkar kabi koi thos padharth ban paya Ha to kon sa. Yahan par Mera tatparya inke swatantra Roop say hain. Jalne ke leeye Har padharth ko oxygen ki jaroorat padti hain… Kya hydrogen VA helium ko bhi iski jaroorat padi.
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1.बिग बैंग से पहले कुछ नही था।
2.हायड्रोजन जलकर पानी बनती है। जलना अर्थात आक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया। कार्बन जलकर कार्बन डाय आक्साईड बनाता है। हायड्रोजन जल कर हायड्रोजन आक्साइड बना रहा है।
3. हिलीयन नोबेल गैस है वह किसी भी अन्य तत्व से कोई प्रतिक्रिया नही करता है।
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क्या मानव मस्तिष्क का कम्प्यूटरीकृत प्रारूप बनाना संभव है या फिर मानव मस्तिष्क मे बदलाव कर उसे और अधिक जटिल बनाया जा सकता है?
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वर्तमान में नहीं। शायद भविष्य में।
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सर wifi जेसे मोबाईल hotspot से हम दूसरे का net Balance use करते हे वेश ही हम किसी की बैटरी ko wifi से cannect कर हम दूसरे की बैटरी का use कर पायेगे कभी…
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तकनीकी रूप से संभव है! लेकिन किसी मोबाईल उपकरण निर्माता कंपनी को यह कदम उठाना होगा।
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सर बिजली को जल से बनाते हे तो उशे एकत्रित कर कहा रखते हे
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वर्तमान मे बिजली का निर्माण कर उसे आबश्यकतानुसार वितरण किया जाता है, बिजली को भंडारण नही किया जाता है।
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Kya sun bi round ghumte hai
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हां सूर्य भी अपनी धूरी पर घूर्णन करता है और आकाशगंगा की परिक्रमा भी।
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सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक पाहुच्ने मे कितना टाइम लगता है
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लगभग 8 मिनट +- 14 सेकण्ड
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सर सोलर प्लेट अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश के कितने प्रतिशत उर्जा को बिजली मे परिवर्तित करती है??
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20%-40% मात्र
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इसका मतलब अगर और अधिक क्षमता का प्लेट बना ले तो बिजली की समस्या ही हल हो जायेगी
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बस खाली जगह चाहिए।
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सर मैने कही पढ़ा है और अक्सर कुछ लोग कहते है कि मनुष्य अपने दिमाग का २ या ३% ही उपयोग करता है! क्या किसी ने अपने दिमाग का १००% उपयोग किया है जिससे तुलना की गई हो तब ये कहा गया! और कैसे हम अपने दिमाग का १००% उपयोग कर सकते है क्या यह व्यवहारिक रहेगा|
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यह केवल अफवाह मात्र है, मानव अपने मस्तिष्क का 100% उपयोग करता है। मानव मस्तिष्क के बहुत से कार्य हम महसूस ही नही कर पाते है, वह हमारी जानकारी के बीना मस्तिष्क करते रहता है।
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सर क्षमा करना।मैने कई जगह पढा है कि मनुष्य ने अपने मस्तिष्क का अभी केवल 2या 3% उपयोग किया।शेष 97%मस्तिष्क अभी प्रसुप्त अवस्था में है।धीरे धीरे इसका उपयोग बढता जाएगा।
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वह एक अफ़वाह या अर्बन लिजेंड है जिसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नही है। मानव मस्तिष्क का 100% प्रयोग करता है, यदि मस्तिष्क का एक भाग काम करना बंद कर दे तो उस भाग से संबधित अंग मे लकवा हो जाता है।
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सर वर्तमान मे दुनिया की सबसे तेज गति की मिसाइल कौन सी है?
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भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसीत ब्रह्मोस मिसाइल
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सर अगर हम धरती पर से खाद और पानी ले जाकर मंगल ग्रह पर पौधा उनाने की कोशिश करे क्या वो उगेगा??
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संभव है, उसके लिये पौधे के जीवित रहने के लिये आवश्यक वातावरण तैयार करना होगा। ये कार्य किसी बड़े कांच के गुबंद मे किया जा सकता है। मंगल का वातावरण मे तेजी से बदलाव आते है, अत्याधिक कार्बन डाय आक्साईड , कम आक्सीजन के साथ तापमान मे परिवर्तन अत्याधिक रहता है, जिससे सामान्य परिस्थिति मे पौधा अधिक जीवित नही रह पायेगा।
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करंट लगने पर व्यक्ति मर क्यो जाता है?इस प्रश्न का ऊर्जा संरक्षण के नियम से कोई संबंध है कि नही?
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नहीं , इस प्रश्न का ऊर्जा के संरक्षण के नियम से कोई संबंध नही है।
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Plasma is a good conductor of light and blood consists of plasma.
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कया हवाईजहाज आकाश मे रुक सकता है
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यात्री हवाई जहाज नही रूक सकता लेकिन कुछ विशेष लड़ाकु विमान आकाश मे हेलीकाप्टर के जैसे रूक सकते है।
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sabse pahle computer ki aviskar kisane ki thi ur kyo.
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ब्लैज पास्कल ने फ़्रांस में 1642 में पास्कलाइन बनाया था। इसे सबसे पहला कंप्यूटर कह सकते हैं।
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DAT saphed kyo dikhaie dete haii?
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हमारे दांत एनेमल(enamel ) से बने होते है जिसका मुख्य तत्व कैल्सीयम होता है। यह एनेमल सफ़ेद होता है जिससे दांत सफ़ेद दिखायी देते है।
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Ham bina oxygen ke kitna din jivit rah sakte hai?
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कुछ मिनट मात्र!
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श्रीवास्तव sir जी…. सूक्ष्म यात्रा, astral travel, Astral projection, और मैडिटेशन के विषय से सम्बन्धित लेख कब लिखेंगे आप |
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इनमे से कोई भी विषय विज्ञानं संबधित नहीं है। ये सभी छद्म विज्ञान विषय हैं।
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Mangal gray ka kendra kaha hota haii?
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मंगल भी गोल है।
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computer ki khoj sbse pehle kis country me hui thi
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ब्लैज पास्कल ने फ़्रांस में 1642 में पास्कलाइन बनाया था। इसे सबसे पहला कंप्यूटर कह सकते हैं।
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कया ऐलियन आभी भी पाये जाते है अगार ह तो इस की अभी ताक खोज कयो नही की गई ओर कया ये कभी धारती पार आये ते
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अभी तक एलीयन के अस्तित्व और पृथ्वी पर आने के कोई प्रमाण नही मीले है।
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kya syam bibrad ki puri jan kari h aap ke pas h too puri jan kari dijiye
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इस लिंक पर आपको श्याम विवर संबधित लेख मिल जायेंगे : https://vigyanvishwa.in/index/
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Hydrogan gas se bhara balloon upar jakar blast kyo ho jata hai
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ऊंचाई पर हवा विरल होती है, इसलिए हायड्रोजन फैलकर गुब्बारा फोड़ देती है।
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tare chamkte h par chand kyo nahi chamkta
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तारे पृथ्वी से अत्याधिक दूरी पर है, उनका प्रकाश किसी एक बिंदु से आता प्रतित होता है, जिससे उनका प्रकाश पृथ्वी के वातावरण से गुजरते समय टिमटिमाता महसूस होता है। चंद्रमा तथा अन्य ग्रह सौर मंडल मे है, जिससे उनका आकार एक बिंदु के जैसे ना होकर एक गोले के जैसा दिखता है। इस स्थिति मे प्रकाश वायुमंडल से गुजरते स्थिर होता है और टिमटिमाता नही है।
पृथ्वी से बाहर जैसे चंद्रमा की सतह पर तारो और अन्य ग्रहों के प्रकाश मे कोई अंतर नही दिखायी देता!
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मेरा प्रश्न है
किसी वस्तु का भार किस पर निर्भर करता है?
सामान आकर की दो अलग वस्तुओं का भार अलग क्यों होता है??
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आपका आशय द्रव्यमान से है। समान आकार की दो वस्तुये भिन्न पदार्थ से बनी होती है।
समान आकार की दो वस्तुओं का द्रव्यमान भिन्न होने के दो कारण हो सकते है:
1.दोनो वस्तुओ को बनाने वाले पदार्थो का भिन्न का घनत्व। हर पदार्थ का अपना घनत्व होता है। घनत्व अर्थात आयतन मे पदार्थ की मात्रा। ज्यादा घनत्व अर्थात अधिक द्रव्यमान।
2. कुछ पदार्थ के परमाणु अन्य पदार्थ के परमाणु से अधिक प्रोटान, न्युट्रान और इलेक्ट्रान रखते है। जिससे इनसे बनी वस्तुये अधिक घनत्व रखती है।
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Shrivastava ji cmb ke Vishay ke bare main puch he Gaye Sawal par apne mujhe doplar effect aur Lal vichal padney ki Salah di plz iska link bhejain
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ये भी : सीधा सीधा संबधित नही है लेकिन प्रकाश किरणे किस तरह दूरे के साथ परिवर्तित होती है दर्शाता है : https://vigyanvishwa.in/2011/07/18/emf/
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earth par jeevan kaise aaya?
sabre pahla jeev kya tha?
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इसका कोई सही उत्तर नही है। लेकिन यह माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन धूमक्तुओ से आया है। सबसे पहला जीव अमीबा जैसा एककोशीय जीव रहा होगा। अधिक जानकारी के लिये यह लेख देखे:
https://vigyanvishwa.in/2011/01/24/alienlifesearch/
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earth par jeevan kaise aaya?
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prithvi ke antim chhor ka desh kon sa he
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पृथ्वी गोल है। गोल आकार मे अंतिम छोर नही होता है।
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electric current se admi kyo mar jata h
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इसको जानने के लिए हमे ये जानना जरूरी हो जाता है की ये बिजली का झटका ( Electric shock) होता क्या है
उच्च वोल्टेज लाइनों के साथ संपर्क में आने से शरीर के माध्यम से विद्युत धारा के प्रवाहित हो जाने पर एक ज़बरदस्त अभिघात होता है जिस के फलस्वरूप जल जाना और ह्रदय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
जीवों का शरीर विधुत का सुचालक होता है जब एक जीव एक बिजली लाइन पर खड़ा है वह एक ही कंडक्टर से जुड़ा है तो उस के शरीर से विधुतधारा का प्रवाह नहीं होगा परन्तु जैसे ही वो दुसरी तार को छुयेगा तो विधुत परिपथ पूरा हो जाएगा और उस जीव के शरीर से उच्च वोल्टता का प्रवाह होने से जल जाना या फिर ह्रदयगति रुक जाना सम्म्पन होगा और उस की तत्काल मृत्यु हो जायेगी।
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Sir big bang theory ye theory kya future me fir se possible h Agr ha to kaise
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ये लेख पंढे : https://vigyanvishwa.in/2014/03/05/endofuniverse/
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क्या यह सच हो सकता है कि NASA या फिर दूसरी अतंरिक्ष एजेंसियाँ अमेरिकी सरकार के इशारों पर एलियन आदि से जुड़ी जानकारियों को छिपाती है। ऐसी कई रहस्मयी घटनाऐं हैं जिनकी जाँच अचानक ही बंद कर सभी तथ्यों को नष्ट कर दिया गया ।
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ये महज कांसपिरेसी थ्योरी है, सच्चाई नही है। विश्व अमरीका के इशारे पर नही चलता है। रूस और चीन जैसे देश अमरीका के धुर विरोधी है, वे अमरीकी सरकार की क्यों सुनेंगे ?
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sir kya engine, alternater,motor ,shaft,belts,ups backup system se muft mein bijli banaye ja sakti hai? Please answer its imp . I think it’s possible. Mere pass iska ek diagram hai. sir please help
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मुफ़्त में कुछ नहीं बन सकता। ढेर सरे लोगो ने ऐसे दावे किये है कोई सफल नहीं हुआ है। मुफ़्त मे ऊर्जा का निर्माण उष्मागतिकी के प्रथम या द्वितिय सिद्धांत का उल्लंघन होगा( violation of first or second law of thermodynamics)|
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वैज्ञानिक होने के लिए भगवान पैर भरोषा करना चाहिए या नही हा तो क्यू और न तो क्यू। ।
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वैज्ञानिक होने के लिए आपको प्रमाणों पर विश्वास करना चाहिए। खुले दिमाग का होना चाहिए। आप ईश्वर पर विश्वास करे या नहीं उसका वैज्ञानिक होने से कोई सम्बन्ध नहीं है। बहुत से वैज्ञानिक ईश्वर को मानते है बहुत से वैज्ञानिक नहीं मानते है।
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पृथ्वी पर कोई देश छुट गया है जो उसकी खोज नहीं की होगी
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वर्तमान में सारी पृथ्वी की जानकारी है। कोई देश अज्ञात नहीं है।
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अगर कभी पृथ्वी पर एलीयन आ गया तो क्या होगा
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यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है। बहुत कुछ एलियन के पृथ्वी आने के उद्देश्य पर निर्भर होगा। यदि वह मित्रता के उद्देश्य से आया है तो ठीक है। यदि वह पृथ्वी पर आक्रमणक उद्देश्य से आया है तो मानव जाति का अस्तित्व समाप्त हो सकता है।
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क्यो एलियन खतरनाक होते है क्या
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अभी तक किसी ने किसी एलियन को देखा नही है। लेकिन मानव इतिहास के अनुसार दो सभ्यताओं के मिलन पर कमजोर सभ्यतायें विनष्ट हुई है।
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Scince aur English ki koj kis san me hui aur kisane ki aur kha hui
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विज्ञानं एक ज्ञान है और इंग्लिश एक भाषा। इनकी खोज किसी एक व्यक्ति ने नहीं की है। ये लोगो के समूह द्वारा एक लम्बे समय में विकसित हुई है।
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m ne suna h ki prakas ka beg3*10pabar8 hota h aagar is beg se jada kisi bastu ka beg ho too ham hamara pucher dek sakte h
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हाँ, प्रकाशगति से यात्रा करने पर समय यात्रा संभव है।
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H2 bom k se banate h
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हाइड्रोजन बम परमाणुबम का एक किस्म है। हाइड्रोजन बम या एच-बम (H-Bomb) अधिक शक्तिशाली परमाणु बम होता है। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यू टीरियम (deuterium) और ट्राइटिरियम की आवश्यकता पड़ती है। परमाणुओं के संलयन करने (fuse) से बम का विस्फोट होता है। इस संलयन के लिए बड़े ऊँचे, ताप, लगभग 500,00,000° सें. की आवश्यकता पड़ती है। यह ताप सूर्य के ऊष्णतम भाग के ताप से बहुत ऊँचा है। परमाणु बम द्वारा ही इतना ऊँचा ताप प्राप्त किया जा सकता है।
जब परमाणु बम आवश्यक ताप उत्पन्न करता है तभी हाइड्रोजन परमाणु संलयित (fuse) होते हैं। इस संलयन (fusion) से ऊष्मा और शक्तिशाली किरणें उत्पन्न होती हैं जो हाइड्रोजन को हीलियम में बदल देती हैं। 1922 ई. में पहले पहल पता लगा था कि हाइड्रोजन परमाणु के विस्फोट से बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।
1932 में ड्यूटीरियम नामक भारी हाइड्रोजन का और 1934 ई. में ट्राइटिरियम (ट्रिशियम) नामक भारी हाइड्रोजन का आविष्कार हुआ। 1950 ई. में संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति ट्रु मैन ने हाइड्रोजन बम तैयार करने का आदेश दिया। इसके लिए 1951 ई. में साउथ कैरोलिना में एक बड़े कारखाने की स्थापना हुई। 1953 ई. में राष्ट्रपति आइजेनहाबर ने घोषणा की थी कि TNT के लाखों टन के बराबर हाइड्रोजन बम तैयार हो गया है। 1955 ई. में सोवियत संघ ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। चीन और फ्रांस ने भी हाइड्रोजन बम के विस्फोट किए हैं।
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Prakash sansleshad
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सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिन्थेसिस) कहते है। प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगो जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधों की हरी पत्तियों की कोंशिकाओं के अन्दर कार्बन डाइआक्साइड और पानी के संयोग से पहले साधारण कार्बोहाइड्रेट और बाद में जटिल काबोहाइड्रेट का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सूक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च (मंड) आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है। जल, कार्बनडाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश तथा क्लोरोफिल (हरितलवक) को प्रकाश संश्लेषण का अवयव कहते हैं। इसमें से जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड को प्रकाश संश्लेषण का कच्चा माल कहा जाता है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण जैवरासायनिक अभिक्रियाओं में से एक है। सीधे या परोक्ष रूप से दुनिया के सभी सजीव इस पर आश्रित हैं। प्रकाश संश्वेषण करने वाले सजीवों को स्वपोषी कहते हैं।
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Namaskar shrivastava ji dubara Mera subject cmb hi hain……. Jis prakar suraj say ultraviolet kirney nikalti. Kya hamare nazdiki kisi tare say cmb nahin aa sakta. Saman Roop say cmb brahmand main kaise pehla hain
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आशीष, CMB की अपनी विशेषता होती है। उसका अपना तरंग दैधर्य होता , तापमान या ऊर्जा होती है जो कि उसके द्वारा तय की गयी दूरी तथा आयु पर निर्भर करता है। यह सूर्य या किसी अन्य तारे से उत्सर्जित प्रकाश मे नही हो सकता ।
इसे समझने के लिये पहले डाप्लर प्रभाव, लाल विचलन(red shift) को पढो और समझो।
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सर क्या मानव शरीर में कोई ऐसा अंग है जिसमे जन्म के बाद वृद्धि नहीं होती यदि है तो वह क्या है ?
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मानव आंखे जन्म से लेकर मृत्यु तक एक ही आकार मे रहती है।
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earth का बाहरी आवरण किस सें बना होता हैं….kya vo change hota rhta h…please reply
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पृथ्वी की बाह्य परत चट्टानो से निर्मित है जिसमे मुख्यत: सिलिकेटस(सिलिकान के यौगिक) है। यह परत समय के साथ बदलते रहती है।
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sir Earth ka kinara kha tak hi
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पृथ्वी गोल है। गोल वस्तु का किनारा नहीं होता है।
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सर आपने दुनिया की सबसे तेज मिसाइल ब्रम्होस को बताया जिसकी स्पीड mach 2.8 – 3.0 तक है लेकिन agni-v की स्पीड mach 24 है और सर्विस पर भी है फिर उसे क्यो नही कहा जाता???
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अग्नि ५ की यह गति अंतिम गति है(Terminal Velocity) , औसत गति नही!
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wifi passward k se tod sakte h
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यदि आपका wifi राउटर है तो आप उसके एडमिन कंसोल से पासवर्ड बदल सकते है। किसी और के wifi नेटवर्क का पासवर्ड तोड़ना गैर कानूनी है।
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proton nutron ghurdan(paribhramad) karte he, to kya unke quarks bhi
apne axis par ghurdan karte honge
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sir aap lajabab ho ,ek question sir manav utpati kaise hui ,jabki prathvi ek gola matr thi
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इस विषय पर इस लेख को देखें : http://hindi.indiawaterportal.org/node/35922
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पृथ्वी की आखिरी सिमा कहाँ तक है
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दिलीप गोले की सीमा नहीं होती। पृथ्वी गोल है।
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ques ye h ki….
TV m sb avaj sun skte h…चिञ dekh skte h…to TV m dikhayi de. ri chij ki smell q ni सूघं Skye
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सुगंध के लिए टीवी को रसायन उत्पन्न करने होंगे जो आसान कार्य नहीं है।
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आधुनिक रसायन विज्ञान के पिता कौन है।
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French chemist Antoine Lavoisier
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Namaskar Aaj phir gyan ke sagar se kuch boond lene aaya hoon. Mera subject vahin hain. Cmb sir.. Aisa bhi to ho sakta hain ki cmb ki jo kirne hain vo hamare nazdiki tare se bhi aa sakti hain… Jis prakar doosre tare ki roshni hum tak pahunch ney main Prakash varsh lagte hain. Aj Jahan brahmand ke prasran main gurutvakarshan ka sthan dark energy ney le leeya hain. To cmb apni urja kaise sambhale hue hain… Aisa bhi to ho sakta hain ke cmb ka astitva bigbang se pahelay bhi rahan ho…
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आशीष, सीधा उत्तर नही दूंगा! तुम्हारे लिये एक ट्युटोरीयल है, सबसे पहले डाप्लर प्रभाव के बारे मे पढो, उसके बाद लाल विचलन (Red Shift)। समझो की प्रकाश कैसे CMB मे परिवर्तित होता है। इन दोनो को समझने के बाद अपने प्रश्न को देखो, ना समझ आये तो फ़िर से पूछो विस्तार से बताता हुं!
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kya rain (baris) ka pani jameen ke neeche ja raha hai?
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हाँ वर्षा का पानी जमीन मे रीसकर अंदर जाता है।
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सूर्य पृथ्वी से कितना बड़ा है
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द्रव्यमान से 333,000 गुणा तथा आकार से 1,300,000 गुणा
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दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव की अपेक्षा अधिक ठण्डी क्यों है ?
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दक्षिणी ध्रुव की जमीन समुद्र से 100 मिटर की उंचाई पर है लेकिन उस पर बर्फ़ की तह की उंचाई 2700 मिटर है। जबकि उत्तरी ध्रुव आर्कटिक महासागर के मध्य है और उसकी उंचाई समुद्र तक से कुछ सौ मिटर ही है। दोनो ध्रुवो की समुद्रतल से उंचाई मे यह अंतर दक्षिणी ध्रुव को विश्व मे सबसे शीतल स्थान बनाता है।
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पृथ्वी सूर्य का चक्कर अंडाकार मार्ग में ही क्यों काटती है, वृत्ताकार मार्ग में क्यों नहीं ?
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अविनाश , पृथ्वी और ग्रहो की कक्षा अण्डाकार ना होकर दिर्घवृत्ताकार(Elliptical) होती है।
ये कक्षाये केप्लर के नियम के अनुसार होती है।
केप्लर के ग्रहीय गति के तीन नियम इस प्रकार हैं –
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सर,
यह वेबसाईट मोबाइल पर बहुत धीमा हैं। कृपया कोई एंड्राइड अनुप्रयोग बनाएं ।😂
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लक्ष्मण , मोबाईल एप्प बनाने मे दो समस्याये है : 1: स्वयं एप्प बनाने के लिये समय निकालना कठिन है। 2: किसी और से एप्प बनवाने के लिये पैसे चाहिये, मुझे इस साईट से आय नही होती है। बस एक आत्मसंतुष्टि मिलती है। 🙂
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पृथ्वी की लम्बाई चौड़ाई कितने किलोमीटर है
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पृथ्वी गोलाकार है,इसका व्यास 12750 किमी है।
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Shrivastava ji main Kitni bar Aap say cmb ke bare main sawal pooch chuka hook ke cmb humain kin kin sroton say prapt ho sakta hain.. Kya saur Mandal say cmb prapt ho sakta hain
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CMB – कास्मिक बैकग्राउंड रेडीएशन का एक ही स्रोत है। अब से लगभग 13 अरब वर्ष पहले हुआ, बिग बैंग। CMB सारे ब्रह्माण्ड मे समान रूप से फ़ैला हुआ है।
सूर्य से भी विकिरण निकलते है, जिसे हम सूर्य प्रकाश के रूप मे प्राप्त करते है,। सूर्य प्रकाश का कुछ हानिकारक भाग जैसे पराबैंगनी किरण पृथ्वी की ओजोन परत रोक देती है। सूर्य का अन्य विकिरण “सौर वायु” है जोकि पृथ्वी के चुंबकिय क्षेत्र द्वारा रोक दिया जाता है।
लेकिन ये दोनो विकिरण CMB से भिन्न है।
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chaand sardiyo me pilla kyu dikhai detta hai
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यह सर्दियो मे पृथ्वी के वातावरण मे आये बदलावो की वजह से होता है।
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सर कुछ देश ने परमाणु हथियार बनाया है अगर ये कभी अचानक विस्फोट हो गया तो क्या होगा उस देश का??
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वह देश ही नहीं आसपास के देश और उनकी आने वाली पीढ़ियां भी बर्बाद हो जाएंगी।
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मैनें एक खबरें सुनी की बादलो में उड़ता हुआ शहर दिखा क्या यह सत्य हैं
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यह एक प्रकार की मृग तृष्णा( mirage) है जिसमे धरती की छवि बादलों में बन जाती है।
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ज्योतिष शास्त्र से विज्ञान का क्या संबन्ध है? क्या ग्रह नक्षत्र चाल आदि से मनुष्य जीवन वास्तव मे प्रभावित है?
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विज्ञान ज्योतिष शास्त्र का वह भाग जिसमे खगोलिय पिंडो के मानव जीवन पर प्रभाव की चर्चा है या मानव के भविष्य की चर्चा होती है को मान्यता नही देता है।
लेकिन ज्योतिषिय गणना जैसे सूर्योदय, सूर्यास्त का समय, नक्षत्र ग्रह के उदय अस्त का समय, सूर्य/चंद्र ग्रहान का समय आदि गणनाये वैज्ञानिक है।
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Sir ped podho me uttako ka vibhajan Ku hota h or ye vibhajan kya hota h
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उतको का विभाजन या कोशीकाओ का विभाजन सभी जीवित प्राणी पौधो मे होता है। इसमे एक कोशीका विभाजित होकर एकाधिक कोशिका बनाती है। यह प्राणी/पौधो के विकास या प्रजनन के लिये आवश्यक होता है।
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Sir surya ghumta h ya nhi
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सभी खगोलिय पिंड घूर्णन करते है, सूर्य भी!
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Sir kya surya ghumta h ya nhi
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सभी खगोलिय पिंड घूर्णन करते है, सूर्य भी!
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kya proton- nutron bhi ghurdan karte hai, yadi ha to inke quarks bhi ghurdan karte honge?
ek proton me kese teen quarks paribhramad karenge
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सभी कण घूर्णन करते है।
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kiya mabav amar ho sakta hai
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शायद भविष्य मे जब मानव चेतना को विज्ञान पूरी तरह से समझ ले तब वह अमर हो सकेगा।
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चंद्रमा घूर्णन नही करता तो क्या आधे हिस्से पर सूर्य का प्राकाश कभी नही पड़ा क्या उस हिस्से मे पानी हो सकता ??
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चंद्रमा घूर्णन करता है, उसकी पृथ्वी की परिक्रमा का समय तथा उसके अपने अक्ष पर घूर्णन करने का समय समान होने से उसका केवल एक ओर का हिस्सा ही पृथ्वी से दिखता है। लेकिन उसके दोनो भाग पर सूर्य की रोशनी पड़ती है। चंद्रमा पर पानी है लेकिन वह बर्फ़ के रूप अल्प मात्रा मे है।
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आर्कमिडिज का सिध्दान्त बताइए?
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आर्किमिडीज का सिद्धांत 2265 वर्ष पुराना है। सिद्धांत के अनुसार जब किसी वस्तु को पानी या द्रव में डुबोते हैं, तो उसके भार में कमी आ जाती है। भार में कितनी कमी आती है, भार मे आयी कमी उस वस्तु द्वारा विस्थापित जल की मात्रा के तुल्य होती है। मान लो कोई जग पानी से लबालब भरा है, उसमें एक चम्मच डुबोते हैं। जग से कुछ पानी बाहर गिर जाता है और चम्मच के भार में कमी आ जाती है। चम्मच के भार में कमी, जग से बाहर गिरे पानी के भार के बराबर होती है। यह आर्किमिडीज का सिद्धांत है।
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akshansh kis prakar jalvayu ko prabhawit karta hai?
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संसार के विभिन्न स्थानों पर मुख्य रूप से पांच प्रकार की जलवायु होती है । ये हैं 1). उष्ण जलवायु (Tropica। C।imate), 2). कम उष्ण जलवायु (Sub Tropica। C।imate), 3). शीतल जलवायु व मध्य अक्षांश जलवायु (Mid ।atitude C।imate), 4). अतिशीतल या उच्च अक्षांश जलवायु (Hight ।atitude C।imate) और 5). उच्च पर्वतीय जलवायु (High A।titude C।imate) ।
उष्ण जलवायु 30 डिग्री उत्तर और 30 डिग्री दक्षिण के बीच के क्षेत्रों मे पायी जाती है । इसके केन्द्र में भूमध्य रेखीय जलवायु है । इन स्थानों पर गर्मी बहुत पड़ती है । ऐसे जलवायु वाले स्थानों में वर्षा भी काफी होती है, लेकिन भूमध्य रेखा के पास वाले स्थानों में गर्मी के कारण रेगिस्तान भी बन गए हैं । अपना देश भारत भी भूमध्य रेखा के पास ही स्थित है । इसीलिए यहां की जलवायु भी उष्ण है ।
कम उष्ण जलवायु 30 डिग्री और 40 डिग्री के बीच उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों में मिलती है इन स्थानों में गर्मी अधिक होती है, लेकिन ठंड अधिक नहीं होती । सभी मौसमों में वर्षा अच्छी होती है, इसलिए जंगल भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं । जिन स्थानों पर काम उष्ण जलवायु पायी जाती है, उनमें मुख्य रूप से दक्षिण पूर्वी अमेरिका, ब्राज़ील, आस्ट्रेलिया और दक्षिणी पूवी अफ्रीका आते हैं ।
मध्य अक्षांश जलवायु के परेश 40 डिग्री से 60 डिग्री उत्तरी व दक्षिणी अक्षांशों के बीच पाए जाते हैं । इन क्षेत्रों में औसत कषिॅक तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेट से काम ही रहता है । ग्रीष्म ऋतु कम गर्म होती है, लेकिन जाड़े कि ऋतु काफी ठंडी होती है । इन प्रदेशों में पछुआ हवाएं चलती हैं । जिन प्रदेशों में ऐसी जलवायु पायी जाती है, उनमें मुख्य रूप से पूर्वी साइबेरिया, उत्तरी चीन, मंयूरिया, कोरिया तथा उत्तरी जापान आते हैं । ऐसी जलवायु वाले कुछ स्थानों में रेगिस्तान भी पाए जाते हैं । अलग-अलग स्थानों पर पेड़-पौधों और वर्षा का वितरण अलग-अलग है ।
उच्च अक्षांश जलवायु 60 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी अक्षाशों से लेकर धुवों तक पायी जाती है । यहां जाड़ों में तापमान बहुत काम रहता है और गर्मियों में भी ठंड पड़ती है । धुवीय प्रदेश बर्फ से ढके रहते हैं । धुवीय प्रदेशों में मुख्य रूप से अन्टार्क्टिका, ग्रीनलैंड, उत्तरी अमेरिका तथा यूरेशिया आते हैं । टैगा और टुन्ड्रा भी इन्हीं प्रदेशों में है और गर्मी की ऋतु में बहुत लम्बे समय तक प्रकाश रहता है ।
उच्च पर्वतीय जलवायु आमतौर पर संसार के ऊंचे पर्वतों पर पायी जाती है । उच्च पर्वतीय प्रदेशों में ठंड काफी होती है और वर्षा बर्फ के रूप में होती है । इस प्रकार कि जलवायु शकी, एंडीज़, हिमालय और दूसरी पर्वतमालाओं के अधिक ऊंचाई वाले भागों में पायी जाती है ।
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prathvi k andar surya jesi aag h to prathvi ki mitti rup kese hua please
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पृथ्वी के अंदर तापमान अत्याधिक है लेकिन सूर्य के जैसे नही।
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क्या धरती पर 15 दिन अन्धेरा रहेगा
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https://vigyanvishwa.in/2015/09/05/novblackouthoax/
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क्या एलियन 👽 हैं
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एक तारे के कई ग्रह होते है। आकाशगंगा मे अरबो तारे है, ब्रह्मांड मे अरबो आकाशगंगाये है।
पूरी संभावना है कि किसी ना किसी ग्रह पर बुद्धिमान जीवन अवश्य होगा। एलियन अवश्य होंगे।
लेकिन उनका पृथ्वी तक पहुंचना लगभग असंभव है क्योंकि सूर्य के सबसे निकटस्थ तारा भी चार प्रकाश वर्ष् दूर है। उस तारे से प्रकाश गति से भी पृथ्वी तक आने मे कम से कम चार वर्ष लगेंगे। आइंस्टाइन के अनुसार प्रकाश गति या उससे तेज यात्रा संभव नही है, अर्थात इससे कम समय मे यात्रा संभव नही है।
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sir, Big bang kaha hua tha? kya universe ke bahar bhi ek vatavaran hai? ya hum esa samjh skte hai ki hum ek room me kisi gubbare ke andar hai ….. ?
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इस लेख मे आपके प्रश्न का उत्तर है
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manav jeevan aur taro k beech kaya sambandh h
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सर अगर पृथ्वी से बाहर जाना हो तो रॉकेट से जाते है जाते है जब अपोलो ११ मीशन के अंतर्गत अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह पर उतरे और फिर वहा से वापस आ गये पर कैसे क्या उन्होने चंद्रमा की कक्षा से निकलने के लिये राकेट का प्रयोग किया लेकिन वहॉ तो वायुमंडल नही है फिर कैसे???
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चंद्रमा की सतह से उड़ने के लिये भी राकेट का प्रयोग हुआ था। राकेट इंजन को वायुमंडल की आवश्यकता नही होती है, वे इंधन के ज्वलन के लिये आक्सीजन साथ ले जाते है।
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kya prathvi ko toda ja sakta jese vigyan sakti atom bomb
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हाँ पृथ्वी को तोडा जा सकता है, लेकिन उसके केंद्र मे बड़ा सा बम रखना होगा। बम बनाया जा सकता है लेकिन पृथ्वी के केंद्र तक पहुंचना आसान नही है।
1.
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Sir jab koi pahiya ghumta hai to usse banne wali urjaa ko store kaise kare tatha us urjaa se light kase jalaun.
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इसके लिये आपको एक जनरेटर बनाना होगा जो घुमने से उत्पन्न यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत मे बदल सके, बाद मे इस विद्युत ऊर्जा को आप बैटरी मे संग्रहीत कर सकते है।
विस्तृत जानकारी यहाँ दी है।
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suraj ko prakash kanha se milti hai ?
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सूर्य के केंद्र मे नाभिकिय संलयन की प्रक्रिया होती है जिससे हायड़्रोजन के परमाणु हिलियम नाभिक बनाते है, इस प्रक्रिया मे ऊर्जा मुक्त होती है। यही ऊर्जा प्रकाश के रूप मे पृथ्वी तक पहुंचती है।
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Sir…prithvi ki janmkaise hua? Aur mitti ki janm kaise hua?
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सौर परिवार(सूर्य और सभी ग्रह) का जन्म गैस व धूल के एक बहुत बड़े बादल से हुआ है l अरबों वर्ष पहले सौर-परिवार गैस व धूल के बादलों के रूप में था l गुरुत्वाकर्षण बल के अंतर्गत गैस व धूल के परमाणु लाखों वर्षों में पास-पास आने लगे। जैसे-जैसे समय बीतता गया ; यह बादल एक तश्तरी के रूप में परिवर्तित होता गया और अपनी धुरी का चक्कर लगाने लगा। कालांतर में इस तश्तरी के कई भाग हो गए। इस पदार्थ का 90% भाग इस चक्की के केंद्र में इकट्ठा हो गया और शेष 10% छल्लों में बंटकर बिच वाले गोले का चक्कर काटने लगा। यही बीच वाला गोला आगे चलकर सूर्य बना और शेष छल्ले में बंटकर बीच वाले गोले का चक्कर काटने लगा l यही बीच वाला गोला आगे चलकर सूर्य बना और शेष छल्ले ग्रहों में बदल गए।
गुरुत्वाकर्षण बल के अंतर्गत यह गोला सिकुड़ता गया और सिकुड़ने के कारण यह छोटा और गर्म होता गया। इसके फलस्वरूप इसमें ताप नाभिकीय क्रियाएं (Nuclear Fusion) शुरू हो गई। इन कियाओं के परिणामस्वरूप सूरज से गर्मी और प्रकाश निकलने लगा और सारा सौरमंडल इसकी रौशनी से चमक उठा। अब तक सूर्य पृथ्वी सहित इन ग्रहों को अपना प्रकाश दे रहा है। इस सिद्धांत को मूल रूप में सन् 1796 में फ़्रांस के गणितज्ञ पियारे साइमन लेपलास (Pierre Simon Laplace) ने दिया था। इसके बाद इस सिद्धांत में कई संशोधन किए गए हैं आज सौर-परिवार की उत्पत्ति के विषय में इसी सिद्धांत को मान्यता दी जाती है।
पृथ्वी प्रारंभ मे गैस का गोला थी, धीमे धीमॆ ठंडी होकर ठोस हुयी, इसके मध्य मे ठोस लोहे की गुठली, उसके चारो ओर पिघला लावा और उपर चट्टान मिट्टी की परत है।
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नमस्ते सर आपका पिछला लेख पड़ा जिसका शीर्षक अफवाह से था इसमे आपने नीबूरू और प्लानेट x का जिक्र किया है , जिसे कुछ लोग मानते है कि इसके टकराने से पृथ्वी नष्ट हो जायेगी क्या ऐसा हो सकता है ? अगर कोई ग्रह या धूमकेतु पृथ्वी की तरफ आया तो कितनी गति से आयेगा क्या इसके बारे मे हमे पहले से पता चल जायेगा क्या इसे रोक सकते है अगर इसे अंतरिक्ष मे ही हाइड्रोजन बम या प्रतिपदार्थ के विस्फोट से नष्ट कर दे तो क्या ये संभव है?
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किसी ग्रह की पृथ्वी की ओर आने की कोई संभावना नही है। धुमकेतु/क्षुद्रग्रह अवश्य आ सकते है। गति का अनुमान कठिन है क्योंकि वह हर पिंड के लिये भिन्न हो सकती है।
पृथ्वी से टकराव के बाद होने वाला विस्फोट की मात्रा भी उसकी गति और द्रव्यमान पर निर्भर है, लेकिन यह विस्फोट इतना भयावह होगा कि महीनों तक धूल के बादल सारी पृथ्वी को घेरे रहेंगे और अधिकतर जीवन नष्ट हो जायेगा। यह टकराव सैकड़ो हायड्रोजन विस्फोट के तुल्य होगा।
यह भी माना जाता है कि सौर मंडल के प्रारंभिक दिनो मे एक ऐसे ही टकराव से चंद्रमा बना था। अब से ६५ करोड़ वर्ष पहले डायनोसोर के खात्मा भी ऐसे ही टकराव से हुआ था।
वर्तमान मे यदि कोई ऐसा धुमकेतु पृथ्वी तक आये तो उससे बचने की तकनीक नही है लेकिन शायद भविष्य मे संभव हो। परमाणु/हायड्रोजन बम का प्रयोग ज्यादा नुकसानदेह होगा क्योंकि उससे धुमकेतु टूकडो मे बंट जायेगा और सारे टूकड़े पृथ्वी के अलग अलग भाग से टकरायेंगे, जबकि संपूर्ण धूमकेतु पृथ्वी के एक ही भाग से टकरायेगा।
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जब संपूर्ण धूमकेतु पृथ्वी की सतह से टकरायेगा तो अपेक्षाकृ ज्यादा नुकसान होगा क्योकी इससे बहुत बड़ा भुकंप और सुनामी आयेगा और हो सकता है पृथ्वी अपनी धुरी से विचलित हो जाये और अगर विष्फोट से ये छोटे छोटे टुकड़ मे बटकर पृथ्वी के अलग अलग सतह से टकराये शायद नुकसान कम होगा और हो सकता है ये वायुमंडल मे ही जल जाये
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Sir aakash ganga kya h….
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आकाशगंगा, मिल्की वे, क्षीरमार्ग तारो के एक विशाल समूह को कहते हैं। मंदाकिनी नाम की आकाशगंगा मे पृथ्वी और हमारा सौर मण्डल स्थित है। हमारी आकाशगंगा आकृति में एक सर्पिल (स्पाइरल) आकार की है, जिसका एक बड़ा केंद्र है और उस से निकलती हुई कई वक्र भुजाएँ। हमारा सौर मण्डल इसकी शिकारी-हन्स भुजा (ओरायन-सिग्नस भुजा) पर स्थित है। हमारी आकाशगंगा में 100 अरब से 400 अरब के बीच तारे हैं और अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 50 अरब ग्रह होंगे, जिनमें से 50 करोड़ अपने तारों से जीवन-योग्य तापमान रखने की दूरी पर हैं।
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सर आकाशगंगा के बीच में विशाल black hole होता है जिसका गुरुत्व हमारी आकाशगंगा को बांधे हुए है तो सर आकाशगंगा के समूह को किसका गुरुत्व है जिसकी परिक्रमा आकाशगंगा का समूह लगा रही होती है कृपया समझाएं सर…
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वे आकाशगंगाये एक दूसरे के इतने समिप है कि वे अपने गुरुत्व से एक दूसरे को प्रभावित करती है। इस स्थिति मे उनके मध्य एक गुरुत्व केन्द्र बन जाता है और वे उस केंद्र की परिक्रमा कर रही है।
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Sir agar manav ki body ka rang melenin naam ke rasayan pr nirbhar karta h to kya vo chemical jyada hona chahiye ya km
or gora hone ke liye kya khana chahiye
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मेलेनिन मानव को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणो से बचाता है। पराबैगनी किरणो से कैंसर हो सकता है।
मेलेनिन की कितनी मात्रा होना चाहिये ? यह निर्भर करता है कि आप किस क्षेत्र मे रहते है और सूर्य की रोशनी मे कितनी देर रहते है। धूप मे रहने के लिये मेलेनिन अधिक चाहिये, अन्यथा इसकी मात्रा कम भी हो तो चलेगा।
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newton k gati k niyam do graho k bech ki duri gyat karne k liyr lagaye ja kese sakte h
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आप हज़ारों प्रकाश वर्ष दूर के तारों को देख सकते है।
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big bang suru kese hua
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इसका उत्तर अभी विज्ञान के पास नही है।
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Sir parents se unke children ka blood group kaise decied hota h…iske liye koi link batae taaki detail me pta chale…with diagram
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O पिता x O माता = O बच्चा
O पिता x A माता = A या O बच्चा
O पिता x B माता = B या O बच्चा
O पिता x AB माता = A या B बच्चा
A पिता x A माता = A या O बच्चा
A पिता x B माता = A, B, AB या O बच्चा
A पिता x AB माता = A, B या AB बच्चा
B पिता x B माता = B या O बच्चा
B पिता x AB माता = A, B या AB बच्चा
AB पिता x AB मात्रा = A, B या AB बच्चा
पिता और माता को उलट देने पर कोई अंतर नही आयेगा।
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kis jagah visva jayada baarish hoti h
]
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मनसीनराम मेघालय!
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supernova kya hota h
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इस लेख मे आपके प्रश्न का उत्तर है।
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sir earth gol hi ku bni ,,,ye chakor bhi to bn skti thi na ??
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गुरुत्वाकर्षण के कारण! गुरुत्वाकर्षण के कारण पदार्थ का हर कण गुरुत्वाकर्षण केंद्र की ओर खींचा जाता है। ऐसी स्थिति मे गोलाकार ही ऐसा आकार है जिसमे सतह का कर कण केंद्र से समान दूरी पर हो सकता है।
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Airplane mode kyon kiya jata h
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मोबाईल उपकरण विमान की संचार प्रणाली मे बाधा उत्पन्न कर सकते है। एअरप्लेन मोड मे मोबाईल उपकरण की रेडीयो संचार प्राणाली बंद होती है , जिससे वे विमान की संचार प्रणाली मे बाधा उ्तपन्न नही कर सकते है।
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newtrino ye. kya. hota h
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इन लेखों मे आपके प्रश्न का उत्तर है।
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नमस्कार सर ।
क्या भविष्य मे टाईम मशीन का आविष्कार हो शकता है?
यदि हा
तब अगर टाईम मशीन द्वारा भुतकाल मे कीसी पदार्थ मे कीसी प्रकार का बदलाव लाया जाए तो क्या भविष्य मे उस पदार्थ मे कीसी प्रकार का बदलाव होगा या नहि?
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Sirji jaise hamari prithvi sun ka chakkar laga rahi hai aur sun akashganga k gurutvakarshan se akashganga ka chakkar laga raha hai to kya akashganga bhi kisi k gurutvakarshan se kisi ka chakkar laga rahi hai?
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आकाशगंगा भी अकेले नही होती है वे एक समूह मे होती है और एक गुरुत्वीय केंद्र की परिक्रमा करती है।
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Sir hum nadi me kaise terr pate h….
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दो कारक है, १.अपना घनत्व पानी के घनत्व से कम कर(फ़ेफ़ड़ो मे सांस भर कर)
२. हाथो और पैरो द्वारा पानी को नीचे धकेलते है,प्रतिक्रिया मे पानी हमे उपर धकेलता है।
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earth ke niche se water kis srot se aa raha hai
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पृथ्वी के सतह के नीचे का पानी लाखो वर्ष तक बरसात के पानी का सतह से नीचे रीसाव हो कर जमा हुआ है।
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sir water sky banta hai aur fir water to first time me water kaise bana?
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ये माना जाता है कि जल अंतरिक्ष मे बना और धूमकेतुओ द्वारा पृथ्वी पर लाया गया।
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Kya sabi tare garm h
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सभी तारों मे हायड्रोजन संलयन द्वारा ऊर्जा उत्पादन होता है। सभी तारे अत्याधिक गर्म होते है।
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kya Surya k alava baki tare b garm h?
Agr garm h to hmtk garmi kyo nahi pahuchti?
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सभी तारे सूर्य के जैसे ही होते है लेकिन वह सूर्य की तुलना मे अत्याधिक दूरी पर है जिससे उनकी गर्मी हम तक नही पहुंचती है।
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सर,
तारों को वैज्ञानिक कैसे देखते हैं,यदि दूरदर्शी से तो आँखों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ?
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वैज्ञानिक तारो या किसी भी आकाशीय पिंड को सीधे नही देखते है। आधुनिक दूरदर्शीया तस्वीरे लेती है और सीधे टीवी जैसे उपकरणो पर दिखाती है।
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telescope. kya h please
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दूरदर्शी(Telescope) वह प्रकाशीय उपकरण है जिसका प्रयोग दूर स्थित वस्तुओं को देखने के लिये किया जाता है। दूरदर्शी से सामान्यत: लोग प्रकाशीय दूरदर्शी का अर्थ ग्रहण करते हैं, परन्तु दूरदर्शी विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के अन्य भागों मै भी काम करता है जैसे X-रे दूरदर्शी जो कि X-रे के प्रति संवेदनशील होता है, रेडियो दूरदर्शी जो कि अधिक तरंगदैर्घ्य की विद्युत चुंबकीय तरंगे ग्रहण करता है।
दूरदर्शी साधारणतया उस प्रकाशीय तंत्र (optical system) को कहते हैं जिससे देखने पर दूर की वस्तुएँ बड़े आकार की और स्पष्ट दिखाई देती हैं, अथवा जिसकी सहायता से दूरवर्ती वस्तुओं के साधारण और वर्णक्रमचित्र (spectrograms) प्राप्त किए जाते हैं। दूरवर्ती वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आजकल रेडियो तरंगों का भी उपयोग किया जाने लगा है। इस प्रकार का यंत्र रेडियो दूरदर्शी (radio telescope) कहलाता है। बोलचाल की भाषा में दूरदर्शी को दूरबीन भी कहते हैं।
दूरबीन के आविष्कार ने मनुष्य की सीमित दृष्टि को अत्यधिक विस्तृत बना दिया है। ज्योतिर्विद के लिए दूरदर्शी की उपलब्धि अंधे व्यक्ति को मिली आँखों के सदृश वरदान सिद्ध हुई है। इसकी सहायता से उसने विश्व के उन रहस्यमय ज्योतिष्पिंडों तक का साक्षात्कार किया है जिन्हें हम सर्पिल नीहारिकाएँ (spiral nebulae) कहते हैं। ये नीहारिकाएँ हमसे करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी पर हैं। आधुनिक ज्योतिर्विज्ञान (astronomy) और ताराभौतिकी (astrophysics) के विकास में दूरदर्शी का महत्वपूर्ण योग है। दूरदर्शी ने एक ओर जहाँ मनुष्य की दृष्टि को विस्तृत बनाया है, वहाँ दूसरी ओर उसने मानव को उन भौतिक तथ्यों और नियमों को समझने में सहायता भी दी है जो भौतिक विश्व के गत्यात्मक संतुलन (dynamic equilibirium) के आधार हैं।
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Sir jab hum apna bhar napte h to vo kg me show krta h…ye bhar h yaa dravymaan
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द्रव्यमान को kg मे मापते है, भार को kg. m/s2 या N(न्युटन) मे मापते है।
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किसी ग्रह का अपने अक्ष पर घूमने का समय उसके गुरुत्वाकर्षण पर निर्भर करता है? यदि हाँ तो सूर्य को अपने अक्ष पर बृहस्पति से पहले घूम जाना चाहिए। किन्तु ऐसा नही होता क्यों?
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ग्रह का अपने अक्ष पर घूमने का समय उसके निर्माण के समय प्राप्त कोणिय संवेग (Angular Momentum) पर निर्भर करता है।
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क्या आकाश और अन्तरिक्ष एक ही वस्तु है? दोनों की परिभाषा क्या है?
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नही आकाश केवल एक भ्रम है जोकि पृथ्वी के वायुमंडल के कारण निला दिखायी देता है। जबकि पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर के स्थान को अंतरिक्ष कहा जाता है।
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ताप के मात्रक सेल्सियस, फारेनहाइट, और रियुमर को डिग्री में मापा जाता है, किन्तु केल्विन को नहीं क्यों?
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केल्विन को भी डीग्री केल्विन ही कहते है।
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किसी ग्रह या तारे का द्रव्यमान और घनत्व को कैसे मापा जाता है?
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द्रव्यमान को मापने के लिये उस ग्रह या तारे द्वारा अपने पास के किसी पिंड पर लगाये गये गुरुत्वाकर्षण की गणना की जाती है, उससे द्रव्यमान ज्ञात किया जाता है। ग्रह की दूरी और आभासीय आकार से उस ग्रह /तारे का आयतन पता किया जाता है। आयतन और द्रव्यमान की सहायता से घनत्व।
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Jaise hum shakkar kharidte hain to hme kg me milti h ye dravyman hota h yaa bhar….yaa fir hamar vajan tolne pr machine dravyman batati h yaa bhar
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हम दैनिक जीवन मे द्रव्यमान का ही प्रयोग करते है। भार केवल भौतिकी ही मे प्रयुक्त होता है।
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sturcture of the atom ditels
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how do we know about somthing it is pure or mix
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रासायनिक जांच के द्वारा , लेकिन हर पदार्थ की शुद्धता जांच का तरिका अलग है।
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Sir. tapman jo Centugred ko Ferenhighd me kis prakar badalte h. Gaditiy sutra bataiye
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°C x 9/5 + 32 = °F
(°F – 32) x 5/9 = °C
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dravyaman kya hai or kisi padarthb ka dravya kyu hota h
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1. द्रव्यमान- किसी वस्तु मे कितना द्रव्य उपस्थित है इसको मापना की द्रव्यमान कहलाता है| 2. भार- कोई वस्तु [body] गुरुत्व के कारण अपने उपर कितना बल का अनुभव करती है वही भार होता है| अब जरा अंतर समझ लीजिये- 1. द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम होता है जबकि भार का मात्रक किलोग्राम भार या न्यूटन या किलोग्राम*मीटर/ सेकेंड वर्ग होता है 2. द्रवयमान हमेशा नियत रहता है आप चाहे आप स्पेस मे कहीं पर भी हो जबकि भार बदलता रहता है – W = mg (where W= weight, m=mass, g= gravity) [पृथ्वी पर भार द्रव्यमान का लगभग 10 गुना होता है क्योंकि गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान पृथ्वी पर 9.81 या लगभग 10 मीटर पर सेकेंड वर्ग होता है]3. पृथ्वी पर अगर आपका द्रव्यमान 6.5 किलोग्राम है आपका भार होगा लगभग 65 किलोग्राम-भार या न्यूटन और अगर आप चंद्रमा पर चले गये तो वहां पर भी आपका द्रव्यमान 65 किलोग्राम ही रहेगा लेकिन आपका भार 10.83 किलोग्राम-भार हो जायेगा क्योंकि वहां पर गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण से 6 गुना कम होता है|
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earth , sun का परिक्रमा लगा रही है sun किसका परिक्रमा रहा है अगर sun अाकाशगंगा (milky way) के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है .सर मेरा question हैं कि अगर sun अाकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है तो उसके केंद्र में कौ सा बल है जबकि big bang theory के अनुसार हर पिंड एक दूसरे से दूर जा रहे हैं
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हर आकाशगंगा के केंद्र मे एक महाकाय श्याम विवर या ब्लैक होल होता है। यह ब्लैक होल गुरुत्वाकर्षण से सारी आकाशगंगा को बांधे रखता है। सूर्य इसी ब्लैक होल की परिक्रमा कर रहा है।
बिग बैंग के पश्चात अंतरिक्ष का फैलाव हो रहा है, आकाशगंगाये एक दूसरे से दूर जा रही है। लेकिन यह प्रक्रिया हर जगह नही हो रही है। आकाशगंगा या हमारा सौर मंडल जैसी जगहो पर गुरुत्वाकर्षण प्रभावी होता है, और इसमे पिंड एक दूसरे से दूर नही जा रहे है।
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humko. ko. thakan kyo. hoti h. jab. hum work. karke vapis. ghar aate h
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थकान का अर्थ है कि आपकी मांस पेशीयो मे कुछ टूट फुट हो गयी है, उनकी ऊर्जा कम हो गयी है। मांस पेशीयों की मरम्मत के लिये कुछ समय चाहिये होता है, जो आराम करने पर मिल जाता है। तथा ऊर्जा की आपूर्ती भोजन द्वारा हो जाती है।
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ansu ges kahte hai
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अश्रु गैस अथवा ‘आंसू गैस’ (अंग्रेज़ी: Tear gas) एक हथियार के रूप में प्रयोग की जाने वाली गैस है। अनियंत्रित तथा उपद्रव कर रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अश्रु गैस का उपयोग किया जाता है। हालांकि अश्रु गैस छोड़ने के बाद आँख में थोड़ी जलन होती है, लेकिन पानी से धोने के बाद यह जलन तुरंत समाप्त हो जाती है।
जब अश्रु गैस आँखों के सम्पर्क में आती है तो कॉर्निया के स्नायु उत्तेजित हो जाते हैं, जिससे आँख से आंसू निकलने लगता है, दर्द होता है और अंधापन भी हो सकता है।
‘क्लोरोपिक्रिन’ एक जहरीला रसायन है, जिसका रासायनिक सूत्र CCl3NO2 है। यह अश्रु स्रावक है और त्वचा तथा श्वसन तंत्र के लिए भी हानिकारक है। 3 से 30 सेकण्ड तक 0.3 से 0.37 पीपीएम क्लोरोपिक्रिन के सम्पर्क में आने से अश्रु-स्राव तथा आँखों में दर्द होने लगता है। प्रबल अश्रु स्रावक होने के कारण क्लोरोपिक्रिन का प्रयोग अश्रु गैस के रूप में होता है।
प्रमुख अश्रुकर गैसें हैं- OC, CS, CR, CN (फेन्यासील क्लोराइड), ब्रोमोएसीटोन, जाइलिल ब्रोमाइड तथा सिन्-प्रोपेनेथिअल-एस-आक्साइड
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पृथ्वी पर लोग बड़े स्तर पर चमत्कार, ईश्वर, भूत-भविष्य, आध्यात्म, आदि को मानते हैं एवं इनसे प्रभावित हैं लेकिन विज्ञान के अनुसार यह सब महज़ कल्पना है, तो क्या ये सब व्यर्थ है या इन सब मे भी कोई ‘विज्ञान’ छिपा हो सकता है?
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सत्य को असत्य व भ्रम से अलग करने के लिये अब तक आविष्कृत तरीकों में वैज्ञानिक विधि सर्वश्रेष्ठ है। संक्षेप में वैज्ञानिक विधि निम्न प्रकार से कार्य करती है:
(१) ब्रह्माण्ड के किसी घटक या घटना का निरीक्षण करिए,
(२) एक संभावित परिकल्पना (hypothesis) सुझाइए जो प्राप्त आकडों से मेल खाती हो,
(३) इस परिकल्पना के आधार पर कुछ भविष्यवाणी (prediction) करिये,
(४) अब प्रयोग करके भी देखिये कि उक्त भविष्यवाणियां प्रयोग से प्राप्त आंकडों से सत्य सिद्ध होती हैं या नहीं। यदि आकडे और प्राक्कथन में कुछ असहमति (discrepancy) दिखती है तो परिकल्पना को तदनुसार परिवर्तित करिये,
(५) उपरोक्त चरण (३) व (४) को तब तक दोहराइये जब तक सिद्धान्त और प्रयोग से प्राप्त आंकडों में पूरी सहमति (consistency) न हो जाय।
किसी वैज्ञानिक सिद्धान्त या परिकल्पना की सबसे बडी विशेषता यह है कि उसे असत्य सिद्ध करने की गुंजाइश (scope) होनी चाहिये।
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sir
kya bavisya h or bootkal h kyoki ham to aaj me hi rahte h?
agar h to hame kese pta chalega ki ye boot h ya fir bavisya?
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हम हमेशा वर्तमान मे रहते है। भूतकाल हमारी स्मृतियों मे होता है और भविष्यकाल हमारी कल्पना मे।
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सर क्या हंम से प्रकाश निकलता ।तभी हमें अपना प्रतिबंम दर्पण में दिखाई देता ह।
चुकी हम से निकल के किरण दर्पण पर परावर्तन के बाद प्रतिबिम्ब बनाता हे।
Plz
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प्रकाश श्रोत से प्रकाश आपसे टकराता है, वह परावर्तित होकर दपर्ण मे जाता है और आप अपना प्रतिबिंब देख पाते है।
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Thank you
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ROCHAK JANKARI
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thank you sir me aapse bahut khush hu.. Ki aap saare sawalo k jawab saadgi se dete ho..
Kya iss site ka koi app nahi he..
Agar hota to sir maza aa jata
yaa aisa koi app jisspe iss prakar ki jankari di jati he kripya naam bataye..
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अभी एप्प नही है लेकिन बनाने का प्रयास करेंगे!
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Agar aisa hai to ramayan, mahabhart, ram, vishnu, mahadev ye sab andhvishwash hai???
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आपने जो नाम गिनाये है ये सभी साधारण मानव भी हो सकते है जिन्होने असाधारण कार्य किये!
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sir ek que hai..
Mujhe singer banna he but gala bar bar kharab ho jata he..
Meri November me song recording hai..
Plz batao ki me aisa kya karu ya khau jisse mera gala hamesha saaf rahe..
Orr kya har insaan singer ban sakta hai???????
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इस समस्या के लिये आप किसी नाक-कान-गले(ENT Specialist) चिकित्सक से मीले, वही आपको सही सलाह दे पायेगा।
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Repeqted sir..
Kya paani nasht hota hai..??
If no then prathvi me kitne bheetar tak pani he..???
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नही पानी भी नष्ट नही होता है। पृथ्वी की सतह के नीचे जल 35-70 किमी तक है।
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repeqted sir..
Kya sach me bhagwan ya bhoot hote he..??
Me aaj tak confusion me hu plz reply must..
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विज्ञान भूत और भगवान दोनो के अस्तित्व को नही मानता है।
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vastu. m. dravyaman kis rup m. rahta h
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हर मूलभूत कण का द्रव्यमान होता है, किसी भी वस्तु मे द्रव्यमान उसके कणो के द्रव्यमान के रूप मे रहता है।
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proton atom m kitna percent sthan. gherta. h.
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किस परमाणु के संदर्भ मे ? यदि आप हायड्रोजन परमाणु की बात करे तो 0.0001 %
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sir Ji. ye. bhi. bataye. ki. black hole hot a. kya. h. sacral. bhasa. m spast. kare
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ब्लैक होल का तापमान जानने का कोई तरिका नही है।
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sir. answer dene. ka. last. late. ye. bataye. ki. prathvi. ka. ghanatv matalab. density kitni. h
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५.५१३ ग्राम/घन सेमी
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नमस्कार सर
सूर्य के प्रकाश निकलती हैं तो निकली हुई प्रकाश जाती है कहाँ?
कहने का मतलब कि जब मैं रात मे टार्च जलता तो उससे प्रकाश निकलती है फिर टार्च बंद करने के बाद निकली हुई प्रकाश गई कहाँ?
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प्रकाश की राह मे अवरोध ना हो तो अनंत दूरी तक वह चलते जायेगी। यदि उसके राह मे अवरोध हो तो कुछ भाग परावर्तित हो जायेगा, कुछ भाग उस अवरोध द्वारा अवशोषित हो जायेगा। पारदर्शी पदार्थ के आर पार भी चला जाता है, लेकिन कुछ भाग अवशोषित भी होगा।
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पृथ्बी के अलावा और कोइ ग्रह पर पानी है ?
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मंगल और प्लूटो पर पानी है, इसके अतिरिक्त बृहस्पति के उपग्रह युरोपा और एन्क्लेडस पर भी पानी है।
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Sir proton k bhi bhag hain kya…? Agar hain to naam or in pr aavesh bataiye
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प्रोटान दो अप और एक डाउन क्वार्क से बना होता है। अप क्वार्क का आवेश +2⁄3 तथा डाउन क्वार्क का आवेश -1/3 होता है।
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Sir baraf gram hoti h ya thandi
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ठंडी
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prthvi. ka. sabse. najdik. Tara. kon h
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प्राक्सीमा जोकि चार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।
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prathvi ka volume. kitna h
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1.08321×10^12 घन किमी
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Sir पानी और जल दो अलग चीज़ हैं या एक….
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पानी और जल , दोनो एक ही है।
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Manushya ka sabse nikat tam pashu koun sa h gorilla ya chipm
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चिम्पाजी.
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सर जी,
पृथ्वी पर पानी और जल का प्रतिशत क्षेत्रफल की दृष्टि से हैँ या द्रव्यमान की दृष्टि से हैँ?
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सतह के क्षेत्रफल की दृष्टि से
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sir photography k andhere kamre me laal rang k dhima light kyo rkha jata h
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वह विशेष तरह की लाल रोशनी होती है जिसका फोटोग्राफिक फ़िल्म पर कोई प्रभाव नही होता है। साधारण प्रकाश मे फोटोग्राफ़िक फ़िल्म खोले जाने पर फ़िल्म की फोटो खराब हो जायेंगी।
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किसी वस्तू को कितनी रफ्तार से फेका जाएँ कि वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर चला जाएँ और बाहर जाने पर क्या करता हैँ।
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40,270 किमी/घंटा गति से किसी वस्तु को फ़ेंके जाने पर वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर चली जायेगी, लेकिन सूर्य के गुरुत्वाकर्षण मे रहेगी और सूर्य की परिक्रमा प्रारंभ कर देगी।
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सर,
टीवी ,मोबाइल या कम्पुटर सबसे पहले ब्लैक एंड वाइट होता था,
जब इतना जटिल चीज बना सकते तो रंगीन क्यों नही बनाया ?
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तकनीक का विकास अपना समय लेता है। पहले सरल वस्तु बनती है धीरे धीरे जटिल होते जाती है। श्वेत श्याम टीवी, मोबाइल , कंप्युटर मानीटर बनाना अपेक्षाकृत आसान है, केवल दो रंगो को दिखाना है। लेकिन रंगीन तस्वीर के लिये लाखो रंग के शेड बनाने होते है।
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sir grutwakrshan prithavi se upar kitni ujai tak hota hai?
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गुरुत्वाकर्षण की सीमा नही होती है, वह अनंत दूरी तक कार्य करता है, बस दूरी के साथ वह कमजोर होते जाता है।
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क्या इस ब्रमान्ड मे.इलियन भी.है?तो.कहाँ पर. है कृपया हमे बताए धन्य्बाद
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अभी तक हमारे पास इस प्रश्न का उत्तर नही है। विज्ञान इस प्रश्न का उत्तर पाने का प्रयास कर रहा है।
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moon hamari earth se kitna door he
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384,400 km
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sir newton ka 1st niyam hai ki agar koi vastu chalti hai to chalti rhegi to cycle ko ek bar chala dene par chalne ke bjay wah thodi chal jane par ruk jati hai.
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पृथ्वी के वातावरण मे अनेक प्रतिरोध होते है जैसे सतह का घर्षण, वायु का प्रतिरोध जिससे वस्तु की गति कम हो जाती है। लेकिन अंतरिक्ष मे कोई प्रतिरोध ना होने से वस्तु एक बार गति प्राप्त करने के बाद अनंत तक गतिशील रहती है।
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Sir please जबाब दिजीये ! किसी इंसान को छोटे b-d मे और बरे C-D मे अन्तर ना पता चलना क्या कारण है ये कोई बिमारी है या फिर कुछ और ! बिमारी है तो इसका क्या इलाज है!
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यह एक बिमारी है, इसके लिये आप किसी सायकोलाजिस्ट से मिले, वह आपको सही सलाह दे पायेगा। विज्ञान विश्व टीम को इस बारे मे अधिक जानकारी नही है।
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sir aavrt sarni me hum kisi tatv ki shithti kaise Jan sakte hai ex. Clorin ki stiti bataiye
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सर कहते ह की प्रकाश किरण परवर्तन के बाद सतह से टकरा कर वापस लोट आती हे।
तो जब हम दर्पण में देखते हे तो क्या
हम से प्रकाश किरण निकलती ।plz
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हाँ, प्रकाश स्रोत जैसे सूर्य/बल्ब से प्रकाश आप पर पड़ा, वह आपसे टकराकर दर्पण मे जायेगा, वह परावर्तन होकर वापिस आ रहा है।
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Hampr jitna gravitational force lag rha hai usey kuch samay k liye khatm kiya ja skta hai?
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गुरुत्वाकर्षण को कम करने या ख़त्म करने की कोई भी तकनिक अब तक ज्ञात नही है।
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silicon kya hai
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सिलिकॉन (Silicon) ; प्रतीक : Si) एक रासायनिक तत्व है। यह पृथ्वी पर ऑक्सीजन के बाद सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। सिलिकॉन के यौगिक एलेक्ट्रॉनिक अवयव, साबुन, शीशे एवं कंप्यूटर चिप्स में इस्तेमाल किए जाते हैं। सिलिकॉन की खोज १८२४ में स्वीडन के रसायनशास्त्री जोंस जकब बज्रेलियस ने की थी। आवर्त सारिणी में इसे १४वें स्थान पर रखा गया है।
उपयोग
सिलिकॉन यौगिकों, जैसे सिलिकॉन कारबाइड (SiC) को उनकी अनोखी विशेषताओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कठोरता में यह तत्व हीरे की बराबरी करता है। जब सिलिकॉन को अन्य तत्वों के साथ मिलाया जाता है तो उस यौगिक को सिलिकेट कहते हैं। सिलिकेट्स को अनेक औद्योगिक कार्यो के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इनकी अन्य रासायनिक यौगिकों के साथ क्रिया कराई जाती है ताकि यह अपने सिलिकॉन तत्व अलग करें या अन्य तत्वों के साथ विभिन्न कार्यों के लिए क्रिया कर सकें। बेकरी के नॉन-स्टिक उपकरण, बिजली उत्पादों के शील्ड सिलिकॉन से बनते हैं।
सिलिकॉन का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अधिकाधिक प्रयोग होने के कारण अमेरिका की कंप्यूटर जगत के केंद्र को सिलिकॉन वैली का नाम दिया गया है।
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badiya hai jankari se bhara huaa uttam pryas
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सर,विश्व में हर वर्ष अरबो टन अनाज,सब्जिय आदि का पैदावार होता हैं तो क्या इससे पृथ्वी का भार नही बढ़ता ?
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ये अनाज पृथ्वी से पानी और अन्य पदार्थ लेकर ही उत्पन्न होते है। कोई नयी वस्तु नही बन रही है, बस एक रूप से पौधे उसे दूसरे रूप मे बदल रहे है, जिससे भार नही बढ़ेगा।
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Agar ped phode dharti ke tatwo jaise pani, mitti etc ko use karte he to isse to dharatal khokhla hota hoga na..
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पेड़ पौधे मरकर भी तो उसी धरती मे मिल जाते है! ये एक चक्र है! मिट्टी पानी से पेड़, पेड़ से मिट्टी पानी!
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Alian hote hai..
Kya ye sach hai or kaha tak sach he??
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एलीयन हो सकते है। ब्रह्माण्ड मे लाखो आकाशगंगाये है, हर आकाशगंगा मे अरबो तारे। हर तारे के कई ग्रह। ऐसे मे पृथ्वी के बाहर भी जीवन होगा। लेकिन उनका पृथ्वी तक आना ब्रह्मांडीय दूरीयो के कारण संभव नही है। पृथ्वी के सबसे पास का तारा चार प्रकाशवर्ष दूर है, वहाँ से कोई यान प्रकाशगति से भी आये तो ४ वर्ष लग जायेंगे। लेकिन प्रकाशगति से या उससे तेज गति से यान का चलना संभव नही है।
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Hira me parkash ki chal kitni hoti hi
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1.24018189×10^8 m/s
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Agar jupiter itna hi vishal he ki sabhi grah usme sama jaye fir bhi thodi jagah bach jaye.. To fir wo dikhai kyu nahi deta.. Plz samjhaye saral bhasha me..
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बृहस्पति ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। आप अक्टूबर माह मे सुबह सूर्योदय से एक घंटे पहले बृहस्पति, मंगल और शनि तीनो को पुर्व दिशा मे देख सकते है।
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सरल भाषा मे बताने का कष्ट करे की मौसम क्यू बदलते है और इनके कारण
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ऋतुओं का कारण क्या है?

सूर्य के गिर्द चक्कर लगाते समय पृथ्वी थोड़ा तिरछी रहती है, वह अपने अक्ष से 23 डीग्री झुकी हुयी है। जो गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका रहता है, उसे ज्यादा गर्म धूप मिलती है और वहां गर्मियां होती हैं।
जो गोलार्ध सूर्य से उलट दिशा में झुका होता है, वहां सर्दियां होती हैं। हर साल, पहले छ: महिने एक गोलार्ध सूर्य के नजदीक होता है, फिर अगले छः महिने दूसरा। इसी से मौसम बदलते हैं।
* मार्च में, दोनों में से किसी भी गोलार्ध पर सीधी धूप नहीं पड़ती। उत्तर में वसन्त है और दक्षिण में शरद।
* जून में, उत्तरी गोलार्ध पर सीधी धूप पड़ती है और वहां गर्मियां हैं, जबकि दक्षिण में सर्दी का मौसम है।
* सितम्बर में, कोई भी गोलार्ध सूर्य की ओर झुका हुआ नहीं होता। दक्षिण में वसन्त है और उत्तर में शरद।
* दिसम्बर में, उत्तरी गोलार्ध को सीधी धूप कम मिलती है और वहां सर्दियों का मौसम है। दक्षिण में गर्मियां हैं।
उत्तर और दक्षिण
पृथ्वी के दो आधे हिस्सों को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है। गोलार्ध को इंग्लिश में हैमिस्फीयर कहते हैं। जब दक्षिणी गोलार्ध के देशों में सर्दियों का मौसम होता है, तब उत्तरी गोलार्ध के देशों में गर्मियां होती हैं।
दाहिनी तरफ का चित्र पृथ्वी के दो गोलार्ध दर्शाता है। बिंदुओं से बनी भूमध्य रेखा काल्पनिक है।
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सर इतनी सही ओर सटीक तरीके से समझाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, मुझे विश्वास नही हो रहा की आप हम लोगो के लिए अपना कीमती टाइम निकाल रहे है, मात्र कुछ घंटो के अंतराल मे अपने प्रश्न का उत्तर पा के बहुत खुशी हुई , धन्यवाद
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newton. ne. kis. university. se. degree prapt. ki
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कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी
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light wave दिवार के आर पार नहीं जा पता जबकि radio wave दीवार के आर पार चला जाता है क्यों?
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दीवार का पदार्थ प्रकाश किरणो का अवशोषण कर (सोख) लेता है, रेडीयो तरंगों को वह सोख नही पाता है। इसलिये प्रकाश दीवार पार नही कर पाता रेडियो तरंग पार कर लेती है।
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शीसा आर पार दिखाई देता है जबकि दीवाल नहीं क्यों?
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दीवार का पदार्थ प्रकाश किरणो का अवशोषण कर (सोख) लेता है, लेकिन शीशा प्रकाश तरंगों को वह सोख नही पाता है। इसलिये प्रकाश दीवार पार नही कर पाता लेकिन शीशे को पार कर लेता है।
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man av. kitne. elements. she. banta. h
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sabse jayda moon kaha hai
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बृहस्पति के 69 से ज्यादा चंद्रमा है।
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sir mera question ye hai ki moon par gravity down kyou hoti hai?? hum agar moon pe hote hai to pani ki trah terte rahte hai. jabki hum human body hai koi megnetic field bhi humko akarshit nahi kar sakta to why sir hum terte rahte hai moon per?
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गुरुत्वाकर्षण द्रव्यमान पर निर्भर करता है। चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी का छठा भाग है, इसलिये उसका गुरुत्वाकर्षण भी पृथ्वी का छठा हिस्सा है।
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body. kya. h. particle kya h. atom. kya. h. molecular. kya. h. electron. kya. h. proton. kya. h. neutron. kya. h. quark. kya. h.
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kya. aag. ka. dravyaman. hota. h. jabki. fire. ek. energy. h.
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aag means. fire. and. vishfot. in. Dino. ki. theory. batao. kya. vishfot. k. liye. oxygen. aavasyak. h. fire. kya. physics. ya. chemistry. par. based. h.
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prathvi ke disa mein sabase jyada garm mousam rahata aur us jagah ka nam jaroor den PLZ……………………………………………………………………………………………………………………
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पश्चिमी अफ़्रीका का सहारा रेगिस्तान
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sir sabhi planet ka aakar gool hi ku h? ? ?
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गुरुत्वाकर्षण हर वस्तु को गोल आकार देने का प्रयास करता है। जिस वस्तु का द्रव्यमान एक सीमा से ज्यादा होता है वह गोल हो जाती है।
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air. garam. kyo. hot I. hain
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Sir sury pr energy kaise tayar hoti hai?
Kya hum uski theory pruthvi pr istemal nhi kr skte kya?
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सूर्य पर ऊर्जा हायड्रोजन परमाणु के संलयन से हिलीयम बनने से निर्माण होती है।पृथ्वी पर इस तरिके से ऊर्जा उत्पन्न करने के प्रयास चल रहे है लेकिन अभी तक आँशिक ही सफलता मिली है।
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tree bhumi par. kyo. khada. MATLAB. sidha. rahta. ugta. h.
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Aag(fire) pe gravitation force kyu nhi lgta?
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क्या वास्तु विज्ञान वास्तविक है?
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नही! वह छद्म विज्ञान है!
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kya india amar hone karne vali aaosdhi dhuad payega
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अमरत्व संभव नही है, ऐसी कोई औषधि नही बन सकती है।
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पृथ्वी गोल है या चकोर्
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पृथ्वी गोलाकार है।
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हमारे ब्रम्हांड के सभी ग्रह गोल क्यों होते है?
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गुरुत्वाकर्षण तारों और ग्रहों को गोल आकार देता है। केवल गोल आकार ही ऐसा है जिसमे सतह के सभी बिंदु गुरुत्वाकर्षण केंद्र से समान दूरी पर हो सकते है।
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Colestrol kya he sir pls reply kariye
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Chand pr barfh he iska pata sarv pratham kisne lagaya tha
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NASA
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कोलेस्ट्रॉल या पित्तसांद्रव मोम जैसा एक पदार्थ होता है,जो यकृत से उत्पन्न होता है। यह सभी पशुओं और मनुष्यों के कोशिका झिल्ली समेत शरीर के हर भाग में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल कोशिका झिल्ली का एक महत्वपूर्ण भाग है, जहां उचित मात्रा में पारगम्यता और तरलता स्थापित करने में इसकी आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स और पित्त का निर्माण करता है, जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में मदद करता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल भोजन में मांसाहारी आहार के माध्यम से भी पहुंचता है यानी अंडे, मांस, मछली और डेयरी उत्पाद इसके प्रमुख स्रोत हैं। अनाज, फल और सब्जियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लगभग २५ प्रतिशत उत्पादन यकृत के माध्यम से होता है।कोलेस्ट्रॉल शब्द यूनानी शब्द कोले और और स्टीयरियोज (ठोस) से बना है और इसमें रासायनिक प्रत्यय ओल लगा हुआ है। १७६९ में फ्रेंकोइस पुलीटियर दी ला सैले ने गैलेस्टान में इसे ठोस रूप में पहचाना था। १८१५ में रसायनशास्त्री यूजीन चुरवेल ने इसका नाम कोलेस्ट्राइन रखा था। मानव शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता मुख्यतः कोशिकाओं के निर्माण के लिए, हारमोन के निर्माण के लिए और बाइल जूस के निर्माण के लिए जो वसा के पाचन में मदद करता है; होती है।फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में नैशनल पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट के प्रमुख रिसर्चर डॉ॰ गांग हू के अनुसार कोलेस्ट्रॉल अधिक होने से पार्किंसन रोग की आशंका बढ़ जाती है।
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Sir ped ki aayu ka pata kese lagaya ja sakta
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इस लिंक पर आपके प्रश्न का उत्तर है!
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prathvi. ki. radius. kit I h
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6,371 km
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पृथ्वी गोल क्यो घूमती है ?
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पृथ्वी का घूर्णन कोणिय संवेग के संरक्षण के नियम के अंतर्गत है। पृथ्वी(सूर्य तथा अन्य ग्रह भी) जिस गैस के बादल से बने वह घूर्णन कर रहा था। कोणिय संवेग के संरक्षण(Law of conservation of angular momentum) के नियम के अनुसार सभी पिंडो का कुल कोणिय संवेग गैस के बादल के कोणीय संवेग के तुल्य होना चाहिये।
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हैलो सर ,
क्या किसी ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल कम होता है या कभी खत्म हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्या-क्या लाभ और हानि होगी ?
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गुरुत्वाकर्षण द्रव्यमान पर निर्भर है! द्रव्यमान मे कोई भी अंतर आने पर गुरुत्वाकर्षण कम ज्यादा होगा। गुर्त्वाकर्षण शून्य कभी नही हो सकता। पृथ्वी पर अंतरिक्ष से धुल, उल्का गिरने से द्रव्यमान बढ़ रहा है अतः गुरुत्वाकर्षण भी बढ़ रहा है लेकिन अल्प मात्रा मे, जिसे हम महसूस भी नही कर सकते।
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गुरुत्वाकर्षण कम या अधिक होगा तो कोई भी ग्रह किसी दूसरे ग्रह के orbit (जो सूर्या के चारों तरफ rotation orbit में rotate कर रहा है) में जाने की संभावना है? और क्या टकरा भी सकता है?
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उस अवस्था मे कुछ भी हो सकता है क्योंकि संतुलन बिगड़ जायेगा!
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sir plzz ek question hai
mai aaj tak book mai padhta aa rha hu ke sun sai earth tak lite ko 7 minutes kuch second lagra hai hut sun to har time ugga he rhta hai to kyse sun ka light earth prr 8 min hai aata hai ho skta hai jaha ham hai us gajah ko sun k samny aany mai utna time lagy..???
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प्रकाश की भी एक गति होती है, वह एक सेकंड मे लगभग तीन लाख किमी चलता है। सूर्य पृथ्वी से इतनी दूर है कि उससे निकलने वाला प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने मे ८ मिनट १८ सेकंड लग जाते है। जब सूर्य उदय होता है तब उसका प्रकाश ८ मिनट १८ सेकंड देर से आता है, हमे वास्तविक सूर्योदय भी ८ मिनट १८ सेकंद देर से दिखायी देता है। यही प्रक्रिया सूर्यास्त मे भी होती है।
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Pate ka rang hra kyo hota hai
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पत्तो मे क्लोरोफ़िल होता है जोकि हरे रंग का होता है। क्लोरोफ़िल के कारण पत्ते हरे दिखायी देते है। क्लोरोफ़िल हरे रंग के अतिरिक्त सभी रंग को अवशोषित कर लेता है, जिससे वह हरा दिखायी देता है।
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tare kyo timtimaate hai
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आसमान में जगमगाते तारों को देखकर हमें ऐसा लगता है जैसे वे अनवरत नहीं चमक रहे हैं, पल-पल चमकना बंद करते रहते हैं। किंतु ऐसी कोई बात नहीं है। तारे सदा निरंतर, एक समान चमकते रहते हैं।
दरअसल तारों से छूटती रोशनी को हमारी आँखों तक पहुँचने से पहले वायुमंडल में विद्यमान अवरोधों का सामना करना पड़ता है। अतः उनकी रोशनी रास्ते में विचलित होती रहती है, सीधी हम तक नहीं पहुँच पाती।
वायुमंडल में हवा की कई चलायमान परतें होती हैं। ये परतें तारों की रोशनी के पथ को बदलती रहती हैं। इसके फलस्वरूप उनकी रोशनी हमारी नजरों से कभी ओझल, कभी प्रकट होती रहती है। इसीलिए तारे टिमटिमाते दिखाई देते हैं।
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khanch ke galas me garm cheez dalne se kyo chatak jata h
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१.कोई भी वस्तु गर्म होने पर फैलती है।
२.कांच उष्मा का अच्छा सुचालक नही है।
जब हम कांच के ग्लास मे गर्म चिज डालते है तो उसकी अंदर की सतह गर्म होने से फैलती है। लेकिन कांच की बाहरी सतह नही फ़ैलती है,जिससे असमान फैलाव से ग्लास चटक जाता है। धातु के बर्तन सुचालक होते है जिससे उसमे उष्मा का फ़ैलाव समान रूप से होता है।
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sir jugnu kyo chamakta h
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जुगनू के शरीर में नीचे की ओर पेट में चमड़ी के ठीक नीचे कुछ हिस्सों में रोशनी पैदा करने वाले अंग होते हैं। इन अंगों में कुछ रसायन होता है। यह रसायन ऑक्सीजन के संपर्क में आकर रोशनी पैदा करता है। रोशनी तभी पैदा होगी जब इन दोनों पदार्थों और ऑक्सीजन का संपर्क हो। लेकिन, एक ओर रसायन होता है जो इस रोशनी पैदा करने की क्रिया को उकसाता है। यह पदार्थ खुद क्रिया में भाग नहीं लेता है। यानी रोशनी पैदा करने में तीन पदार्थ होते हैं। इन बातों को याद रख सकते हैं कि इनमें से एक पदार्थ होता है जो उत्प्रेरक का काम करता है। ऑक्सीजन और रोशनी पैदा करने वाले पदार्थ की क्रिया में उस तीसरे पदार्थ की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है। जब ऑक्सीजन और रोशनी पैदा करने वाले पदार्थ की क्रिया होती है तो रोशनी पैदा होती है।
जुगनू प्रकाशोत्पादन के लिये जो रसायन बनाते हैं, उसे फोटोजेन (Photogen) या ल्युसिफेरिन (Luciferin) कहते हैं। फ्रांसीसी वैज्ञानिक डुब्वा (Dubois) को सन् 1887 में रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि इसमें दो पदार्थ हैं, ल्यूसिफेरिन और ल्युसिफेरेस (Luciferase)। ल्युसिफेरिन ऑक्सीकृत होकर प्रकाश उत्पन्न करता है और ल्यूसिफेरेस उत्प्रेरक या प्रकिण्व (enzyme) का कार्य करता है। ल्युसिफेरिन गरम होकर नष्ट नहीं होता, किंतु ल्युसिफेरेस गरम होने पर नष्ट हो जाता है। कुछ अभिकर्मकों (reagents) की सहायता से इन दोनों को अवक्षिप्त (precipitate) करके तथा उपयुक्त विलायकों में पुन: विलीन कर इन्हें पृथक् किया जा सकता है। यद्यपि इन दानों को पृथक् किया गया है, फिर भी इनकी यथार्थ रासायनिक बनावट का पता अब तक नहीं चला है। इनको प्रोटीन की जाति में रख सकते हैं।
सन् 1918 में ई एन हार्वी ने प्रयोगों द्वारा सिद्ध किया कि ऑक्सीकरण के बाद ल्युसिफेरिन का प्रकाश समाप्त हो जाने पर उसमें यदि अवकारक मिलाए जायँ तो ल्युसिफेरिन पुन: बन जाता है। प्रकाश उत्पन्न करनेवाले जंतुओं में ऑक्सीकरण और अवकरण की क्रिया क्रमश: हुआ करती है और जंतुप्रकाश उत्पन्न करते रहते हैं।
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पुथ्बी के अलावा और कोइ ग्रह पर पानी है।
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सौर मंडल मे मंगल ग्रह पर द्र्व पानी पाया गया है। बृहस्पति के चंद्रमा युरोपा, एन्क्लेडस पर हिम के रूप मे पानी है।
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badlo mein bijli kaise chamkti hai
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बादलों में नमी होती है। यह नमी बादलों में जल के बहुत बारीक कणों के रूप में होती है। हवा और जलकणों के बीच घर्षण होता है। घर्षण से बिजली पैदा होती है और जलकण आवेशित हो जाते हैं यानि चार्ज हो जाते हैं। बादलों के कुछ समूह धनात्मक तो कुछ ऋणात्मक आवेशित होते हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक-दूसरे के समीप आते हैं तो टकराने से अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत-धारा के प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है। आकाश में यह चमक अकसर दो-तान किलोमीटर की ऊँचाई पर ही उत्पन्न होती है। इस चमक के उत्पन्न होने के बाद हमें बादलों की गरज भी सुनाई देती है। बिजली और गरज के बीच गहरा रिश्ता है। बिजली चमकने के बाद ही बादल क्यों गरजते है?
वास्तव में हवा में प्रवाहित विद्युत-धारा से बहुत अधिक गरमी पैदा होती है। हवा में गरमी आने से यह अत्याधिक तेजी से फैलती है और इसके लाखों करोड़ अणु आपस में टकराते हैं। इन अणुओं के आपस में टकराने से ही गरज की आवाज उत्पन्न होती है। प्रकाश की गति अधिक होने से बिजली की चमक हमें पहले दिखाई देती है। ध्वनि की गति प्रकाश की गति से कम होने के कारण बादलों की गरज हम तक देर से पहुँचती है।
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दुनिया का सबसे दुर्लभ तत्व (पदार्थ) कौन सा है?
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astatine-210
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samundra. ka. pani. khara. kyo. ha.
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नदीया अपने जल के साथ भूमी के लवण लाकर सागर मे जमा करते रहती है। यह प्रक्रिया करोड़ो वर्ष से चल रही है जिससे समुद्र का पानी खारा हो गया है।
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garhan keyo lagta hai
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ग्रहण एक खगोलिय अवस्था है जिसमें कोई खगोलिय पिंड जैसे ग्रह या उपग्रह किसी प्रकाश के स्त्रोत जैसे सूर्य और दूसरे खगोलिय पिंड जैसे पृथवी के बीचा आ जाता है जिससे प्रकाश का कुछ समय के लिये अवरोध हो जाता है।
इनमें मुख्य रुप से पृथवी के साथ होने वाले ग्रहणों में निम्नलिखित उल्लेखनीय हैं:
चंद्रग्रहण – इस ग्रहण में चाँद या चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथवी आ जाती है। ऐसी स्थिती में चाँद पृथवी की छाया से होकर गुजरता है। ऐसा सिर्फ पूर्णिमा के दिन संभव होता है।
सूर्यग्रहण – इस ग्रहण में चाँद सूर्य और पृथवी एक ही सीध में होते हैं और चाँद पृथवी और सूर्य के बीच होने की वजह से चाँद की छाया पृथवी पर पड़ती है। ऐसा अक्सर अमावस्या के दिन होता है।
पूर्ण ग्रहण तब होता है जब खगोलिय पिंड जैसे पृथवी पर प्रकाश पूरी तरह अवरुद्ध हो जाये।
आंशिक ग्रहण की स्थिती में प्रकाश का स्त्रोत पूरी तरह अवरुद्ध नहीं होता
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Pani ki khoj ke bad mangal par jivan ho sakata he kya?
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जीवन हो सकता है लेकिन बुद्धिमान जीवन की संभावना नही है। जीवन अपने प्राथमिक रूप जैसे बैक्टेरीया, वायरस, एक कोशीय प्राणी के रूप मे हो सकता है।
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Sir ji ye genetic bimari kya aur kaise hoti hai.
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हमारे शरीर के हर भाग की संरचना और कार्य हमारे जीन मे लिखी होती है। यह जीन माता और पिता के जीन से बनता है। कुछ विशेष अवस्थाओं मे इस जीन मे कोई विकृति आ जाती है जिससे शरीर मे कोई रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। जीन माता पिता से बच्चो मे जाते है जिससे यह रोग भी अगली पिढी मे चले जाते है।
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sir, kitna km, distance h earth se gravitaional force ko khatam hone m.
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किसी भी पिंड का गुरुत्वाकर्षण किसी भी दूरी पर समाप्त नही होता है, वह दूरी के साथ बस कमजोर होते जाता है। उसकी मात्रा शून्य कभी और कहीं नही होगी।
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सरजी क्या आप अगले चालीस से पचास वर्षों मैं होनेवाले सूर्यग्रहण की डेट्स बता सकते हैं?
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http://www.timeanddate.com/eclipse/list.html
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Sabse pahale car kisne banaya tha
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1886 कार्ल बेंज जर्मनी
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Q.kasmik kiran ki khoj kisne ki?
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in 1912 by Victor Hess
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सरजी हब्बल दूरबीन कितने मेगा पिक्सल हैँ?
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Aeroplan ek place se dusre place pr kaise pahuch jati h kyoki earth to rotate karti h or eo sidhi chalti h phir kyo wo fix point pr pahuchti h
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पृथ्वी अपने साथ अपने वायुमंडल को लेकर घुमती है। ये कुछ ऐसे है कि आप बस मे यात्रा कर रहे है, गति बस की हो रही है लेकिन बस के साथ आप भी गति कर रहे है। पृथ्वी अपने घूर्णन मे सारे वायुंमंडल, उसमे स्थित सभी वस्तु, पेड़, पौधे, को लेकर घूर्णन करती है।
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सर पृथ्वी वायुंमंडल को लेकर घूमती जहाज को नही ओर आप ने जै सा कहा की आप बस म यात्रा कर रहे ह तो गति बस की हो रही ह हमारी नही ये इस लिए होता ह की आप बस से जुड़े हुये हो ओर बस पृथ्वी से लेकिन सर जहाज पृथ्वी से जुड़ा हुआ नही ह
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पृथ्वी जमीन पर समाप्त नही होती है। सारा वायुमंडल पृथ्वी के अंतर्गत ही आता है। पृथ्वी वायुमंडल को साथ लेकर घुमती है, और इस वायुमंडल के अंदर विमान होते है। विमान वायुमंडल से बाहर नही उड़ते है।
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सर मैं भार और द्रव्यमान के अन्तर को ठीक से समझ नही पाया। यदि किसी वस्तु का भार 60 किग्रा है तो द्रव्यमान भी 60 किग्रा होता है। ये दोनो बराबर है तो अंतर क्या है?
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रोशन भार को kg. m/s2 मे मापा जाता है, द्रव्यमान को kg मे। भार पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव पड़ता है, द्रब्यमान पर नही। भार स्थानानुसार परिवर्तित होता है, द्रव्यमान नही। द्रव्यमान पदार्थ की मात्रा को कहते है जबकि भार किसी वस्तु के द्रव्यमान पर लगने वाला गुरुत्विय त्वरण है।
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sir,please Haravendra Tejasvy ko 16 sept. par javab dijiye.sir kai dino se aapke uttar ka wait kiya ja raha hai.
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ek patther earth per girjate hai per moon kyo nai girta?
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चंद्रमा भी तो पृथ्वी की ओर गीर रहा है, इसलिये तो वह पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है!
आपने तोप से एक गोला चलाया, गोला पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से पृथ्वी पर गिरेगा। लेकिन उसका पथ कैसे होगा ? गोल आकार से मिलता जुलता!
वैसे ही चंद्रमा की अपनी गति है, उस गति के कारण वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से पृथ्वी पर गिरने की बजाय, उसकी परिक्रमा कर रहा है।
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Ashis ji
Apki website bahut achi hai sir kya aap ye bta sakte hai ki raat me hawai jahaj ki awaz kyon nehi sunai padti hain.
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रात मे भी हवाई जहाज की आवाज सुनाई देती है। लेकिन रात मे हवाई यातायात कम होता है, इसलिये दिन की तुलना मे कम विमान उड़ते है।
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सर जी क्या अंतरिक्ष मेँ सबसे महत्वपूर्ण बल गुरूत्वाकर्षण बल हैँ?
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गुरूत्वाकर्षण बल और श्याम ऊर्जा दोनो!
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Manav ka rang kis par nirbhar karta h
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मानव का रंग मेलेनीन नाम के एक रसायन पर निर्भर करता है जो त्वचा मे होता है।
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Machli water me kitna sall tak rah sakti hai
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अपनी मृत्यु तक। हर मछली की प्रजाति की आयु अलग अलग होती है, यह कुछ महिनो से लेकर वर्षो तक होती है।
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Sorj kitne din me chair lagta hai
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सूर्य अपनी धूरी पर 24.47 दिन मे घूमता है।
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surya ka satahi tamp.kitne digree Celsius he
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5,778 K
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sir, chandrma upgrah ki khoj kb tatha kisne ki??
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इस प्रश्न का कोई उत्तर नही है, चंद्रमा का ज्ञान मनुष्य को हजारो वर्ष पहले से है।
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atom prkrti का सब से छोटा kan Hai ki nhi
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नही परमाणु से छोटे प्रोटान, इलेक्ट्रान और न्युट्रान है। प्रोटान और इलेक्ट्रान भी क्वार्क से बने है। क्वार्क सबसे छोटे कण है।
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sir kripya “The Bing Bang Theory” Haravendra tejasvy ke liye reply kare.
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