
यह एक ग्रहीय निहारिका है जो एक तारे की मृत्यु के पश्चात बनी है। इस निहारिका का नाम एन जी सी 3132 है। इसे दक्षिणी वलय निहारिका(Southern Ring Nebula) भी कहा जाता है। इसे निर्माण करने वाला श्वेत वामन तारा इस चित्र के मध्य मे दिखने वाला धुंधला तारा है। तेज चमक वाला तारा इस श्वेत वामन तारे का साथी तारा है।
इस निहारिका का निर्माण उस समय हुआ होगा ,जब सूर्य के आकार के तारे का ईंधन खत्म हो गया और गुरुत्वाकर्षण द्वारा उत्पन्न संपिड़न तथा केन्द्र की उष्मा के टकराव के फलस्वरूप इसमे एक विस्फोट हुआ होगा। तारे के शेष केन्द्रक से श्वेत वामन तारे का जन्म हुआ और शेष पदार्थ की परतो से यह खूबसूरत निहारिका।
इस चित्र के केन्द्र मे निला रंग यह दर्शा रहा है कि यह भाग अभी भी गर्म है और इसे धूंधले श्वेत वामन तारे से उष्मा मील रही है। इस निहारिका के असामान्य आकार और सममीती के पिछे के कारण अज्ञात हैं।
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