141,679,000,000,000,000,000,000,000,000,000°K |
प्लैंक तापमान, ब्रह्माण्ड का महाविस्फोट के 10-43 सेकंड पश्चात का तापमान या किसी श्याम विवर की अंतिम अवस्था का तापमान |
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13,000,000,000,000,000,000°K |
लार्ज हेड्रान कोलाइडर मे नाभिकिय प्रक्रियाओं का तापमान |
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10,000,000,000,000°K |
महाविस्फोट के 100 माइक्रोसेकंड पश्चात का तापमान |
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4,000,000,000,000°K |
प्रोटान-प्रतिप्रोटान प्रतिक्रिया का तापमान |
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100,000,000,000°K |
वर्ग II सुपरनोवा विस्फोट का तापमान |
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10,000,000,000°K |
महाविस्फोट के एक सेकंड पश्चात का तापमान |
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1,000,000,000°K |
महाविस्फोट के 100 सेकंड पश्चात |
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510,000,000°K |
टोकामक नाभिकिय संलयन रिएक्टर मे प्लाजमा का तापमान |
 |
100,000,000°K |
नियंत्रित नाभिकिय संलयन प्रक्रिया का तापमान |
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13,600,000°K |
सूर्य केंद्र का तापमान |
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30,000°K 29,727°C 53,540°F |
परमाणु बम के विस्फोट के 0.1 सेकंड पश्चात का तापमान |
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28,000°K 27,727°C 49,940°F |
विद्युत तड़ित का तापमान |
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15,000°K 14,727°C,26,540°F |
टंगस्टन का क्रांतिक तापमान |
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9,940°K 9,667°C, 17,432°F |
सिरिअस A तारे की सतह का तापमान |
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5,778°K 5,505°C 9,941°F |
सूर्य की सतह का तापमान |
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5,650°K 5,377°C 9,710°F |
पृथ्वी के आंतरिक केंद्रक का तापमान |
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3,823°K 3,550°C 6,422°F |
हीरे का गलनांक |
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3,683°K 3,410°C 6,170°F |
टंगस्टन का गलनांक |
|
2,022°K 1,749°C 3,180°F |
सीसे का बाष्पीकरण बिंदु |
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1,923°K 1,650°C 3,202°F |
अंतरिक्ष यान के पृथ्वी वातावरण मे प्रवेश का तापमान |
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1,830°K 1,557°C 2,834°F |
बुनसेन(Bunsen) बर्नर की ज्वाला का तापमान |
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1,811°K 1,538°C 2,800°F |
लोहे का गलनांक |
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1,670°K 1,397°C 2,546°F |
नीली ज्वाला का तापमान |
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1,337°K 1,064°C 1,947°F |
स्वर्ण का गलनांक |
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1,300°K 1,027°C 1,880°F |
ज्वालामुखी लावा का तापमान |
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933°K 660°C 1,220°F |
एल्युमिनियम का गलनांक |
|
755°K 482°C 900°F |
स्वचालित सफाई अवस्था मे विद्युत ओवन का तापमान |
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737°K 464°C 876°F |
शुक्र की सतह का औसत तापमान |
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601°K 326°C 622°F |
सीसे का गलनांक |
|
506°K 233°C 451°F |
कागज का ज्वलन बिंदु |
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436°K 163°C 325°F |
दियासलाई का ज्वलन बिंदु |
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373°K 100°C 212°F |
जल का बाष्पीकरण बिंदु |
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353°K 80°C 176°F |
पोंपेई(Pompeii)कृमी के निवास वाली गर्म जल वाले झरनो का तापमान। किसी प्राणी द्वारा सहन की जा सकने वाली उष्णता की अधिकतम सीमा। |
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331°K 58°C 136°F |
पृथ्वी पर अबतक का रीकार्ड किया गया अधिकतम तापमान 13 सितंबर 1922 एल अजिजिआ, लिबीया |
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321°K 48°C 118°F |
युरोप मे रिकार्ड किया गया अधिकतम तापमान 10 जुलाई 1977 एथेंस ग्रीस |
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315°K 42°C 107.6°F |
घातक मानव बुखार का तापमान |
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310°K 37°C 98.6°F |
सामान्य मानव शरीर तापमान |
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308°K 35°C 95°F |
सागर का उष्णतम तापमान (लाल सागर) |
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306°K 33°C 91°F |
मख्खन का गलनांक |
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288°K 15°C 58°F |
अंटार्कटीका मे रिकार्ड किया गया अधिकतम तापमान 05 जनवरी 1974 वांडा केंद्र |
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275°K 2°C 36°F |
घरेलु फ्रिज का तापमान |
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273°K 0°C 32°F |
जल का हिमांक बिंदु |
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258°K -15°C 5°F |
आइसक्रीम का गलनांक |
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255°K -18°C 0°F |
घरेलु फ़्रीजर का तापमान |
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234°K -39°C -38°F |
पारे का हिमांक बिंदु |
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202°K -71°C -96.2°F |
किसी मानव निवास स्थल का रिकार्ड किया गया न्यूनतम तापमान, ओइमयाकान रूस 26 जनवरी 1926 |
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184°K -89°C -128.2°F |
पृथ्वी पर रिकार्ड किया गया न्यूनतम तापमान, वोस्टोक केंद्र अंटार्कटिका 21 जुलाई 1983 |
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77°K -196°C -320.8°F |
नाइट्रोजन का बाष्पीकरण बिंदु, क्रायोनिक्स मे प्रयुक्त तापमान |
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68°K -205°C -337°F |
युरेनस का औसत तापमान |
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63°K -210°C -346°F |
नाइट्रोजन का हिमांक बिंदु |
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53°K -220°C -364°F |
नेपच्युन का औसत तापमान |
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44°K -229°C -380.2°F |
प्लूटो का औसत तापमान |
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20.3°K -253°C -422.9°F |
हायड्रोजन का बाष्पीकरण बिंदु |
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14.01°K -259°C -434.18°F |
हायड्रोजन का गलनांक |
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4.22°K -269°C -451.8°F |
हिलीयम का बाष्पीकरण बिंदु |
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2.73°K -270°C -454.49°F |
ब्रह्मांड का औसत तापमान |
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1°K -272°C -457.6°F |
बूमरैंग निहारिका का तापमान, अबतक का ज्ञात ब्रह्माड का न्यूनतम तापमान वाला भाग |
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0.95°K -272°C -457.69°F |
हिलीयम का गलनांक |
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0.0000000001°K -273.1499999999°C 459.669999999982°F |
मानव द्वारा निर्मित न्यूनतम तापमान न्यूनतम तापमान प्रयोगशाला हेलसींकी, 1999 |
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0°K -273.15°C -459.67°F |
परम शून्य, केवल सैद्धांतिक रूप से संभव न्यूनतम तापमान, इस बिंदु पर एन्ट्रापी अपने न्यूनतम मान पर होगी। |
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आशीश सर नमस्ते!
आपका हर लेख विचारणीय और स्मरणीय होता है
बहोत बहोत धन्यवाद आपका
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What is reason for that much high temperature inside the earth
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पृथ्वी का जन्म एक अत्यंत उष्णता वाले बादल से हुआ है। समय के साथ इसकी बाह्यपरत ही ठंडी हुयी है, आंतरिक भाग अब तक गर्म है।
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क्यो की पृथ्वी के केंद्र में नाभिकीय विखंडन की क्रिया द्वारा ऊर्जा मुक्त होती रहती है बाहरी परत अधिक ठंडी तथा कठोर होने के कारण यहां तक केंद्र से ऊर्जा नही पहुँच पाती है।
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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बहुत मेहनत और लग्न से तैयार किया गया ,अद्भुत जानकारी ! इनमे से बहुत-सी जानकारी मेरे पास नही थी ! बहुत अच्छा लेख ! 🙂
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Good scientific post ……
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महोदय , नमस्कार ,
बहुत दिनों से आपकी जब भी मेल आती है,और हम लिंक पर क्लिक करते है ताकि लेख
पूरा पढ़ सकें तो पेज पूरा खुल ही नहीं रहा ,कृपया चैक करे ,
मनोज शर्मा
दिल्ली
9811263133
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मनोज जी, कृपया उस मेल को ash . shri @ gmail.com पर भेजे, मै देखता हु कि क्या समस्या है।
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