यह ‘प्रश्न आपके और उत्तर हमारे’ का पहला भाग है। यहाँ अब 4000 के क़रीब टिप्पणियाँ हो गयी हैं, जिस वजह से नया सवाल पूछना और पूछे हुए सवालों के उत्तर तक पहुँचना आपके लिए एक मुश्किल भरा काम हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब ‘प्रश्न आपके और उत्तर हमारे: भाग 2‘ को शुरू किया जा रहा है। आपसे अनुरोध है कि अब आप अपने सवाल वहीं पूँछे।
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1. प्रश्न आपके उत्तर हमारे : सितंबर 1, 2013 से सितंबर 30,2013 तक के प्रश्न और उनके उत्तर
2. प्रश्न आपके, उत्तर हमारे: 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक के प्रश्नों के उत्तर
आसमान से जो बिजली पडती है उसे रोकने के लिए जो अर्थ का प्रयोग करते है वो अर्थ कससे बनता है
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विद्युत के वहन के लिये परिपथ का पूरा होना आवश्यक होता है। इसलिये हम बिजली गिरने के दुष्प्रभाव को कम करने के लिये किसी धातु के चालक(सामान्यत: लोहे की छड़) से उसे जमीन मे गाड़ देते है। अब बिजली गिरने पर वह इस छ्ड़ से जमिन मे प्रवाहित हो जाती है।
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सेलूला (cellular) की खोज किसने की ?
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Martin Cooper
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Sir
क्या वाकई में भगवान व इन्सान के बीच कम्युनिकेशन होता है। अगर हा तो कैसे?
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विक्रम हम ईश्वर, धर्म के प्रश्नों का उत्तर नही देते है। निजी तौर पर हम ईश्वर पर विश्वास भी नही करते है।
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Agr kisi k dil m hole h or jb vo insan 21-22 year ka hota h tb use pta lgta h k uske dil m hole h ab iss condition m uske leye sbse accha treatment kya ho skta h jis se agr uski shaddi bi ho jae to vo aaram se apne zindgi lambe time tak jee ske
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योगिता, दिल मे छिद्र होने के बावजूद भी इंसान अपनी सामान्य जिंदगी जी सकता है। लेकिन कोई डाक्टर ही आपको सही उत्तर दे सकता है।
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21_22 saal jina mushkil hai
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रवि, दिल मे छेद कर साथ पूरी जिंदगी 70-80 साल भी जी सकते है।
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Sir,
Nokia Lumia phone ka ‘Wireless Charger’ kaise kaam krta hai?
Kya hum is technology ka proyog kr ke space me stith satellites ko energy prithvi se hi send kr skte h?
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ok rahul ji mai hi bata deta hu
…
wireless charger दरअसल चुम्बकीय feald के सिधांत पे कार्य करता है
और एक मान से देखा जाये तो वो वायरलेस नहीं है क्युकी अडाप्टर को मोबाईल से चिप्लाके रखना पड़ता है
.
और आप ने ये केसे सोचा की satellites ko energy prithvi se hi send kr skte h? अरे भाई वह निर्वात में सोलोर panel इतनी ज्यादा बिजली बनाते है की वो केवल दिन में १५मिन ही ओं रहते है
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धन्यवाद अक्षय!
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thanks Akahay ….
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wlcome
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सर , मला घरातील करंट कमी करण्यासाठी काय, कोणते विद्युत संयंत्र लावावे लागेल?
उदाहरणार्थ.२४० वोल्ट कमी करून फक्त १५ वोल्ट करायचे आहे.
मार्गदर्शन करावे.
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Step Down Transformer
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jab ham koi bat kahte h ya bolte h to hamare mouth s sound nikalta or bo kisi or person ko sunai deta h par kya hame sunai dene k bad kya bo soun nast ho jata h ya bhir environment m hi bana rahata h please scientific tarike m batayen
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ध्वनि नष्ट नही होती है, वह वातावरण मे बनी रहती है लेकिन उसकी शक्ति और तीव्रता कम होते जाती है जिससे कुछ समय बाद उसे सुन पाना कठिन हो जाता है।
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ऐसी क्या चीज है जिसे देखा जा सकता है पर छु नहि सकते?
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क्वांटम स्तर पर यदि आप सोचेंगे तो आप कुछ भी छू नही सकते।
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sir ,
akhir koi vastu prakash ki chal ya usse tej kyu nahi chal sakti
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i want to calculate the mass of a photan
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आकाश, अभी तक के ज्ञान के अनुसार फोटान का द्रव्यमान नही होता है। यदि इस कण का द्रव्यमान है तो वह 1×10^−18 eV/c^2 से कम होगा।
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sir big band se pehle kya tha aur kya is universe ke alava aur bhi universe hain
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बिग बैंग आरंभ बिंदु है। बिग बैंग मे ही समय, अंतरिक्ष और पदार्थ बना। बिग बैंग से पहले समय ही नही था तो आपका प्रश्न ही बेमानी हो जाता है।
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Main ek chhota sa sawal puchh rha hu
Ek glass water ko agar barf banaye or utne hi water ko barf me mila de to barf upar ki taraf uthte jata h aisa kyo
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बर्फ का एक टुकड़ा तरल जल में तैरता है, क्योंकि बर्फ का घनत्व तरल जल से कम होता है. ठंडा होने पर, सामान्य बर्फ का घनत्व लगभग 9% कम हो जाता है.
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Prithvi ke uper kitne part hai
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यदि आपका आशय वायुमंडल की परतो से है तब वे निम्नलिखित है क्षोभमण्डल[संपादित करें]
क्षोभमण्डल
क्षोभमण्डल वायुमंडल का सबसे निचली परत है। इसकी ऊँचाई ध्रुवो पर 8 कि.मी. तथा विषुवत रेखा पर लगभग 18 कि.मी. होती है।
समतापमण्डल
ओजोन मण्डल
मध्यमण्डल
तापमण्डल
आयनमण्डल
बाह्यमण्डल
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भौतिक विज्ञान यदि धरती घूमना बन्द कर दे तो g के मान पर क्या प्रभाव पडेगा विस्तार से बताइए
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मनीष , इस प्रश्न का उत्तर इसी पृष्ठ पर पहले दे चुका हुँ।
g कमान पर कोई अंतर नहीं आयेगा क्योंकि वह द्रव्यमान पर निर्भर करता है पृथ्वी के घूर्णन पर नहीं।
http://en.wikipedia.org/wiki/Standard_gravity देखे!
http://wiki.answers.com/Q/When_earth_stops_rotating_what_is_the_value_of_g#page1
http://www.physicsforums.com/showthread.php?t=346228
g के मान पर पृथ्वी के द्रव्यमान और पृथ्वी के केंद्र से दूरी के अतिरिक्त किसी अन्य कारक का प्रभाव नहीं पड़ता है।
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what is param shuny tap
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-273 डीग्री सेल्सीयस, इस तापमान पर परमाणुओ की गतिविधि भी रूक जाती है।
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Brahmand me sabse bada shor mandal kon sa he
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अभी हम सौर मंडल खोज ही रहे है, इसलिये आपको सही उत्तर देना संभव नही है लेकिन सबसे बड़ा ज्ञात तारा UY Scuti है।
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Sir aag fire kis tatv ke karan garm hot hoti h
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आग का स्वतंत्र आस्तित्व नही है। आग किसी भी पदार्थ के आक्सीडाइजेशन से उत्पन्न प्रभाव है। जैसे कोयला जलकर(आक्सीडाइज) होकर राख और कार्बन डाय आक्साईड बनाता है, इस प्रक्रिया मे जब गर्म गैस मुक्त होती है वह हमे लपट के रूप मे दिखती है।
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aapne kisi lekh me kaha tha ki mobile tower kisi bhi tarah se shareer ke liye hanikarak nahi hain, kyoki unke dwara nikalne wale vikiran ki matra bahut hi kam hai, isliye cancer ka to sawal hi nahi uthta. Magar aaye gaye log bag to sawal uthate hi rahte hain.
http://www.dw.de/खतरा-बनते-मोबाइल-टावर/a-17382446
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Dear sir
मेरी आँखे Week होने लगी है मुझे कोई उपाय बताईये
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आप किसी आंखो के डाक्टर से मीलें!
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Sir ji, मेंरे मन में कुछ प्रशन उठते है, जो आपको पुछना का निवेदन करता हुँ
(1) जब सुर्य का अस्तित्व न होने पर प्राणी जीवित रहेगा?
(2)हमे पता है की सुर्य से सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा मे परिवर्तन होता है,लेकिन क्या इसके अलावा हमे कई और तरीके से सौर ऊर्जा को हम विधुत ऊर्जा मे परिवर्तन कर सकते ह
(3) सौर ऊर्जा की खोज किसने की
(4)प्रिन्टर मे ऐसी कोनसी सिस्टम है जो प्रिन्ट होती है
(5) रेडियो ऐक्टिव तत्व क्या है, तथा इसका प्रयोग कहाँ होता है
(6)प्रथम रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक कोन थे
(7)क्या ऐसा भी ऐनक(glasses) है जिससे आर-पार दिखाइ दे
(8) 1kg पर टंगस्टन का क्या दर है
(9)दुनिया मे सबसे महंगा पदार्थ कोनसा है
(10)क्या आधुनिक निर्माण से किसी व्यक्ति मरने के पश्चात पुन:जीवित किया जा सकता है।
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A space shuttle placed in geostationary orbit. The distance of shuttle and observer is not changing; hence the relative velocity is zero. Why the clock on the space shuttle run slower?
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पूथ्वी घूमती है तो हम गिरते नही है
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गुरुत्वाकर्षण बल आपको पृथ्वी से बांधे जो रखता है! पृथ्वी का आकार मानव के आकार से कई गुणा बड़ा है, जिससे मानव को यह घूर्णन गति महसूस नही होती है। उदाहरण के लिये एक फ़ुटबाल पर एक चींटी को रख दें और फुटबाल को घुमायें, चिंटी नही गीरेगी।
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maine suna hai ki kisi desh me 5 suraj dikhai dete hai..agar dikhai dete hai to kya wajah hai….kya kavi v kisi vastu ki speed light ki eqqual ho sakti hai???
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किसी भी देश मे पांच सूर्य नही दिखायी देते है। सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार किसी भी वस्तु की गति प्रकाशगति से अधिक नही हो सकती है।
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lekin sir sing night chu namak sher me 5 surya dikhai dete h kya vo jhut h sur
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अफवाह
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kya ye possible hai ki jo ghatnaye earth per ghatit ho rahi ye savi ghatnaye kisi aor planet per ghatit ho chuki hai ki nahi…..aor kya ye v sahi ki koi ghadi(watch) black hole ke paas jate hi wah rook jati hai???aur Q???
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विजय : भौतिकी के कुछ अवधारणाओं के अनुसार समांतर ब्रह्माण्ड संभव है, यदि समांतर ब्रह्माण्ड है तब संभव है कि पृथ्वी की घटनायें वहा घटित हो चूकी हों।
श्याम विवर(ब्लैक होल) के पास सब कुछ रूक जाता है, प्रकाश भी। सापेक्षतावाद के नियमो के अनुसार अत्याधिक गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्रो मे समय धीमा हो जाता है।
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mera naam vijay hai maine avi 12th pass kiya …mera question ye hai ki kya kavi v light ko kuch time ke liye kisi crystal me band kiya ja sakta hai ki nahi????
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प्रकाश गति को कम किया जा सकता है, उसे कुछ समय के लिये क्रिस्टल मे बंद करना संभव है।
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sARE COMMENTS PARE. ASA KOI NIYAM YA GHATNA BATAYA JA SAKTA HAI. JO MOULIK HAI? JO JO HOTA HAI, JAISE YA KAISE HOTA HAI, APNE/SCIENCE NE BATAYA. PARANTU, JO HOTAHAI, USKE PICHE KOI ENERGY TO HOGEE, BOH BHI BILKUL WITHOUT ANY DEVIATION, WITHOUT ANY CONDITION ! HUM TO USE EXPLAIN KAR RAHE HAI, KYA SCIENCE AAB TAK EK GRAM ENERGY CREATE KAR SAKE? JO HOTA HAI , WOH KIEU HOTA AUR KIEU NEHI HOTA YEH SCIENCE BATATI HAI. PAR ………”C” YEH KEYA HAI..?
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गुरुजी,जब हम अपना बाल कंघी से झारते हैँ तो कंघी आवेशित होने के कारण कागज के छोटे छोटे टुकरे को आवेशित कर लेती है,लेकिन कुछ समय बाद ऐसा नहीँ होता है ?क्योँ
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जब आप बालो मे कंघी फेरते है तब कंघी मे विद्युत आवेश बन जाता है जो कागज के टूकड़ो को आकर्षित करता है। यह आवेश कागज के टूकड़ो या अन्य वस्तु को आकर्षित करने मे समाप्त हो जाता है इसलिये कुछ समय बाद कंघी कागज के टूकड़ो को आकर्षित नही कर पाती है।
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सर, हमारे प्रश्नो के जवाब अभी तक नही मिले
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Sir,
(1) जब सुर्य का अस्तित्व न होने पर प्राणी जीवित रहेगा?
(2)हमे पता है की सुर्य से सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा मे परिवर्तन होता है,लेकिन क्या इसके अलावा हमे कई और तरीके से सौर ऊर्जा को हम विधुत ऊर्जा मे परिवर्तन कर सकते ह
(3) सौर ऊर्जा की खोज किसने की
(4)प्रिन्टर मे ऐसी कोनसी सिस्टम है जो प्रिन्ट होती है
(5) रेडियो ऐक्टिव तत्व क्या है, तथा इसका प्रयोग कहाँ होता है
(6)प्रथम रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक कोन थे
(7)क्या ऐसा भी ऐनक(glasses) है जिससे आर-पार दिखाइ दे
(8) 1kg पर टंगस्टन का क्या दर है
(9)दुनिया मे सबसे महंगा पदार्थ कोनसा है
(10)क्या आधुनिक निर्माण से किसी व्यक्ति मरने के पश्चात पुन:जीवित किया जा सकता है।
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mai bata deta hu vp shingh ji
1. साधारण सी बात है !सूर्य नहीं होंगा तो ऊष्मा नहीं होंगी और आप भी जानते ह इसके बिना केसे रे बाबा
२. जी देखिये विज्ञानं अभी विक्सित हो रहा है हम कह नहीं सकते की आगे कोंसी खोज हो जाये
३. नि पता
४. नो
.
.
.
१०. अभी तो एसा कुछ संभव नहीं है देखो भविष्य में कोई खोज हो जाये
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Sir ji, मेंरे मन में कुछ प्रशन उठते है, जो आपको पुछना का निवेदन करता हुँ
(1) जब सुर्य का अस्तित्व न होने पर प्राणी जीवित रहेगा?
(2)हमे पता है की सुर्य से सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा मे परिवर्तन होता है,लेकिन क्या इसके अलावा हमे कई और तरीके से सौर ऊर्जा को हम विधुत ऊर्जा मे परिवर्तन कर सकते ह
(3) सौर ऊर्जा की खोज किसने की
(4)प्रिन्टर मे ऐसी कोनसी सिस्टम है जो प्रिन्ट होती है
(5) रेडियो ऐक्टिव तत्व क्या है, तथा इसका प्रयोग कहाँ होता है
(6)प्रथम रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक कोन थे
(7)क्या ऐसा भी ऐनक(glasses) है जिससे आर-पार दिखाइ दे
(8) 1kg पर टंगस्टन का क्या दर है
(9)दुनिया मे सबसे महंगा पदार्थ कोनसा है
(10)क्या आधुनिक निर्माण से किसी व्यक्ति मरने के पश्चात पुन:जीवित किया जा सकता है।
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me na jane kab eski talash kar rha tha….hmko bahot kuch puchna hai???
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in future 25 saal baad space mein kya hoga ?
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संभावना है कि 25 वर्ष पश्चात को Space City अर्थात अंतरिक्ष मे शहर बस जाये, चंद्रमा पर या मंगल पर एक कालोनी हो।
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Sir ji, में आपके लिए कुछ प्रश्न हाजिर करता हुं निवेदन है कि आप हमें बताए
(1)फेवाकोल नामक पदार्थ में क्या क्या मिलाया जाता है
(2)बल्ब की अपेक्षा में, ट्यूबलाइट में रोशनी क्यो सफेद होती है
(3)दुनिया का सबसे तेज गति करने वाला कोनसा यान है
(4)सेंसर(sensor) की खोज किसने की
(5)हाइड्रोजन, पारा, तथा सोने की खोज किसने की थी
(6)कोई अन्तरिक्ष यात्री को यात्रा करने के सफर में लगभग कितनी आँक्सीजन की आवश्यकता होती है।
(8)ऐसा क्यो होता है, जब ग्रीष्म के दिनो में पानी जमीन के नीचे ठण्डा होता है, बल्कि सर्दियों के दिनो में गर्म, इसके पिछे क्या कारण है।
(9)कुछ लोग कहते है, कि गर्मियो के दिनो में दिन बडा होता है लेकिन क्या समय भी बडा होता है
(10)
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(1)फेवीकोल नामक पदार्थ में क्या क्या मिलाया जाता है?
एथीलीन विनायल एसीटेट((Ethelene Vinyl Acetate) और गोंद
(2)बल्ब की अपेक्षा में, ट्यूबलाइट में रोशनी क्यो सफेद होती है
ट्युब लाईट के प्रकाश का रंग उसमे भरी गैस पर निर्भर करता है। यदि उसमे कार्बन डाय आक्साईड हो तो सफेद रंग, निआन हो तो लाल रंग का प्रकाश देता है। लेकिन बल्ब मे टंगस्टन का फिलामेंट हल्के पीले रंग का प्रकाश देता है।
(3)दुनिया का सबसे तेज गति करने वाला कोनसा यान है
लाकहीड SR-71 ब्लैकबर्डLockheed SR-71 Blackbird
(4)सेंसर(sensor) की खोज किसने की
आप का प्रश्न अधूरा है, आप किस सेंसर की बात कर रहे है, सेंसर कई तरह के होते है।
(5)हाइड्रोजन, पारा, तथा सोने की खोज किसने की थी
हायड्रोजन – राबर्ट बायल, पारा और सोना लंबे समय से ज्ञात धातु हैं, इनका अविष्कारक अज्ञात है।
(6)कोई अन्तरिक्ष यात्री को यात्रा करने के सफर में लगभग कितनी आँक्सीजन की आवश्यकता होती है।
यह उसके यात्रा के समय पर निर्भर है, औसतन एक मनुष्य एक दिन मे 550 लिटर आक्सीजन की खपत करता है।
(8)ऐसा क्यो होता है, जब ग्रीष्म के दिनो में पानी जमीन के नीचे ठण्डा होता है, बल्कि सर्दियों के दिनो में गर्म, इसके पिछे क्या कारण है।
यह तथ्य गलत है।
(9)कुछ लोग कहते है, कि गर्मियो के दिनो में दिन बडा होता है लेकिन क्या समय भी बडा होता है
समय छोटा बड़ा नही होता है। गर्मीयो मे सूर्य जल्दी उगता है और देर से डूबता है, इसलिये दिन बड़ा होता है।
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सर जी हमारे कुछ प्रशन पड़े हुए है। पुराने प्रशन!
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Sir ji, मेरे मन में कुछ सवाल है जो आपसे पुछने की आज्ञा करता हुँ।
(1) हमने देखा की सिंटी(ant) कभी सोती नही, लेकिन क्या है, जो कभी थकती भी नही
(2)हमारे मंगलयान में रोबोट(Robot) का नाम क्या है।
(3)अगर हम प्रथ्वी के अधिक गहराई में देखे तो अनन्त मे क्या हमे, पानी ही मिलेगा या कोई और पदार्थ
(4)दोपहर के एक बजने पर प्रथ्वी कितने थीटो पर घूमती है
(5)एक सिलिण्डर आँक्सीजन का कितने समय तक मनुष्य श्वास ले सकता है।
(6)आज हम देख रहे है, कि हमारे वैज्ञानिक सबसे पहले किसी ग्रह की खोज मे प्रथम रोबोट को अनरिक्ष में भेज रहे है, क्या, वो रोबोट किसके कारण किसी यान को कंट्रोल कर पाता है।
(7)किस देश मे सबसे पहले सुर्य की किरणे पडती है।
(8)मधुमक्खी के छत्ते मे देखने पर हमे एक समान छोटे छिद्र दिखते है, ऐसा क्यो है, जो हमे एक समान छिद्र दिखने को मिलते है बल्कि असमान नही होते ऐसा क्यो
(9) क्या वर्तमान में कोई नया तत्व ज्ञात हुआ है।
(10)भारत मे शोध कार्य कहा पर स्थित है।
(11)श्यानता, निर्वात, निरपेक्ष इन शब्दो को में नही समझ पा रहा हु क्रपया निवेदन है की इन शब्दो को हमे विस्तार से समझाईये।
(12)सबसे पहले किस डाँक्टर ने शल्य किया।
ु
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(1) हमने देखा की सिंटी(ant) कभी सोती नही, लेकिन क्या है, जो कभी थकती भी नही
चिंटीयाँ आराम करती हैं!
(2)हमारे मंगलयान में रोबोट(Robot) का नाम क्या है।
भारत के मंगलयान अभियान में रोबोट नहीं है!
(3)अगर हम प्रथ्वी के अधिक गहराई में देखे तो अनन्त मे क्या हमे, पानी ही मिलेगा या कोई और पदार्थ
पृथ्वी के केंद्र में पिघला लोहा है।
(4)दोपहर के एक बजने पर प्रथ्वी कितने थीटो पर घूमती है
आपका प्रश्न अस्पष्ट है।
(5)एक सिलिण्डर आँक्सीजन का कितने समय तक मनुष्य श्वास ले सकता है।
लगभग १ घंटे!
(6)आज हम देख रहे है, कि हमारे वैज्ञानिक सबसे पहले किसी ग्रह की खोज मे प्रथम रोबोट को अनरिक्ष में भेज रहे है, क्या, वो रोबोट किसके कारण किसी यान को कंट्रोल कर पाता है।
अंतरिक्ष योजनों में कंप्यूटर होते है, उन्हें उनके अभियानों के लिंये प्रोग्राम किया जाता है। साथ ही उन्हें पृथ्वी से निर्देश रेडियो संकेत के रूप में भेजें जाते है। इन अंतरिक्षयानो मे हमेशा रोबोट नहीं होते है।
(7)किस देश मे सबसे पहले सुर्य की किरणे पडती है।
पृथ्वी गोल है, इसमें हर समय कहीं ना कहीं सूर्योदय या सूर्यास्त होते रहता है। इस प्रश्न का कोई अर्थ नहीं है।
(8)मधुमक्खी के छत्ते मे देखने पर हमे एक समान छोटे छिद्र दिखते है, ऐसा क्यो है, जो हमे एक समान छिद्र दिखने को मिलते है बल्कि असमान नही होते ऐसा क्यो
मधुमक्खियों एक जैसे कक्ष बनाने में सक्षम होती है, यह क्षमता उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी वंशानुगत रूप से मिलीहै।
(9) क्या वर्तमान में कोई नया तत्व ज्ञात हुआ है।
प्रयोगशाला में नये तत्व बनाये जाते रहते है, हाल में परमाणु संख्या 115 खोजा गया है।
(10)भारत मे शोध कार्य कहा पर स्थित है।
कई सारी जगह, मुँबई, दिल्ली, बैंगलोर, कलकत्ता , त्रिवेन्द्रम और भी जगहों पर।
(11)श्यानता, निर्वात, निरपेक्ष इन शब्दो को में नही समझ पा रहा हु क्रपया निवेदन है की इन शब्दो को हमे विस्तार से समझाईये।
इस ब्लाग में इन विषयों पर लेख है उन्हें पढीये।
(12)सबसे पहले किस डाँक्टर ने शल्य किया।
यह श्रेय भारतीय चिकित्सक सुश्रत को जाता है!
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Sir, ट्यूबलाइट में प्रकाश का रंग हमे सफेद क्यो दिखाई देता है, लेकिन बल्ब में तो प्रकाश पीला दिखाई देता है।
फेवीकोल नामक पदार्थ किससे बनाया जाता है?
जुगनू रात में चमकते है, और ये प्रकाश कैसे उत्सर्जित करते है
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सुर्य का आकार कीतना है?
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सूर्य की त्रिज्या 695,500 किमी है!
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diameter of sun 1392000
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हाँ जी, मैने त्रिज्या दी है और आपने व्यास!
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सोनोग्राफी का आविष्कार किसने किया
इन्टरनेट का आविष्कार किसने किया
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इआन डोनाल्ड (Ian Donald) ने सोनोग्राफी का आविष्कार किया है।
इंटरनेट का अविष्कार किसी एक व्यक्ति ने नही किया है, ये सं रां अमरीका के डीपार्टमेंट आफ डीफेंस के ARPANET और DARPANET का विस्तार है। वैसे इसका श्रेय Robert E. Kahn और
Vint Cerf को दिया जाता है। वर्तमान मे प्रचलित www (World Wide Web) के अविष्कार का श्रेय CERN के टिम बर्नेस ली को दिया जाता है।
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sir ji , मेंरे मन में कुछ सवाल उठते है, जो में आपकी आज्ञा से पुछना चाहता हुँ
(1) गणिन की कुल कितनी शाखाए है, और वह कौन कौनसी है।
(2)ऐसी कौनसी हिन्दी पुस्तक है, जो “प्रकाश ऊर्जा” के बारे में पुरी जानकारी मिलती है।
(3) विटामीन A B C D के अभाव में होने वाले रोगों के नाम बताए
(4) दुनिया का सबसे लंबा साँप कोन है।
(5) ऐसी कौनसी पेन है, जो लिखने पर रिकार्डं भी होती है।
(6) अन्तरिक्ष में कुल मानव-निर्मित उपग्रहो की संख्या कितनी है।
(7) क्या ऐसा भी क्षेत्र है, जहाँ मानव, जो पूरी आयु होने पर भी 10 साल के बच्चो जैसे दिखते है।
(8) सुर्य के प्रकाश के छोटे कण फोटोन जो, एक सौर पेनल पर टकराने पर इलेक्ट्रोन कैसे उत्पन्न होते है। चित्र सहित
(9) प्रथ्वी से ऊपर कितने किलामीटर ओक्सीजन उपस्थित है।
(10) माना कि एक उदाहरण के रुप में, एक व्यक्ति मोटा है और वह किसी रोग के कारण पतला होता जाता है यानि की उसका शरीर घटता जाता है और वह बिल्कुल पतला हो जाता है। निम्मलिखित मे से क्या कमियाँ हो सकती है- 1,रक्त का घटना 2, कोशिकाओ की मरम्त 3, उत्तको की मरम्त।
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(1) गणित की कुल कितनी शाखाए है, और वह कौन कौनसी है।
गणित की प्रमुख शाखायें : अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन इत्यादि! ये सूची संपूर्ण नही है।
(2)ऐसी कौनसी हिन्दी पुस्तक है, जो “प्रकाश ऊर्जा” के बारे में पुरी जानकारी मिलती है।
मेरी जानकारी मे ऐसी कोई पुस्तक नही है।
(3) विटामीन A B C D के अभाव में होने वाले रोगों के नाम बताए
(4) दुनिया का सबसे लंबा साँप कोन है।
बोआ प्रजाति का टाईटनबोवा जिसकी लंबाई 13 मीटर है।
(5) ऐसी कौनसी पेन है, जो लिखने पर रिकार्डं भी होती है।
विज्ञान से असंबधित प्रशन , उत्तर मुझे ज्ञात नही है।
(6) अन्तरिक्ष में कुल मानव-निर्मित उपग्रहो की संख्या कितनी है।
अक्टूबर 2013 मे मानव-निर्मित उपग्रहो की संख्या 1071 थी।
(7) क्या ऐसा भी क्षेत्र है, जहाँ मानव, जो पूरी आयु होने पर भी 10 साल के बच्चो जैसे दिखते है।
नहीं। ऐसा कोई क्षेत्र नही है।
(8) सुर्य के प्रकाश के छोटे कण फोटोन जो, एक सौर पेनल पर टकराने पर इलेक्ट्रोन कैसे उत्पन्न होते है।
सौर पैनल पर फोटान के टकराने से इलेक्ट्रान उत्पन्न नही होते है। वे उपस्थित इलेक्ट्रान को उच्च ऊर्जा वाली कक्षा मे ले जाते है। इससे इलेक्ट्रानो का प्रवाह प्रारंभ होता है।
(9) प्रथ्वी से ऊपर कितने किलामीटर ओक्सीजन उपस्थित है।
लगभग 100 किमी तक लेकिन ऊंचाई बढने के साथ घनत्व कम होते जाता है।
(10) माना कि एक उदाहरण के रुप में, एक व्यक्ति मोटा है और वह किसी रोग के कारण पतला होता जाता है यानि की उसका शरीर घटता जाता है और वह बिल्कुल पतला हो जाता है। निम्मलिखित मे से क्या कमियाँ हो सकती है- 1,रक्त का घटना 2, कोशिकाओ की मरम्त 3, उत्तको की मरम्त।
उत्तर : तीनो संभावनायें है।
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What is locked & unlocked proccessor. what is differences b/w them.
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प्रोसेसर मे एक CPU Clock होती है, यदि उसकी आवृत्ति को एक निश्चित संख्या पर कर दिया जाये कि उसे बाद मे परिवर्तित नही किया जा सके तब वह लाक्ड होगा अन्यथा अन्लाक्ड!
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What is ”Micro Dimming” technology used in a samsung smart T.V. How does it works?
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कंप्यूटर क्रांति अंत में मानव जीवन के लिए के रूप में विनाशकारी साबित हो जाएगा
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सिकंदर जी , वो कैसे ?
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Mera naam ahmad hai aur mera ek question hai.
क्या होगा अगर कोई आदमी अपने दिमाग का hundred% उसे करने करने लगे . क्या भविष्य में कोई ऐसा होगा जो अपने दिमाग का 100 % उसे कर पायेगा.
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हर व्यक्ति अपने मस्तिष्क का 100% भाग प्रयोग करता है। मस्तिष्क के हर भाग के कार्य निर्धारित होते है। उसका हर भाग किसी विशेष अंग/प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यदि मस्तिष्क का कोई भाग काम ना करे तो संबधित प्रक्रिया/अंग काम नही करेगा। यह लकवा होने पर होता है,जिसमे मस्तिष्क का कोई भाग काम करना बंद कर देने से शरीर के कुछ अंग काम नही करते है।
यदि आप अपनी MRI करवायें तो आपको पता चल जायेगा कि आपके मस्तिष्क का 100% भाग काम कर रहा है।
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Sir, In case of radio wave (made of particle and wave), which part of the wave is responsible for carrying a message. It is weather wave or photon?
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प्रमोद, रेडीयो तरंग भी विद्युत चुंबकीय विकीरण ही है। सूचना हमेशा फोटान ही वहन करता है।
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Sir,
The electromagnetic wave is made of wave and photons. How many photons are carried by a wave length. Is there any relationship between the frequency of wave AND the number of photons carrying message.
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प्रमोद, आपके इस प्रश्न के उत्तर के लिये एक लेकर आ रहा हुं , यह लेख कणों के दोहरे व्यवहार अर्थात कण/तरंग पर केन्द्रित होगा।
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mai janna chataha hu ki suraj ki kirana ka veg kitna hota hai.
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सूर्य की किरणे प्रकाश किरणे है, उनकी गति भी प्रकाश गति के समान है अर्थात 299792458nm/s
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hd अर्थात 720p ,full hd अर्थात 1080p तथा video without hd मे practically क्या अंतर है?
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What is ”gas discharge headlight” used in FIAT Abarth car.
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गैस डिस्चार्ज लैंप मे आयोनाईज्ड गैस से आवेशीत कण(इलेक्ट्रान) भेजे जाते है, इस प्रक्रिया मे आयोनाइज्ड गैस से प्रकाश उत्सर्जित होता है। इन लैंपो का प्रकाश तेज होता है।
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ऐसा कौनसा देश है, जहां सबसेअधिक सर्प पाएं जाते है
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मेक्सीको मे सबसे ज्यादा सांपो की प्रजातियाँ है, वहाँ पर 394 सर्प प्रजाति है, ब्राजील मे 384, भारत मे 350, इंडोनेशीया मे 339, चीन मे 241 तथा आस्ट्रेलीया मे 216 सर्प प्रजाति है।
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बिजली की खोज किसने किया था, सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा मेँ कैसे बदलेँगे ? विस्तार से बताए
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गुरुजी मेरे मन में कुछ सवाल उठते है, जो मे आपसे पुछना चाहता हुं..
. (1) एक दिन मे मनुष्य कितनी बार श्वास लेता है
(2) प्रशांत महासागर कि गहराई कितनी है
(3) दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक कोन है
(4) लगभग एक दिन में सुर्य कितनी ऊर्जा उत्सर्जित करता है
(5) वैज्ञानिको कि सुची में सबसे आगे कौनसा देश है
(6) क्या सर, हमारा मंगलयान मंगल की खोज में पहुंच गया होगा/ कितना समय लेगा
(7) अल्बर्ट आइंस्टाइन का सापेक्षता के सिद्धांत क्या है
(8) 100 वाट का एक बल्ब 400nm.वाली तरंग-दैघर्य का एकवर्णी प्रकाश उत्सर्जित करता है। बल्ब द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटोनो की संख्या की गणना कीजिए।
(9)हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत उदाहरण देकर समझाईये।
ै
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(1) एक दिन मे मनुष्य कितनी बार श्वास लेता है?
सामान्यत: एक व्यक्ति एक मिनट मे 8-14 श्वास लेता है। एक दिन मे 1440 मिनट होते है। यदि औसतन 12 श्वास प्रतिमिनट के औसत से 12 * 1,440 = 17,280 श्वास प्रति दिन।
(2) प्रशांत महासागर कि गहराई कितनी है.
अधिकतम गहराई 10,911 मीटर
(3) दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक कोन है
किसी एक वैज्ञानिक का नाम नही लिया जा सकता।
(4) लगभग एक दिन में सुर्य कितनी ऊर्जा उत्सर्जित करता है
3.3×10^31 J
(5) वैज्ञानिको कि सुची में सबसे आगे कौनसा देश है
स. राज्य अमरीका के वैज्ञानिको ने सबसे ज्यादा नोबेल जीते है।
(6) क्या सर, हमारा मंगलयान मंगल की खोज में पहुंच गया होगा/ कितना समय लेगा
मंगलयान सितंबर 2014 तक मंगल तक पंहुचेगा।
(7) अल्बर्ट आइंस्टाइन का सापेक्षता के सिद्धांत क्या है
इस ब्लाग पर इस विषय पर कुछ लेख है उन्हे देखें।
(8) 100 वाट का एक बल्ब 400nm.वाली तरंग-दैघर्य का एकवर्णी प्रकाश उत्सर्जित करता है। बल्ब द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटोनो की संख्या की गणना कीजिए।
400nm.वाली तरंग-दैघर्य का एकवर्णी प्रकाश के फोटानो की ऊर्जा
Ephoton = h c / lambda
= (6.63 x 10^-34 J s) x (3.00 x 10^8 m/s)/ 400 x 10^-9 m
अब 100 watt के बल्ब द्वारा एक सेकंड मे 100 J ऊर्जा का उत्सर्जन होगा, मान लेते है इस ऊर्जा के लिये N फोटान चाहीये होंगे
100 J=N * (6.63 x 10^-34 J s) x (3.00 x 10^8 m/s)/ 400 x 10^-9 m
N= 100 J * 400 x 10^-9 m/((6.63 x 10^-34 J s) x (3.00 x 10^8 m/s))
(9)हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत उदाहरण देकर समझाईये।
इस ब्लाग पर इस विषय पर कुछ लेख है उन्हे देखे।
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श्रीमान जी यह बताएं कि पेड़ पौधों का मस्तिष्क कहाँ होता है और वे प्रतिक्रिया कैसे देतें हैं ?
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वनस्पति में मस्तिष्क नहीं होता है, वे सोच नहीं सकते है! लेकिन उनमें तंत्रिका तंत्र (nervous system) होता है, जो उन्हें प्रतिक्रिया देने में सहायता करता है!
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(श्रीमान कृपया ये बताएं कि यदि हमें ग्रहों सितारों का प्रत्यक्ष दर्शन करना हो तो दिल्ली में कौन सी जगह पर जाएँ जो ऑब्जर्वेटरी के जैसे दिखातें हैं )
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Nehru planetarium
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गुरुजी वेग का सुत्र क्या है
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वेग एक सदिश राशी है।
औसत वेग = तय की गयी दूरी/ दूरी तय करने मे लगा समय
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परमाणु क्या है
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परमाणु (एटम) किसी तत्व का सबसे छोटा भाग है, जिसमें उस तत्व के रासायनिक गुण निहित होते हैं। परमाणु के केन्द्र में नाभिक (न्यूक्लिअस) होता है जिसका घनत्व बहुत अधिक होता है। नाभिक के चारो ओर ऋणात्मक आवेश वाले इलेक्ट्रान चक्कर लगाते रहते हैं जिसको इलेक्ट्रान घन (एलेक्ट्रान क्लाउड) कहते हैं। नाभिक, धनात्मक आवेश वाले प्रोटानों एवं अनावेशित (न्यूट्रल) न्यूट्रानों से बना होता है। जब किसी परमाणु में इलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु विद्युत दृष्टि से अनावेशित होता है; अन्यथा परमाणु धनावेशित या ऋणावेशित ऑयन के रूप में होता है।
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सर, सुर्य का द्रव्यमान कितना है
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सूर्य का द्रव्यमान 1.989 x 10^30 kg है, इसे सौर द्रव्यमान भी कहते है।
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5 sabse jada khatarnak computer virus ka naam bata dijiye.
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‘I Love You’ virus (Year 2000)
The Morris Worm (Year 1988)
agent.btz (Year 2008)
Conficker Virus (Year 2009)
Stuxnet (Year 2009-2010)
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What is ASTC and ABS in cars. How does it works.
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ABS – Anti-lock Braking System : यह कार चलाते समय ब्रेक लगाने पर कार को रपटने से बचाने के लिये होता है। इसमे कार के पहीये एक साथ अचानक स्थिर नही होते है।
ASTC- Active Skid and Traction Control : यह भी ABS जैसा ही है लेकिन इसमे नियंत्रण कंप्युटर द्वारा किया जाता है।
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humari prithvi ek hi disa me kyo ghumti hain
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कोई भी आकाशीय पिंड स्थिर नही रहता है। हर पिंड अपनी दूरी पर घूर्णन करता है, उसके घूर्णन की दिशा मे उसके निर्माण के बाद परिवर्तन नही होता है। पृथ्वी के घूर्णन की दिशा उसके निर्माण के समय की परिस्थितियों के कारण निर्धारित हुयी है और उसमे कोई परिवर्तन नही आया है। यह दिशा पश्चिम से पूर्व है।
यही नियम पृथ्वी की सूर्य की परिक्रमा दिशा पर भी लागू होता है।
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hum jante hai ki kisi v do vectors a aur b ka cross product c =a×b =|a||b|sin(thita) = ek vector quantity hota hai aur
dot product d = a.b= |a||b|cos(thita) = ek scalar quantity hota hai
eska mtlb ki c ek aisi vector quantity hai jo a ke b ke sath parallel component ko b se multiply krne se prapt hoti hai aur d ek aisi scalar quantity hai jo a ke b ke sath perpendicular component ko b se multiply krne se prapt hota hai.pr aisa ku hai ki ek hi vector a ke alag alag direction ke components ko ek hi vector b ke sath multiply krne pr 1 smy vector to 1 smy scalar quantity prapt hota hai?
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Ashis sir, kya aap is link ko hindi me translate kar apni website par post kar sakte hai…. Link > http://www.wikihow.com/Lucid-Dream
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OK, I will do, but keep patience.
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what is time travelling .time travelling possible.
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इस लेख को पढें https://vigyan.wordpress.com/2010/12/10/timetravel/
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क्या समय यात्रा संभव है? https://vigyan.wordpress.com/2010/12/10/timetravel/
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सर, मे यह जानना चाहता हुं कि, प्रथ्वी से चन्द्रमा तक पहुचने मे कितना समय या दिन लगेंगे?
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पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 385,000 km है। अपोलो 11 को चंद्रमा तक पहुंचने के लिये 3 दिन, 3 घंटे, 49 मिनट लगे थे।
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निर्वात का तापमान कितना होता है ?
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3°K (-270°C)
ध्यान दे कि निर्वात पूरी तरह से रिक्त नही होता है, उसमे भी 1 हायड्रोजन परमाणु प्रति घन सेमी होता है।
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जब चुम्बक को तोडा जाता है,तब यह दो ध्रुवोँ मेँ टूट जाता है क्योँ?
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परमाणु स्वयं ही दंगों ध्रुव वाला सबसे छोटा चुंबक होता है, इसलिये कीसी भी चुंबक में दो ध्रुव होंगे!
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क्या मनुष्य मे भार होता है?
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भार गुरुत्वाकर्षण पर निर्भर करता है, यदि मनुष्य पृथ्वी पर है तो उसका भार है, अंतरिक्ष में उसका कोई भार नहीं है! हर गुरुत्वाकर्षण वाली जगह भार होगा। लेकिन, उसका द्रव्यमान हर जगह है!
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Sir आप हमे विस्तार से बतायेकि ब्रह्मांड का ताप पहले कितना था और अब कितना है और कयू
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ब्रह्माण्ड का वर्तमान तापमान २.७३ डीग्री केल्वीन है, इसका प्रारंभिक तापमान लाखों डीग्री रहा होगा.
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Very nice
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electron kya hai
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सर अगर कोइ अत्यन्त साधारण (साधारण से बहुत नीचे) स्तर कैलेज से ज्ञान प्राप्त व्यक्ति आइन्सटीन के theory of relatively कि तरह कोइ महान theory खोज लेता है(सोच लेता है) तो दुनिया के सामने इसको प्रस्तुत करने के लिये क्या कोइ रास्ता है?
अगर उसकी theory पुरी तरह सही है तो आपको क्या लगता है दुनिया इस theory को स्वीकर करेगी?
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यदि आप कोई सिधांत प्ररित करते है तो उसे आप कोई भी विश्वविद्यालयों में प्रस्तुत कर सकते है , हा पहले उस सिधांत का कॉपीराइट प्राप्त कर लेना
और दुनिया के स्वीकार करने की बात ५०-५०% है कुछ स्वीकारेंगे और कुछ नहीं . यदि सिधांत सही हो तो अन्यथा कोई भी नहीं स्विकरेंगा .
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इन्द्रधनुष क्यो दिखाई देता है?
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आकाश में संध्या समय पूर्व दिशा में तथा प्रात:काल पश्चिम दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी वर्णो का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है। वर्षा अथवा बादल में पानी की सूक्ष्म बूँदों अथवा कणों पर पड़नेवाली सूर्य किरणों का विक्षेपण (डिस्पर्शन) ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण है। इंद्रधनुष सदा दर्शक की पीठ के पीछे सूर्य होने पर ही दिखाई पड़ता है। पानी के फुहारे पर दर्शक के पीछे से सूर्य किरणों के पड़ने पर भी इंद्रधनुष देखा जा सकता है।
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sir ,
copyright kya hota hai
or yadi me koi khoj karu koi theory likhu to uska copy right kaha se or kese prapt krunga
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प्रतिलिप्यधिकार या कॉपीराइट बौद्धिक संपदा का एक रूप है. जॊ एक मूल कृति के लेखक कॊ प्रकाशन, वितरण और अनुकूलन का निश्चित समय अवधि के लिए , विशेष अधिकार देता है।
प्रतिलिप्यधिकार या कॉपीराइट किसी चीज के वर्णन में हैं। यदि आप कोई अच्छी कहानी लिखें, या कोई गाना संगीत-बद्ध करें, या पेन्टिंग करे तो यह किसी चीज़ का वर्णन होगा। उसमें आपका प्रतिलिप्यधिकार होगा। यदि उसे प्रकाशित करें तो कोई और उसे आपकी अनुमति के बिना प्रयोग नही कर सकता है।
वैज्ञानिक खोजो और आविष्कारो के लिये पेटेंट होता है। यह कापीराईट से भिन्न है। हर देश मे कापीराईट और पेटेंट की प्रक्रिया भिन्न है।
पेटेण्ट या एकस्व किसी देश द्वारा किसी अन्वेषणकर्ता को या उसके द्वारा नामित व्यक्ति को उसके अनुसन्धान को सार्वजनिक करने के बदले दिए जाने वाले अनन्य अधिकारों का समूह को कहते है। यह एक निश्चित अवधि के लिये दिया जाता है।
पेटेण्ट प्रदान करने की प्रक्रिया, पेटेण्टार्थी द्वारा पूरा की जाने वाली शर्तें तथा उक्त अधिकारों का प्रभावक्षेत्र एक देश से दूसरे देश में अलग होते हैं। पेटेण्ट कानून के अन्तर्गत, पेटेन्ट-धारक को निश्चित एक मात्र अधिकार उत्पादन, विक्रय एवं प्रयोग के सम्बन्ध में कुछ निर्धारित वर्षों के लिए प्राप्त होता है: वैधानिक रूप से, एक पेटेण्ट-प्राप्ति यह अधिकार प्रदान नहीं करती कि किसी खोज का प्रयोग अथवा विक्रय किया जाए, परन्तु यह दूसरे को ऐसा करने से रोकती है। एक व्यक्ति अथवा कम्पनी पेटेण्ट भंग के लिये दोषी होंगे यदि वे इसका प्रयोग करते हैं, यदि वह इसे अपने प्रयोग हेतु चिन्हित करता है; यदि वह एक भाग क्रय करता है तथा दूसरे में मिश्रित कर लेता है जिससे यह भंग होती है।
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सर फोटो कैमेरा,विडीयो कैमेरा,xerox machine कैसे काम करता है?
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Water mai kya milane par hydrogen gas niklti h
a-K
B-Na
C-Hydrogen
D -None
plz ans
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विकल्प a और b सही है। सोडीयम और पोटेशीयम दोनो पानी से प्रतिक्रिया कर हायड्रोजन मुक्त करते है।
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sir what is your hobby please give me reply
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प्रज्ञा, मेरे शौक़ गीने चुनें है , पढ़ना , रात में ग्रह,तारों को देखना, संगीत और घुम्मकडी!
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Sir ek sawal hai
agar prthvi ghumti to hame pata kyu nahi chalta ya mehsoos kyu nahi hota
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हमें पृथ्वी का घुमना महसूस नहीं होता क्योंकि
१.पृथ्वी अपने साथ सारे वायुमंडल और हम सभी को साथ लेकर घुमती है!
२.पृथ्वी का आकार हमारे आकार से बहत अधिक है।
लेकिन पृथ्वी का घूमने के प्रभाव को हम सूर्य, चंद्रमा और तारों का पूर्व में उदय और पश्चिम में अस्त होने से पता कर सकते है क्योंकि पृथ्वी के घुमने की दिशा पश्चिमे पूर्व है!
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सर,
मुझे आपकी website बहुत पसंद आई है। और इसमें सबसे अच्छी बात ये है कि, कोई भी विज्ञान के topic पर किसी भी तरह का कोई पृश्न पूछ सकता है। और आप लगभग सभी पृश्नो के उत्तर देते हों। यह अमुल्य ज्ञान देने के लिए मैं अपका अभार व्याकत करता हूं। और इस विषय पर मैं भी आपसे १ पृश्न पूछना चाहता हूं।
पृश्न – जब कोई वैज्ञानिक कोई theoretical खोज करता है जैसे Big Bang, तो वह अपनी उस खोज को लिखकर proof करता है और इसका कोई प्रायोगिक प्रमाण नहीं होता और मुझे MPCOST bhopal में ये बताया गया है की, जिसका कोई प्रायोगिक प्रमाण ना हो उसे हम patent नहीं करा सकते, तो वैज्ञानिक आपनी इस खोज patent जैसी मान्यता प्राप्त कैसे कराते है? और उस मान्यता को हम क्या बोलते हैं? कृपया कर मुझे detail में बतायें यह मेरे लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Mahesh bhadoriya
Content
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Mobile – 08982450192
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पेटेंट किसी आइडीये का भी कराया जा सकता है!
पेटेंट आविष्कारों के लिए दिया जाता है। ‘आविष्कार’ का अर्थ उस प्रक्रिया या उत्पाद से है, जो कि औद्योगिक उपयोजन (Industrial application) के योग्य है। अविष्कार नवीन एवं उपयोगी होना चाहिये तथा इसको उस समय की तकनीक की जानकारी में अगला कदम होना चाहिए। यह आविष्कार उस कला में कुशल व्यक्ति के लिए स्पष्ट (Obvious) भी नहीं होना चाहिये।
आविष्कार को पेटेंट अधिनियम की धारा 3 के प्रकाश में भी देखा जाना चाहिये । यह धारा परिभाषित करती है कि क्या आविष्कार नहीं होते हैं । किसी बात को आविष्कार तब तक नहीं कहा जा सकता है जब तक वह नवीन न हो । यदि किसी बात का पूर्वानुमान किसी प्रकाशित दस्तावेज के द्वारा किया जा सकता था या पेटेंट आवेदन के प्रस्तुत करने के पूर्व विश्व में और कहीं प्रयोग किया जा सकता था तो इसे नवीन नहीं कहा जा सकता। यदि कोई बात सार्वजनिक क्षेत्र में है या पूर्व कला के भाग की तरह उपलब्ध है तो उसे भी आविष्कार नहीं कहा जा सकता।
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पृथ्वी के घूर्णन
की गति की दिशा कौनसी हैं ?
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पश्चिम से पूर्व की ओर! इसीलीये तो हमे सूर्य चंद्रमा तारे पूर्व मे उदित होकर पश्चिम मे अस्त होते नजर आते है।
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Sir,
aap sapno (DREAMS) Ke baare me ek lekh likhiye, me yaha ek link share kar rahi hu, please use hindi me translate karke lekh Dijiye, http://www.wikihow.com/Control-Your-Dreams
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Sir, Can we calculate the quantity of energy radiation from sun in terms of mass. How much mass sun is loosing every year due to radiation.
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सूर्य 1.534 x 10^13 kg द्रव्यमान हर घंटे ऊर्जा के रूप में उत्सर्जन करता है!
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Sir, The energy radiated from sun, not being received by any planet, goes to the open space, ultimately where it goes?
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रिक्त अंतरिक्ष मे फैल जाती है! इसी तरह के ऊर्जा के वितरीत होने के कारण से अंतरिक्ष का तापमान परम शून्य से थोड़ा ज्यादा है।
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Sir, as you said that unused energy spreads over the space and so why the temperature of space in little more then absolute zero. What do you mean by “temperature of space”. Energy always has a mass vector in it. space does not have any mass. How the space can acquire that energy. In my view there can be two solutions.
1. sun never emit any energy, if there is no receiver.
2. the emitted energy converts in to dark energy, became the reason of ‘cosmic inflation’.
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अंतरिक्ष पूरी तरह से रिक्त नहीं है , उसमें विरल मात्रा में द्रव्यमान (औसतन 1परमाणु/घन सेमी)होता है! इसी द्रव्यमान के ताप से वह परम शून्य से थोड़ा उपर 2.7 K होता है!
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Sir,
Refer yr response Dated 14-12-13. Even if the space is not fully empty, and the light moves in straight line, some of the energy will remain un-utilized. Or all energy will be consumed by free atoms?
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प्रकाश पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव पड़ता है, वह गुरूत्व के प्रभाव से मुड़ता है। लेकिन अंतरिक्ष के अधिकांशतः रिक्त होने से कुछ ऊर्जा अनंत काल तक अनंत दूरी तक यात्रा करते रहेगी, अर्थात कुछ ऊर्जा किसी कार्य में प्रयुक्त नहीं होगी!
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Sir, can we define temperature as “concentration of dark energy”? Both has repulsion property.
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तापमान ऊर्जा ही है! वह साधारण ऊर्जा या श्याम ऊर्जा कोई भी हो सकती है। तापमान संतुलन बनाये रखने उच्च ताप से कम ताप की ओर प्रवाहित होता है, वह प्रतयाकर्षण नहीं है।
श्याम ऊर्जा संभवत काल-अंतराल का गुणधर्म है जो उसे विस्तार दे रहा है, उसे भी प्रत्याकर्षण बल कहना उचित नहीं है!
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As you said that temperature is energy, I will say that temperature is measurement of energy, not energy itself. Can we define the heat energy as quantity of ‘free vibrations’ of some ‘sub material particle’.
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आप सही हैं तापमान ऊर्जा का मापन ही है! ऊषमीय ऊर्जा फोटानो द्वारा वाहन की जाती है, हम उसे फोटानो के कंपन के रूप में मान सकते है!
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Sir, under the circumstances, in nuclear reaction, the mass converts into vibrating photons. And this vibrating photons are occupied by a nearby mass, displays the quantum of energy (Temperature). In other word, the mass is made of sub-material particle (not particle) named photon, vibration. Opposite to the nuclear reaction, we can say that when a specific pattern of photons and vibrations is achieved. It can be converted into mass. In this way, there is no necessity of BING BANG.
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बिग बैंग यह नाम वास्तविकता मे गलत है, क्योंकि बिग बैंग ना तो “बिग (विशाल)” था ना ही कोई “बैंग(विस्फोट)” था। यह एक बिंदू से ब्रह्माण्ड का विस्तार था। इस समय सारी ऊर्जा एक बिंदू के रूप मे थी जो पदार्थ के रूप मे परिवर्तित हो कर ब्रह्मांड को अस्तित्व का कारण बनी। आप सही है कि बिग बैंग से समय यही ऊर्जा से ही पदार्थ बना है।
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sir ji pavan urja me pryog hone wali vastu kya hai ise bnane me kis kia vastu ki jarurat hoti hai
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आपको सबसे पहले एक बड़े से पंखे की आवश्यकता होगी जो पवन द्वारा घूम सके। इस पंखे के लिये जगह भी ऐसी चाहीय जहाँ हवा निर्बाध रूप से बह सके।
इस पंखे से किसी विद्युत जनरेटर की मोटर को घूमाया जाये तो विद्युत उत्पन्न की जा सकती है। इसी तरह से जल प्रवाह से भी विद्युत बनायी जा सकती है।
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pavan urja se kaise bijli bna sakte hai
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पवन ऊर्जा बहती वायु से उत्पन्न कि गई उर्जा को कहते है| वायु एक नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत है| पवन ऊर्जा बनाने के लिये हवादार जगहो पर पवन चक्कियो को लगाया जाता है, जिनके द्वारा वायु की गतिज उर्जा यान्त्रिक उर्जा मे परिवर्तित हो जाती है| इस यन्त्रिक ऊर्जा को जनरेटर की मदद से विद्युत ऊर्जा मे परिवर्तित किया जा सकता है|
पवन ऊर्जा ( wind energy ) का आशय वायु से गतिज ऊर्जा को लेकर उसे उपयोगी यांत्रिकी अथवा विद्युत ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करना है|
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Sir ji kya mater se ghar me light bnai ja sakti hai ydi ha to kaise
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घर पर बिजली बनाने के सरल और प्रायोगिक उपाय सौर पैनल और पवन ऊर्जा है! अन्य तउपायो से बिजली निर्माण व्यवहारीक नहीं है!
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Sir sor penal kaise kaam karte hai or penal ke andar kya hota hai jisse sury ka prakash urja me badal jata hai
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सौर पैनल फोटोवोल्टिक प्रभाव (यह प्रकाश-विद्युत् प्रभाव है) के माध्यम से विद्युत् उत्पादन करने के लिए सूर्य से प्राप्त प्रकाश ऊर्जा (फोटॉन) का उपयोग करते हैं. एक मॉड्यूल का संरचनात्मक (भार वहन करने वाले) सदस्य या तो शीर्ष परत (अधिस्तर) या पिछला स्तर (अधःस्तर) हो सकता है. अधिकांश मॉड्यूल वेफ़र-आधारित क्रिस्टलीय सिलिकॉन सेल या कैडमियम टेल्युराइड या सिलिकॉन आधारित एक पतली-झिल्ली वाली सेल का प्रयोग करती हैं. क्रिस्टलीय सिलिकॉन, जिसे आमतौर पर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्युलों में वेफ़र के रूप में प्रयोग किया जाता, सिलिकॉन से प्राप्त होता है, जो आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला अर्द्ध-चालक होता है.
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Sir kya ham ghar par sor penal bna sakte hai
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नहीं क्योकि उसमे प्रयुक्त होने वाली सामग्री को आसानी से नही बनाया जा सकता है। उसमे प्रयुक्त सामग्री जहरीली भी होती है।
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सर वास्तुसास्त्र मे positive और negative energy terms सुनने मे आता है।क्या इस energy के अस्तित्व कोइ प्रमाण है?
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वास्तुशास्त्र का विज्ञान से कोई संबध नही है!
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भैया, अब सब्र का बाँध और नहीं सम्भाला जा रहा। एक बात बतलाएँ लोगों द्वारा ज्योतिष शास्त्र को ज्योतिष विज्ञान, वास्तु शास्त्र को वास्तु विज्ञान और सामाजिक शास्त्र को सामाजिक विज्ञान कहना गलत है क्या ?
हम जानते भी हैं और मानते भी हैं कि कुछ कारणों से भौतिकी की व्यापकता सबसे अधिक है या यूँ कहें जो भी है। वह भौतिकी का हिस्सा है। परन्तु कृपया कर भौतिक विज्ञान को ही विज्ञान न समझे।
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वास्तु , ज्योतिष दोनो विज्ञान नहीं है! किसी भी विषय को विज्ञान होने के लिये वैज्ञानिक विधी का पालन करना चाहिये!
विज्ञान, प्रकृति का विशेष ज्ञान है। यद्यपि मनुष्य प्राचीन समय से ही प्रकृति संबंधी ज्ञान प्राप्त करता रहा है, फिर भी विज्ञान अर्वाचीन काल की ही देन है। इसी युग में इसका आरंभ हुआ और थोड़े समय के भीतर ही इसने बड़ी उन्नति कर ली है। इस प्रकार संसार में एक बहुत बड़ी क्रांति हुई और एक नई सभ्यता का, जो विज्ञान पर आधारित है, निर्माण हुआ।
ब्रह्माण्ड के परीक्षण का सम्यक् तरीका भी धीरे-धीरे विकसित हुआ। किसी भी चीज के बारे में यों ही कुछ बोलने व तर्क-वितर्क करने के बजाय बेहतर है कि उस पर कुछ प्रयोग किये जांय और उसका सावधानी पूर्वक निरीक्षण किया जाय। इस विधि के परिणाम इस अर्थ में सार्वत्रिक हैं कि कोई भी उन प्रयोगों को पुनः दोहरा कर प्राप्त आंकडों की जांच कर सकता है।
सत्य को असत्य व भ्रम से अलग करने के लिये अब तक आविष्कृत तरीकों में वैज्ञानिक विधि सर्वश्रेष्ठ है। संक्षेप में वैज्ञानिक विधि निम्न प्रकार से कार्य करती है:
(१) ब्रह्माण्ड/भौतिक जगत के किसी घटक या घटना का निरीक्षण करिए।
(२) एक संभावित परिकल्पना (hypothesis) सुझाइए जो प्राप्त आकडों से मेल खाती हो।
(३) इस परिकल्पना के आधार पर कुछ भविष्यवाणी (prediction) करिये।
(४) अब प्रयोग करके भी देखिये कि उक्त भविष्यवाणियां प्रयोग से प्राप्त आंकडों से सत्य सिद्ध होती हैं या नहीं। यदि आकडे और प्राक्कथन में कुछ असहमति (discrepancy) दिखती है तो परिकल्पना को तदनुसार परिवर्तित करिये।
(५) उपरोक्त चरण (३) व (४) को तब तक दोहराइये जब तक सिद्धान्त और प्रयोग से प्राप्त आंकडों में पूरी सहमति (consistency) न हो जाय।
कोई भी परिकल्पना (hypothesis) इस वैज्ञानिक जाँच पर खरी नहीं उतरे उसे विज्ञान नहीं कह सकते!
किसी वैज्ञानिक सिद्धान्त या परिकल्पना की सबसे बडी विशेषता यह है कि उसे असत्य सिद्ध करने की गुंजाइश (scope) होनी चाहिये। जबकी धार्मिक/क्षद्म-विज्ञान की मान्यताएं ऐसी होतीं हैं जिन्हे असत्य सिद्ध करने की कोई गुंजाइश नहीं होती।
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भैया, आपने जो बात कही है उसे वास्तु / ज्योतिष शास्त्र पूरा करता है या नहीं….! इस विषय पर क्या आपने निष्पक्ष विचार किया हैं ? हम आपकी सिर्फ इस बात से दुखी हैं कि आप कहते भी हैं कि यह छद्म विज्ञान है। और दूसरी तरफ कहते हैं कि इसका विज्ञान से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह कैसे सम्भव हो सकता है। गुरुत्वाकर्षण बल भी छद्म बल है और वह भौतिकी का हिस्सा है। तो क्या हम गुरुत्वाकर्षण बल को बल की श्रेणी से हटा देते हैं ? नहीं न
विज्ञान केवल वैज्ञानिक पद्धति है। समझने और स्वीकार करने की। आपने तो केवल एक ही पद्धति (अरस्तु द्वारा प्रयोग में लाइ जाने वाली पद्धति) को समझाया है। विज्ञान आज कई तरह की विधियों का अनुसरण कर रहा है। आपने जो विधि बतलाई है उस विधि का भी वास्तु शास्त्र अनुपालन करता है। वास्तु शास्त्र में प्रकाश, वायु और जल तीनों ऊर्जाओं का अध्ययन किया जाता है। और दूसरा घटक है वह स्थान / स्थिति जहाँ पर मकान या महल बनाना है। और ऐसा कदापि मत सोचियेगा कि हमने शब्दों द्वारा वास्तु को विज्ञान का चोला पहना दिया है।
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मैने जो विज्ञान की परिभाषा दी है वह मेरी नही है, यह वैज्ञानिको द्वारा मानी हुयी है।
ज्योतिष या वास्तु इस परिभाषा को पूरा नही करता है। पूर्ण विराम!
क्षद्म विज्ञान अर्थात झूठा विज्ञान! “क्षद्म विज्ञान” का अर्थ है कि इन सभी ने विज्ञान का भेष ओड़ने का प्रयास किया है लेकिन वे विज्ञान नही है।
आपने कैसे मान लिया कि गुरुत्वाकर्षण एक क्षद्म बल है ? क्या उसके प्रभाव को मापा नही जा सकता है, क्या उसके प्रभावो की भविष्यवाणी नही की जा सकती है? गुरुत्वाकर्षण बल की गणना या उसके सिद्धांत से भविष्यवाणी संभव नही होती तो मंगलयान पृथ्वी से बाहर ही नही जा पाता।
आप अपनी मान्यता बनाये रखने स्वतंत्र है लेकिन मै हमेशा विज्ञान के द्वारा प्रमाणित और मान्य तथ्य ही सामने रखुंगा।
“Extraordinary claims require extraordinary evidence” – Carl Sagan
यदि आप मानते है कि ज्योतिष और वास्तु विज्ञान है तो विज्ञान की कसौटी पर सिद्ध किजीये! मैने वैज्ञानिक सिद्धांत होने के लिये आवश्यक शर्ते पहले ही बता दी है। उनका प्रायोगिक और स्वतंत्र रूप से सत्यापन आवश्यक होता है। स्ट्रींग थ्योरी को भी विज्ञान नही माना जाता है क्योंकि उसे प्रायोगिक रूप से सत्यापित नही किया जा सकता और उसके द्वारा भविष्यवाणी संभव नही है।
हिग्स बोसान की खोज होने से पहले उसे भी उस समय तक एक कल्पना ही माना जाता था जब तक उसे प्रायोगिक रूप से खोज नही लिया गया!
इसे पढें
http://rationalwiki.org/wiki/Astrology
http://rationalwiki.org/wiki/Pseudoscience
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भैया, BSc. की पुस्तक से : आभासी बल = वास्तविक बल + छद्म बल
छद्म बल को बल की श्रेणी में रखा जाता है। चूँकि इस परिस्थिति में न्य़ूटन के गति के नियम लागू नहीं होते हैं। और यह अजड़त्वीय निर्देशित तंत्र में लगता है। इसलिए इसे ज्ञात करने के कोई मायने नहीं रह जाते। कक्षा-१२ वी. की पुस्तकों को पड़ने से लगता है कि गुरुवाकर्षण बल ही छद्म बल है। क्योंकि जब लिफ्ट नीचे की ओर जाती है तब दोनों (गुरुत्वाकर्षण और छद्म) बल एक ही दिशा में लगते हैं। यही मेरे भ्रम का कारण बना था। और हमने १२ वी. तक ही भौतिकी पढ़ी है।
“लेकिन मै हमेशा विज्ञान के द्वारा प्रमाणित और मान्य तथ्य ही सामने रखुंगा।” इस कथन पर आपको मेरे सलाह है कि
1. आपको मान्यता को मान्यता की तरह लिखना और समझाना चाहिए। ताकि लोगों को यह स्पष्ट हो जाए कि यह अपूर्ण कार्य है और इस विषय पर आगें कार्य किया जा सकता है।
2. यदि आप सच में मानते हैं कि उक्त परिभाषाएँ, तथ्य, सिद्धांत और नियम वैज्ञानिकों द्वारा मान्य हैं तब आपको चर्चा से अपना पल्ला नहीं झाड़ना चाहिए। यह अविश्वास की निशानी है।
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१.मान्यता और तथ्य मे अंतर होता है। गुरुत्वाकर्षण बल एक तथ्य है, क्योंकि वह विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरता है। उसे प्रयोगो से प्रमाणित किया जा चूका है और सिद्धांतो के आधार पर सटिक गणना द्वारा पूर्वानुमान लगाते जा सकते है। कोई भी सिद्धांत वैज्ञानिक कसौटी पर खरा उतरे मै उसे विज्ञान मानता हूं!
२. चर्चा से मै कभी पीछे नही हटता लेकिन धार्मिक/सांस्कृतिक मान्यताये सोच पर हावी हो जाये तो मै चर्चा नही करता क्योंकि ये मान्यताये आंखो पर एक ऐसी पट्टी बांध देती है जिसके आगे कुछ भी देख पाना मुश्किल हो जाता है।
ज्योतिष और वास्तु दोनो पर प्रश्न उठाते हुये इतनी सारी सामग्री दे सकता हुं जिन्हे पढने मे हफ्तो महीने लग जाये लेकिन जो इन पर विश्वास करता है, इस सारी सामग्री को किसी ना किसी कुतर्क से दरकिनार कर देगा। मेरे साथ कई बार हो चुका है।
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हमने जो सुझाव दियें हैं वो सिर्फ इस चर्चा के लिए नहीं हैं। आप सुझाव को किस रूप में समझते हैं वो आप पर निर्भर करता है। शुक्रिया..
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sir जब चुबंक का इस्तमा िकया जाता है तो उपयोग करने के साथ साथ चुबंक की पावर कम हो जाती है क्या ?
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चुंबक की शक्ति उसके परमाणुओ एक उत्तर और द्क्षिणी धुर्वो की रेखा मे होने से उत्पन्न होती है। उपयोग से वह कम नही होती है लेकिन परमाणुंओ का संरेखन किसी कारण से बदल जाये तो वह कम हो सकती है।
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me ye puchna raha tha sir ki teeth yane daato ka rang safed hi kyo hota hai
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दांतो का आवरण कैल्सीयम का बना होता है और कैल्सीयम के सफेद होने से दांत सफेद दिखायी देते है।
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insan aur science k liye niyam kitna jaruri h….kya bina niyam k insan bina science k sahara liye age bad sakta h …kya science hi insan ko tarakki de rhi h
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jese ham jante hai ki light moter ko gti deti hai par kya moter ko ghuma kar light bna sakte hai
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विद्युत जनित्र ( एलेक्ट्रिक जनरेटर ) एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने के काम आती है। इसके लिये यह प्रायः विद्युतचुम्बकीय प्रेरण (electromagnetic induction) के सिद्धान्त का प्रयोग करती है। विद्युत मोटर इसके विपरीत विद्युत उर्जा को यांत्रिक उर्जा में बदलने का कार्य करती है । विद्युत मोटर एवं विद्युत जनित्र में बौत कुछ समान होता है और कई बार एक ही मशीन बिना किसी परिवर्तन के दोनो की तरह कार्य कर सकती है।
विद्युत जनित्र, विद्युत आवेश को एक वाह्य परिपथ से होकर प्रवाहित होने के लिये वाध्य करता है। लेकिन यह आवेश का सृजन नहीं करता। यह जल-पम्प की तरह है जो केवल जल-को प्रवाहित करने का कार्य करती है, जल पैदा नहीं करती।
विद्युत जनित्र द्वारा विद्युत उत्पादन के लिये आवश्यक है कि जनित्र के रोटर को किसी बाहरी शक्ति-स्रित की सहायता से घुमाया जाय। इसके लिये रेसिप्रोकेटिंग इंजन, टर्बाइन, वाष्प इंजन, किसी टर्बाइन या जल-चक्र (वाटर्-ह्वील) पर गिरते हुए जल , किसी अन्तर्दहन इंजन , पवन टर्बाइन या आदमी या जानवर की शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
किसी भी स्रोत से की गई यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करना संभव है। यह ऊर्जा, जलप्रपात के गिरते हुए पानी से अथवा कोयला जलाकर उत्पन्न की गई ऊष्मा द्वारा भाव से, या किसी पेट्रोल अथवा डीज़ल इंजन से प्राप्त की जा सकती है। ऊर्जा के नए नए स्रोत उपयोग में लाए जा रहे हैं। मुख्यत:, पिछले कुछ वर्षों में परमाणुशक्ति का प्रयोग भी विद्युत्शक्ति के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है, और बहुत से देशों में परमाणुशक्ति द्वारा संचालित बिजलीघर बनाए गए हैं। ज्वार भाटों एवं ज्वालामुखियों में निहित असीम ऊर्जा का उपयोग भी विद्युत्शक्ति के जनन के लिए किया गया है। विद्युत्शक्ति के उत्पादन के लिए इन सब शक्ति साधनों का उपयोग, विशालकाय विद्युत् जनित्रों द्वारा ही हाता है, जो मूलत: फैराडे के ‘चुंबकीय क्षेत्र में घूमते हुए चालक पर वेल्टता प्रेरण सिद्धांत पर आधारित है।
फ़ैराडे का यह सिद्धांत निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है :
‘यदि कोई चालक किसी चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाए, तो उसमें एक वि.वा.ब. (विद्युत् वाहक बल) की उत्पत्ति होती है; और संवाहक का परिपथ पूर्ण होने की दशा में उसमें धारा का प्रवाह भी होने लगता है’
इस प्रकार विद्युत् शक्ति के जनन के लिए तीन मुख्य बातों की आवश्यकता है :
१. चुंबकीय क्षेत्र, जिसमें चालक घुमाया जाए,
२. चालक तथा
३. चालक को चुंबकीय क्षेत्र में घुमानेवाली यांत्रिक शक्ति।
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सर, गुरुत्वाकृषण बल क्या है, ये किसके द्वारा लगाया जाता है।इसके तकनीकी कारण क्या है। क्या हम कृत्रिम गुरुत्वाकृषण बल बना सकते है। क्या पृथ्वी के गुरुत्वाकृषण बल को कम या ज्यादा किया जा सकता है?
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विश्व का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों की संहतियों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) कहा जाता है। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित उपर्युक्त नियम को “न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम” (Law of Gravitation) कहते हैं। कभी-कभी इस नियम को “गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम” (Inverse Square Law) भी कहा जाता है।
कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण बल बनाना संभव हो सकता है लेकिन अभी तक उसे बनाया नही जा सका है। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण को कम ज्यादा नही कर सकते है।
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क्या आइंस्टीन के e=mc^2 के बिना न्युकीलियर बम बनाना संभव हो पाता?
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आइंसटाइन के बिना परमाणु बम संभव था क्योंकि कोई और e=mc^2 खोज लेता! लेकिन e=mc^2 के बीना परमाणु बम संभव नहीं था!
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एक 7’8″{7 inch,8foot} लम्बाई तथा 5’11” चौड़ाई वाले आयताकार खेत का क्षेत्रफल ? proof do please
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यह मंच गणित पहेली के लिये नही है, ये विज्ञान के लिये है.
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कौन से देश के दो राष्ट्पति होते है SIR BATA O
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अजय यह मंच सामान्य ज्ञान के लिये नही है, ये विज्ञान के लिये है.
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बिजली की खोज किसने किया था PLEASE SIR BATA O
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्बिजली की खोज कीसी एक व्यक्ति ने नही की है. इस ऊर्जा से मानव प्राग ऐतिहासीक काल से परिचित है, लेकिन वर्तमान युग मे बिजली के प्रायोगिक उपयोग के लिये बेंजामीन फ्रैंकलीन, निकोला टे्स्ला, एडीसन, मैक्स्वेल, माईकल फैराडे (सूची अधूरी है)इत्यादि को श्रेय दे सकते है.
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hume air kyo ankhon se dikhai nhi deti ?
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किसी भी वस्तु(ठोस, जल, वायु) का रंग उसके कणो द्वारा परावर्तित प्रकाश के रंग पर निर्भर होता है. सामान्य वायु के कण कोई भी प्रकाश रंग का परावर्तन नही करते है. एक कारण उसके कणो के घनत्व का बहुत कम होना है. लेकिन कुछ गैस जैसे क्लोरीन के कण पीले-हरे रंग का परावर्तन करते है इसलिये वह पीले हरे रंग की दिखायी देती ्है
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vidhut ki gati kya hai
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विद्युत गति माध्यम पर निर्भर होती है, विद्युत चुंबकीय तरंग के रूप मे वह प्रकाशगति के तुल्य होती है जबकि तांबे के तार मे वह प्रकाशगति के ७० प्रतिशत तक होती है
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हम जानतें हैं कि किसी विद्धुत चालक मे विद्धुत प्रवाह उसमे मौजुद free electrons के प्रवाह को कहते हैं।लेकिन इस कारन तो एक दिन उस विद्धुत चालक के सभी free electrons समाप्त हो जाने चाहिए और वह विद्धुत चालक विद्धुत अचालक मे बदल जाना चाहिए।क्या एसा सच मे होता है?यदि नहीं तो क्युं?
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आप विद्युत श्रोत को भूल रहे है! विद्युत श्रोत इलेक्ट्रान की आपूर्ति करते रहता है!
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hello mujhe please ye bataiye ki jaise pahle ameeba se fish ya aadmi aaye lekin ab kyon nahi hote
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ऐसा अभी भी हो रहा है लेकिन हम उन्हें देख नहीं पाते है क्योंकि
१.इन प्रक्रिया में हज़ारों लाखों वर्ष लगते है!
२.ये परिवर्तन सूक्ष्म होते है,अमिबा से मछली एक झटके में नहीं बनती है!
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कौन से देश के दो राष्ट्पति होते है
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कौन अधिक पावर कन्ज़युम करता है-लैपटोप या डैक्सटोप कम्पयूटर और क्यों?
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लैपटॉप कम बिजली खाता है क्योंकि उसे बनाते समय ध्यान रखा जाता है कि उसके पार्ट्स कम बिजली का प्रयोग करे!
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बिजली की खोज किसने किया था
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sir c-c me trepal bond hota he c-c ke bich me char bond kyo nhi ban skte
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हीरा की CHEMICAL PROPERTY ?
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guru ji
क्या इंसान के पास ऐसी टेक्नोलॉजी होगी की वो जो चाहे हासिल कर
सके
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ek samkodik tribhuj ke kard ki lambai, uske lamb ki lambai, uske aadhar ki lambai se 2 centimetre adhik h and uske lamb ki lambai ke dogune se 1 centimetre adhik h tribhuj ka area batao ?proof karke batao
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RIGIDITY OF GLASS KYA H
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PHYSICAL PROPERTY OF GLASS ?
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Moon, earth का चक्कर क्यो लगाता है
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गुरुत्वाकर्षण से! पुराने प्रश्नों के उत्तर देखीये! जिस तरह पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से करती है उसी तरह चंद्रमा पृथ्वी की!
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आशीष श्रीवास्तव जी नमस्कार,
मुझे बताये इलैक्ट्रीकल जनकारी के लिए कौन सी किताब अच्छी है
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विकास इलैक्ट्रिकल में आप क्या जानना चाहते है विस्तार से बताये! तब आपको उत्तर दे पाउँगा !
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नमस्कार दोस्तो,
हमारे दैनिक जीवन मे कैल्कुलस का क्या उपयोग है
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दैनिक जीवन में आपको कैलकुलस का उपयोग नज़र नहीं आयेगा लेकिन आप जितने भी उपकरण प्रयोग कर रहे है जैसे माइक्रोवेव, मोबाइल, विद्युत, पुल निर्माण, इमारत निर्माण हर जगह कैलकुलस का प्रयोग होता है! उदाहरण के लिये २ किमी दूरी पर स्थान के मध्य विद्युत तार की लंबाई २ किमी से ज़्यादा होगी क्योंकि विद्युत खंबो के मध्य तार लटकते रहता है, इस लंबाई की गणना कैलकुलस से होती है!
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kya kbhi light(िवधुत) ko bina taro ke ak sthan se dusre sthan tak bheja ja sakta hai
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विद्युत को तारों के बिना भी भेजा जा सकता है लेकिन उसमें ऊर्जा क्षति अधिक होने से वह प्रभावी नहीं होगी! आसमान से कड़कने वाली बिजली भी तो किसी तार के बीना ज़मीन तक आती है!
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earht se mangal grah par jane me kitna time lagega
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इसके लिये बहुत से कारक है! पृथ्वी और मंगल के मध्य की दूरी एक जैसी नही रहती है। इन दोनो के मध्य की दूरी सबसे कम उस समय होती है जब दोनो सूर्य के एक ही ओर होते है। इस अवस्था मे पृथ्वी से मंगल जाने मे वर्तमान के राकेटो को छह महीने से एक साल तक का समय लग जाता है। हमारा मंगलयान नौ महीने का समय लेगा।
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what is defferene between maas and waight?
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प्रियम , द्रव्यमान(mass) अर्थात पदार्थ की मात्रा! यह हर जगह समान होती है, किसी १ किग्रा वस्तु का द्रव्यमान पृथ्वी , चंद्रमा, सूर्य हर जगह १ किग्रा ही होगा! जबकि भार(weight) किसी वस्तु पर लगाया गया गुरुतव बल है, इसे न्युटन/मीटर में मापते है! भार बदलते रहता है, किसी वस्तु का भार चंद्रमा पर पृथ्वी की तुलना में छठा भाग रह जायेगा!
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मैं यह H.C. Verma के किताब से यह जानता हूँ
कि कैसे
dt’=dt/√{1-(v^2/c^2)
पर इस किताब मे सिर्फ इसी equation को prove
कर और सभी equation जैसे t’=t/√{1-(v^2/c^2)},
L’=L/√{1-(v^2/c^2)} और सभी इस तरह के
equations को सही मान लिया गया है।
क्या वास्तव मे सिर्फ dt”=dt/√{1-(v^2/c^2)}
equation को सही देखकर ही और सभी equation
जैसे t’=t/√{1-(v^2/c^2)},
L’=L/√{1-(v^2/c^2)} और सभी इस तरह के
equations को सही माना गया है(theory of
relativity मे)?
अगर नहीं तो यह बताए कि कैसे t’=t/√{1-(v^2/
c^2)},
L’=L/√{1-(v^2/c^2)}
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मनुष्य को करंट क्यो लगता है
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paritantar me hamara jivan kesa hota he
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आप प्रश्न स्पष्ट करें , मै प्रश्न नहीं समझ पाया हुँ!
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सर! बलवाहक कण क्या है? क्या इन्हेँ पदार्थ से अलग किया जा सकता है?हिग्स कण और बलवाहक कणोँ मेँ अंतर है?
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विनोद बलवाहक कणो की जानकारी के लिये ये लेख देखें
मूलभूत कण और मूलभूत बल: ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 1
मूलभूत कण और मूलभूत बल: ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 1
मूलभूत बल – महा एकीकृत सिद्धांत(GUT) – : ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 3
इन कणो को पदार्थ से अलग किया जा सकता है, लेकिन कुछ कण अल्पायु वाले ही होते है। हिग्स कण भी बलवाहक कण ही है।
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sir ek bat mujhe samajh nahi aai ki aakash me udta hua giddh bina pankh fadfadae bahut der tak kaise udta rahta hai?
kya jis ssthan par wah udta hai waha ki vaayu ki gati ek saman rahti hai?
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मैं यह H.C. Verma के किताब से यह जानता हूँ कि कैसे
dt’=dt/√{1-(v^2/c^2)
पर इस किताब मे सिर्फ इसी equation को prove कर और सभी equation जैसे t’=t/√{1-(v^2/c^2)},
L’=L/√{1-(v^2/c^2)} और सभी इस तरह के equations को सही मान लिया गया है।
क्या वास्तव मे सिर्फ dt”=dt/√{1-(v^2/c^2)} equation को सही देखकर ही और सभी equation जैसे t’=t/√{1-(v^2/c^2)},
L’=L/√{1-(v^2/c^2)} और सभी इस तरह के equations को सही माना गया है(theory of relativity मे)?
अगर नहीं तो यह बताए कि कैसे t’=t/√{1-(v^2/c^2)},
L’=L/√{1-(v^2/c^2)}
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yes,I have also notice this in H.C.Verma book.
Is this true?
Please explain someone.
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सूर्य लाल क्यो होता है
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हम जानते हैं कि सूर्य की किरणो मे सभी रंग होते है। सुबह और शाम को सूर्य किरणो का प्रकिर्णन होता है। लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है; इसलिये सुबह और शाम को हमे वह लाल रंग का दिखायी देता है।
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kya kala rang bhi hota hai sir
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रंगो की अनुपस्थिती का अर्थ काला रंग होता है। काला रंग वास्तव मे नही होता है।
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सुर्य हम से दुर होने के कारण लाल रंग देख्नेको मिलते हें न सर ?
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सूर्य का रंग सफ़ेद है, उसकी किरणों में सभी रंग होते है। सूर्य लाल या पीले रंग का पृथ्वी के वातावरण में सूर्य किरणों के प्रकीर्णन के कारण दिखायी देता है!
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physics aur cosmology ke ansuljhe prashn kaun se hain? inke answer kyon nahi mil rahe hai?
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गुरुत्वाकर्षण क्या है ? यह क्यो उत्पन्न होता है ?
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रजत, आपका प्रश्न महत्वपूर्ण है लेकिन उत्तर बढा है, मै इस पर एक लेख लेकर आता हूं!
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sir apka ye site ultimate hai.
mai theory of relativity samjhna chahta hu
praramh se.
mughe proper time interval k
bare me v btae ki kaise
t’=t/√{1-(v^2/c^2)}
upr k equation ko prove kr k btae
kripya jwab de.
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Guru ji,
urja ka koi aayatan nahi hota, parantu urja hi mass hai to iska ghanatva anant hona chahiye, kyonki density = (mass/0) . kya yah sahi hai?
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विपुल, पदार्थ और ऊर्जा दोनो एक ही है। ऊर्जा को आप दो प्रकार मे बांट सकते है, गति करती ऊर्जा और स्थिर ऊर्जा। द्रव्यमान केवल स्थिर ऊर्जा का ही होता है, इसी स्थिर ऊर्जा को हम पदार्थ कहते है। जब स्थिर ऊर्जा गति करती हुयी ऊर्जा मे परिवर्तित होती है तब द्रव्यमान ही बल मे परिवर्तित हो जाता है।
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1॰ कोण=कुछ मिनिट
इसमे सवाल ये कि कोण का मिनिट से क्या लेनादेना
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कोण को मापने के लिये इकाइ डीग्री है लेकिन उसे मिनट और सेकंड मे विभाजित किया गया है।
1 डीग्री = 60 मिनट
1 मिनट = 60 सेकंड
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konsi machli karent pada kerti hi .. sahid dives kab maniya jata ha .vigan dives kab maniya jata ha .bangal desh me ganga nadi kis nam sa jane jate hi …..adunik manav ke ousat auchi ketni ha …masalo ka bag kesa khata ha .. udna vala sap kha pe paya jate ha ..visav ka sabsa jayda semao vala desh konsa hi .?
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नरेंद्र, यह मंच विज्ञान की जिज्ञासाओं के लिये है, सामान्य ज्ञान(GK) के लिये नही!
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सर! बिग बैँग थ्योरी मेँ उस एक अनंत घनत्व के बिन्दु का निर्माण कैसे हुआ जिसका महाविश्फोट हुआ और यह ब्रह्मांड बना?
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sir ham jante hai ki every action has equal and opposite reaction due to newton’s low Lekin ham dekhate hai ki baris ke bundo se miti ukhad jati hai jo Nahi hona chahiye
Aisa kyon
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सर में ये जानना चाहता हू के असल में ब्रह्मांड क्या है? और में ये सुनता और पढ़ता हू के ब्रह्मांड अनेक है कहाँ है सर अनेक ब्रह्मांड में सर उठा के देखता हू तो मुझको तो केवल एक ही ब्रह्मांड दिखाई देता है, इस ब्रह्मांड की अवधारणा क्या है.
दूसरा प्रश्न – क्या हमारी मंदाकिनी के बीच में कोई श्याम विवर है अगर नही तो इस मंदाकिनी के समस्त ग्रह, तारे आदि किस के चक्कर लगा रहे है और क्या ये आवश्यक है के प्रत्येक आकाशगंगा के केन्द में कोई श्याम विवर हो ही?
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poori prathvi ka bhar kitna hai kg me batana anko me our sabado me
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भारत मैँ झण्डा दिवस कब मनाया जाता हैँ
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राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस हर वर्ष 22 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन अर्थात 22 जुलाई, 1947 को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को भारत के संविधान द्वारा अपनाया (अंगीकृत) गया था!
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why two metals get stuck together after collision in space? plz reply
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सर, अभिक्रियाए क्या होती है?
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sir kya humare earth ko black hole se koi difficulties future me ho sakti h.
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nice amaging
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सिलिका क्या है ? रेत , बालू , कांच , पत्थर , मेँ अन्तर बताओ ?
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Silica, the silicon and oxygen compounds, the chemical name SiO2.
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What is Consciousness?
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Al2O3 alumina kya h aur iski chemical properties batayein?
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kya cancer patient ki bhi goverment job lag skti h graution k bad
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आदमी और जानवर मेँ से पहले कौन आया?
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purja tarika vastu samay sankhya success ya unsuccess labh ya hani ye sab quality k sath koi machin engine train ya helicopter engine factory ki koi machin ki full knoledge do sir hum janna chahte hain theory k madhyam se kya rahashya he….machin kya h kyo science par full mind k sath depend h kuchh link dena sir jarur avagat karana
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सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा मेँ कैसे बदलेँगे ? विस्तार से बताएँ ।
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bramhandvmatlab kya
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sir mere ghar ke pas ek bada wala electric tower hai mai daily notice karta hu ki usme se kuchh awaz karke prakash(light) nikalati hai mai samjh nhi pa rha hu akhir aisa kyu?
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A particle with zero mass can transport momentum but as m=0 implies p=0 explain..? Plz in hindi
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Who earthwarm have eight heart beats located to different parts of the body . The eight heart must all beat at the same time in order to produce effective blood circulation .now what happen to the life of earthwarm if it travels with 3/5th velocity of light. Plz hindi m ans dijiyega..
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सर जी, मै ये जानना चाहता हूँ कि कणो मे बल (force) क्यो उत्पन्न होता है? इसका क्या कारण है? कृपया detail मे समझायें।
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guru ji
क्या इंसान के पास ऐसी टेक्नोलॉजी होगी की वो जो चाहे हासिल कर
सके
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sirji is topic par jarur bole… study
class-2 me failed
class-9 me failed class-11 isme dono lagatar 2 year failed
B.Sc.-1year me failed
polytechnic 2year ab failed ho gaya ye sab sir mathematics ke padne se fail ho jata hun…baki k subject ko padne ko mann hi nhi karta mathematics padne mast ho jata hun…finally batao tumhe kya lagta he kya behtar karna mujhe…..sir poor family se belong karta hun….sir jarur kuchh to boliye science ka question man kar maths bhi science ka अद्वितीय hissa गौस ne sahi kaha h
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sir kriya-pratikrya ke niym ke anusar kya antricshyan ki gati prkash se jyadha kyun nahi ki ja sakti he yadi nahi to kyu ?kriya pratikriya ke niyam se to lagta he ki badhai ja sakti he.
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agar prathvi par sare k sare tree kat diye jay to …to kya prathvi par vayumandal {air} possible h
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SIRJI THANX
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फैराडे के वैद्युत अपघटन के दो नियम क्या क्या हैँ?
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फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम
विद्युत पघटन में विद्युताग्रों (एलेक्ट्रोड्स) पर जमा हुए पदार्थ की मात्रा धारा की मात्रा समानुपाती होती है। ‘धारा की मात्रा’ का अर्थ आवेश से है न कि विद्युत धारा से ।
फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम
‘धारा की मात्रा’ समान होने पर विद्युताग्रों पर जमा/हटाये गये पदार्थ की मात्रा उस तत्व के तुल्यांकी भार के समानुपाती होती है। (किसी पदार्थ का तुल्यांकी भार उसके मोलर द्रव्यमान को एक पूर्णांक से भाग देने पर मिलता है। यह पूर्णांकिस बात पर निर्भर करता है कि वह पदार्थ किस तरह की रासायनिक अभिक्रिया करता है।)
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sirji ye question meri pakad se bahar h iska jabab vistrat dena
sukr sani rahu ketu pandit log future isse related baat karte he kya ye sab science ki den bhi mani jati h…aur iska jikra kare history bhi batay…aur jo humne to pada h sormandal aur grahon ke bare me jese sukr mangal budh prathvi etc. ye sab batein ved se kis rup me judi hui hain…kon he is jadu ka janamdata jo kundali se lekar janam aur death ke bare me jagrat karta he…
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यदि ज्योतिष को ग्रहों की गति की गणना के लिये प्रयोग करें तो वह विज्ञान है लेकिन किसी मनुष्य के भविष्य की गणना के लिये करें तो वह क्षद्म विज्ञान(झुठा विज्ञान) है!
राहु-केतु इन दोनो ग्रहों का भौतिक अस्तित्व नही है, लेकिन जब सूर्य या चंद्र गहण होता है तब पृथ्वी/चंद्रमा की छाया को राहु/केतु माना जाता रहा है लेकिन इनका मनुष्य के भाग्य पर कोई प्रभाव नही पढता है।
किसी भी ग्रह, नक्षत्र का किसी मनुष्य के भाग्य पर प्रभाव को विज्ञान नही मानता है।ग्रह शांति पूजा, भविष्य, जादू टोना कुछ लोगो की रोजी रोटी का साधन मात्र है, इसका विज्ञान से कोई लेना देना नही है, विज्ञान इन्हे नहीं मानता है। विज्ञान जादू टोना, मंत्र, भूत-प्रेत को नही मानता है।
वेदो मे प्राकृतिक शक्तियों की पूजा के लिये मंत्र है, उनमे विज्ञान ढुंढने का प्रयास ना करें।
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sirji jo aaryabhat ki three granth आर्यभटीय etc. brahmgupt ke granth hain..inme topic kya kya ho sakte hai ? sayad ganit ke alawa aur bhi topic batao jisse in grantho ke syllabus me lessons ke naam batay kya ye hindi me convert hai
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ब्रह्मगुप्त ने दो विशेष ग्रन्थ लिखे: ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त (सन ६२८ में) और खण्डखाद्यक या खण्डखाद्यपद्धति (सन् ६६५ ई में)। ‘ब्रह्मस्फुटसिद्धांत’ उनका सबसे पहला ग्रन्थ माना जाता है जिसमें शून्य का एक अलग अंक के रूप में उल्लेख किया गया है । यही नहीं, बल्कि इस ग्रन्थ में ऋणात्मक (negative) अंकों और शून्य पर गणित करने के सभी नियमों का वर्णन भी किया गया है । ये नियम आज की समझ के बहुत करीब हैं। हाँ, एक अन्तर अवश्य है कि ब्रह्मगुप्त शून्य से भाग करने का नियम सही नहीं दे पाये: ०/० = ०.
“ब्रह्मस्फुटसिद्धांत” के साढ़े चार अध्याय मूलभूत गणित को समर्पित हैं। १२वां अध्याय, गणित, अंकगणितीय शृंखलाओं तथा ज्यामिति के बारे में है। १८वें अध्याय, कुट्टक (बीजगणित) में आर्यभट्ट के रैखिक अनिर्धार्य समीकरण (linear indeterminate equation, equations of the form ax − by = c) के हल की विधि की चर्चा है। (बीजगणित के जिस प्रकरण में अनिर्धार्य समीकरणों का अध्ययन किया जाता है, उसका पुराना नाम ‘कुट्टक’ है। ब्रह्मगुप्त ने उक्त प्रकरण के नाम पर ही इस विज्ञान का नाम सन् ६२८ ई. में ‘कुट्टक गणित’ रखा।) ब्रह्मगुप्त ने द्विघातीय अनिर्णयास्पद समीकरणों ( Nx2 + 1 = y2 ) के हल की विधि भी खोज निकाली। इनकी विधि का नाम चक्रवाल विधि है। गणित के सिद्धान्तों का ज्योतिष में प्रयोग करने वाला वह प्रथम व्यक्ति था। उसके ब्रह्मस्फुटसिद्धांत के द्वारा ही अरबों को भारतीय ज्योतिष का पता लगा।
ब्रह्मगुप्त का ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त (संस्कृत पाठ , संस्कृत एवं हिन्दी में टीका)
खण्डखाद्यक : पृथूदक स्वामीकृत टीका सहित
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sirji pahele english davai nhi thi aayurbedik hua karte the manushya takatvar hote the …lekin aaj bahut sare rog bad rhe hain…mujhe ye batay kya rogo ki sakhya pahele jamane re aaj k jamane me rog jyada hain….
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भारत मे ही नही समस्त विश्व मे लोगो की औसत आयु बढी है। रोगो की संख्या मे कमी आयी है।
१९६० मे भारत मे आम आदमी की औसत आयु ४३ वर्ष थी वर्तमान मे वह ६४ वर्ष है।
पहले महामारी(चेचक, प्लेग, हैजा इत्यादि) बीमारीयों मे शहर के शहर साफ हो जाते थे, हजारों की तादाद मे मौते हुआ करती थी, अब आधुनिक दवाईयों से ऐसा नही हो रहा है। बहुत सी बीमीरीयां जड़ से साफ हो गयी है, पिछले कुछ दशको से उनका कोई मरीज नही पाया गया है। भारत मे पोलीयो का कोई नया मरीज पिछले दो वर्षो मे नही मीला है।
वर्तमान मे लोग बीमार हो रहे है उसके पीछे आयुर्वेदिक/अंग्रेजी दवाई नही है, वह है लोगो के रहन सहन मे बदलाव। लोग शारीरिक मेहनत नही करते है, आलसी होते जा रहे है, खानपान मे बदलाव आया है।
मै आयुर्वेद और एलोपैथी मे कौन बेहतर है , इस विवाद मे नही पढुंगा। लेकिन दोनो मे दी जाने वाली दवाईयों मे कुछ रसायन होते है, आयुर्वेद मे वे प्राकृतिक होते है, जबकि ऐलोपैथी मे वे कृत्रिम होते है। विज्ञान की दृष्टि मे दोनो समान है।
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sirji one topic…..aaryabhat, brahmgupt, etc mathematician the to prashan inse ye uthata h…ki ye log ganit ke sath sath bahut achche दार्शिनिक और ज्योतिष bhi the to ganit ka darshnikata aur jyotish kya sambhandh h…..itne famous hue…..
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प्राचीन भारत मे ज्योतिष का अर्थ खगोल शास्त्र था, वह ग्रहों की गति, नक्षत्र के आकाश मे गति, सूर्य चन्द्र के उदय अस्त, ग्रहण होने की गणना जैसे शुद्ध विज्ञान से संबंधित था। भविष्यवाणी का अर्थ था कि सूर्य चन्द्रमा कब किस नक्षत्र मे उदित होगा, कब ग्रहण होगा इत्यादि। धन्धेबाज़ लोगों ने मनुष्य के भविष्य को ज्योतिष से जोड़कर उसे बदनाम कर दिया।
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कांच कैसे बना ? with Full detail and uses
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विज्ञान की दृष्टि से ‘काच’ की परिभाषा बहुत व्यापक है। इस दृष्टि से उन सभी ठोसों को काच कहते हैं जो द्रव अवस्था से ठण्डा होकर ठोस अवस्था में आने पर क्रिस्टलीय संरचना नहीं प्राप्त करते।
सबसे आम काच सोडा-लाइम काच है जो शताब्दियों से खिड़कियाँ और गिलास आदि बनाने के काम में आ रहा है। सोडा-लाइम काच में लगभग 75% सिलिका (SiO2), सोडियम आक्साइड (Na2O) और चूना (CaO) और अनेकों अन्य चीजें कम मात्रा में मिली होती हैं।
काँच यानी SiO2 जो कि रेत का अभिन्न अंग है। रेत और कुछ अन्य सामग्री को एक भट्टी में लगभग 1500 डिग्री सैल्सियस पर पिघलाया जाता है और फिर इस पिघले काँच को उन खाँचों में बूंद-बूंद करके उंडेला जाता है जिससे मनचाही चीज़ बनाई जा सके। मान लीजिए, बोतल बनाई जा रही है तो खाँचे में पिघला काँच डालने के बाद बोतल की सतह पर और काम किया जाता है और उसे फिर एक भट्टी से गुज़ारा जाता है।
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सायनाइड क्या है ?
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सायनाईड एक ऐसा रासायनिक यौगिक है जिसमे CN(कार्बन -नायट्रोजन अणु) होते है, इसमे कार्बन के परमाणु के नायट्रोजन के परमाणु के साथ तीन बंधन होते है, कार्बन का चौथा बांड किसी धातु जैसे पोटेशीयम, मैग्नेशीयम के साथ होता है। सायनाईड के उदाहरण पोटेशीयम साईनाईड(KCN), सोडीयम साइनाईड(NaCN) है। ये अत्याधिक जहरीले यौगिक होते है। ये शरीर की कोशीकाओ के माईटोकान्ड्रीया मे स्थित लोहे के परमाणू से प्रक्रिया करते है और ऊर्जा के प्रवाह को रोक देते है, इसके फलस्वरूप कोशीकाये आक्सीजन नही ले पाती है। इसके फलस्वरूप अंग जिन्हे आक्सीजन की अत्याधिक जरूरत होती है जैसे दिल, नर्वस सीस्टम कार्य करना बंद कर देते है और मृत्यु होने की संभावना बढ जाती है।
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sir ab to aapne question ke answer nhi de rhe…
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heinrich cornelius agrippa scientist
inki hindi me जीवनी aur inki likhit book hindi medium me mil sakti h…sir milti h to please batao
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x+y+z=1
x2+y2+z2=2
x3+y3+z3=3
x4+y4+z4=?
sir ji 1234, xyz par ghat hain solve kar do….answer to pata h lekin solve nhi h
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हिँदी दिवस की शुभकामनायेँ
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glass and ceramics in do topic ki internet par hindi me websites batay….vistrit jankari mil sake कांच और म्रतिकाशिल्प की बेबसाइटेँ हिन्दी मेँ और हो सके इनकी हिन्दी मेँ किताब भी बतायेँ
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sirji advice dein….government bteup branche- glass and ceramic engineering diploma se final year h
in my future i want be mathematician
mera maths priye subject h….to batay me yahan se kis field me study continue …. karu mathematician ban ne k liye….kya diploma k baad b.e. {bachelor of engineering} karne ka baad maths se Ph.D. kar sakta hun….branch glass and ceramic engineering h
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sirji aur next question…
prathvi par vayumandal h…lekin anya graho par vayumandal nhi …..kyo anya grah is brahmand k prathvi se antar kyo hua………..kya science dwara wahan par jivan possible…
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आपकी जानकारी गलत है, मंगल, शुक्र, गुरु, शनि जैसे सभी ग्रहो पर वायुमंडल है। कुछ उपग्रह जैसे युरोपा, टाईटन पर भी वायुमंडल है, ज्यादा जानकारी के लिये इस ब्लाग को देखें
http://navgrah.wordpress.com/
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sir aapse question puchh kar bahut khusi hoti h….sahi kahu to internet ka aap jese sir se behtar aur koi internet ka medium nhi h u great
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sirji ek question aur h …
i=complex number
i=root-1
” i ki ghat i ”
ka maan batao
ghat matlab power
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ii=0.20787957635
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sirji mera ek question …mathematics ya science me se kon pahele aaya……
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प्रसिद्ध गणितज्ञ कार्ल गास(Carl Friedrich Gauss (1777–1855)) ने गणित को विज्ञान की रानी(“the Queen of the Sciences”) कहा था। विज्ञान और गणित दोनो एक दूसरे के पूरक है, दोनो अलग नही है। हर विज्ञान के सिद्धांत के पीछे गणित है, हर गणित का सूत्र विज्ञान है।
कह सकते हैं कि दोनो का जन्म एक साथ हुआ है।
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sirji mathematics ki higher education level research maths ki book jisse maths me gahari ruchi prapt ho batao na please…..
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Read “The man who knew Infinity”
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THANX BHAI
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sir ji mathematics ke bare jankari do na one question
cos2^/7+cos4^/7+cos6^/7 = 1/2
proof kar do my email
santoshsingh2887@gmail.com
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cos(2π/7)+cos(4π/7)+cos(6π/7)= -1/2
[a] sin (π-x) = sin x —-used in step 9
[b] sin (π+x) = -sin x —-used in step 8
[c] sin (-x) = -sin x —-used in step 6 (twice)
[d] sin 2x = 2 sin x cos x —-used in step 4
[e] sin x cos y = (1/2)sin(x+y) + (1/2)sin(x-y) —-used in step 5 (twice)
1. cos(2π/7) + cos(4π/7) + cos(6π/7) =
2. 2sin(2π/7)[(cos(2π/7) + cos(4π/7) + cos(6π/7)] / 2sin(2π/7) =
3. [2sin(2π/7)cos(2π/7) + 2sin(2π/7)cos(4π/7) + 2sin(2π/7)cos(6π/7)] / 2sin(2π/7) =
4. [sin(4π/7) + 2sin(2π/7)cos(4π/7) + 2sin(2π/7)cos(6π/7)] / 2sin(2π/7) =
5. [sin(4π/7) + sin(6π/7) + sin(-2π/7) + sin(8π/7) + sin(-4π/7)] / 2sin(2π/7) =
6. [sin(4π/7) + sin(6π/7) – sin(2π/7) + sin(8π/7) – sin(4π/7)] / 2sin(2π/7) =
7. [sin(6π/7) – sin(2π/7) + sin(8π/7)] / 2sin(2π/7) =
8. [sin(6π/7) – sin(2π/7) – sin(π/7)] / 2sin(2π/7) =
9. [sin(π/7) – sin(2π/7) – sin(π/7)] / 2sin(2π/7) =
10. -sin(2π/7) / 2sin(2π/7) =
11. -1/2
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Agar future hota hai to humane
future me timemachine bana li hogi
to phir future se hame Milne koi Q
nahi aaya
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यह एक मजबूत तर्क है कि समय यात्रा संभव होती तो भविष्य से समय यात्री आना चाहीये। लेकिन यह भी हो सकता है कि भविष्य के समय यात्री मात्र एक मूक दर्शक हों।
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सर समय क्यो केवल आगे ही क्यो चलता है पिछे क्यो नही
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मेरे पास पूरा उत्तर तो नही लेकिन इस लेख को पढे।
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क्वांटम कंप्यूटर किस सिद्धांत पर आधारित हैं और यह हमारे आज के कंप्यूटर से किस प्रकार भिन्न होंगे? और आज क्या इन्हें बनाया जा चुका है?
और एक सिद्धांत है जिसका मुझे नाम नहीं पता । पर वो शायद कुछ ऐसा है कि एक कण के साथ जो होता है वही किसी दुसरे के साथ भी होता है। और शायद इसकी खोज आइन्स्टीन ने की थी। तो यह सिद्धांत सही से वास्तव में क्या है और इसका नाम क्या है ये मुझे नहीं पता। कृपया इसे बताएं।
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पहले मुर्गि आइ या अण्डा?
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जीव विज्ञान के अनुसार जीवों का विकास क्रमिक रूप से हुआ है। मुर्ग़ी और अंडे मे पहले कौन आया इस प्रश्न के कोई मायने नहीं है, इन दोनो का विकास एक साथ एक क्रम मे हुआ है, पहले कौन आया इसका प्रश्न नहीं उठता है।
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Kuch saal pahle maine bhaskar main pda tha ki egg ke upper kuch khaas type ke pardhart hota hai, jo keval murgi ke pet main hi milata hai, essliye murgi pahle ayee. Apke giyaan ke ageh toh main zero hu, lekin maine pda jarur tha main page per.
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जब एक लोहे का टुकडा पानी मेँ डूब जाता है तो लोहे का बडा जहाज क्योँ नहीँ डूबता?
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आर्कमीडीज के सिद्धांत से! लोहे के जहाज़ का आयतन उसके भार से अधीक होता है। लोहे का जहाज़ अपने आयतन के बराबर पानी विस्थापित करता है, यह विस्थापित जल अपने आयतन के तुल्य बल जहाज़ पर लगाता है जिससे जहाज़ पानी पर तैरता है। जबकि लोहे के टुकड़े का आयतन उसके भार से कम होता है।
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अम्ल क्या हैँ?
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अम्ल एक रासायनिक यौगिक है जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन(H+) देता है. इसका pH मान 7.0 से कम होता है. परिभाषा के अनुसार, अम्ल वह रासायनिक यौगिक है जो प्रतिकारक यौगिक(क्षार) को हाइड्रोजन आयन(H+) प्रदान करता है. जैसे- एसीटिक अम्ल(सिरका में) और सल्फ्यूरिक अम्ल(बैटरी में). अम्ल, ठोस, द्रव या गैस, किसी भी भौतिक अवस्था में पाए जा सकते हैं. वे शुद्ध रुप में या घोल के रूप में रह सकते हैं. जिस पदार्थ या यौगिक में अम्ल के गुण पाए जाते हैं वे (अम्लीय) कहलाते हैं।
मोटे हिसाब से अम्ल (ऐसिड) उन पदार्थों को कहते हैं जो पानी में घुलने पर खट्टे स्वाद के होते हैं (अम्ल = खट्टा), हल्दी से बनी रोली (कुंकम) को पीला कर देते हैं, अधिकांश धातुओं पर (जैसे जस्ते पर) अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं और क्षारक को उदासीन (न्यूट्रल) कर देते हैं। मोटे हिसाब से क्षारक (बेस) उन पदार्थों को कहते हैं जिनका विलयन चिकना-चिकना सा लगता है (जैसे बाजा डिग्री सोडे का विलयन), स्वाद कड़ुआ होता है, हल्दी को लाल कर देते हैं और अम्लों को उदासीन करते हैं। उदासीन करने का अर्थ है ऐसे पदार्थ (लवण) का बनाना जिसमें न अम्ल के गुण होते हैं, न क्षारक के।
ऐसे भी कुछ अम्ल हैं जो खट्टे होने के बदले मीठे होते हैं। ऐसा एक अम्ल ऐमिडो-फोस्फरिक अम्ल है। कुछ ऐसे भी अम्ल हैं जो क्षारहर नहीं होते। कुछ ऐसे भी क्षार हैं जिनका हाइड्रोजन धातुओं से विस्थापित हो जाता है। फिटकरी अम्ल नहीं है। इसमें विस्थापित होनेवाला कोई हाइड्रोजन भी नहीं है। पर यह स्वाद में खट्टा और क्रिया में क्षारहर होता है। यह नीले लिटमस को लाल भी कर देता है। इसी प्रकार सोडियम बाईसल्फाइड खट्टा और क्षारहर होता है। यह नीले लिटमस को लाल करता है। इसमें विस्थापित होनेवाला हाइड्रोजन भी है, पर यह अम्ल नहीं है। मिथेन अम्ल नहीं है, पर इसका हाइड्रोजन जस्ते से विस्थापित हो जाता है और इस प्रकार ज़िंक डाइमेथिल बनता है जो लवण नहीं है।
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आशीष जी,
मुझे अक्सर Sleep paralysis होता है नीँद की सुरुआत मेँ, (लगभग 3 दिन मे 1 बार) मुझे नीँद मेँ पता चल जाता है कि मैँ सपना देख रही हूँ इस कारण मैँ जाग जाती हूँ पर पूरी तरह नही मैँ अपनी आँखे भी खोल सकती हूँ पर BODY पर CONTROL नही रहता एक शोर सुनाई देता है मैँ जागने की बहुत कोशिस करती हूँ पर बडी मुश्किल से जाग पाती हूँ पर फिर भी इतनी ज्यादा नीँद होती है कि अगर मेँ जल्दी से उठकर नहीँ बैठी तो फिर से उसी स्तिथि मेँ पहुँच जाती हूँ। क्या ये NORMAL है? या कोई बीमारी की शुरुआत। क्रपया जानकारी देँ
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नेहा जी,
ये किसी बीमारी की शुरूवात तो नहीं है, ऐसा सभी के साथ होता है। लेकिन आप किसी चिकित्सक से सलाह ले ले तो बेहतर होगा।
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KYA BHOOTO PRET KI KOI BIMARI REAL M HOTI H YDI NHI TO MAHILAO K YE KONSI BIMARI HOTI H
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भूत प्रेत के अस्तित्व को विज्ञान नही मानता है। अधिकतर मामलो मे यह मानसिक बिमारीयां होती है। जिस तरह हम सपने देखते है उसी तरह मानसिक रूग्ण व्यक्ति जागते हुये भी भूत प्रेत जैसी कल्पना कर सकता है, महसूस कर सकता है। इस तरह की परेशानी से गुजरने वाले व्यक्ति को किसी मानसिक चिकित्सक को दिखाना चाहीये।
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प्रलय क्या हे यह किस कारन आता हे
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प्रलय का अर्थ है किसी आपदा से समस्त/अधिकतर जीवन का नष्ट हो जाना। यह कई तरह से आ सकती है जैसे अतिवृष्टी , भूकंप इत्यादि।
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Sir, Sleep paralysis ke baare me bataye….
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जब हम निद्रा अवस्था मे होते है तब हमारा मस्तिष्क शरीर के कई अंगो को सुप्त अवस्था मे भेज देता है, जैसे हमारे हाथ पैर। हमारे निंद्रा अवस्था से जागृत होने पर ये अंग सक्रिय हो जाते है। लेकिन कभी कभी किसी अनजाने कारणो से ऐसा नही होता है और हमारे जागने के पश्चात भी ये अंग सुप्त रहते है जिसे स्लीप पैरालीसीस कहते है।
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प्रीथ्वी के केन्द्र के अन्दर कोई कण गिराने पर वह कहा जाएगा
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यदि हम पृथ्वी की सतह से एक कण को उसके केन्द्र की ओर गिराये तो वह कण केन्द्र की ओर अपनी गति मे त्वरण करते हुये जायेगा, उसके पश्चात वह पृथ्वी की दूसरी ओर यात्रा प्रारंभ करेगा लेकिन अब उसकी गति मे कमी आते जायेगी। जब वह कण पृथ्वी की दूसरी सतह पर पहुंचेगा तब उसकी गति शून्य हो जायेगी और कण वापिस केंद्र की ओर जाने लगेगा। इस तरह वह कण एक सतह से दूसरी सतह के मध्य दोलन करते रहेगा।
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साँप के कान नही होता, फिर भी क्योँ सपेरा के बीन बजाने पर, साँप कैसे बाहर आ जाते हैँ?
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साँप के कान नहीं होते लेकिन वो अपनी जीभ और त्वचा से ध्वनि कंपन महसूस करते है। साँप बीन की धुन पर नहीं नाचता है, वह तो सँपेरे की बीन पर हमला करने के मौक़े की तलाश मे डोलता है। संपेरा साँप के सामने बीन बजाते हुये बीन को लहराता है, साँप को लगता है की बीन उनपर हमला करेगी, वह उससे बचकर पलटवार की तलाश मे होता है।
यह एक भ्रामक जानकारी है कि साँप बीन की आवाज़ सुनकर बाहर आते है।
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banduk ki goli se adhik veg se chalte yaan me, yaan k bhitar hi, uski gati ki disha me kisi target par goli chalaye to wo goli target par lagegi ya nahi
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गोली अपने निशाने पर लगेगी क्योंकि गोली की गति मे यान की गति भी जुड़ जायेगी।
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sir, raderford ne alfa kan ke rup me He+2 ka hi prayog kyo kiya ushke isthan par H+ kuo nahi liya ?(“+2″ or”+” kramhash He or H ke upr h.)
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KYA PHOTON KA DAYNAMIC MASS HOTA HAI???? yadi hota hai to prove kejie. very very thanks for giving previous answer!!
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graho ke beech ki duri unka dravyaman density etc. kis prakar gyat ki jaati hai
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Chandrama ka kewal ek hi bhag hamesha Earth ke samne rahata hai wo kaise mere ko padane ke baad bhi samajh nahi aaa raha hai
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sir what is the difference between space and universe???
mai bahut exited hu janne ke lie
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स्पेस या अंतरिक्ष, अंतराल यह सभी खगोलीय पिंडों के मध्य का स्थान है। ब्रह्मांड या यूनिवर्स मे खगोलीय पिंड जैसे तारे, ग्रह, आकाशगंगा और अंतरिक्ष दोनो का समावेश है! इसके अलावा ब्रह्मांड की सीमा के बाहर जहाँ कोई पदार्थ नहीं है रिक्त स्थान void कहलाता है, इस क्षेत्र मे समय का भी आस्तित्व नहीं होता।
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kya blackhole light ko attract karta hai ???????
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ब्लैक होल से कुछ नहीं बच सकता, प्रकाश भी नहीं !
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sir, aadhunik vargiki ka jank pita ( father of taxonomy ) kise kha gaya hai?
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Carolus Linnaeus
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बादल आकाश मे कयो तैरते हैं ।
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बादल जल भाप से बने होते है जो वायु से हल्के होते है, जिससे वो तैरते है!
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सर आपने बताया नही चुम्बकीय क्षेत्र कैसे पैदा होता है? उत्तर का इंतजार है
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Unified Field Theory और
EPR paradox के बारे मेँ बताऐँ
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sir hun chahate hai ek aur prasn ka uttar ——–LEPTON jo akaki kan hai and jiski koi aantarik sanrachana nahi hoti uska bhi chay hota hai aur chay ki prakriya me kai kan bante hai. e.g.- MUON ===== MUONNUTRINO +ELECTRON + ELECTRONPRATINUTRINO. SIR AISA KAISE HO SAKTA HAI.
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Soory ka prakash prathvi par ane mai kitana samay lagata hai
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लगभग ८ मिनिट
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sir, cancer kya hai or kya karan hai ki aj tak uska ilag confrm nai ho paya na uska karan, or uske cells ke banne ka karan kya hai??
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प्रभात, कैंसर (कर्क रोग) तब होता है जब शरीर के किसी भाग में कोशिकाओं की कोई असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि होती है। हालांकि कैंसर (कर्क रोग) के कई प्रकार हैं, वो सभी असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण शुरू होते हैं।
शरीर की सामान्य कोशिकाएँ एक क्रमबद्ध तरीके से बढ़ती हैं, विभाजित होती हैं, मरती हैं और कई तरह के कारक इन्हें नियंत्रित करते हैं।
कैंसरीय (कर्क रोग संबंधी) कोशिकाएँ एक असामान्य तरीके से बढ़ती और विभाजित होती हैं और सामान्य कोशिकाओं से अलग हैं। कैंसर (कर्क रोग) का मुख्य कारण क्षति या कुछ बदलाव हैं जो किसी कोशिका की डी एन ए के रूप में बुलाई जाने वाली पैतृक(जीनेटिक) सामग्री में सहज रूप से होते हैं। डी एन ए हर कोशिका के नाभिक में होता है और डी एन ए कोशिका विभाजन से लेकर कोशिका की सभी गतिविधियों को निर्देशित करते हैं। अक्सर जब डी एन ए क्षतिग्रस्त होता है, तो शरीर इसकी मरम्मत कर लेता है लेकिन कैंसर (कर्क रोग) कोशिकाओं में, क्षतिग्रस्त हुए डी एन ए की मरम्मत नहीं होती है। लोग क्षतिग्रस्त डी एन ए को वंशागत में पा सकते हैं, जो वंशागत में पाए गए कैंसरों (कर्क रोगों) की व्याख्या करता है। सामान्य रूप से, किसी व्यक्ति के डी एन ए बाहरी वातावरण, जैसे धूम्रपान करने, विकिरण, रसायनों, दवाओं आदि को उघाड़ा जाने से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इस तरह से, दोनों पित्रैकीय (जीनेटिक) और पर्यावर्णीय कारक कैंसर (कर्क रोग) के विकास में एक भूमिका निभाते हैं।
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sir ,maine fb ek pos padi jismain ek aise viman ki khoj ke bare main bataya gya ki jo ki 5000 sal purana hai aur bhartiya sabhyata mahabhart main jikra kya hua viman hai aur jo ki voice ,commande se chalta ,aur aaj ki tak nic se bahut behtar hai,,,uske barein main hamko hindi main bistar se batyein sir ……………….
“From the ancient accounts found in the Sanskrit epic The Mahabharata, we know that a Vimana measured twelve cubits in circumference, with four strong wheels. Apart from its ‘blazing missiles’, The Mahabharata records the use of its other deadly weapons that operated via a circular ‘reflector’. When switched on, it produced a ‘shaft of light’ which, when focused on any target, immediately ‘consumed it with its power’.”
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ये सब मिथक है, इसमें सच्चाई संदिग्ध है। उस समय तकनीक इतनी विकसित नहीं थी कि विमान या जटिल मशीने बनाई जा सके। आप शायद एरीक वान डीकेंस की Ancient Astronauts या उस पर आधारित पुस्तक/लेख की बात कह रहे है। यह पुस्तक /लेख छद्म इतिहास और छद्म विज्ञान पर है, सच से कोसों दूर! वैज्ञानिक और इतिहासकार उन्हे गंभीरता से नहीं लेते है।
आपकी दूसरी टिप्पणी मै प्रकाशित नहीं कर रहा हुँ।
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PRATIELECTRONNUTRINO aur ELECTRONPRATINUTRINO me kya antar hai. lepton family me electronpratinutrino shabbd nahi aya. dono ki electronsankha; muonsankha aur tousankha me kya antar hai???????
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kya sabhi kano ko do samuho me bata gaya hai- FARMIYAAN AUR BOSAN farmiyan aur bosan ke bhautik gundharmo me moolbhoot antar kya hai ????
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इस विषय पर इस साईट पर कुछ लेख हैं उन्हे पढ़ें https://vigyan.wordpress.com/qp/
https://vigyan.wordpress.com/universe/
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बिद्धुत चुंबकीय क्षेत्र कैसे पैदा होता है
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विद्युत चुंबकीय क्षेत्र विद्युत द्वारा उत्पन्न होती है इसके लिए आप एक प्रयोग कर सकते हैं जिसमें आपको एक लोहे की कील और तांबे का एक तार और सेल की आवश्यकता होगी अब तांबे के तार को किल पर लपेट दीजिए फिर उसके दोनों सिरों में से सेल द्वारा धारा प्रवाहित करें जिससे उसमें एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा वही विद्युत चुंबकीय क्षेत्र होगा इसमें आप लोहे कीा वस्तु चिपककर देख सकते हैं
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Ashish ji apne ENTROPY ke bare me ab tak nahi likha,
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क्या स्टीफेन हाकिँस की A Brief History of Time हिन्दी मेँ मिल सकती है ?
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इस पुस्तक का हिन्दी अनुवाद राजकमल प्रकाशन ने 2007 में प्रकाशित किया था। इसका प्रिव्यु आप यहां देख सकते हैं-
http://books.google.com/books?id=KmNOaO7VnDAC&printsec=frontcover&num=9
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KYA QUARK AUR LEPTON KE ALAWA BHI KISI MOOLBHUT KAN KA ASTITVA HAI ????
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क्वार्क और लेप्टान के अतिरिक्त बलवाहक कण बोसान भी मूलभूत कण है। इसके अतिरिक्त श्याम पदार्थ के मूलभूत कण अभी एक रहस्य है।
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sir ek question bada confuse kar raha hai. 2013 ki january me moon pe ek jhanda gaad dete hai. ab maan lijea ki hum earth pe hai aur 2013 ki feb chal rahi hai aur isi samay hum past me jate hai. kya? hame wo jhanda dikhega.
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दो संभावनाये है
१. आप समय यात्रा कर भूतकाल मे अपने ही ब्रह्मांड मे पहुँचते है तब आप झंडा देख पायेंगे।
२. आप समय यात्रा करते है लेकिन संभव है कि आप अपने ब्रह्मांड मे ना पहुँच किसी समांतर ब्रह्मांड मे पहुँचते है, तब कुछ कहा नहीं जा सकता, इस बार आपको झंडी दिख सकता है या नहीं भी क्योंकि इस समांतर ब्रह्मांड मे तय नहीं है कि आपके प्रतिरूप ने झंडा गाड़ा है या नहीं
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internet kya hai.
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यदि आप एक कम्पयुटर को किसी तार से या वायरलेस तकनीक से दूसरे कम्पयुटर से जोड़ दे जिससे वो एक दूसरे को संदेश भेज सके तो एक कम्पयुटर नेटवर्क बनता है। आप इस नेटवर्क मे और जयादा कम्पयुटर जोड़ सकते है, आपका नेटवर्क बढता जायेगा। इंटरनेट इसी तरह का एक विश्वव्यापी नेटवर्क है जिसमें सारे कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े हुये है।
अंतरजाल (इंटरनेट), एक दूसरे से जुड़े कम्पयुटर का एक विशाल विश्व-व्यापी नेटवर्क या जाल है। इसमे कई संगठनो, विश्वविद्यालयो, आदि के सरकारी और निजी कम्पयुटर जुडे हुए है। इंटरनेट से जुडे हुए संगणक आपस मे इंटरनेट नियमावली (Internet Protocol) के जरिए सूचना का आदान-प्रदान करते है। इंटरनेट के जरिए मिलने वाली सूचना और सेवाओ मे इंटरनेट पृष्ठ, ईमेल और बातचीत सेवा प्रमुख है। इनके साथ-साथ चलचित्र, संगीत, विडियो के इलेक्ट्रनिक स्वरुप का आदान-प्रदान भी इंटरनेट के जरिए होता है।
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हा तो आप internet की बात कर रहे है तो एक computer से दुसरे computer सुचना अदन प्रदान कैसे होती है ………………..? और google एक platform पर ये कैसे कम करता है और ऐसी कोई platform भारत के पास क्यों नहीं है plzz help
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क्रिष्णा, एक कंप्युटर से दूसरे कंप्युटर मे सूचना भेजने और इंटरनेट मे सूचना भेजने मे कोई अंतर नही होता है। कंप्युटर से जब भी कोई सूचना भेजी जाती है, इंटरनेट पर, या कंप्युटर से मोबाईल पर या कहीं और , वह हमेशा शून्य और एक के रूप मे होती है।
सूचना भेजने के अनेक माध्यम होते है, यदि WiFi के माध्यम से सूचना भेजी जा रही है तो शून्य और एक को रेडियो संकेतो के रूप मे भेजते है।
किसी तार से भेज रहे है तो शून्य एक को विद्युत संकेतो के रूप मे भेजते है।
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sir maine pada hai ki hum jo vastu dekhte hai vastav mein vo tatkal ki nahi hoti jaise surya ki tatkal chhavi ko hum vastav mein 8 minut e baad dekhte hai. Antriksh ke paripreksh mein jo taare akashgangae ya aur bahut kuch jinki doori hajaro prakashvarsh hai vastav mein hum unki hajaro sal purani chhavi dekhte hai kyoki unke tatkal chhatvi ke prakash ko hum tak aane mein hajaro sal lagenge. Bramhand mein hum jitni adhik door dekhte jayenge vastav mein hum utne purane atit ki chhavi dekh rahe hote hai. Sir main is topic par aapke vichar janna chahta hu
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हम जो भी कुछ देखते है वह भूतकाल होता है। हम यदि किसी तरह १००० प्रकाश वर्ष दूर पहुँच जाये और पृथ्वि को देखे तो हम १००० वर्ष पूराना इतिहास देख सकते है। लेकिन २ समस्या है १. हमारे पास प्रकाश गति से तेज चलने वाला यान चाहिये जो वर्तमान ज्ञान के अनुसार संभव नहीं है। २. उतनी शक्तिशाली दूरबीन जो १००० प्रकाश वर्ष से पृथ्वी का इतिहास देख सके प्रायोगिक नहीं है।
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dipak ji aapne bahut achcha vichar shere ki thank u..,
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ट्यूबलाइट मे कौन सी गैस भरी होती है
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निआन और फ्रिआन का मिश्रण
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Lekh ka intezar hai…
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Dhanyabaad… 🙂
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Entropy के नियम के बारे मेँ बताऐ
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मुझे पता था आप यह प्रश्न लेकर आयेंगे 🙂 , प्रश्न का उत्तर लंबा है, पूरा एक लेख बन जायेगा। इस सप्ताहांत लिखता हुँ।
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Ande Dene Wali jio kyun nahi Marte current se
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कोई भी प्राणी करंट से उस समय मरता है जब उसके शरीर से परिपथ पूरा हो। यदि कोई अंडे देने वाला प्राणी दो तारों को छु दे, या एक तार को छुये और जमीन के संपर्क मे आये तो उस की भी मृत्य हो जायेगी। चमगादड़ जो बच्चे देता है तारों पर उल्टा लटकता है जिससे वह निचे वाले तार के भी संपर्क मे आ जाता है जिससे परिपथ पूरा होने से उसके शरीर मे करंट बहने से उसकी मृत्यु होती है जबकि अन्य पक्षी सीधे बैठते है जिससे वे केवल एक ही तार के संपर्क मे रहते है और परिपथ पूरा नही होता है।
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