लेखिका: सिमरनप्रीत (Simranpreet Buttar) जब भी हम रात्रि आकाश मे देखते है, सारे तारे एक जैसे दिखाई देते है, उन तारों से सब कुछ शांत दिखाई देता है। लेकिन यह सच नही है। यह तारों मे होने वाली गतिविधियों और … पढ़ना जारी रखें खगोल भौतिकी 21 : सुपरनोवा और उनका वर्गीकरण
लेखक : ऋषभ ’मूलभूत खगोलभौतिकी (Basics of Astrophysics)’ शृंखला के पिछले लेख मे हमने सूर्य के जैसे मध्यम आकार के तारों के विकास और जीवन की चर्चा की। हमने देखा कि वे कैसे श्वेत वामन(white dwarfs) तारे बनते है। इस … पढ़ना जारी रखें खगोल भौतिकी 19 :न्यूट्रान तारे और उनका जन्म
खगोलविदों ने अब तक के सबसे ताक़तवर सुपरनोवा ASASSN-15lh की खोज की है। इस सुपरनोवा का मूल तारा भी काफ़ी विशाल रहा होगा- संभवतः हमारे सूर्य के मुक़ाबले 50 से 100 गुना तक बड़ा। इस फट रहे तारे/मृत्यु को प्राप्त … पढ़ना जारी रखें अब तक का सबसे ताकतवर सुपरनोवा ASASSN-15lh
प्राचीन समय मे मानव शरीर को पंच तत्व -भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल से निर्मित माना जाता था। लेकिन आज हम जानते है कि ये पंचतत्व भी शुध्द तत्व नही है, और अन्य तत्वों से मीलकर बने है। इस लेख मे हम देखेंगे कि मानव शरीर के लिये आवश्यक तत्व कौनसे है? और उन तत्वो का निर्माण कैसे हुआ है?
तत्व क्या होते है?
तत्व (या रासायनिक तत्व) ऐसे उन शुद्ध पदार्थों को कहते हैं जो केवल एक ही तरह के परमाणुओं से बने होते हैं। या जो ऐसे परमाणुओं से बने होते हैं जिनके नाभिक में समान संख्या में प्रोटॉन होते हैं। सभी रासायनिक पदार्थ तत्वों से ही मिलकर बने होते हैं। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सीजन, तथा सिलिकॉन आदि कुछ तत्व हैं। सन 2007 तक कुल 117 तत्व खोजे या पाये जा चुके हैं जिसमें से 94 तत्व धरती पर प्राकृतिक रूप से विद्यमान हैं। कृत्रिम नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप उच्च परमाणु क्रमांक वाले तत्व समय-समय पर खोजे जाते रहे हैं।
मानव शरीर मे कौन से तत्व होते है?
जीवन के लिये आवश्यक तत्व
मानव शरीर का लगभग 99% भाग मुख्यतः छह तत्वो से बना है: आक्सीजन, कार्बन, हायड्रोजन, नाइट्रोजन, कैल्सीयम तथा फास्फोरस। लगभग 0.85% भाग अन्य पांच तत्वो से बना है : पोटैशीयम, सल्फर, सोडीयम, क्लोरीन तथा मैग्नेशीयम है। इसके अतिरिक्त एक दर्जन तत्व है जो जीवन के लिये आवश्यक माने जाते है या अच्छे स्वास्थ्य के लिये उत्तरदायी होते है, जिसमे बोरान(Boran B), क्रोमीयम(Chromium Cr), कोबाल्ट(Cobalt Co), कापर(Copper Cu), फ़्लोरीन(Fluorine F), आयोडीन(Iodine I), लोहा(Iron Fe),मैग्नीज(Manganese Mn), मोलीब्डेनम(Molybdenum Mo), सेलेनियम(Selenium Se), सीलीकान(Silicon Si), टीन(Tin Sn), वेनाडीयम(Vanadium V) और जस्ता(Z) का समावेश है।
M82 आकाशगंगा की सुपरनोवा विस्फोट से पहले और पश्चात के चित्र का एनीमेशन
अंतरिक्ष और खगोल भौतिकी मे रूची रखने वालो के लिये एक बेहतरीन समाचार है। हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी की पडोसी आकाशगंगा M82(Messier 82 ,NGC 3034, Cigar Galaxy या M82) मे 22 जनवरी को एक सुपरनोवा विस्फोट देखा गया है। इस सुपरनोवा विस्फोट की दीप्ति इतनी अधिक है कि इसे छोटी दूरबीन से भी देखा जा सकता है। M82 आकाशगंगा को उत्तरी गोलार्ध मे सूर्यास्त के पश्चात रात्री आकाश मे आसानी से देखा जा सकता है। यह एक टाईप -Ia सुपरनोवा विस्फोट है। खगोल वैज्ञानिको को इस तरह के सुपरनोवा विस्फोटो का इंतजार रहता है, और यह एक बेहतरीन अवसर है।
M82 आकाशगंगा की सुपरनोवा विस्फोट से पहले और पश्चात के चित्र, इसकी दीप्ति 11.7 है। यह सुपरनोवा आकाशगंगा के प्रतल मे उसके केंद्र से 54″ पश्चिम तथा 21″ दक्षिण है।
खगोल वैज्ञानिको के अनुसार वर्तमान मे इस सुपरनोवा की दीप्ति +11 से +12 तक है, इस कारण से इसे नंगी आंखो से नही देखा जा सकता है। इसे देखने के लिये आपको 4 ईंच की दूरबीन चाहीये होगी। हमसे लगभग 120 लाख प्रकाशवर्ष दूर यह सबसे दीप्तिमान और समीप का सुपरनोवा है, इसके पहले ऐसा नज़दीकी सुपरनोवा M81 आकाशगंगा मे 21 वर्ष पूर्व 1993 मे देखा गया था। M81, M82 तथा NGC 3077 एक दूसरे से बंधी हुयी आकाशगंगाये है।(नंगी आखो से आप +6 तक की दीप्तिमान तारे ही देख सकते है, यह मानक जितना कम होगा पिंड उतना ही ज्यादा चमकदार होगा। पौर्णिमा के चंद्रमा की दीप्ति –12.7 है।) पढ़ना जारी रखें “नया सुपरनोवा: M82 आकाशगंगा मे एक श्वेत वामन तारे की मृत्यु”