2020 भौतिकी नोबेल पुरस्कार :रोजर पेनरोज, रेन्हार्ड गेन्ज़ेल तथा अन्ड्रीआ गीज


वर्ष 2020 का भौतिकी नोबेल पुरस्कार ब्लैक होल पर केंद्रित है, इस बार यह पुरस्कार रोजर पेनरोज(Roger Penrose), रेन्हार्ड गेन्ज़ेल(Reinhard General) तथा अन्ड्रीआ गीज(Andrea Chez) को दिया जा रहा है। 6 अक्टूबर 2020 भारतीय समयानुसार दोपहर 3:30 को यह घोषणा की गई।

रोजर पेनरोज को नोबेल पुरस्कार की आधी राशी मिलेगी, उन्हे यह पुरस्कार साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार ब्लैकहोल के निर्माण की प्रक्रिया के पूर्वानुमान के लिये दिया जा रहा है। शेष आधी राशि रेन्हार्ड गेन्ज़ेल तथा अन्ड्रीआ गीज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र मे मे सुपरमेसीव ब्लैक होल की खोज के लिये मिलेगी।

इस वर्ष का भौतिकी नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिको को दिया जा रहा है, इन वैज्ञानिको का शोध ब्रह्मांड के सबसे रहस्यमय विचित्र वस्तु से संबधित है जिसे ब्लैक होल कहते है। रोजर पेनरोज ने सिद्ध किया कि साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल का निर्माण संभव है। रेन्हार्ड गेंजेल तथा एन्ड्रीआ गेज ने हमारी आकाशगंगा के केंद्र के मध्य एक ऐसा अदृश्य लेकिन अत्याधिक द्रव्यमान वाला पिंड खोजा जो आकाशगंगा केंद्र के आसपास के तारो की कक्षा को नियंत्रित कर रहा है।

रोजर पेनरोज ने अपने ब्लैक होल को प्रमाणित करने वाले शोध मे सरल गणितिय गणनाओं से प्रमाणित किया कि वे आइन्स्टाईन द्वारा प्रस्तावित साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार ही निर्मित होते है। आइंस्टाईन स्वयं ब्लैक होल के आस्तित्व पर विश्वास नही करते थे। ये महाकाय अत्याधिक द्रव्यमान वाले पिंड इतना अधिक गुरुत्वाकर्षण रखते है कि इनसे कुछ भी नही बच पाता है, ये प्रकाश को भी निगल जाते है।

आइंस्टाईन की मृत्यु के दस वर्ष पश्चात जनवरी 1965 मे रोजर पेनरोज ने प्रमाणित किया कि साधारण सापेक्षता के नियमो के अनुसार ब्लैक होल का निर्माण संभव है और उन्होने उसकी विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की, जिसके अनुसार ब्लैक होल के केंद्र मे बिंदु के आकार सिंगुलरैटी होती है, जिसपर भौतिकी के नियम कार्य करना बंद कर देते है। भौतिकी की चुलो को हिला देनेवाले इस शोधपत्र को आइंस्टाईन द्वारा साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के बाद सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

रेनहार्ड गेन्जाल और एन्ड्रीया गेज ने 1990 के दशक के आरंभ से खगोलवैज्ञानिको के दो भिन्न समूहों का नेतृत्व किया, उन्होन्हे हमारी आकाशगंगा के केंद्र मे स्तिथ धनुराशि के समीप के क्षेत्र पर ध्यान रखा जिसे Sagittarius A* कहते है। आकाशगंगा के केंद्र के इस क्षेत्र मे पायेजाने वाले चमकीले तारों की कक्षा की अत्याधिक सटिकता से गणना की गई। दोनो समूहों की गणना के अनुसार उन्होने पाया कि आकाशगंगा के केंद्र के समीप के ये तारे किसी अत्याधिक द्रव्यमान वाले अदृश्य पिंड की परिक्रमा कर रहे है, और इन तारो की परिक्रमा की गति सामान्य से अत्याधिक है। हमारे सौरमंडल के आकार के इस क्षेत्र मे 40 लाख से अधिक तारे जमा है और अत्याधिक गति से किसी अदृश्य पिंड की परिक्रमा कर रहे है।

विश्व की सबसे बड़ी दूरबीन द्वारा किये गये निरीक्षण से गेंजेल और गेज ने अंतरतारकीय(interstellar) गैस और धुल के बादलो के पार आकाशगंगा के केंद्र को देखने की नई विधियों की खोज की। तकनीकी की सिमाओं को विस्तृत करते हुये उन्होने इन निरीक्षणो मे पृथ्वी के वातावरण द्वारा उत्पन्न विकृतियों को कम किया, नये उपकरण बनाये और अपने आपको एक लंबे समय तक चलने वाले शोधकार्य मे समर्पित कर दिया। उनके इस क्रांतिकारी अभूतपूर्व कार्य ने हमारी आकाशगंगा के केंद्र मे अत्याधिक द्रव्यमान वाले ब्लैक होल की उपस्थिति के पूख्ता प्रमाण उपलब्ध कराये।

भौतिकी नोबेल समिती के अध्यक्ष डेवीड हैवीलैंड ने इस अवसर पर कहा कि

इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं की खोज ने संपिडित और अत्याधिक द्रव्यमान वाले पिंडो के अध्ययन मे नए अध्याय खोले है। ये विचित्र और रहस्यमय पिंडो से संबधित अब भी अनेक अनसुलझे प्रश्न है जिनके उत्तर खोजे जाना शेष है और वे भविष्य की शोध के लिये उत्साहित करते है। इन प्रश्नो मे उनकी आंतरिक संरचना तो है ही साथ मे इन ब्लैक होल के आसपास की अत्याधिक चरम वाली स्तिथियों मे गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की जांच भी शामिल है।

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