
भविष्य मे जब भी इतिहास की किताबे लिखी जायेंगी, एलन ट्युरिंग का नाम न्युटन, डार्विन और आइंस्टाइन जैसे महान लोगो के साथ रखा जायेगा। ट्युरिंग की दूरदर्शिता ने मानवता को संगणन, सूचना तथा पैटर्न का महत्व सीखाया और उनके जन्म के 100 वर्ष पश्चात तथा दुःखद मृत्यु के 58 वर्ष पश्चात, उनकी विरासत जीवित है और फल-फुल रही है।
आपके आसपास कोई उपकरण यदि गणना करने मे सक्षम है तो आपको एलन ट्युरींग का आभारी होना चाहिये। एलन ट्युरिंग शताब्दियों मे जन्म लेने वाले व्यक्ति थे, उनकी गणितिय खोजो ने एक युद्ध को समाप्त करने मे सहायता दी थी , वहीं कम्प्युटर क्रांति की नींव रखी थी।
एलन ट्युरिंग एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिसकी बुद्धिमत्ता और दुःखांत वाली कहानी उपन्यासो, कथाओ से बाहर नही मिलती है।

इस शनिवार 23 जुन को उनका 100वाँ जन्मदिन था। 23 जुन 1912 को छत्रपुर(Chhatrapur), उड़ीसा भारत मे गर्भ मे आये और लंदन मे जन्मे इस महान गणितज्ञ को 41 वर्ष की आयु मे 7 जुन 1954 को साइनाइड वाले सेब का एक भाग खा कर आत्महत्या करने मजबूर होना पढ़ा था। यह भी माना जाता है विश्व विख्यात कंप्युटर कंपनी एप्पल का लोगो भी एलन ट्युरिंग को एक मूक श्रृद्धांजलि है।
यह जानना लगभग असंभव है कि इस महान गणितज्ञ की असमय मौत से इस मानवता ने क्या खोया है।
1936 मे एलन ट्युरिंग ने 23 वर्ष की आयु मे एक शोधपत्र प्रकाशित किया था, आधुनिक कंप्युटर की निंव इसी शोधपत्र पर रखी गयी है। यह शोधपत्र वास्तविकता मे एक दूसरी गणितीय समस्या डेवीड हील्बर्ट की पहेली Entscheidungsproblem के समाधान के लिये लिखा गया था। ट्युरिंग ने प्रमाणित किया था कि इस पहेली को हल नही किया जा सकता लेकिन इस शोधपत्र मे उन्होने एक ट्युरींग मशीन का जिक्र किया था जोकि आधुनिक कंप्युटर की रूपरेखा है। इस ट्युरिंग मशीन को सूचना श्रोत के रूप मे एक अनंत टेप दिया जाना था, ट्युरिंग मशीन इस श्रोत टेप से 1 और 0 की अनंत श्रृंखला को पढ़, लिख या याद रख सकती थी, इसके साथ ही विभिन्न अनुदेशो या शर्तो के आधार बाइनरी अंको(1/0) का संसाधन कर सकती थी।
यही एक आधुनिक कंप्युटर का सिद्धांत है, जिसमे बायनरी अंक है, लिखी/पढ़ी जा सकने वाली स्मृति(Read/Write Memory) है, साथ ही अनुदेशो(instructions) के रूप मे साफ्टवेयर भी है, अनंत टेप और उसे पढ़ने/लिखने के लिये उपकरण हार्डवेयर भी है।
एलन ट्युरींग ने डिजीटल कंप्युटींग का एक ऐसा गणितीय आधार दे दिया था जिसमे समय के थपेड़ो को सह कर अपने आप को प्रमाणित किया है।
ट्युरिंग का इस मशीन के निर्माण का कोई इरादा नही था, उन्हे तो शायद अपने कार्य के महत्व का भी अंदाजा भी नही था। उन्होने द्वितिय विश्वयुद्ध मे ट्युरिंग बामे(Turing Bombe) बनाया था जोकि जर्मन कुट संदेशो(Encrypted Mesaage) को समझ सकने(decipher) वाला इलेक्ट्रानिक उपकरण था। इस उपकरण ने जर्मनी के पराजय मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
एलन ट्युरिंग समलैंगिक थे जो कि उस समय एक अपराध माना जाता था। इसके लिये उनपर मुकदमा चला और उन्हे दोषी मानकार उन्हे “स्त्री हार्मोन” के इंजेक्शन दिये गये। इसके पश्चात अपमान और ग्लानि से दुःखी होकर उन्होने साइनाइड से भरे सेब को खाकर आत्महत्या कर ली।
उस समय के कानून ने उन्हे सजा दी थी और उन्हे आत्महत्या के लिये मजबूर किया था। लेकिन वर्तमान मे समस्त कंप्युटर (मोबाइल इत्यादि उपकरण समेत) उपभोक्ता उनके आभारी है। 2009 मे युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन ने ट्युरिंग पर चले मुकदमे के लिये आधिकारिक क्षमा याचना भी की थी।
कम्युटर विज्ञान के पितामह को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि!
Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
पसंद करेंपसंद करें
एलन ट्युरिंग की जीवनी पर एक फिल्म भी बनी है….द ईमिटेशन गेम ।
पसंद करेंपसंद करें
wah bhai baat to pate ki h…lekin kaha kuch bhi nhi ja sakta kis ke sath kab kya ho jay
पसंद करेंपसंद करें
it is very nice i like so much
पसंद करेंपसंद करें
turing mahoday ne maanavta ki seva kiiske liye ham unhe sriddhaanjali arpit karte hain
पसंद करेंपसंद करें
इस नई जानकारी का धन्यवाद.
पसंद करेंपसंद करें
in ke baare mai pedh ke aacha laga. Thanks
पसंद करेंपसंद करें
आपकी पोस्ट को हमने आज की पोस्ट चर्चा का एक हिस्सा बनाया है , कुछ आपकी पढी , कुछ अपनी कही , पाठकों तक इसे पहुंचाने का ये एक प्रयास भर है , आइए आप भी देखिए और पहुंचिए कुछ और खूबसूरत पोस्टों तक , टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें
पसंद करेंपसंद करें
अच्छा आलेख, एक प्रतिभा को जानने का मौका मिला… कहीं विस्तार से जानकारी हो तो, उसके लिंक भी दें तो सहायता होगी। भले ही अंग्रेजी के ही लिंक हों…
पसंद करेंपसंद करें
सिद्धार्थ जी,
यहाँ पर देखीये : http://en.wikipedia.org/wiki/Allan_Turing
पसंद करेंपसंद करें
23 जुन 1912 को छत्रपुर(Chhatrapur), उड़ीसा भारत मे जन्मे इस महान गणितज्ञ
Born
Alan Mathison Turing 23 June 1912 Maida Vale, London, England, United Kingdom
आपके लेख में पढ़ा कि जन्म उड़ीसा में हुआ तो उत्सुकता अधिक थी, अब पढ़ा कि कंसीव 🙂 उड़ीसा में हुए और पैदा लंदन में… 🙂
पसंद करेंपसंद करें
I came to know about Alen Turing through this article only. Meri shradhanjli hai is mahan atma ko …
पसंद करेंपसंद करें
एक अद्वितीय व्यक्ति के जीवन की दुखद गाथा – जानकारी के लिये आभार!
पसंद करेंपसंद करें
सारी दुनिया समेट दी ० और १ में | सच भी है ० मृत्यु है और १ जन्म |
पसंद करेंपसंद करें
ओह , एलेन ट्युरिंग के बारे में मैंने तो आज ही जाना और हैरान हूं उनके बारे में पढ कर । प्रतिभा के धनी का यूं इस तरह और इस कारण से चले जाना मन को अखर गया । सच कंप्यूटर के पीछे का सच और उसके बनाए जाने की कहानी मेरे लिए तो एक अजूबे सरीखी लगी । आपका बहुत बहुत शुक्रिया इस पोस्ट को साझा करने के लिए । आपका अनुसरक बनता जा रहा हूं ताकि भविष्य में भी आता रहूं ।
पसंद करेंपसंद करें
अलेन ट्यूरिंग की जन्मशती पर आपने उन्हें याद कर एक पुनीत कार्य किया -आभार!
पसंद करेंपसंद करें
जय हो महान गणितज्ञ एलन ट्यूरिँग जी की। हमेँ तो उनके योगदान के बारे मेँ पता ही नहीँ था। धन्यवाद इस अमूल्य जानकारी के लिए।
पसंद करेंपसंद करें