मान ही लिजिये की आपके मन मे कभी ना कभी यह प्रश्न आया होगा कि ब्रह्माण्ड के बाहर क्या है? खगोलशास्त्री जानते है कि बिग बैंग के पश्चात से ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है, लेकिन यह विस्तार किसमे हो रहा है? किसी भी खगोल शास्त्री से आप यह प्रश्न पूछें, आपको एक असंतोषजनक उत्तर मिलेगा। मै भी आपको एक असंतोषजनक उत्तर देने का प्रयास करता हुं लेकिन आपके असंतोष को दबाने के लिये कुछ स्पष्टीकरण, व्याख्या भी दुंगा।
इस प्रश्न का छोटा उत्तर है कि यह एक निरर्थक बेहुदा प्रश्न है। ब्रह्माण्ड का किसी मे विस्तार नही हो रहा है, केवल ब्रह्माण्ड का ही विस्तार हो रहा है।
ब्रह्माण्ड की परिभाषा है कि वह सब कुछ को समेटे हुये है। यदि ब्रह्माण्ड के बाहर कुछ है अर्थात वह भी ब्रह्माण्ड का ही भाग है। उसके बाहर ? वह भी ब्रह्मांड का भाग है। उसके बाहर, वह भी ब्रह्माण्ड मे ही है। आप पुछते जाइय़े, उत्तर ब्रह्माण्ड ही मिलेगा। मै जानता हुं कि आपके लिये यह संतोषजनक उत्तर है, इसके लिये कुछ अन्य स्पष्टीकरण देखते है।
सबसे बड़ी संख्या कौनसी होती है ? आप कहेंगे ∞ या अनंत। चलो मान लिया। अब बताईये कि (∞ + 1) का मूल्य क्या है? क्या (∞ + 1 ) संख्या ∞ से बड़ी नही है ?
लेकिन ∞ + 1= ∞ , अर्थात अनंत से बड़ी संख्या भी तो अनंत ही होती है। इसी तरह से ब्रह्माण्ड के बाहर भी ब्रह्माण्ड ही है, असिमित!


रूकिये रूकिये, संतोष नही हुआ ? कंप्युटर पर क्रोध ना निकाले, एक और उदाहरण लेते है।
ब्रह्माण्ड के बारे मे दो संभावनाये है, पहली कि वह अनंत है, उसकी कोई सीमा नही है। दूसरी संभावना है कि ब्रह्माण्ड सीमित है, सीमित आयतन है। लेकिन दोनो ही संभावनाओं मे ब्रह्माण्ड का कोई छोर, या कोई सिरा संभव नही है। जब भी हम बिग बैंग घटना की कल्पना करते है तब हम एक विस्फोट की कल्पना करते है जिसमे एक बिंदु से पदार्थ बिखरते हुये दिखाती देता है। लेकिन यह उपमा या उदाहरण सही नही है।
बिग बैंग का अधिक सही उदाहरण किसी फुलते गुब्बारे की सतह है। इस उदाहरण मे आप त्रीआयामी गुब्बारे के बारे मे ना सोच कर द्विआयामी गुब्बारे के बारे की कल्पना करें। यदि आप किसी विशालकाय गुब्बारे की सतह पर चलती चिंटी है और वह गुब्बारा समस्त ब्रह्माण्ड है तब आपको अपने पैरो के निचे वह गुब्बारा सपाट ही लगेगा।
अब मान लिजिये कि वह गुब्बारा फुल रहा है। अब आप किसी भी दिशा मे देखें तो पायेंगे कि अन्य चिटीयां आपसे दूर जा रही है। वे जितनी ज्यादा दूर है वे आपसे उतनी ज्यादा तेजी से दूर जाते दिखायी देंगी। यह गुब्बारा आपको सपाट सतह जैसा लगेगा लेकिन आप किसी भी दिशा मे चलना प्रारंभ करें आप अपने शुरुवाती बिंदु पर पहुंच जायेंगे।
आप कल्पना कर सकते है कि एक विस्तार करता हुआ वृत्त है और चकित हो सकते है कि यह वृत्त किस चीज मे बढ़ रहा है। लेकिन यह प्रश्न निरर्थक है। ऐसी कोई दिशा नही है कि आप उस दिशा मे बढ़े और सतह के बाहर पहुंच जाये। चिंटी का द्विआयामी मस्तिष्क किसी त्रीआयामी वस्तु के बारे मे कल्पना नही कर सकता है। गुब्बारे का केंद्र हो सकता है लेकिन उसकी सतह का कोई केंद्र बिंदु नही है, वह एक ऐसा आकार है जो हर दिशा मे विस्तृत है और अपने आप मे सिमटा हुआ है। आपकी इस गुब्बारे की हर परिक्रमा पिछली परिक्रमा से बड़ी है क्योंकि गुब्बारा फुलते जा रहा है।
अब इसे अपने ब्रह्मांड से जोड़कर देखते है, उसके लिये हमे एक आयाम से दो आयाम, दो आयाम से तीन आयाम और तीन आयाम से चार आयाम मे सोचना होगा। खगोलवैज्ञानिको के अनुसार आप किसी भी दिशा मे यात्रा प्रारंभ करे आप अपने शुरुवाती बिंदु पर पहुंच जायेंगे। यदि आप अंतरिक्ष बहुत दूर देख रहे है तो आप अपने सिर के पिछले भाग को देख रहे है।
ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है जिससे आपको ब्रह्मांड की परिक्रमा कर प्रारंभ बिंदु पर पहुंचने मे हर बार पिछली बार से अधिक समय लगेगा। लेकिन आप किसी भी दिशा मे यात्रा करने पर आप ब्रह्माण्ड के बाहर नही जा सकते है। यदि आप प्रकाशगति से भी तेज यात्रा करें तब भी आप अपने प्रारंभिक बिंदु पर शिघ्र पहुंच जायेंगे लेकिन ब्रह्माण्ड के बाहर नही। हम हर दिशा मे अपने से दूर जाती हुयी आकाशगंगाओं को देखते है, वह किसी फूलते गुब्बारे की सतह पर बैठी चिंटीयो को अन्य चिटीयो के अपने से दूर होते जाने के तुल्य ही है।
शायद अब तक आपको लग ही गया होगा कि इस प्रश्न का कोई उत्तर नही है कि ब्रह्माण्ड का विस्तार किस मे हो रहा है! ब्रह्मांड का कोई छोर नही है, उसका किसी भी वस्तु मे विस्तार नही हो रहा है, केवल ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।
इस जैसा एक और लेख
sir, mera sawal ye hai ki ager bramhand ka vitaar ho rha hai to ye kab tak hoga kya ye kabhi nahi rukega ya rukega to kab rukega ye kabhi smaappt nahi hoga or kab hoga , iska hamri earth or sun per kya prabhaw hoga or taapmaan main kya change hoga or hamare invoirment per kya hoga please give the answer brifly
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लवकुश- अब तक के प्रमाणो के अनुसार ब्रह्मांड का विस्तार कभी नही रुकेगा। एक समय बाद ब्रह्मांड मे उपस्थित सब कुछ विस्तार से बिखर जायेगा। अधिक जानने के लिये यह लेख पढो।
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सर, जब बिगबैंग से पहले कुछ पदार्थ या कण नही था, तो इतना सारा तापमान कई करोड°सेल्सियस कहाँ से उत्पन्न हुआ??
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यह तापमान बिग बैंग के बाद उत्पन्न हुआ।
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सर मुझे लगता है बिग बॅगं कमसे कम दो बार है 8408839192 ये मेरा नंबर है आप मुझे काॅल किजिए में explain करूगां
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आप लिखकर इसी साइट पर टिप्पणी कीजिये।
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ऩही सर जी ऐसा नही है ब्रहमांड एक गुब्बारे से समझ सकते है और इसके बाहर एक दुनिया है
गुब्बारे मे केन्द्र होता है पर ब्रहमांड का केन्द्र पता लगाना मानव के बस की बात नही जिसे हम ब्लैक होल कहते है वो ईस तरह.है जैसे हम पानी से भरे टब मे एक मछली डाल दे और एक पतली पाईप डालकर मुह से पानी खीचें मछली जैसे मानव के लिए वो कोई भी होल हो सकता है .लेकिन वो एक बाहरी कि्या कलाप है external intelligence का हमारे लिये ब्रहमांड विशाल हो सकता है पर ईश्वर जैसी अभौतिक ताकत के लिये एक टब से बढ.कर नही
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ब्रह्माण्ड में एक नहीं लाखो ब्लैक होल है। ब्रह्मांड का कोई केंद्र बिंदु नहीं है।
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Sir aapki site kya me apne dosto ke sath share kar sakta hu ….
Sir me aapke website se deta lekar aapne website par share kar sakta hu plz
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आप अपने दोस्तो के साथ इस वेबसाईट को शेयर कर सकते है। इस वेबसाईट से डाटा लेकर यदि आप अपनी वेबसाईट पर लगाते है तो दो शर्ते है
१: आप पूरा लेख ना लेकर उसका एक भाग ले और पूरा पढने के लिये विज्ञान विश्व वेबसाईट की लिंक दे।
२: आप लेख के लेखक होने का दावा नही करेंगे
३: आप का लेख, मूल लेख की भावना से अलग ना हो
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सर आप हर चीज को अच्छे से explain kar rahe hai .kya aap conscious ke bare me ek lekh agar likhe .mai kafi dino se ye pata lagane ki koshis kar raha hu ki चेतना ब्रहमांड इऩ सब का कारण क्या.है क्या ये सब है?
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यही मै सोचता हू कि ब्लैक होल कई है और science ke big bang theory ke anusar ek धमाके मे सारी चीजे बाहर आई है तो वो धमाके वाली जगह ही केन्द्र हो सकती है क्योकि universe expand kar raha प्रकाशगति से हम केन्द्र का पता नही लगा सकते,
ये पूरा ब्रहमांड जितना हम जान पाये है केवल 5% 95 % नही इसलिए मेरा मानना है ये पूरा ब्रहमांड एक गोले की तरह हो सकता है.आैर उस गोले के अंदर हम और हमारी भौतिकी और जिसे हम ब्लैक होल कहते है वो गोले के बाहर से होने वाली एक अभौतिक प्रकि्या हो सकती है.क्योकि उर्जा का नियम है ना तो उतप्न्न की जा सकती है और ना ही नाश तो आई कहा से बिंग के बाद ना तो उसका र्निमाण हुआ होगा
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IS MAMLE ME ADMIN G KI N MERE SOCH DIFFRENT H COZ EK TIME THA JAB HUM KEHTE THE HAMARI GALAXY HI HE AKELI GALAXY H IN SHORT…….
AUR UNIVERS NI H YE KEHNA GALAT HAI…..
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Sir Jo jankari Aspen di uske liye thanks kintu me ye janna chahta hu ki koi vastu prakash koi gati we tej chal sakti he kya
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प्रकाश से तेज गति असंभव है।
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But sir string theory me bataya gaya hai ki ek imaginary particle jiski speed light speed se start hoti hai.
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Tachyon, इस कण का द्रव्यमान ऋणात्मक होगा। ये कण केवल अवधारणा है। कोई प्रमाण नहीं है।
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Aapne bade achhe tarike se explane kiya. krapya bataye ki kya koi aesa tarika ho sakta hai jisse hum gravity ke prabhav ko khatm kar sake aur apani prathvi ko aant hone se bacha sake .
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अब तक तो ऐसा कोई तरिका या उसकी संभावना नजर नही आती है।
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sir barhmand ke bahar bhi barhmand hai jaise kisi kicher me bane bubule. isme kicher bhi barhmand hai or bubule bhi jiseme humlog rahte hai.
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sir barhmand ke bahar bhi barhmand hai. jaise kisi kicher me bane bubule. isme kicher bhi barhmand hai or bubule bhi jiseme humlog rahte hai.
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Sir aap ka bahut bahut dhanyabad
Is bahumulya jaankari ko ham jaise logo tak pahuchane ke liye.
Sir aap se nivedan hi
1 yesa photo prakasit kare jiske dwara mi aasman me dekh kar pahchaan saku ki kaon sa tara kaon sa grh hi.
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बिग बैंग एक बकवास है,,,,
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आप के कहने से क्या होता है। बिग बैंग के समर्थन में ढेरों प्रमाण है।
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kya 13 arab prakash varsh se adhik duri par sthit vastuon ko hum dekh sake aisi kisi taknik ki parikalpna ki gai hai..bhavishy me kya ye Sambhav ho sakega ?
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नहीं। उनका प्रकाश अब तक हम् तक नहीं पहुंचा है। भविष्य में भी हम उन्हें नहीं देख पाएंगे क्योंकि ब्रह्माण्ड के वीस्तार के साथ वे और दूर जा रहे है।
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sir jee ek sawal ka jabab dijiyega,, aajtak to sari kuch v es universe me ho rha uski action and reaction janne ki kosis kar rahe h but mujhe ye bataye app ki ye universe anant h to usko operate karne vala kon h ? Jaise ki hm svi jante h har chij ka operate kisi na kisi tarike se hota h according to science and usi ke bare me jankari ikata karte h kaise kyu kb kya ho rha h ..but hme es sawal ka jabab de dijyega?? ki universe ka nirman kon kiya and operate kon kar rha h and science to bagvan me viswas nhi karta h na?
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ब्रह्माण्ड भौतिकी के नियम से बंधा हुआ है। भौतिकी के नियम ही उसका निर्माण और संचालन करते है, उसके लिये किसी ईश्वर की आवश्यकता नही है।
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Or ye physics k rule kisne bnaye?? Insaan ne
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भौतिकी के नियम ब्रह्मांड के जन्म के साथ अस्तित्व में आये है। उसे किसी ने नहीं बनाया है।
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Lekin kya esa bhavisy me hoga
abi ek movi aai thi eylisiom jo ki ek manav nirmit upagrh h jis par sari suvidhae thi vo ek ring aakar ka upagrh
to kya 21th shatabdi me pollution had se jyada badhega
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मानव जिस राह मे चल रहा है, ऐसा होने की पूरी संभावना है।
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Yadi science ne kai keatrim upagrh banae h tab to ek ese hi kratrim upagrh ki kalpana bhi sambhav h jis par ham palayan kar sake .
Aaj ke pollution ko dekhte hue.
Ek grh jis par clean air ho
manav nirmit upagrh
kya ye sambhav h?
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संभव है, लेकिन वर्तमान मे पैसा और तकनिक किसी के पास नही है।
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Ashish ji Apne kaha ki brahman ka kisi me vistar nhi ho raha, balki brahman ka hi vistar ho raha hia…
ye kaise possible us vistar k liye waha pahle se jagah bhi to honi chahiye jaha wo felega…
ab jaha wo abhi tak nhi fela iska matlb to yahi hua ki wo jagah abhi bhi blank hai waha vistar hona baki hia..
i mean jagah to chahiye na wo pahle se exist hogi ki nahi.
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Manav mashtishk ke vishay me ek movi aai thi ‘Looci’ kya ye sambhav he ki manushya apane mind ka 100 pratishat bhaag use kar pae yadi esa hua to kya esa hi hoga jo dikhaya gaya he ya kuchh alag?
Please answer me
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Kya apne charo aur pheli hui radio tarango se manav body par koi efect padta h ya nahi ?
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रेडीयो तरंगो मे इतनी शक्ति नही होती कि वे मानव शरीर को कोई नुकसान पहुंचा सके। वे हानिकारक नही होती है।
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esa ni h small babby’s k liye n animals k liye bhot hanikarak hai
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आपकी जानकारी का कोई वैज्ञानिल आधार नहीं हैं
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Kya manushy adrashy kiya ja sakta h? kya esa prayog kiya ja chuka h?
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ये लेख पढ़े : https://vigyanvishwa.in/2015/04/19/theinvisibleman/
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bhai sevaram !
yadi vigyan bebuniyad,niradhar,hawa-hawai or be-sir-pair hota to aaj aap ya main is tarah ek dusre se apni baate hi na keh paate.
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या हम इसे ऐसे जान सकते है जैसे किसी विशाल समुद्र में कई बुलबुले तैर रहे है और प्रत्येक बुलबुला एक ब्रमांड है और प्रत्येक बुलबुला यानि ब्रम्हांड फ़ैल रहा है यानि बड़ा हो रहा है और यह तब तक फैलता होता रहेगा जब तक की उसमे महाविस्फोट नहीं हो जायेगा और इस महाविस्फोट के बाद वह बुलबुला एक शुन्य अवस्था में आ जायेगा इस समुद्र में कई बुलबुलों का निर्माण और मृत्यु हमेशा जारी रहती है!
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आप ने जो कहा है वह कुछ वैज्ञानिको के अनुसार संभव है। डा. मिचिओ काकू भी इसे मानते है।
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आपने कहा की कई बुलबुले समुद्र में तैर रहे है लेकिन वो समुन्दर क्या है क्या वो भी स्पेस ही है यदि है तो कैसे बना है क्योंकि प्रत्येक ब्रह्माण्ड में अपना स्पेस होता है
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वो अंतरिक्ष(space) नही है, वह void या रिक्त स्थान है। अंतरिक्ष पूरी तरह से रिक्त नही होता है।
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यदि वो रिक्त स्थान है तो क्या स्पेस रिक्त स्थान में फ़ैल रहा है तो स्पेस और रिक्त स्थान में क्या अंतर रह जाता है और आपने एक पोस्ट में लिखा भी है की ब्रह्माण्ड से बहार कुछ नही है सब कुछ उसके अंदर ही है
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आदरणीय आशीष जी, महान भौतिकविद Stephen Hawking के अनुसार ब्रह्माण्ड अचानक एक प्रोटोन की तरह अस्तित्व में आ सकता है, जिसके लिए ऊर्जा की जरा भी जरूरत नहीं है. तो फिर तब से लेकर आज तक दूसरा बिग बैंग क्यो नही हुआ? जबकि प्रोटोन तो आज भी प्रकट होते रहतें हैं. अर्थात एक ही बार बिग बैंग क्यो हुआ?
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हम सारे ब्रह्मांड को नहीं देख पाये है। हमारी जानकारी की सीमा है। हम अब तक केवल 13 अरब प्रकाश वर्ष दूर तक ही देख पाये है। उसके आगे क्या है हम नही जानते।इस दूरी में भी हम सब कुछ नहीं जानते। हमारा ज्ञान कुछ सौ वर्ष का है जबकी ब्रह्माण्ड 13 अरब वर्ष पुराना। संभव है की आज भी बिग बैंग हो रहे हो, नये ब्रह्मांड बन रहे हो।
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सर यदि और बिग बैंग है तो क्या वो भी हमारे ब्रह्माण्ड के हिस्सा है या अलग है क्या उनका स्पेस हमारे ब्रह्माण्ड से अलग है और क्या वो ब्रह्माण्ड भी तीन आयाम का है या अलग भी हो सकता है
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अभी ये केवल अनुमान है। आपके द्वारा बतायी गयी सभी संंभावनाये सही हो सकती है।
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हमारा ब्रह्मांड किसमें फैल रहा है ? इसका उत्तर है कि हमारा ब्रह्मांड वृहद् ब्रह्मांड में फैल रहा है। क्या आप जानना चाहते हैं कि वृहद् ब्रह्मांड क्या है!
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Sir muje yai batai ki vo bindu kisme mai tha..
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Sir mujhe god particular ke bare me bataaye
Please sir I shall wait for this question.
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https://vigyan.wordpress.com/2013/02/15/higs3/
https://vigyan.wordpress.com/2012/07/04/higgs-3/
https://vigyan.wordpress.com/2012/07/03/higgs-2/
https://vigyan.wordpress.com/2011/12/14/higs/
https://vigyan.wordpress.com/2011/09/02/higgs/
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sir pir hum big bang say pehle kaise explain kre kya hum bina space k us bindu ki kalpna kr sakte h jisme big bang hua
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हमारे ज्ञान की सीमा है वह है बिग बैंग के बाद 10-43 सेकण्ड का समय। इस समय के पहले क्या था, कैसा था, हमारे सिद्धान्त ये समझने में असमर्थ हैं।
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सुंदर भावनायें और शब्द भी …बेह्तरीन अभिव्यक्ति
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आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन : द माउंटेन मैन – दशरथ मांझी में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर …. आभार।।
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“अब आप किसी भी दिशा मे देखें तो पायेंगे कि अन्य चिटीयां आपसे दूर जा रही है।”
जब का विस्तार गुब्बारे की तरह हो रहा है तो जिस तरह चींटियाँ एक दूसरे से दूर होती जा रही हैं तो वैसे ही देशों की दूरी में भी अंतर आना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है तो फिर विस्तार कैसे हो रहा है?
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यह विस्तार बड़े पैमाने पर हो रहा है, अर्थात आकाशगंगाओं के मध्य। इसकी गति अभी इतनी नही है कि यह आकाशगंगा या उससे छोटी संरचना जैसे सौर मंडल के पिंडो के मध्य दूरी बड़ा सके। आकाशगंगा और उससे छोटी संरचनायें अभी भी गुरुत्वाकर्षण से बंधी है लेकिन यह स्थिति ज्यादा समय नही रहेगी। अबसे लगभग 20 अरब वर्ष बाद सूर्य और पृथ्वी के मध्य भी दूरी बढने लगेगी। लेकिन उससे काफी पहले ही सूर्य पृथ्वी को निगल कर मृत हो जायेगा।
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space niranter bda ho reha h y to tbi possible h jab space k bahar kuch alag jagh ho
jese ballon tbi felaga jb uske bahar riktsthan ho ydi khali jagh hi nhi ho to ballon ful nhi skta
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bro iska jawab h or wo ye h ki brhmand anant h
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Eternally new and important information about science gratitude and thanks for giving
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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यदि आप अंतरिक्ष बहुत दूर देख रहे है तो आप अपने सिर के पिछले भाग को देख रहे है।
यह बात, भले ही अकाट्य सत्य हो, है तो वाकई बहुत ही असंतोषजनक ! 🙂
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