खगोल भौतिकी 27 :सर्वकालिक 10 शीर्ष खगोलभौतिकी वैज्ञानिक (TOP 10 ASTROPHYSICISTS OF ALL TIME)


लेखक : ऋषभ ’मूलभूत खगोलभौतिकी (Basics of Astrophysics)’ शृंखला अब समाप्ति की ओर है। इसके अंतिम कुछ लेखो मे हम खगोलभौतिकी के कुछ सामान्य विषयों पर चर्चा करेंगे। इस शृंखला के सत्ताइसवें लेख मे हम इतिहास मे जायेंगे और कुछ … पढ़ना जारी रखें खगोल भौतिकी 27 :सर्वकालिक 10 शीर्ष खगोलभौतिकी वैज्ञानिक (TOP 10 ASTROPHYSICISTS OF ALL TIME)

सूरज को धरती पर उतारने की तैयारी


मानव विकास के लिए अधिकाधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। बिजली पर हमारी बढ़ती निर्भरता के कारण भविष्य में ऊर्जा व्यय और भी बढ़ेगा। तो इतनी ऊर्जा आएगी कहाँ से? सब जानते हैं कि धरती पर कोयले और पेट्रोलियम के … पढ़ना जारी रखें सूरज को धरती पर उतारने की तैयारी

नाभिकिय संलयन : भविष्य की ऊर्जा


नाभिकिय संलयन प्रक्रिया ब्रह्मांड मे सूर्य तथा अन्य सभी तारो की ऊर्जा का मूल है। इस प्रक्रिया को पृथ्वी पर एक लघु पैमाने पर भी अपनाने पर एक साफ़सुथरी, सस्ती तथा अनंत ऊर्जा का स्रोत मिल जायेगा। प्रस्तुत है एक … पढ़ना जारी रखें नाभिकिय संलयन : भविष्य की ऊर्जा

भविष्य की ऊर्जा : नाभिकिय संलयन(nuclear fusion) से पूरी होगी ऊर्जा की आवश्यकतायें


मानव को विकास चाहिए। विकास के लिए आवश्यक है ऊर्जा। ऊर्जा हमें ईंधन से मिलती है। आज दुनिया में कई तरह के ईंधन काम में लाए जा रहे हैं। सबसे ज़्यादा जिनका इस्तेमाल हो रहा है वो है कोयला और … पढ़ना जारी रखें भविष्य की ऊर्जा : नाभिकिय संलयन(nuclear fusion) से पूरी होगी ऊर्जा की आवश्यकतायें

तापमान : ब्रह्माण्ड मे उष्णतम से लेकर शीतलतम तक


उष्ण होने पर परमाणु और परमाण्विक कण तरंगीत तथा गतिमान होते है। वे जितने ज्यादा उष्ण रहेंगे उतनी ज्यादा गति से गतिमान रहेंगे। वे जितने शीतल रहेंगे उनकी गति उतनी कम होगी। परम शून्य तापमान पर उनकी गति शून्य हो जाती है। इस तापमान से कम तापमान संभव नही है। यह कुछ ऐसा है कि आप दक्षिणी ध्रुव से ज्यादा दक्षिण मे नही जा सकते या उत्तरी ध्रुव से उत्तर मे नही जा सकते है। ऐसा कभी नही होगा क्योंकि वह संभव ही नही है।

नीचे दी गयी सारणी मे ज्ञात ब्रह्माण्ड की उष्णतम चीजो या घटनाओं का विवरण दिया है। ज्ञात शब्द पर ध्यान दे क्योंकि ब्रह्माण्ड संबंधित हमारा ज्ञान संपूर्ण नही है। नीचे दी गयी सारणी मे वही सूचना है जो हमे ज्ञात है, भविष्य मे इसमे परिवर्तन संभव है। पढ़ना जारी रखें “तापमान : ब्रह्माण्ड मे उष्णतम से लेकर शीतलतम तक”

सूर्य और उसके ग्रह(आकार की तुलना)

सूर्य अपना द्रव्यमान खो रहा है , लेकिन कैसे ?


सूर्य और उसके ग्रह(आकार की तुलना)
सूर्य और उसके ग्रह(आकार की तुलना)

सूर्य काफी विशाल है, बहुत ही विशाल। वह चौड़ाई मे पृथ्वी से सौ से भी ज्यादा गुणा है, उसके अंदर 10 लाख से ज्यादा पृथ्वीयाँ समा सकती है। यदि आप पृथ्वी और सूर्य को किसी ब्रह्माण्डीय तराजु पर तौले तो पायेंगे कि सूर्य पृथ्वी से 300,000 गुणा ज्यादा द्रव्यमान रखता है।

लेकिन सूर्य का द्रव्यमान कम हो रहा है। समय के साथ धीमे धीमे उसके द्रव्यमान मे ह्रास हो रहा है, यह दो तरह से हो रहा है, प्रथम है सौर वायु और द्वितीय है द्रव्यमान का ऊर्जा के रूप मे परिवर्तन जिससे सूर्य से प्रकाश और उष्मा का उत्सर्जन होता है।

सूर्य के द्रव्यमान मे उपरोक्त मे से किस विधि से द्रव्यमान ह्रास तेज गति से हो रहा है ? दोनो विधि को विस्तार से देखते है। पढ़ना जारी रखें “सूर्य अपना द्रव्यमान खो रहा है , लेकिन कैसे ?”