केप्लर 90 और सौर मंडल के ग्रहों के आकार की तुलना

नासा ने सौर मंडल के जैसे एक और सौर मंडल खोजा : केप्लर 90


नासा ने हमारे सौर मंडल के तुल्य एक तारा-ग्रह प्रणाली खोजी है जिसके पास आठ ग्रह है। इस तारे का नाम केप्लर 90 है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को एक बड़ी सफलता मिली है। NASA के केपलर अंतरिक्ष दूरबीम ने … पढ़ना जारी रखें नासा ने सौर मंडल के जैसे एक और सौर मंडल खोजा : केप्लर 90

खगोलशास्त्रियों को सौर परिवार से बाहर मिले ‘पृथ्वी की तरह’ के सात ग्रह


खगोलविदों ने एक ही तारे की परिक्रमा करते धरती के आकार के कम-से-कम सात ग्रहों को खोज निकाला है। मशहूर विज्ञान पत्रिका नेचर में बुधवार को प्रकाशित एक अध्ययन में इन ग्रहों की दूरी 40 प्रकाश वर्ष बताई गई है। … पढ़ना जारी रखें खगोलशास्त्रियों को सौर परिवार से बाहर मिले ‘पृथ्वी की तरह’ के सात ग्रह

प्राक्सीमा ब : सूर्य के निकटस्थ तारे की परिक्रमा करते जीवन की संभावना योग्य ग्रह की खोज


वैज्ञानिको ने सूर्य के निकटस्थ तारे ’प्राक्सीमा सेंटारी’ की परिक्रमा करते जीवन की संभावना योग्य ग्रह की खोज की है। प्राक्सीमा सेंटारी एक लाल वामन तारा है जो कि सूर्य से केवल 4.24 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। … पढ़ना जारी रखें प्राक्सीमा ब : सूर्य के निकटस्थ तारे की परिक्रमा करते जीवन की संभावना योग्य ग्रह की खोज

अंतरिक्ष मे जीवन की संभावना : दो नये पृथ्वी के आकार के ग्रहो की खोज


जब आप रात्रि आकाश का निरीक्षण कर रहे हो तो हो सकता है कि आप इस तारे केप्लर 62को नजर-अंदाज कर दें। यह एक साधारण तारा है, कुछ छोटा , कुछ ठंडा, सूर्य से कुछ ज्यादा गहरे पीले रंग का, … पढ़ना जारी रखें अंतरिक्ष मे जीवन की संभावना : दो नये पृथ्वी के आकार के ग्रहो की खोज

परग्रही जीवन श्रंखला भाग 05 : पृथ्वी जैसे सौर बाह्य ग्रह की खोज


परग्रही जीवन की खोज के लिये प्रस्तावित ड्रेक का समिकरण पूरी तरह से परिकल्पित(Hypothetical) है। यह समिकरण एक संभावना ही दर्शाता है जो कि वास्तविकता भी हो सकती है। दूसरी ओर सेटी प्रोजेक्ट अंतरिक्ष मे जीवन की खोज बेतरतीब रूप से कर रहा है। परग्रही जीवन की खोज का एक उपाय सौर मंडल के बाहर पृथ्वी जैसे ग्रहो की खोज कर उन पर सेटी का ध्यान केन्द्रित करना होगा।

हाल ही मे अंतरिक्ष मे जीवन की खोज को सौर मंडल के बाहर ग्रहो की खोज  से मजबूती मीली है। सौरमंडल बाह्य ग्रहो की खोज के पिछे एक परेशानी यह है कि ये ग्रह स्वयं  प्रकाश उत्सर्जित नही करते है जिससे उन्हे किसी दूरबीन से नही देखा जा सकता। ये ग्रह अपने मातृ तारे से हजारो गूणा धुंधले होते है। पढ़ना जारी रखें “परग्रही जीवन श्रंखला भाग 05 : पृथ्वी जैसे सौर बाह्य ग्रह की खोज”

परग्रही जीवन श्रंखला भाग 04 : कहां है वे ?


सेटी प्रोजेक्ट ने अभी तक परग्रही जीवन का कोई भी संकेत नही पकड़ा है। विज्ञानीयो को अब फ्रैंक ड्रेक के बुद्धिमान परग्रही सभ्यता समीकरण के कारक पूर्वानुमानो पर पुनर्विचार करने आवश्यकता महसूस हुयी। हाल मे प्राप्त हुयी खगोल विज्ञान की नयी जानकारीयो के अनुसार बुद्धिमान परग्रही सभ्यता की संभावना, 1960 मे फ्रेंक ड्रेक द्वारा गणना की गयी संभावना से कहीं अलग है। बुद्धिमान परग्रही जीवन की नयी संभावना मूल संभावना से ज्यादा आशावादी और ज्यादा निराशावादी दोनो है।

गोल्डीलाक क्षेत्र

गोल्डीलाक क्षेत्र का एक ग्रह "हमारी धरती"।
गोल्डीलाक क्षेत्र का एक ग्रह “हमारी धरती”।

गोल्डीलाक क्षेत्र तारे से उस दूरी वाले क्षेत्र को कहा जाता है जहां पर कोई ग्रह अपनी सतह पर द्रव जल रख सकता है तथा पृथ्वी जैसे जीवन का भरण पोषण कर सकता है। यह निवास योग्य क्षेत्र दो क्षेत्रो का प्रतिच्छेदन(intersection) क्षेत्र है जिन्हे जीवन के लिये सहायक होना चाहिये; इनमे से एक क्षेत्र ग्रहीय प्रणाली का है तथा दूसरा क्षेत्र आकाशगंगा का है। इस क्षेत्र के ग्रह और उनके चन्द्रमा जीवन की सम्भावना के उपयुक्त है और पृथ्वी के जैसे जीवन के लिये सहायक हो सकते है। सामान्यत: यह सिद्धांत चन्द्रमाओ पर लागू नही होता क्योंकि चन्द्रमाओ पर जीवन उसके मातृ ग्रह से दूरी पर भी निर्भर करता है तथा हमारे पास इस बारे मे ज्यादा सैद्धांतिक जानकारी नही है। पढ़ना जारी रखें “परग्रही जीवन श्रंखला भाग 04 : कहां है वे ?”