
श्याम विवर (Black Hole) एक अत्याधिक घनत्व वाला पिंड है जिसके गुरुत्वाकर्षण से प्रकाश किरणो का भी बच पाना असंभव है। श्याम विवर मे अत्याधिक कम क्षेत्र मे इतना ज्यादा द्रव्यमान होता है कि उससे उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण किसी भी अन्य बल से शक्तिशाली हो जाता है और उसके प्रभाव से प्रकाश भी नही बच पाता है।
श्याम विवर की उपस्थिति का प्रस्ताव 18 वी शताब्दी मे उस समय ज्ञात गुरुत्वाकर्षण के नियमो के आधार पर किया गया था। इसके अनुसार किसी पिंड का जितना ज्यादा द्रव्यमान होगा या उसका आकार जितना छोटा होगा, उस पिंड की सतह पर उतना ही ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल महसूस होगा। जान मीशेल तथा पीयरे सायमन लाप्लास दोनो ने स्वतंत्र रूप से कहा था कि अत्याधिक द्रव्यमान या अत्याधिक लघु पिंड के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से किसी का भी बचना असंभव है, प्रकाश भी इससे बच नही पायेगा।
इन पिंडो को ’श्याम विवर(Black Hole)’ नाम जान व्हीलर ने 1967 मे दिया था। भौतिक विज्ञानीयों तथा गणितज्ञों ने यह पाया है कि श्याम विवर के पास काल और अंतराल(Space and Time) के विचित्र गुणधर्म होते हैं। इन विचित्र गुणधर्मो की वजह से श्याम विवर विज्ञान फतांसी लेखको का पसंदीदा रहा है। लेकिन श्याम विवर फतांसी नही है। श्याम विवर का आस्तित्व है और जब भी एक महाकाय तारे की मृत्यु होती है एक श्याम विवर का जन्म होता है। यह महाकाय तारे अपनी मृत्यु के पश्चात श्याम विवर बन जाते है। हम श्याम विवर को नही देख सकते है लेकिन उसमे गुरुत्वाकर्षण के फलस्वरूप उसमे गिरते द्रव्यमान को देख सकते है। इस विधि से खगोल वैज्ञानिको ने अब तक ब्रह्माण्ड का निरीक्षण कर सैकड़ो श्याम विवरो की खोज की है। अब हम जानते है कि हमारा ब्रह्माण्ड श्याम विवरो से भरा पड़ा है और उन्होने ब्रह्माण्ड को आकार देने मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
क्या श्याम विवर भौतिकी के नियमो का पालन करते है ?
श्याम विवर भौतिकी के सभी नियमों का पालन करते हैं। उसके विचित्र गुणधर्म गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के फलस्वरूप उत्पन्न होते है।
1679 मे आइजैक न्युटन ने प्रमाणित किया था कि ब्रह्माण्ड के सभी पिण्ड एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण से आकर्षित होते है। गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के सभी मूलभूत बलो मे सबसे कमजोर बल है। हमारे दैनिक जीवन मे प्रयुक्त होने वाले अन्य बल जैसे विद्युत, चुंबकत्व इससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली है। लेकिन गुरुत्वाकर्षण हमारे ब्रह्माण्ड को आकार देता है क्योंकि यह खगोलिय दूरीयोँ पर भी प्रभावी है। उदाहरण के लिए इस बल के प्रभाव से चन्द्रमा ग्रहों की ,ग्रह सूर्य की तथा सूर्य आकाशगंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है।

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के द्वारा हमारे गुरुत्वाकर्षण के ज्ञान को उन्नत किया। उन्होने सिद्ध किया कि प्रकाश एक सीमित गति अर्थात लगभग 3 लाख किमी/सेकंड की गति से चलता है। इसका अर्थ यह है कि काल और अंतराल(Space and Time) एक दूसरे से संबधित हैं। 1915 मे उन्होने सिद्ध किया कि भारी पिण्ड अपने आसपास के 4 आयाम वाले काल-अंतराल को विकृत करते है, यह विकृति हमे गुरुत्वाकर्षण के रूप मे दिखायी देती है। जैसे किसी चादर पर एक भारी लोहे की गेंद रख दे तो वह चादर को विकृत कर देती है, अब उसके पास कंचो को बिखरा दे तो वे उस गेंद की परिक्रमा करते हुये अंत मे गेंद के पास पहुंच जाते है। यहां चादर अंतराल(Space) है, गेंद एक भारी पिंड और चादर मे आयी विकृति गुरुत्वाकर्षण बल। (4 आयाम : लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और समय)
आइंस्टाइन के पूर्वानुमानो को परखा जा चूका है और विभिन्न प्रयोगो से प्रमाणित किया गया है। अपेक्षाकृत कमजोर गुरुत्वाकर्षण बल जैसे पृथ्वी पर आइन्स्टाइन और न्युटन के पूर्वानुमान समान है। लेकिन मजबूत गुरुत्वाकर्षण जैसे श्याम विवर के पास मे आइन्स्टाइन के सिद्धांत से कई नये विचित्र अद्भुत तथ्यो की जानकारी प्राप्त हुयी है।
श्याम विवर का आकार कितना होता है ?

श्याम विवर के अंदर सारा द्रव्यमान एक अत्यधिक छोटे बिन्दू नुमा क्षेत्र मे सीमित होता है जिसे केन्द्रीय सिंगयुलैरीटी(Central Singularity) कहते है। घटना-क्षितिज(Event Horizon) श्याम विवर को घेरे हुये एक काल्पनिक गोला है जो श्याम विवर के पास जा सकने की सुरक्षित सीमा दर्शाता है। घटना क्षितीज को पार करने के बाद वापसी असंभव है, इस सीमा के बाद आप श्याम विवर के गुरुत्वाकर्षण की चपेट मे आकर केन्द्रिय सिंगयुलैरीटी मे समा जायेंगे। घटना-क्षितिज की त्रिज्या को जर्मन वैज्ञानिक स्क्वार्ज्सचील्ड के सम्मान मे स्क्वार्ज्सचील्ड त्रिज्या (Schwarzschild radius)कहते है।

स्क्वार्ज्सचील्ड त्रिज्या श्याम विवर के द्रव्यमान के अनुपात मे होती है। खगोल वैज्ञानिको ने स्क्वार्ज्सचील्ड त्रिज्या 6 मील से लेकर हमारे सौर मंडल के आकार तक की पायी है। लेकिन सैद्धांतिक रूप से श्याम विवर इस सीमा से छोटे और बड़े भी हो सकते है। तुलना के लिए यदि पृथ्वी के सारे द्रव्यमान को दबा कर एक कंचे के आकार का कर दे तो वह श्याम विवर बन जायेगी। आप अनुमान लगा सकते है कि श्याम विवर मे पदार्थ किस दबाव मे और कितने ज्यादा घनत्व का होता है। किसी श्याम विवर का अत्याधिक द्रव्यमान का होना आवश्यक नही है, आवश्यक है उसका अत्याधिक घनत्व का होना। सूर्य के द्रव्यमान के लिए यह सीमा 3 किमी है, अर्थात सूर्य के सारे द्रव्यमान को संकुचित कर 3 किमी त्रिज्या मे सीमित कर दे तो वह श्याम विवर मे परिवर्तित हो जायेगा। ध्यान दे सूर्य की त्रिज्या लगभग 700,000 किमी है।
कुछ श्याम विवर अपने अक्ष(axis) पर घूर्णन भी करते है और स्थिति को ज्यादा जटिल बनाते है। घूर्णन के साथ आसपास का अंतरिक्ष भी आसपास खिंचा जाता है, जिससे एक खगोलीय भंवर का निर्माण होता है। इस अवस्था मे सिंगयुलैरीटी एक बिंदू की जगह एक बेहद पतला वलय(ring) होती है। इस मे एक काल्पनिक गोले की बजाये दो घटना क्षितिज होते है। इनके अतिरिक्त एक अर्गोस्फीयर (Ergosphere)नामक क्षेत्र होता है जो की स्थायी सीमा से बंधा होता है। इसमे फंसा पिंड श्याम विवर के घूर्णन के साथ घूमता रहता है, सैधांतिक रूप से वह श्याम विवर के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त हो सकता है।
कितनी तरह के श्याम विवर संभव है ?

श्याम विवर सामान्यतः एक दूसरे से भिन्न लगते है। लेकिन यह उनके आसपास के क्षेत्रो की भिन्नता के कारण होता है। सभी श्याम विवर एक जैसे होते है, उनके तीन विशिष्ट गुणधर्म होते है:
- श्याम विवर का द्रव्यमान (कितनी मात्रा पदार्थ से वह निर्मित है)।
- घूर्णन (वह घूर्णन कर रहा है अथवा नही ?,उसके अपने अक्ष पर घूर्णन की गति)।
- उसका विद्युत आवेश
विचित्र रूप से श्याम विवर हर निगले गये पिंड के बाकी सभी जटिल गुणधर्मो को मिटा देते है।
खगोलविद किसी श्याम विवर के द्रव्यमान की गणना उसकी परिक्रमा करते पदार्थ के अध्यन से कर सकते है। अभी तक दो तरह के श्याम विवर ज्ञात हुये है।
- तारकीय द्रव्यमान वाले श्याम विवर(Stellar Mass) – श्याम विवर जिनका द्रव्यमान सूर्य से कुछ गुणा ज्यादा हो
- अतिभारी श्याम विवर(Super Massive Black Hole) – किसी छोटी आकाशगंगा के द्रव्यमान के तुल्य
हाल के कुछ अध्यनो से ज्ञात हुआ है कि इन दो श्याम विवरो के वर्गो के मध्य द्रव्यमान के भी श्याम विवर हो सकते है।
श्याम विवर एक अक्ष पर घूर्णन कर सकते है, उसकी घूर्णन गति एक विशिष्ट सीमा को पार नही कर सकती है। खगोलविद मानते है कि श्याम विवर को घूर्णन करना चाहिये क्योंकि श्याम विवर जिन पिंड (तारो) से बनते है वे भी घूर्णन करते है। हाल के कुछ निरिक्षण इस पर कुछ प्रकाश डाल रहे है लेकिन सभी वैज्ञानिक इस पर एक मत नही है। श्याम विवर विद्युत आवेशीत भी हो सकते है। लेकिन इस अवस्था मे विपरीत आवेश के पदार्थ को आकर्षित कर और उसे निगल कर तेजी से उदासीन हो जायेंगे, इसकारण वैज्ञानिक मानते है कि ब्रह्माण्ड के सभी श्याम विवर विद्युत उदासीन(Neutral) होते है।
नोट: श्याम विवर को हिन्दी मे कृष्ण विवर/कृष्ण छिद्र भी कहा जाता है।(साभार :दर्शन बवेजा जी/नीरज रोहील्ला जी)
अगले अंको मे
- श्याम विवर के अंदर क्या होता है?
- क्या श्याम विवर प्रकाश किरणो को वक्र कर सकते है?
- जब दो श्याम विवर टकराते है तब क्या होता है?
- क्या श्याम विवर चिरंजीवी होते है?
- श्याम विवर कैसे बनते है?
- श्याम विवर को कैसे देखा जाता है?
- श्याम विवर की वृद्धि कैसे होती है?
- ब्रह्माण्ड मे कितने श्याम विवर हैं?
सर
क्या यह आवश्यक है कि किसी गृह का उपग्रह उसी का एक भाग है जो उससे ही अलग हुआ है ,क्या यह संभव नही की कोई पिंड बाहर से आकर उस गृह की गुरुत्वाकर्षण से संतुलन में आकर घूमने लगे?
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पूरी तरह से संभव है कि किसी अन्य पिंड को पकड़ कर अपना उपग्रह बना लिया जाए।
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श्याम विवर और कृष्णछिद्र मैं कोई अंतर है
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नही दोनो एक ही है।
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कोई अंतर नही।
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ब्लँक होल ब्रम्हांड का वो चक्रव्युह है जिससे कभी कोई बाहर नही निकल सकता
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सर एक बात समझ नही आई
ब्लैक होल रियल में होता क्या है
एक गढ़ा(होल)
या फिर एक गोला
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एक अत्याधिक द्रव्यमान वाला गोला जिसे देखा नही जा सकता। लेकिन इसका कार्य ऐसा होता है कि वह एक छिद्र जैसे प्रतित होता है।
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सर फिर इसे होल क्यों कहते है
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क्योंकि उसमे जो जाता है वह बाहर नही आता। यह व्यवहार किसी छेद के जैसे ही है।
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सर क्या हर चीज का प्रतिपर्दाथ होता है ?
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केवल फ़र्मियान कणो के प्रति कण होते है, बल वाहक बोसानो के प्रतिकण नही होते है।
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तो सर फिर ब्रह्मांड का प्रतिपर्दाथ कहा है
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एक सिद्धांत है CP सममिती विखंडण। उसके अनुसार किसी अज्ञात कारण से बिग बैंग के पश्चात पदार्थ कणो का निर्माण प्रतिपदार्थ से थोड़ा अधिक हुआ। पदार्थ और प्रतिपदार्थ टकराकर नष्ट हो गये और ऊर्जा मे तब्दिल हो गये। पदार्थ की जो थोड़ी अधिक मात्रा थी उसी से ब्रह्माण्ड बना। प्रतिब्रह्माण्ड नही बन पाया।
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kya prithvi per aisa koi jagah h jiska manusya pata nahi laga saka h
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अंटार्कटिका महाद्विप, आर्कटिक क्षेत्र तथा प्रशांत महासागर के बहुत से क्षेत्र अभी भी मानव की पहुंच से बाहर हो सकते है।
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sir black hole ka sidhaant kisne diya
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किसी एक व्यक्ति को इसका श्रेय नही जाता है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक रहे है जिनमे John Michell ,Pierre-Simon Laplace,Karl Schwarzschild , David Finkelstein प्रमुख है!
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Sir dark matter kya hai?
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निखिल , इस लिंक पर बहुत से लेख है उन्हे देखें।
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Sir muje aapki help bad m jrurt pdegi m abhi model bana raha hu pura hone par aapko bta duga
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सब कुछ भ्रह्मण्ड में निहित हे।
जब तारो से भरा आकाश देखते है तो ईसके बारे में सोचकर रोमांचित होते है।
मेरा सवाल ये हे की जो आकाशगंगाएँ आज दिखती है क्या वो वास्तव में लाखो साल पहले का नजारा है जो यात्रा करके आज हमारे पास पहुचा है।
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हाँ, वो लाखों वर्ष पुराना नजारा है।
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we can travel in time using black holes… kafi sare post etc mean iss baat ko sach bola hai but what is your opinion in same ..??
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वैज्ञानिक ब्लैक होल से समय यात्रा की सम्भावना जताते है। संभावना सत्य हो आवश्यक नहीं।
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jaise prithvi surya ki karti h
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sir surya sthir h ya ghoom raha h
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सूर्य भी पृथ्वी के जैसे घूर्णन करता है। सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा भी करता है।
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Sir to kya hum Maan le ki Aakash Ganga ka Kendra Surya ke Kendra me hi hai
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विपिन, आकाशगंगा में अरबों तारे है। सूर्य एक बहुत साधारण तरह का औसत आकार का तारा है। ये आकाशगंगा केंद्र से हजारो प्रकाशवर्ष दूर से आकाशगंगा की परिक्रमा करता है।
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sir kya mangal grah par toofan ya aandhiya chalti h
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हाँ मंगल पर तूफ़ान और आंधी आती है।
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Jupiter par jo toofan hai usme hamari earth sama sakti hai.
ye 300 salo se chal raha hai.
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prithvi se bhi chhota h
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सूर्य पृथ्वी से 130 लाख गुणा बड़ा है।
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प्राक्सीमा सेंटारी taara kitna bada h prithvi ya surya se
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प्रक्सिमा सेन्टारी सूर्य से बहुत छोटा है, सूर्य के द्रव्यमान का आंठवा भाग।
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sir बृहस्पति grah prithvi se kitna bada h
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बृहस्पति पृथ्वी से 122 गुणा बड़ा है।
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sir taare hame prithvi se dikhayi dete h to ye lagbhag prithvi se kitni dur honge
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सबसे निकट का तारा प्राक्सीमा सेंटारी 4 प्रकाशवर्ष दूर है, बाकी तारे इससे अधिक दूरी पर है।
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Sir jab tare humse itni duri per hai to hum unhe dekh kaise lete hai mera mtlb hai ki jab Prakash Ko waha pahuchne me kai saal lag jaate hai
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हाँ हम उनकी कई वर्ष पुरानी छवि देखते है।
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sir agar ve chhote chhote dikane wale taare graho se itne bade h !!!
to sir surya bhi to graho se kai guna bada h !!! to iska matlab surya bhi ek taara h !
kya mane sahi kaha sir
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सूर्य एक औसत आकार का तारा है। इससे हजारो गुणा बड़े तारे भी है।
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sir hume antriks me crodo taare najar aate h ! to sir ve taare bade h ya hamare sormandal ke grah
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सौर मंडल के ग्रह् उन तारो से बहुत छोटे है, हजारो गुणा छोटे है।
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sir pluto ke 5 up grah h to pluto grah hua !!! to ise grah kyo nhi mana jata
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https://vigyanvishwa.in/2007/01/22/pluto/
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sir sbhi graho ke kitne up grah h
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आशीष, बुध, शुक्र का कोई उपग्रह नहीं है। पृथ्वी का एक, मंगल के दो, बृहस्पति और शनि के 60-60 से अधिक। यूरेनस, नेपच्युन के 10-10 से अधिक, प्लूटो के पांच उपग्रह है।
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sir शनि grah ke charo or ek chakar sa hota h vo kya hota h
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वह बर्फ के टूकड़ो का घेरा है जो शनि के चारो ओर है। उसे शनि का वलय कहते है।
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sir टाईटन kon se grah ka upgrah h
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शनि
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sir kon kon se grah ya upgrah h !!!
jin par insaan ya unka antriks yaan pahucha h
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मानव केवल चंद्रमा पर गया है। अंतरिक्षयान सभी ग्रह बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति पर उतर चूके है या उनसे टकरा चुके है। युरेनस, नेपच्युन और प्लूटो के करीब से अंतरिक्षयान गुजर चूके है।
उपग्रहो मे टाईटन पर अंतरिक्ष यान उतर चूका है।
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sir kya mangal grah par koi insaan gaya h
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अब तक मंगल पर मॉनव नहीं पंहुचा है।
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Then how we known sooo much about mars …??
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अब तक ढेर सारे उपग्रह और रोबोटिक वाहन मंगल जा चुके है। ये वाहन और उपग्रह कई बातो में मानब से बेहतर है।
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sabse kam time me kon sa grah sury ke charo or chaker lagata h
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बुध 88 दिन
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sir surya se sabse jyada dur kon sa grah h or vo surya ke charo or chaker kitne time me lagata h
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सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर नेपच्युन ग्रह है और वह सूर्य की परिक्रमा 165 वर्ष मे करता है।
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prithvi surya ke charo or chaker kitne time me lagati h
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३६५ दिन
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sir black hole agar prithvi ke as pas a gya ya as pas ban gya to kya vah prithvi ko bhi nigal sakta h
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हाँ, ऐसी स्थिति मे वह पृथ्वी को निगल जायेगा।
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ok
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prithvi jab surya ke charo or chakar lagati h to uski gati kitni hoti h
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29,800 m/s
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k.m. me kitna hoga
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Ashish इकाई में परिवर्तन आप कर सकते है।
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pile rang ki nahi dikhti
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नहीं, नीले रंग की
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sir chand par se prithvi kis rang ki dikhayi deti h
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नीली
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sir radio par ब्रह्माण्ड ke baare me jankari de rahe the to usme ye kaha tha ki chand se prithvi pile rang ki dikhayi deti h
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यदि उन्होंने पीला रंग कहा तो वह गलत था।
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sir ek grah to hume prithvi se bhi dikhayi deta h jise hum log *chand* kahate h
to sir chand ek alag grah h ya inhi 8 graho me se ek grah dikhayi deta h jise hum prithvi par chand ke naam se jante h
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चंद्रमा ग्रह नही है, वह पृथ्वी का उपग्रह है। ग्रह तारे की परिक्रमा करते है, जबकि उपग्रह ग्रह की परिक्रमा करते है।
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ok
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sir ब्रह्माण्ड me kul kitne grah h or unke naam kya h
iske baare me btaiye please
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ब्र्ह्माण्ड मे अरबो खरबो तारे है। हर तारे के कुछ ग्रह होते है। इन सभी की संख्या और नाम बताना संभव ही नही है। इन अरबो खरबो ग्रहों मे से हम केवल कुछ ग्रहो को ही जानते है जिसमे हमारे अपने सौर मंडल के आठ ग्रह है।
सौर मंडल के आठ ग्रह है, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेपच्युन
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sir kya black hole ke alava ब्रह्माण्ड ki or jankari pa sakte h yaha
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http://vigyanvishwa.in /index/ पर कई विषयों पर ढेरो लेख हैं।
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sir kya prithvi ke aas paas koi black hole h !
agar h to kitni duri par h !
or kya vo prithvi par se chijo ko apni or khich sakta h
please iske baare me bataye
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पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर तक कोई ब्लैक होल नहीं है।
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thanks
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Sir mera ek Q hai
Pirthivi me black hole hota hai ya nahi
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पृथ्वी मे ब्लैक होल नही है। वे अंतरिक्ष मे , आकाशगंगाओं के केंद्र मे होते है।
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Sir mai yeh janna chahta hu ki yadi brahmand ka aakar lagatar badta rhega to shayad ek samay aisa bhi aa sakta h ki black hole ki gravity itni adhik ho jaye ki sare brahmand ko apni taraf aakatshit kr le
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इस लेख को देखें : https://vigyanvishwa.in/2014/03/05/endofuniverse/
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Light ko gravity kese khinch sakti h???
Jbki light m koi mass hota he nhi..
Yeh kese possible h ki black hole apni Gravitational force se light ko apni or khinch le??
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ऊर्जा और द्रव्यमान एक ही है। प्रकाश का स्थिर द्रव्यमान rest mass शून्य होता है लेकिन कार्यरत द्रव्यमान अर्थात ऊर्जा शून्य नहीं होती है।
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black hole agar karodo salo se chijo ko apne under kheech raha h to vo bharta kyo nhi !!!
kya vo usko dusre raste se bhahar nikalta h !!!! please iske baare me kuchh bataiye
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आशीष, ब्लैक होल , के होल शब्द पर मत जाओ! ये कोई होल या गड्डा नही है जो भर जाये। ब्लैक होल मे अत्यंत कम घनत्व मे अत्याधिक द्रव्यमान होने से उसका गुरुत्वाकर्षण अत्याधिक होता है। ये अपने गुरुत्वाकर्षण से जितना अधिक द्रव्यमान खिंचेगा उतना अधिक शक्तिशाली होते जाता है। मतलब की इसकी भूख बढ़तेजाती है।
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I’ve a question , kya earth ke atmosphere m black hole bn skta hai ?
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Mini Black hole बन सकते है।
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sir apne likha h comments m ki stifen haking k anusar black hole samay k sath khtm ho jate h ye kese sambhav h
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स्टीफन हाकिंग के अनुसार ब्लैक होल एक विशिष्ट विकिरण उत्सर्जन करते है जिससे लंबे समय में ब्लैक होल अपना द्रव्यमान खो देते है। ये समय करोडो वर्ष हो सकता है। इस विकिरण को हाकिंग विकिरण कहते है।
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Sir black hole ko na to dekha ja skta hain aur na hi touch kiya ja ja skta his earth ka sabse nazdik ka black hole 1500 prakash varsh hai , fir pta kaise chala ki itni duri pr black hole hai
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ब्लैक होल को देखा नही जा सकता है लेकिन उसके गुरुत्वाकर्षण द्वारा उत्पन्न प्रभाव को देखा जा सकता है। उदाहरण के लिये यदि किसी रिक्त स्थान की परिक्रमा कुछ तारे कर रहे है तो इसका अर्थ है कि वहाँ पर ब्लैक होल है।
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etni achi jankari ka liya sukriya aur aga ki jankari ka intazar rhaga
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Can I asked one question. If any person or any space craft struck in black holes.they will servive or not.we have agreed on that there is no light .is it possible that without light there is a life in darkness or any type of world.
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ब्लैक होल के अंदर जीवन संभव नही है, मानव की मृत्यु उसमे प्रवेश से पहले ही हो जायेगी।
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Black hole q bnte hain?
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इस लेख को देखें : https://vigyanvishwa.in/2011/07/11/bithofblackhole/
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Thank you sir.mene black hill me bare me bohot sunata ,magar aj apke post se bohut jankari mili.sir mera question hai ki black holl /shyam bibor k anadar kya hai?
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अत्यंत घनत्व वाला पदार्थ!
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sir pruthvila ko gurutviy bal kyon hai ? matlab pruthvi rotate hoti hai ya koi aur reason hai ? aur ek baat….agar pruthvi ekdum rotate hona band kare to sara saman antriksh main bikhar jayega lekin agar pruthvi dhire dhire rukh jaye to kya gurutviy bal rahega ?
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गुरत्व बल द्रव्यमान से उत्पन्न होता है। हर वस्तु जिसका द्रव्यमान हो उसका गुरुत्व बल होता है, मेरा, आपका भी। यह बल कमजोर होता है अत्यधिक द्रव्यमान जैसे पृथ्वी , सूर्य का गुरुत्वार्षण ही महसूस कर सकते है।
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Kya sirvblack hole tk pohuch kr koi uske ander jaa skta hai ya uske pas puhucha hi nhi ja skta?
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ब्लैक होल के हरो और एक सीमा होती है जिसे event horizon कहते है, इसे पार करने के बाद वापसी असंभव है। इस सीमा के अंदर देखा नहीं जा सकता।
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Kya black hole ke piche bhi koi bhrrmand h? Kya koi black hole ke ander ja sakta h. Agar koi ja bhi sakta h to vo Kya jaye ga.
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इसका उत्तर वर्तमान में ज्ञात नहीं है।
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Black hole arbo prakas distance pr hai
To iski kavel kalpna hi ki gai hai abhi tak ya prmand bhi hai kuch
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ब्लैक होल की कल्पना नहीं है, उसके कई प्रमाण है। हमारे सबसे समीप का ब्लैक होल 1500 प्रकाश वर्ष दूर है।
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Black hole k ander bhe brahmand ho skta h kya sir mujhe lagta h ke black hole ek time machine h…..mere presane door kre sir…
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ये संभव है।
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सर जी पृथ्वी जैसा कीसी ग्रह पर जीवन है ?
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पृथ्वी के बाहर जीवन होना चाहिए लेकिन अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है।
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mujhe ye bataiye ki ise krishn chidra ya shyam shivir kyou kahte hai kya iski koi vajah hai
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कृष्ण श्याम दोनों शब्द का अर्थ काला होता है जोकि अंग्रेजी के ब्लैक का समानार्थी है। इसलिए ब्लैक होल हिंदी में श्याम वीवर या कृष्ण छिद्र ।
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sabse pàhale to mai dil se aapka dhanyawad karna chahunga kyuki aarthik pareshani k wajah se meri shiksha adhoori rah gayi aur uske saath saath mere man k bahut saare sawal bhi adhure rah gaye lekin aaj aapka post dekh kar phir se ek nayi ummeed jagi hai
man me sawal to bahut hai lekin filhal mai ye jaanana chahata hoo jaisa ki har jagah bataya jata hai ki bramhand me jitne bhi pind hai we ek doosre ko apni taraph aakarshit karte hai aur isi liye wo sthir hai lekin agar is bramhand ka kahi koi ant hoga to to phir ye saare k saare grah pind kaise sthir hai suppos agar poore bramhand me pachas grah hai aur we ek doosre k gurutwakarshan ki wajah se ruke hai to aisi kaun si energy hai jo in sabko roke rakhi hai
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सबसे पहले, ब्रह्माण्ड मे कुछ भी स्थिर नही है। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है, पृथ्वी सूर्य की, सूर्य आकाशगंगा की, आकाशगंगा अपने समूह के केंद्र की। इन सब परिक्रमा के पीछे एक ही बल है ,गुरुत्वाकर्षण बल, जो हर किसी हो बांधे हुये है। उसी के कारण पिंड एक दूसरे की परिक्रमा कर रहे है। लेकिन कोई भी पिंड रूका हुआ नही है।
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Mujhe ye jankari bahut hi gyanvardhak lagi.
Hindi me aisa lekh post karne k lie aapka bahut bahut Dhanyawad.
Kya black hole k through travelling ho sakti h , prakash ke gati se v tej?
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कुछ वैज्ञानिक मानते है कि ब्लैक होल से समय यात्रा की जा सकती है। लेकिन कैसे? प्रश्न अनुत्तरित है।
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black hole mi jab koi bastu ander jaati hi to kahi nikalti hogi
wo white hole bi ho sakta hi
yaani ek aakashganga se dusri aakashganga ka rasta
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Black hole ke bare me apki post padh kar bahot achchha laga sir iske bare me agar kuch aur jankari ho to jaroor post kare.
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kya time traveling ho sakta hai?
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सैद्धांतिक रूप से हाँ, लेकिन व्यवहारीक रूप के लिये तकनिक नही है।
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Iinformative n well presented
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antarish yaan kaise dushare grah par pahuchte hai
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सर, black hole ..me koi chezz jane ke baad wo dikhai kyon nhi deta..or chezz kanha chali jati hai
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1. किसी भी वस्तु के दिखायी देने के लिये उस वस्तु से प्रकाश परावर्तित होना चाहिये, श्याम विवर का गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि वह प्रकाश को भी खींच लेता है। इस कारण से श्याम विवर मे समाने वाली कोई भी वस्तु दिखायी नही देती है।
2. श्याम विवर मे जाने वाली किसी भी वस्तु का अपना अस्तित्व नही होता है, वह अपना अस्तित्व खोकर श्याम विवर का भाग बन जाती है।
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sir, black hole jo hai kya wah same bermuda triangle ki trah work karta hai , I mean jo usme enter kar le uska pta nhi chalta, aur black hole ke under koi new duniya hai mai suni hu hota hai bahut question hai par please sir itna bta dijiye
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अंकिता : बरमूडा त्रिभूज मे कोई रहस्य नही है। वहाँ होने वाली दूर्घटनाओं का औसत किसी अन्य जगह से ज्यादा नही है, इसके बार मे जितनी भी कहानीयाँ है केवल अफ़वाह है। इस लेख को पढो : https://vigyanvishwa.in/2014/01/13/bermudatriangle/
ब्लैक होल एक अलग पिंड है एक ऐसा पिंड जिसका द्रव्यमान और गुरुत्वाकर्षण अत्याधिक है। उसके अंदर कोई भी वस्तु का अस्तित्व संभव नही है।
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black hole hote hai aur aaj proof bhi ho gya hai magnetic rays ka pata chal gaya hai
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sir yadi black hole kisi pind ya tare ko nigal jata hai to fir to uska mass badh jata hoga.
to kya mass badhne se usme kuchh changes nahi aata ,yadi nahi to changes kyu nahi aata.
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द्रव्यमान बढ़ने से उसक ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बढ़ जाता है, वह और ज्यादा शक्तिशाली हो जाता है।
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Eska mtlb sir ye black hole kV smapt hone wale nhi h aur din pr din enka gravitational force badhta hi jayega.. Hai n sir? I’m right sir?
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आप सही है।
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Hi sir ,,,Maine suna h ki black hole stars KO nigal jata h ,, tab to ek time aisa hoga ki sare stars black hole me sama jaega,,aur universe me kewal black hole hi bachega ,,ya universe bhi end ho jaega ???? Plz. Reply sir,
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ब्लैक होल अपने आसपास आने वाली हर वस्तु, ग्र्ह, तारे, प्रकाश को निगल जाता है। ध्यान रहे ’अपने पास’ आने वाले को निगलता है, हर किसी को नही।
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Plz. Give me some information about Quasars & Dark matter
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Black hole bare me jaan kar accha kaga. Magar puri jankari nahi thi.
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black hole ko nast kar sakte he ???
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नहीं
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black hole ko nast kar sakte he kya ???
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नही, लेकिन स्टीफन हाकिंग के अनुसार वे समय के साथ लुप्त हो जाते है।
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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sir kya shyam.viver se prithavi ko koi khatara h .
yadi h to please mujhe bataiye na.
sir prithavi ke sabse nazadik black hole konsa he
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पृथ्वी से सैकड़ो प्रकाश वर्ष दूरी तक कोई श्याम विवर नही है।
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shyam viver ek aisa sthan h jahan koi bhi vastu sama sakti h
iske utpati prakati bramhand ki safai k liye taro ke vikhandan se karati h
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गुरुजी मेरा जिज्ञासा येह है कि, श्याम बिवरका आफ्ना प्रकाश होता हे या नही ?? श्याम बिवरका घटना क्षितिज मे जो प्रकाश बक्र होता हे, ओह प्रकाश श्याम बिवार खुदका हे वा किसी दुसरे तारो ओं का ?? कृपया बताइए ,,,
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Very interesting ..
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सुंदर जानकारी!
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interesting hai
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क्या एक तारे का ब्लैक होल में बदलना एक आकाश गंगा को नस्ट कर देता हे
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नही! लेकिन श्याम वीवर नये तारों के जन्म की गति बढा सकता है|
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How a star born
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me kaafi samay se BLACK HOLE pe hindi me jaankari khoj rahi thi… apke post ne meri manokamna poori ki… saadhuwaad sweekaren
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आईजक आसीमोव ने अपनी एक विज्ञान कथा में इन श्याम विबरों को ऊर्जा का अजस्र स्रोत भी कहा था
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ज्ञानवर्धक पोस्ट, अगली कडी का इन्तजार रहेगा। मैने ब्लैक होल का हिन्दी अनुवाद “श्याम विवर” पढा है। विवर अथवा वीवर में कुछ अन्तर है क्या या फ़िर ये टाईपिंग की त्रुटि है?
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नीरज जी,
गलती सुधार ली है! धन्यवाद !
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gyan-vardhak post ke liye………….abhar……]
sadar.
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बहुत ज्ञानवर्धक लेख,मै अपने विद्यार्थियों को इसको पढ़ने के लिए प्रेरित करूँगा.
धन्यवाद इस लेख से मुझे कृष्ण छिद्र का नया नाम श्याम वीवर पता चला,वैसे श्याम वीवर हिंदी मे पहली बार पढ़ा हम तो सदा कृष्ण छिद्र के नाम से जानते/पढते रहे हैं.कृपया बताने का कष्ट करें.क्या कोई अंतर है दोनों मे ?
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दर्शन जी,
कृष्ण छिद्र और श्याम वीवर दोनों एक ही है,कहीं कहीं मैंने कृष्ण वीवर भी पढ़ा है. मुझे श्याम वीवर अच्छा लगा था तो वही शब्द प्रयोग में ला रहा हूँ.
मुझे श्याम शब्द शायद ज्यादा पसंद है, श्याम ऊर्जा, श्याम पदार्थ 😀
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लेख में दो टाइपो हैं – 1967 – शायद ये 1867 हैं ?
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मामाश्री, न्यूटन वाला सन गड़बड़ था, उन्होंने गुरुत्वाकर्षण १६७९ में खोजा था.
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Black hole at door (darvaja) he dusari duniya MA Jana ka
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श्याम विवर के बारे में सुंदर जानकारी। आगे प्रतीक्षा है।
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