विकिरण (Radition)
यह शब्द आजकल भयावहता उत्पन्न करता है। जब भी हम इस शब्द को सुनते है, हमारी आंखो के सामने कैंसर के मरीज, हिरोसीमा और नागासाकी के परमाणु बम द्वारा उत्पन्न विध्वंस आ जाता है।आधुनिक मीडीया भी हमारे इस भय को बढाने का काम करता है। ज्यादा दिन नही गुजरे है जब जापान मे आयी सुनामी के कारण फुकुशीमा परमाणु संयंत्र दुर्घटना से उत्पन्न विकिरण से पुरे विश्व मे भय उत्पन्न हो गया था। हाल ही मे एक विवादास्पद शोध द्वारा मोबाईल फोन द्वारा कैंसर उत्पन्न किये जाने के समाचार ने भय को बढ़ावा दिया था!
विकिरण होता क्या है ?
वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार:
विकिरण ऊर्जा का वह प्रकार है जो अंतराल मे यात्रा करते समय तरंग जैसा व्यवहार करता है।
इस परिभाषा के अंतर्गत विकिरण मे साधारण दृश्य प्रकाश किरणे, अवरक्त प्रकाश(टी वी के रीमोट से उत्सर्जित) किरणे, रेडीयो तरंग(मोबाईल, रेडीयो, टीवी द्वारा प्रयुक्त), पराबैंगनी किरणे, एक्स रे आ जाती है।
विकिरण पर वैज्ञानिक जानकारी से पहले, विकिरण के कुछ मिथकों पर चर्चा कर लेते है।
मिथक १ : विकिरण आधुनिक विज्ञान की देन है!
यह एक मिथक है। विकिरण तो ब्रह्माण्ड के जन्म से मौजुद है, इसे हम आज भी माइक्रोवेव तरंगो के रूप मे महसूस कर सकते है। हम हमेशा विकिरण से नहाये हुये होते है, आखीर प्रकाश किरणे भी सूर्य से उत्पन्न विकिरण है। हमारे शरीर मे कुछ रेडीयो सक्रिय पदार्थ जैसे केल्सीयम के कुछ समस्थानिक होते है जो रेडीयो सक्रिय विकिरण उत्पन्न करते रहते है।
मिथक २ :विकिरण स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है!
कुछ विशिष्ट विकिरणों को छोड़कर अधिकतर विकिरण सुरक्षित है। विकिरणों को दो मुख्य वर्गो मे बांटा जा सकता है।
- आयोनाइजींग विकिरण : एक्स रे, गामा (γ) किरण, अल्फा(α) किरणे, बीटा(β) किरणे तथा उच्च आवृती वाली पराबैगनी किरणे। इन मे से अल्फा(α), बीटा(β) और गामा(γ) किरणो को रेडीयो सक्रिय विकिरण भी कहते है। यह सभी विकिरण दुर्लभ होते है।
- नान-आयोनाइजींग विकिरण : रेडीयो तरंग, माइक्रोवेव तरंग, अवरक्त(Infrared) किरणे, दृश्यप्रकाश तथा कम आवृती वाली पराबैंगनी(Ultra violate) किरणें। यह सभी विकिरण हमारे रोजमर्रा के जीवन मे होते है और अधिकतर प्राकृतिक है।
इन दो वर्गो मे से आयोनाइजींग विकिरण ही हमारे जीन मे परिवर्तन की क्षमता रखता है, जिससे कैंसर उत्पन्न हो सकता है। अन्य विकिरण कैंसर उत्पन्न करने की क्षमता नही रखते है।
ध्यान दे कि रेडियो सक्रिय विकिरण और रेडियो तरंगे अलग है। रेडियो सक्रिय विकिरण आयोनाइजींग विकिरण है जबकि रेडियो तरंगे नान-आयोनाइजींग विकिरण!
ब्रह्माण्ड मे उपस्थित विकिरणों का एक प्रमुख भाग विद्युत चुंबकिय विकिरण(Electromagnetic Radiation) का होता है। रेडियो सक्रिय विकिरण α तथा β को छोड़कर बाकी सभी (γ सहित)विद्युत चुंबकिय विकिरण(Electromagnetic Radiation) हैं।
विद्युत चुंबकिय वर्णक्रम (The Electromagnetic Spectrum)
विद्युत चुंबकीय विकिरण को उनकी तरंगदैर्ध्य(Wavelength) या आवृत्ति(Frequency) आधार पर वर्गिकृत किया जा सकता है। जितनी बड़ी तरंगदैर्ध्य होती है उतनी कम आवृत्ति होती है तथा छोटी तरंगदैर्ध्य वाली तरंगो की आवृत्ति ज्यादा होती है। आवृत्ति मे बढो़त्तरी के साथ तरंग की ऊर्जा मे भी बढो़त्तरी होती है।

नीचे दी गयी सारणी विद्युत चुंबकिय विकिरण को मोटे तौर पर वर्गीकृत करती है।
आयोनाइजींग | विकिरण का प्रकार | श्रोत उदाहरण | हानिकारक? |
---|---|---|---|
नान-आयोनाइजींग | अत्याधिक कम आवृत्ति वाली तरंग | विद्युत तार | |
रेडियो | ए एम रेडियो,एफ़ एम रेडियो, टी वी | नहीं | |
माइक्रोवेव | माइक्रोवेव ओवन, प्राकृतिक | नहीं | |
अवरक्त | उष्मा, रीमोट कंट्रोल | नहीं | |
दृश्य प्रकाश | सूर्य, प्रकाश उपकरण | नहीं | |
पराबैंगनी | सूर्य,आर्क वेल्डींग | हां | |
आयोनाइजींग | एक्स किरण | चिकित्सा उपकरण | हां |
गामा किरण | रेडियो सक्रिय तत्व | अत्याधिक |
नीचे दिया चित्र विद्युत चुंबकिय विकिरण के वर्णक्रम और उसकी विशेषताओं को विस्तार से दिखाता है।

निष्कर्ष यह है कि
- विकिरण प्राकृतिक है।
- सामान्य तौर पर पाये जाने वाले विकिरणो मे मे केवल पराबैंगनी विकिरण हानिकारक होता है, अतः तेज धूप मे शरीर/आंखो को ढंककर रखें। परबैगनी किरणो को ओजोन परत रोक लेती है लेकिन पृथ्वी के कुछ क्षेत्रो मे ओजोन परत मे छेद है, इन क्षेत्रो मे यह सावधानी आवश्यक है। गहरे रंग के व्यक्तियों को प्रकृति ने इससे सुरक्षा के लिये प्राकृतिक कवच दिया है।
- अन्य विकिरणों मे एक्स किरण अत्यधिक मात्रा मे हानीकारक है।
- अल्फा (α)और बीटा(β) विकिरण मे ज्यादा मात्रा मे देर तक रहना हानिकारक है, लेकिन यह भी दुर्लभ है।
- गामा(γ) विकिरण दुर्लभ है लेकिन अत्यधिक हानीकारक है।
- मोबाइल से निकलने वाली रेडीयो तरंगे हानीकारक नही है।(एक साधारण विद्युत बल्ब भी मोबाइल से ज्यादा हानिकारक हो सकता है क्योंकि वह दृश्य प्रकाश से ज्यादा आवृत्ति वाली पराबैंगनी किरणे उत्सर्जित कर सकता है।)
विकिरण प्राकृतिक है। बहुत ही अच्छी जानकारी दी है।
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Thanks for sharing this information.
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बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने।
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Thank you for it.
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very good
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superb jankari hai sir ji
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Thank u sir radiation ke bare mai btane ke liye
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Thank you sir
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बहुत ही बहतरीन और ज्ञानवर्धक लेख
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Well Explained Sir !!
Aage b jari rakhiye. Dhanyawad !!!
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Nice
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Hello Sir Or Madam Isi Thara Jankari Deta Rahiya Thanks
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जैसा कि मै.पहले बता चुका हूँ
शब्द बने नही है आपकी प्रसंशा के लिए
आप अतुल्य है कौन है आप फर्क नही पढता
बस मै आपको श्री द्रोणाचार्य ही कह सकता हूँ
ये नाम शायद आपको कुह Explain कर पाये
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sir kansar m Jon sa radio padarth use kiya jata hi
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कैंसर के उपचार मे कोबाल्ट 60 का प्रयोग होता है।
ये कई कामों में उपयोग होता है, जिनमें कैंसर के उपचार से लेकर औद्योगिक रेडियोग्राफी तक आते है। औद्योगिक रेडियोग्राफी में यह किसी भी इमारत के ढांचे में कमी का पता लगाता है। इसके अलावा चिकित्सा संबंधी उपकरणों की स्वच्छता, चिकित्सकीय रेडियोथेरेपी, प्रयोगशाला प्रयोग के रेडियोधर्मी स्रोत, स्मोक डिटेक्टर, रेडियोएक्टिव ट्रेसर्स, फूड और ब्लड इरेडिएशन जैसे कार्यो में भी प्रयोग किया जाता है
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद अच्छी जानकारी
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Radiation ke baare me acchi jaankaari!
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आशीष जी, आपका जवाब नहीं। इतनी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का शुक्रिया।
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ब्लॉगसमीक्षा की 23वीं कड़ी।
अल्पना वर्मा सुना रही हैं समाचार..।
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विकिरण के बार में सार्थक जानकारी
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विकिरण के बार में सार्थक जानकारी . मै भी एक परमाणु संसथान का कर्मचारी हूँ अच्छा आलेख आभार
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