
यह चित्र एक जा्ने पहचानने तारामंडल का है। यह 27 नक्षत्रो मे से एक ’कृत्तिका’ नक्षत्र है। पश्चिम मे इसे ’सेवन सीस्टर्स(सात बहने)’ के नाम से जाना जाता है। यह तारामंडल हर सभ्यता द्वारा जाना जाता रहा है। न्युजीलैंड के माओरी आदिवासी इसे मातारीकी कहते है, मध्यपूर्व एशीया मे इसे ‘परवीन’ के नाम से जाना जाता है, माया सभ्यता इसे तझ्बेक कहती थी।
खगोलशास्त्र मे इस तारामंडल को प्लेअडीज कहते है, इसका एक नाम एम 45 भी है। यह एक तारो का खूला समूह है(Open Star Cluster),जिसमे बी वर्ग के अधेड़(आधी उम्र के) तारे हैं। यह पृथ्वी के नज़दीकी तारामंडलो मे से एक है और खूली आंखो से आसानी से देखा जा सकता है।
इस तारा मंडल के तारे निले है, अर्थात अत्यंत गर्म है, जिनका जन्म पिछले 1000 लाख वर्ष मे हुआ है। इस तारामंडल के चमकीले तारो के आसपास धूल के बादल है जिन्हे इन तारो के जन्म के समय बचे हुए अवशेष माना जाता रहा है। लेकिन अब यह माना जाता है कि यह तारा मंडल वर्तमान मे इस धूल के बादल के मध्य से गूजर रहा है और इस तारामंडल का इस धूल के बादल से कोई संबध नही है।
खगोल विज्ञानी मानते है कि यह तारा मंडल अगले 2500 लाख वर्ष तक बना रहेगा, उसके पश्चात आकाशगंगा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से बिखर जायेगा।
उत्तरी गोलार्ध में इसे लगभग पूरे वर्ष देखा जा सकता है। इसे आकाश में मृग नक्षत्र(Orion) के ऊपर दायें एक गुच्छे के रूप में देखा जा सकता है ।

Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
पसंद करेंपसंद करें
Thanks!Orion is more prominent!
पसंद करेंपसंद करें
अरविंद जी,
इसे आपने जरूर देखा होगा ! यह आकाश में छुप ही नहीं सकता ! मैंने साधारण चित्र लगा दिया है !
पसंद करेंपसंद करें
इसका नंगी आँखों से दिखने वाला चित्र भी देते और कब इसके दिखने का बेस्ट समय है यह भी
पसंद करेंपसंद करें