खगोल भौतिकी 20 : तीन तरह के ब्लैक होल


लेखक : ऋषभ ब्लैक होल का वर्गीकरण पिछले कुछ लेखों मे तारकीय खगोलभौतिकी पर विस्तार से चर्चा के पश्चात हम लोकप्रिय विज्ञान से सबसे पसंदीदा विषय की ओर नजर डालते है : ब्लैक होल। इसके पहले के लेख मे हमने … पढ़ना जारी रखें खगोल भौतिकी 20 : तीन तरह के ब्लैक होल

श्याम वीवर द्वारा गैस के निगलने से एक्रेरीशन डीस्क का निर्माण तथा एक्स रे का उत्सर्जन

ब्लैक होल की रहस्यमय दुनिया


कृष्ण विवर(श्याम विवर) अर्थात ब्लैक होल (Black hole) अत्यधिक घनत्व तथा द्रव्यमान वाले ऐसें पिंड होते हैं, जो आकार में बहुत छोटे होते हैं। इसके अंदर गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि उसके चंगुल से प्रकाश की किरणों निकलना भी … पढ़ना जारी रखें ब्लैक होल की रहस्यमय दुनिया

श्याम वीवर द्वारा गैस के निगलने से एक्रेरीशन डीस्क का निर्माण तथा एक्स रे का उत्सर्जन

ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 12 : श्याम विवर (Black Hole) क्या है?


श्याम वीवर
श्याम वीवर

श्याम विवर (Black Hole) एक अत्याधिक घनत्व वाला पिंड है जिसके गुरुत्वाकर्षण से प्रकाश किरणो का भी बच पाना असंभव है। श्याम विवर मे अत्याधिक कम क्षेत्र मे इतना ज्यादा द्रव्यमान होता है कि उससे उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण किसी भी अन्य बल से शक्तिशाली हो जाता है और उसके प्रभाव से प्रकाश भी नही बच पाता है।

श्याम विवर की उपस्थिति का प्रस्ताव 18 वी शताब्दी मे उस समय ज्ञात गुरुत्वाकर्षण के नियमो के आधार पर किया गया था। इसके अनुसार किसी पिंड का जितना ज्यादा द्रव्यमान होगा या उसका आकार जितना छोटा होगा, उस पिंड की सतह पर उतना ही ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल महसूस होगा। जान मीशेल तथा पीयरे सायमन लाप्लास दोनो ने स्वतंत्र रूप से कहा था कि अत्याधिक द्रव्यमान या अत्याधिक लघु पिंड के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से किसी का भी बचना असंभव है, प्रकाश भी इससे बच नही पायेगा। पढ़ना जारी रखें “ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 12 : श्याम विवर (Black Hole) क्या है?”