जाक डुबोशे(Jacques Dubochet), योआखिम फ्रैंक(Joachim Frank) और रिचर्ड हेंडरसन(Richard Henderson)

नोबेल पुरस्कार 2017: रसायन का नोबेल पुरस्कार क्रायो माइक्रोस्कोपी के आविष्कारकों को


 

जाक डुबोशे(Jacques Dubochet), योआखिम फ्रैंक(Joachim Frank) और रिचर्ड हेंडरसन(Richard Henderson)
जाक डुबोशे(Jacques Dubochet), योआखिम फ्रैंक(Joachim Frank) और रिचर्ड हेंडरसन(Richard Henderson)

2017 का रसायन का नोबेल पुरस्कार जाक डुबोशे(Jacques Dubochet), योआखिम फ्रैंक(Joachim Frank) और रिचर्ड हेंडरसन(Richard Henderson) को संयुक्त रूप से दिया गया है। इन तीनों को क्रायो इल्केट्रॉन माइक्रोस्कोपी के विकास के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

यह माइक्रोस्कोप किसी तरल में बायोमॉलिक्यूल की हाई रिजॉल्यूशन संरचना दिखा सकती है। नोबेल पुरस्कार विजेता जाक डुबोशे स्विट्जरलैंड की लूसान यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं जबकि योआखिम फ्रैंक न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से। रिचर्ड हेंडरसन का नाता कैंब्रिज के एमआरसी लैबोरेट्री ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी से है।

नोबेल कमेटी का कहना है कि इन वैज्ञानिकों की खोज के बलबूते जीवन की जटिल रचनाओं की ज्यादा विस्तृत तस्वीरें इंसान हासिल कर पायेगा। क्रायो इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी बायोमॉलिक्यूल की ज्यादा बेहतर तस्वीरें हासिल कर सकता है। इस तरीके ने बायोकेमेस्ट्री को एक नये युग में पहुंचा दिया है।

नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा है कि

इन वैज्ञानिकों की खोज की बदौलत, “रिसर्चर अब बायोमॉलिक्यूल की त्रिआयामी तस्वीरें हासिल कर सकते हैं।

घोषणा करते हुए स्वीडिश समिति ने कहा कि

इस खोज ने बायोकेमेस्ट्री को नए स्तर पर पहुंचाया है। यह खोज वैज्ञानिकों को इस बात की अनुमति देती है कि वो बीच में ही बायोमॉलीक्यूल्स को फ्रीज कर दें और उनका ठीक से अध्ययन कर सकें।

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