हमारी पृथ्वी

ब्रह्माण्ड मे पृथ्वी की स्थिति


ब्रह्माण्ड! कितना विशाल है यह ब्रह्माण्ड! हमारी कल्पना से कहीं अधिक!

चलीये अपने ब्रह्माण्ड की सैर पर। प्रारंभ करते है हमारी अपनी पृथ्वी से! अंतरिक्ष की गहराई मे एक खूबसूरत नीली गेंद।
सभी चित्रो को पूर्णाकार मे देखने के लिए उनपर क्लीक कर के देंखे!

हमारी पृथ्वी
हमारी पृथ्वी

पृथ्वी से बाहर, हमारा अपना सौर मंडल, अपने मुखिया सूर्य और उसके कुटुम्ब के साथ!

हमारा सौर मंडल और पृथ्वी
हमारा सौर मंडल और पृथ्वी

हमारे सौर मंडल का मोहल्ला। हमारे सूर्य के पड़ोसियों मे प्रमुख है सबसे समीप का तारा अल्फा सेंटारी। महाकाय लाल दानव तारे आर्कटूरूस, पोलक्स, अल्डेबरान। रात्री आकाश का सबसे चमकीला तारा सीरीअस और अन्य चमकीले तारों मे अल्टेअर, वेगा

हमारे सौर मंडल का आसपड़ोस
हमारे सौर मंडल का आसपड़ोस

यह है हमारी आकाशगंगा “मंदाकिनी” और उसमे सौर मंडल का मोहल्ला। सौर मंडल का मोहल्ला मंदाकिनी की एक बाह्य धनु  बांह(Sagittarius arm) मे मौजूद है।

हमारी आकाशगंगा "मंदाकिनी" मे सौर मंडल
हमारी आकाशगंगा “मंदाकिनी” मे सौर मंडल

मंदाकिनी आकाशगंगा और उसकी पड़ोसी आकाशगंगाये, जिन्हे हम स्थानीय आकाशगंगा समूह कहते है। इस स्थानीय आकाशगंगा समूह मे शामिल है एंड़ोमीडा और मेग्लेन बादल(आकाशगंगा) तथा कई अन्य आकाशगंगाये।

हमारी आकाशगंगा "मंदाकिनी" और पड़ोसी आकाशगंगाये(स्थानीय आकाशगंगा समूह)
हमारी आकाशगंगा “मंदाकिनी” और पड़ोसी आकाशगंगाये(स्थानीय आकाशगंगा समूह)

स्थानीय आकाशगंगा समूह से आगे बढ़ने पर हम आते है कन्या आकाशगंगा महासमूह (Virgo Supercluster) पर। यह स्थानीय आकाशगंगा समूह और कई अन्य आकाशगंगा समूह से मिलकर बना है।

कन्या आकाशगंगा महासमूह मे मंदाकिनी सहित स्थानीय आकाशगंगा समूह
कन्या आकाशगंगा महासमूह मे मंदाकिनी सहित स्थानीय आकाशगंगा समूह

कन्या आकाशगंगा महासमूह के पड़ोसी आकाशगंगा महासमूह से मिलकर बना स्थानीय आकाशगंगा महासमूह का समूह।

कन्या आकाशगंगा महासमूह और पड़ोसी आकाशगंगा महासमूह
कन्या आकाशगंगा महासमूह और पड़ोसी आकाशगंगा महासमूह

और यह है हमारी दृष्टि की सीमा! हम इतना सा ब्रह्माण्ड ही देख पाते है।

हमारी दृष्टी की सीमा मे ब्रह्माण्ड और कन्या आकाशगंगा महासमूह
हमारी दृष्टी की सीमा मे ब्रह्माण्ड और कन्या आकाशगंगा महासमूह
Advertisement

17 विचार “ब्रह्माण्ड मे पृथ्वी की स्थिति&rdquo पर;

  1. Earth की इस Location देखकर मुझे अहंकार करने वाले इंसानो पर हंसी आती है कि वे बोलते है कि ये महाराष्ट् हमारा है तुम UP के हो। हमे तो तुम्हारा महाराष्ट्र ही नही बल्की ये Observable Universe हमारा है जिससे मै प्यार करता हूँ। इसकी छोटी सी जानकारी भी हमारी जीवन का एक हिस्सा है । Thanky Bebmaster.

    पसंद करें

  2. Earth की इस Location देखकर मुझे अहंकार करने वाले इंसानो पर हंसी आती है कि वे बोलते है कि ये महाराष्ट् हमारा है तुम UP के हो। हमे तो तुम्हारा महाराष्ट्र ही नही बल्की ये Observable Universe हमारा है जिससे मै प्यार करता हूँ। इसकी छोटी सी जानकारी भी हमारी जीवन का हिस्सा है । Thanky Bebmaster.

    पसंद करें

  3. संपूर्ण ब्रह्मांड की कोई परिकल्पना भी है क्या? या फिर, प्रति-ब्रह्मांड या अनगिनत आकाश गंगाओं की तरह की तरह पैरेलल ब्रह्मांड या अनगिनत ब्रह्मांड भी हो सकते हैं इसकी वैज्ञानिक परिकल्पना किसी ने की है? यह जानना भी रोचक होगा.

    पसंद करें

  4. हमेशा की तरह गम्‍भीर पोस्‍ट और उसपर दिनेशजी और निशांत भाई की टिप्‍पणी ने इसे सार्थक सा कर दिया। बधाई।

    ——
    चोंच में आकाश समा लेने की जिद..
    इब्‍ने सफी के मायाजाल से कोई नहीं बच पाया।

    पसंद करें

  5. पृथ्वी का इतना बेहतरीन चित्र पहली बार देखा,ऐसा लगा बहुत करीब से देखा।
    अद्भुत जानकारी देने के लिए आपका ह्रदयाभार…
    द्विवेदी जी की टिप्पणी ने एक सही अर्थ दिया है…

    पसंद करें

  6. इस बिंदु को दोबारा देखिए. हम यहीं हैं. यह हमारा घर है. ये हम हैं. इसपर वह सब कुछ है जिससे हम प्रेम करते हैं, जिसे हम जानते हैं, जिसे हमने कभी देखा, कभी सुना…इसी पर आज तक जन्मे सभी मनुष्यों ने अपना जीवन गुज़ारा. सूर्य की किरण में थमे हुए धूल के इसी कण पर मानव जाति के इतिहास के सभी दुःख-सुख, सैंकडों धर्मों-पंथों के द्वंद्व, मान्यताएं, आर्थिक विचार, सारे आखेटक और उनके शिकार, नायक और कापुरुष, सभ्यता के निर्माता और विध्वंसक, राजा और किसान, प्रेमी युगल, माता-पिता, शिशु, आविष्कारक और दुस्साहसी, नीतिवान शिक्षक, भ्रष्ट नेता, सुपरस्टार, राष्ट्रनायक, महात्मा और नराधम उत्पन्न हुए.

    इस महाविराट ब्रम्हांड के परिदृश्य में हमारी पृथ्वी लगभग कुछ भी नहीं है. ज़रा सोचिये, आज तक कितने सम्राटों और सेनापतियों ने खून की नदियाँ बहाईं ताकि वे इसी बिंदु के एक छोटे से अंश पर अपनी गौरवगाथा लिख सकें. धूल के इसी नीले कण के एक छोर पर रहनेवाले रहवासियों ने किसी दूसरे छोर पर उनकी ही जैसी मिट्टी पर शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे अपने भाइयों को न जाने कैसी नासमझी और घृणा के वशीभूत होकर मौत के घाट उतार दिया.

    हमारे असंगत व्यवहार, हमारी काल्पनिक आत्म-गुरुता, और हमारा यह भ्रम कि इस महाविराट ब्रम्हांड में हमारा एक विशेष स्थान है – यह धुंधली रोशनी में लटके इस बिंदु से ध्वस्त हो जाता है. हमें अथाह घटाटोप अन्धकार में लपेटे हुए इस ब्रम्हांड में हमारी पृथ्वी धूल का एक अकेला कण मात्र है. इस गहनता से उपजी असहायता में कोई दिलासा नहीं है कि कभी कोई कहीं से हमें हमसे ही बचाने आएगा.

    हमारी पृथ्वी ही वह ज्ञात विश्व है जहाँ जीवन है. आनेवाले समय में भी कहीं ऐसा कुछ नहीं दिखता जहाँ हम प्रस्थान कर सकें. जा भी सकें तो बस न सकेंगे. मानें या न मानें, इस क्षण तो पृथ्वी ही वह स्थान है जहाँ हम अटल रह सकते हैं.

    कहा जाता है कि अन्तरिक्ष विज्ञान का अध्ययन मनुष्य को विनीत और उसके चरित्र को दृढ़ बनाता है. हमारे इस छोटे से संसार की इस दूरतम छवि से बेहतर भला क्या होगा जो मनुष्य के मूर्खतापूर्ण दंभ को उजागर कर दे. मेरे लिए तो यह हमारी जिम्मेदारी के नीचे एक अधोरेखा खींचकर यह बताता है कि हमें एक दूसरे से उदारतापूर्ण व्यवहार करना है और इस नीले बिंदु की रक्षा करनी है क्योंकि जिसे हम घर कह सकते हैं वह यही है. – कार्ल सागन

    Liked by 1 व्यक्ति

  7. इस ब्रह्मांडीय द्रव्य में
    हमारी पृथ्वी
    शायद कुछ भी नहीं
    कहाँ हैं हम?
    कोई खोज सकेगा हमें?
    पर हमारा अहंकार
    जिस की हदें
    ब्रह्माण्ड से भी परे
    चली जाती हैं
    किसी को
    हमारा पता दे दे

    पसंद करें

इस लेख पर आपकी राय:(टिप्पणी माड़रेशन के कारण आपकी टिप्पणी/प्रश्न प्रकाशित होने मे समय लगेगा, कृपया धीरज रखें)

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s