गुरुत्विय तरंगो की खोज: महाविस्फोट(Big Bang), ब्रह्मांडीय स्फिति(Cosmic Inflation), साधारण सापेक्षतावाद की पुष्टि


Update :BICEP2 के प्रयोग के आंकड़ो मे त्रुटि पायी गयी थी। इस प्रयोग के परिणामो को सही नही माना जाता है।

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पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा सूर्य के आसपास उसके गुरुत्वाकर्षण द्वारा काल-अंतराल(space-time) मे लाये जाने वाली वक्रता के फलस्वरूप करती है। मान लिजीये यदि किसी तरह से सूर्य को उसके स्थान से हटा लिया जाता है तब पृथ्वी पर सूर्य की (या सूर्य के गुरुत्वाकर्षण)अनुपस्थिति का प्रभाव पडने मे कितना समय लगेगा ? यह तत्काल होगा या इसमे कुछ विलंब होगा ? सूर्य के पृथ्वी तक प्रकाश 8 मिनट मे पहुंचता है, सूर्य की अनुपस्थिति मे पृथ्वी पर अंधेरा होने मे तो निश्चय ही 8 मिनट लगेंगे, लेकिन गुरुत्विय अनुपस्थिति के प्रभाव मे कितना समय लगेगा ? यदि हम न्युटन के सिद्धांतो को माने तो यह प्रभाव तत्काल ही होगा लेकिन आइंस्टाइन के सापेक्षतावाद के अनुसार यह तत्काल नही होगा क्योंकि गुरुत्वाकर्षण भी तरंगो के रूप मे यात्रा करता है। इस लेख मे हम इसी गुरुत्विय तरंगो की चर्चा करेंगे।

हमारे पास ऐसा कोई उपाय नही है जिससे हम यह जान सके कि आज से लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले ब्रह्माण्ड के जन्म के समय क्या हुआ था। लेकिन वैज्ञानिको ने सोमवार 17 मार्च 2014 महाविस्फोट अर्थात बीग बैंग सिद्धांत को मजबूत आधार देने वाली नयी खोज की घोषणा की है। यदि यह खोज सभी जांच पड़ताल से सही पायी जाती है तो हम जान जायेंगे कि ब्रह्मांड एक सेकंड के खरबवें हिस्से से भी कम समय मे कैसे अस्तित्व मे आया।
कैलीफोर्नीया इंस्टीट्युट आफ टेक्नालाजी के भौतिक वैज्ञानिक सीन कैरोल कहते है कि

“यह खोज हमे बताती है कि ब्रह्माण्ड का जन्म कैसे हुआ था। मानव जाति जिसका आधुनिक विज्ञान कुछ सौ वर्ष ही पूराना है लेकिन वह अरबो वर्ष पहले हुयी एक घटना जिसने ब्रह्माण्ड को जन्म दिया को समझने के समिप है, यह एक विस्मयकारी उपलब्धि है”।

वैज्ञानिको ने पहली बार आइंस्टाइन द्वारा साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत मे प्रस्तावित गुरुत्विय तरंगो के अस्तित्व का प्रत्यक्ष प्रमाण पाया है। गुरुत्विय तरंगे काल-अंतराल(space-time) मे उठने वाली ऐसी लहरे है जो महाविस्फोट से उत्पन्न सर्वप्रथम थरथराहट है।
पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित दूरदर्शी जिसका नाम BICEP2 — Background Imaging of Cosmic Extragalactic Polarization 2 है, इस खोज मे सबसे महत्वपूर्ण साबित हुयी है। इस दूरबीन ने महाविस्फोट से उत्पन्न प्रकाश के ध्रुवीकरण(polarization) को विश्लेषित करने मे प्रमुख भूमिका निभायी है, जिसके फलस्वरूप वैज्ञानिक यह महत्वपूर्ण खोज कर पाये हैं। पढ़ना जारी रखें “गुरुत्विय तरंगो की खोज: महाविस्फोट(Big Bang), ब्रह्मांडीय स्फिति(Cosmic Inflation), साधारण सापेक्षतावाद की पुष्टि”

विकिरण(Radiation) क्या होता है?


विकिरण (Radition)
यह शब्द आजकल भयावहता उत्पन्न करता है। जब भी हम इस शब्द को सुनते है, हमारी आंखो के सामने कैंसर के मरीज, हिरोसीमा और नागासाकी के परमाणु बम द्वारा उत्पन्न विध्वंस आ जाता है।

आधुनिक मीडीया भी हमारे इस भय को बढाने का काम करता है। ज्यादा दिन नही गुजरे है जब जापान मे आयी सुनामी के कारण फुकुशीमा परमाणु संयंत्र दुर्घटना से उत्पन्न विकिरण से पुरे विश्व मे भय उत्पन्न हो गया था। हाल ही मे एक विवादास्पद शोध द्वारा मोबाईल फोन द्वारा कैंसर उत्पन्न किये जाने के समाचार ने भय को बढ़ावा दिया था!

विकिरण होता क्या है ?

वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार:

विकिरण ऊर्जा का वह प्रकार है जो अंतराल मे यात्रा करते समय तरंग जैसा व्यवहार करता है।

इस परिभाषा के अंतर्गत विकिरण मे साधारण दृश्य प्रकाश किरणे, अवरक्त प्रकाश(टी वी के रीमोट से उत्सर्जित) किरणे, रेडीयो तरंग(मोबाईल, रेडीयो, टीवी द्वारा प्रयुक्त), पराबैंगनी किरणे, एक्स रे आ जाती है। पढ़ना जारी रखें “विकिरण(Radiation) क्या होता है?”