
अमरीका का अंतरिक्ष यान अटलांटिस अपनी अंतिम यात्रा पर रवाना हो गया है।
ये पिछले 30 साल से जारी अमरीकी अंतरिक्ष यानों के अभियान में किसी यान की 135वीं और अंतिम उड़ान है।
अटलांटिस ने शुक्रवार 8 जुलाई 2011 स्थानीय समय के हिसाब से दिन के ठीक 11 बजकर 29 मिनट पर फ़्लोरिडा के केप केनेवरल स्थित केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।
अटलांटिस से 12 दिन की यात्रा पर गए चार यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर साढ़े तीन टन वज़न के सामानों की आपूर्ति करेगा।
अटलांटिस की वापसी के साथ ही अमरीकी अंतरिक्ष यानों का अभियान पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और अटलांटिस को दो अन्य यानों – डिस्कवरी और एंडेवर – की तरह संग्रहालय में रख दिया जाएगा।
अमरीकी अंतरिक्ष यानों के अभियान की समाप्ति के बाद अंतरिक्ष यात्रा करनेवालों को रूसी अंतरिक्ष यानों पर निर्भर होना पड़ेगा।
साथ ही अमरीका अगली पीढ़ी के नए अंतरिक्ष यानों को विकसित करने की भी तैयारी कर रहा है।
अंतिम उड़ान
अटलांटिस की 33वीं और अंतिम उड़ान की उल्टी गिनती पूरी होने के कोई आधे मिनट पहले अचानक गिनती रोक दी गई। ऐसा यान के पथ में एक उपकरण के टुकड़े के हटा लिए जाने की पुष्टि करने के लिए किया गया। बाद में नियंत्रकों के संतुष्ट हो जाने के बाद उड़ान शुरू किए जाने की अनुमति दे दी गई।
अटलांटिस के उड़ान की तिथि पहले ही घोषित कर दी गई थी लेकिन इस पूरे सप्ताह ख़राब मौसम के कारण यान के समय पर उड़ान भर पाने को लेकर संदेह बना हुआ था।
अटलांटिस की अंतिम यात्रा का साक्षी बनने के लिए लाखों लोग अंतरिक्ष केंद्र के आस-पास जमा थे और उसके उड़ान भरते ही वहाँ जश्न का माहौल बन गया। हालाँकि अटलांटिस को उड़ते हुए बमुश्किल चंद सेकेंड ही देखा जा सका क्योंकि तेज़ गति से उड़ता अटलांटिस देखते-देखते बादलों को चीरकर नज़रों से ओझल हो गया।
अटलांटिस रविवार को निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुँच जाएगा।
स्वतन्त्र विज्ञान के लिए यह एक बुरा समाचार है। स्वतन्त्र विज्ञान से मेरा तात्पर्य बिना की लाभ हानी की चिंता किये नयी खोजों, आविष्कारो के लिए कार्य करना। नासा एक सरकारी संस्थान है जो कि बिना किसी लाभ हानी की चिंता किये कार्य करता है लेकिन सरकारी संस्थानों की अन्य समस्याएँ जैसे लाल फीता शाही, अकुशल योजना प्रबंधन जैसी समस्याए यहाँ भी है। पिछले कुछ वर्षो से नासा राजनितिज्ञो में अलोकप्रिय होते जा रहा है , वह अपने बजट के अनुसार परिणाम नहीं दे पा रहा है । मंदी के इस दौर में नासा के बजट पर भी असर पड़ा है, उसकी कई महत्वाकांक्षी परियोजनाए रद्द की जा चुकी है। जिसमे प्रोजक्ट ओरीयान भी शामिल है । यह प्रोजेक्ट नयी पीढी के राकेट विकसीत करने का था जो अंतरिक्ष शटल का स्थान लेता ।
लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहीये कि नासा जिस क्षेत्र में कार्य करता है, उस क्षेत्र में असफलता की संभावना ज्यादा होती है । इस क्षेत्र में 4 में से एक अभियान असफल होता है, नासा का कार्य प्रशंसनीय है। आशा है कि अमरीकी राजनेता राजनीती और सस्ती लोकप्रियता से दूर हट कर हथियारों के बजट में कमी करें और उसे नासा की और मोड़े। नासा ऐसे भी उन्हें अंतरिक्ष से जासूसी में मदद करता है।
अब इस क्षेत्र में अमरीका ने नीजी कम्पनीयों का दरवाजा खोल दिया है, इससे अंतरिक्ष पर्यटन सस्ता होगा। लेकिन नयी खोजो और आविष्कारो का रास्ता रूक जाएगा! निजी कंपनीयां अपनी योजनाएँ नयी खोज या आविष्कारो की जगह सिर्फ और सिर्फ अपने लाभ पर केंद्रित करेंगी! लाभ की इस होड़ मे मंगल पर मानव के अवतरण का सपना और कितने दशकों बाद पूरा होगा, कह पाना मुश्किल है। पता नही कि कोई और वायेजर अंतरिक्ष यात्रा के लिए जा पायेगा? वायेजर जैसे यानो से कोई तात्कालिक व्यावसायिक लाभ जो नही है!
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