मंगल की यात्रा पर मानव उत्सुकता (मंगल शोध वाहन ’क्यूरियोसिटी ’)


’क्यूरियोसिटी’ का फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से एक एटलस रॉकेट के द्वारा प्रक्षेपण
’क्यूरियोसिटी’ का फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से एक एटलस रॉकेट के द्वारा प्रक्षेपण

अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शनिवार 26, नवंबर 2011 को मंगल ग्रह पर अब तक का अपना सबसे उत्कृष्ट रोबोटिक रोवर को भेज दिया है।

रोबोटिक रोवर क्यूरियोसिटी को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से एक एटलस रॉकेट के ज़रिये अंतरिक्ष में भेजा गया। ‘रोबोटिक रोवर‘ यानी रोबोट के समान एक मशीन है जो अंतरिक्ष में जाकर मंगल के चारों ओर घूमेगी। ये एक बड़ी गाड़ी के आकार का घूमने वाला वाहन है। छह चक्कों वाले इस मोबाइल लेबॉरेटरी रोबोटिक रोवर का नाम क्यूरियोसिटी रखा गया है और इसका वज़न करीब एक टन है। क्यूरियोसिटी को ‘मार्स साइंस लैबोरेटरी’ (एमएसएल) के नाम से भी जाना जाता है।

क्यूरियोसिटी मंगल पर भेजे गए पूर्व के रोवर से पांच गुना भारी है, और इसके पास चूर हो चुके चट्टान नमूनों की जांच करने की क्षमता है। क्यूरियोसिटी का मुख्य काम ये पता करना है कि क्या कभी मंगल ग्रह पर जीवन मौजूद था। ये मंगल ग्रह से मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करेगा और कैमरे से इस ग्रह के सतह को स्कैन भी किया जाएगा। इसमें प्लूटोनियम बैटरी है जिससे इसे दस साल से भी ज़्यादा समय तक लगातार ऊर्जा मिलती रहेगी।

मंगल वाहन ’क्यूरियोसिटी’
मंगल वाहन ’क्यूरियोसिटी’

ये रोवर अगस्त 2012 में मंगल पर पहुंचेगा और यदि ये सफलतापूर्वक मंगल की सतह पर उतर गया तो ये रोवर दो वर्ष के अपने मिशन के दौरान इस बात की जांच करेगा कि क्या वहां का वातावरण सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए अनुकूल है या नहीं। प्रक्षेपण के 50 मिनट बाद नासा का यान से पहला संपर्क भी स्थापित हुआ है।

इस पूरे मिशन का कुल खर्च ढाई अरब डॉलर है।

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2 विचार “मंगल की यात्रा पर मानव उत्सुकता (मंगल शोध वाहन ’क्यूरियोसिटी ’)&rdquo पर;

  1. क्या मै यह जान सकता हूँ कि रोवर अपनी यात्रा 8 महिने पूरी करने के बाद वह अपना काम तुरन्त प्रारम्भ कर देगा की Rest करेगा और इसका मिसन सिर्फ 2 साल का है? मुझे यह जानकारी मिलकर बहुत खुशी हुयी कि मंगल ग्रह पर जाने मे कितना समय लगता है । “आज एक रोवर पहुँचा है कल एक इंसान पहुँचेगा” ।

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    1. विनोद जी,
      यह रोवर आठ महीने की यात्रा करने के पश्चात मंगल पहुंचेगा। मंगल पर सकुशल लैंडींग के पश्चात वह तुरंत कार्य प्रारंभ कर देगा। यह अभियान केवल 2 वर्षो का है लेकिन यह ज्यादा भी हो सकता है और कम भी!

      इसके पहले के मंगल वाहन ‘ओपर्च्युनीटी’ का अभियान केवल 90 दिनो के लिये था लेकिन यह वाहन आज 2864 दिनो के पश्चात भी कार्य कर रहा है। इसका जुड़वाँ वाहन ‘स्प्रिट’ भी 90 दिनो की आयु से कहीं अधिक 1944 दिनो तक कार्य करता रहा।
      यदि सब कुछ अच्छा रहा था तो निश्चय ही यह दो वर्षो से ज्यादा कार्य करेगा।

      जीहाँ , यह तो एक आरंभ है, “आज एक रोवर पहुँचा है कल एक इंसान पहुँचेगा” ।

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