सप्तॠषि तारामंडल का सुपरनोवा अपनी चरम दीप्ती पर


 

Supernova_in_M101_2011-08-25
सप्तऋषी तारामंडल का सुपरनोवा SN2011fe

कुछ सप्ताह पहले खगोलविज्ञानीयों ने M101 आकाशगंगा मे एक सुपरनोवा विस्फोट देखा था। यह एक वर्ग Ia का सुपरनोवा है, जो कि खगोलीय दूरीयों की गणना मे प्रयुक्त होते है। यह सुपरनोवा अपनी इस विशेषता के कारण महत्वपूर्ण होते है और इस तरह के सुपरनोवा को अपने इतने समीप 260 लाख प्रकाश वर्ष दूरी पर पाना दुर्लभ होता है। (खगोलीय पैमाने पर 260 लाख प्रकाश वर्ष छोटी दूरी है।)

प्रस्तुत चित्र आक्सफोर्ड विश्विद्यालय द्वारा कैलीफोर्निया स्थित अंतरिक्ष वेधशाला से लिया गया है।

इस सुपरनोवा की खोज पालोमर ट्रान्जीएन्ट फ़ैक्टरी(Palomar Transient Factory) के वैज्ञानिको ने की थी और अस्थायी नाम PTF 11kly दिया था। अब इसे स्थायी नाम SN2011fe दिया गया है। 2011 मे खोजा गया यह 136 वाँ सुपरनोवा है। (सुपरनोवा के नाम रोमन अक्षरो पर रखे जाते है, पहले 26 सुपरनोवा SN2011a-z थे, उसके पश्चात अगले 26 सुपरनोवा SN2011aa-az थे।)

यह चित्र 0.8 मीटर दूरबीन से लास कम्ब्रेस वेधशाला वैश्विक वेधशाला संजाल( the Las Cumbres Observatory Global Telescope Network) से लिया गया है। यह एक अपेक्षाकृत छोटी दूरबीन है अर्थात यह सुपरनोवा काफी चमकदार पिंड है।

यह सुपरनोवा अपनी चरम दीप्ती पर पहुंच रहा है और अब यह बायनाकुलर या छोटी दूरबीन से दिखायी देना चाहीये। यदि आप सप्तऋषि तारामंडल की ओर देंखे तो इसे खोज पाना कठीन नही होगा। सुपरनोवा सामान्यतः अपने चरम दीप्ती पर पहुंचने के लिए 1-2सप्ताह लेते है और उसके पश्चात धीमे धीमे धुंधले होते जाये है। यदि आप इसे आज-कल मे नही देख पाये तो परेशानी नही है लेकिन ज्यादा देर ना करें। ऐसे मौके दुर्लभ होते है।

3 विचार “सप्तॠषि तारामंडल का सुपरनोवा अपनी चरम दीप्ती पर&rdquo पर;

    1. चरम दीप्ति के बाद वह ठंडा होकर श्वेत वामन तारे में बदल जाता है,छोटा रहा तो केवल गैस का बादल बचेगा। हमारे पास सैकड़ों प्रकास वर्ष तक कोई सुपरनोवा नहीं है। ५-६ प्रकास वर्ष दूरी पर कोई सुपरनोवा होने पर ही हम पर प्रभाव होगा।

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