25 मार्च 2016 को एक बार फ़िर से लार्ज हेड्रान कोलाईडर को इस वर्ष के भौतिकी के प्रयोगो के लिये आरंभ किया गया, इस वर्ष इसके प्रयोगो से 2015 की तुलना मे छह गुणा अधिक आंकड़ो के प्राप्त होने की आशा है। LHC सबसे विशाल और शक्तिशाली कण त्वरक(Particle Accelerator) है। यह 27 किमी लंबी है तथा इसने कणो के टकराव की ऊर्जा 13TeV तक प्राप्त की है। इसने ही 2012 मे हिग्स बोसान को खोजा था। यह एक विश्वप्रसिद्ध मशीन है लेकिन यह कार्य कैसे करती है?
LHC : अवलोकन
मुख्य जांचयंत्र स्थल
ATLAS(A Toroidal LHC Apparatus)
ATLAS एक सामान्य प्रयोजन वाला जांच यंत्र है जो कि कण भौतिकी की जांच बड़े रूप मे करता है, जिसमे हिग्स बोसान की खोज, अतिरिक्त आयामो की खोज, श्याम पदार्थ(Dark Matter) की खोज का भी समावेश है। यह 46 मीटर लंबा तथा 28,750 घन मीटर आयतन का है और विश्व मे सबसे बड़े आयतन वाला कण जांचयंत्र(Particle Detector) है।
CMS(Compacy Muon Solenoid)
CMS भी ATLAS के जैसे ही एक सामान्य प्रयोजन वाला जांचयंत्र है। यह कणो के टकराव के बाद उत्पन्न छोटे कणो की जांच करता है जिसमे हिग्स बोसान का भी समावेश है। इसे एक महाकाय कुंडलीनुमा (solenoid) चुंबक के प्रयोग से बनाया गया है जोकि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से 100,000 गुणा अधिक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
ALICE(A Large ION Collider Experiment)
ALICE एक भारी आयन(आवेशित परमाणु) जांच यंत्र है जो कि क्वार्क-ग्लुआन प्लाज्मा की जांच के लिये बनाया गया है। क्वार्क-ग्लुआन-प्लाज्मा पदार्थ की एक ऐसी अवस्था है जो अत्यंत उच्च ऊर्जा घनत्व पर निर्मित होती है। पदार्थ की यह विशेष अवस्था ब्रह्माण्ड के जन्म के पश्चात के कुछ वर्षो मे रही होगी। वैज्ञानिक ALICE के प्रयोग से बिग बैंग के तुरंत पश्चात की स्थितियों के निर्माण का प्रयास करते है।
LHCB (Large Hadron Collider Beauty)
LHCb प्रयोग एन्टीमैटर से संबधित रहस्य को सुलझाने के लिये है। क्या कारण है कि पदार्थ की मात्रा प्रतिपदार्थ(एंटीमैटर) से अधिक है। इस प्रयोग मे b(beauty) क्वार्क का अध्ययन किया जाता है। b क्वार्क अत्यंत अस्थायी होते है और इनका क्षय अत्याधिक तेज गति से अत्यंत कम समय मे होता है, इस जांचक को अत्यंत सटिक गति मापन के लिये बनाया गया है।
LHC कार्यप्रणाली
चरण 1 : त्वरण
प्रयोग का प्रारंभ दो प्रोटान पुंज(beam) निर्वात मे विपरित दिशा मे सुपरकंडक्टिंग चुंबको की सहायता से गति प्रदान कर होता है। ये चुंबक अत्यंत शीतल तापमान(-271.3°C) पर होते है। LHC मे प्रोटान एक सेकंड मे 11,245 परिक्रमा करता है और उसकी गति प्रकाशगति की 99.9% होती है।
चरण 2: टकराव
अब इन दो प्रोटान पुंजो को चारो जांचयंत्र मे टकराया जाता है, इसमे हर सेकंड एक अरब कण टकराव होते है और 13TeV ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस टकराव से उत्पन्न ऊर्जा घनत्व(Energy Density) बिग बैंग के कुछ क्षणो पश्चात के तुल्य होती है।
चरण 3: निर्माण
आइंस्टाइन के प्रसिद्ध सूत्र E=mc^2 का पालन करते हुये प्रोटान के टकराव से उत्पन्न ऊर्जा नये पदार्थ के रूप मे परिवर्तित होती है और इसमे अब तक का ज्ञात सबसे अधिक द्रव्यमान वाले टाप क्वार्क समेत अन्य कणो का निर्माण होता है। इस टकराव मे निर्मित अस्थायी कण क्षय होकर तेजी से नये स्थायी कणो मे परिवर्तित होते है।
चरण 4 : जांच
अंत मे इन टकराव के दौरान नये निर्मित द्वितियक कणो संबधित आंकड़ो का मापन चारो जांचयंत्र मे होता है। ये जांच यंत्र इनकी तीनो आयामो मे स्थिति, ऊर्जा, संवेग, द्रव्यमान और आवेश की गणना कर कण की पहचान करते है।
LHC समय रेखा
- 1984 : LHC का प्रस्ताव
- 1994: LHC निर्माण को मंजुरी
- 1998: निर्माण स्थल पर गैलो-रोमन सभ्यता के अवशेष प्राप्त, भविष्य और भूतकाल मे कड़ी बनी
- 2003: ATLAS गुफ़ा खुली
- 2008 :LHC का शुभारंभ
- 2012 : हिग्स बोसान की खोज
- 2015: LHC ने 13TeV ऊर्जा का किर्तिमान बनाया
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ग्राफिक्स स्रोत : https://futurism.com
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लेख सामग्री : विज्ञान विश्व टीम
Sir higsboson particle ke baare me btaye..
Ye kya hai iska kya use hai iska nature kaisa hai ?..
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अनुराग, इस लिंक पर https://vigyanvishwa.in/tag/higgs-bosan/ पर हिग्स बोसान पर बहुत से लेख मिल जायेंगे
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Sir charge ki proper defination kya h
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विद्युत आवेश यह पदार्थ का भौतिक गुणधर्म है जिससे उस उस पदार्थ हो विद्युत चुंबकीय क्षेत्र मे रखने पर वह एक बल का अनुभव करता है। विद्युत आवेश दो प्रकार का होता है, धनात्मक तथा ऋणात्मक। समान आवेश प्रतिकर्षित होते है जबकि विपरीत आवेश आकर्षित।
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may I ask you a question?
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Can we that so much amount of energy(13Tev) and that low of temperature(-271.3℃) in any persent realistic machine?
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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Very good knowledge of LHC lakin ye India ki machine hai ya western pls tell me???
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ऐसा कोई देश या स्थान पृथ्वी पर संभव नहीं है।
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ये विदेशी है।
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