नासा के वर्चस्व का अंत : अंतरिक्ष शटल अटलांटिस की अंतिम उड़ान


अंटलांटीस अंतरिक्ष शटल अपने अंतिम उड़ान के लिए प्रक्षेपण स्थल की ओर जाता हुआ। पृष्ठभूमि मे दिख रही इमारत अंतरिक्ष शटल निर्माण केन्द्र है।
अंटलांटीस अंतरिक्ष शटल अपने अंतिम उड़ान के लिए प्रक्षेपण स्थल की ओर जाता हुआ। पृष्ठभूमि मे दिख रही इमारत अंतरिक्ष शटल निर्माण केन्द्र है।

अमरीकी अंतरिक्ष संगठन नासा के अंतरिक्ष यानों(स्पेस शटल) की अंतिम उड़ान के लिए अंतिम तैयारियाँ अपने चरम पर हैं और शुक्रवार 8 जुलाई 2011 को होने वाली इस उड़ान के चालक दल के सदस्य फ्लोरिडा पहुँच चुके हैं। ये उड़ान स्थानीय समय के अनुसार 11:26 (15:26 जीएमटी) बजे होगी जिसे देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है। अटलांटिस यान शुक्रवार को कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से छोड़ा जाएगा जिसके लिए तीन पुरुष और एक महिला अंतरिक्ष यात्री अंतिम तैयारियाँ कर रहे हैं।

इस अंतिम उड़ान में अटलांटिस यान पर साढ़े तीन टन भोज सामग्री भेजी जाएगी जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद वैज्ञानिकों को एक साल के लिए पर्याप्त होगी।

ये सामग्री भेजे जाने के बाद नासा को इस बात की ज़्यादा चिंता नहीं रहेगी कि निजी और व्यावसायिक कंपनियाँ अगर अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में कुछ मुश्किलें महसूस करती हैं तो अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अटलांटिस में चार वैज्ञानिक सवार होंगे जिनमें कमांडर क्रिस फ़रग्यूसन, पायलट डॉ हरली और मिशन विशेषज्ञ सैंडी मैगनस और रेक्स वॉलहीम होंगे। ये वैज्ञानिक टैक्सस के ह्यूस्टन स्थित अपने प्रशिक्षण केंद्र से कैनेडी पहुँच चुके हैं।

आठ जुलाई 2011 को अंतरिक्ष के लिए 135वीं यान उड़ान होगी और अटलांटिस की ये 33वीं उड़ान होगी। इस उड़ान के बाद कुल 135 अंतरिक्ष मिशन पूरे हो जाएंगे जिनके लिए 355 लोगों ने 852 बार उड़ान भर ली होगी। पहला अंतरिक्ष यान 12 अप्रैल 1981 को उड़ा था। अंतरिक्ष कार्यक्रम के दौरान पृथ्वी की कक्षा का चक्कर लगाने वाले यानों ने कुल मिलाकर 864,401,200 किलोमीटर (537,114,016 मील) का सफ़र तय किया है जो तीन बार पृथ्वी से सूरज तक जाने और वापिस लौटने के बराबर है। अटलांटिस यान इस सफ़र में क़रीब 65 लाख किलोमीटर (40 लाख मील) और जोड़ देगा।

इस अंतिम दौर को शुरू करने वाला पहला स्पेस शटल यान डिस्कवरी था जिसने मार्च 2011 में अपनी अंतिम उड़ान भरी थी। उसके बाद एंडीवर को भी एक जून 2011 को अंतिम उड़ान के बाद संग्रहालय में रख दिया गया है।

इन उड़ानों के बाद सभी अंतरिक्ष यानों को संग्रहालय में पहुँचाया जा रहा है। अटलांटिस को अंतिम उड़ान के बाद कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के दर्शक परिसर में रखा जाएगा। नासा अब अपने अंतरिक्ष यानों(स्पेस शटल) को रिटायर कर रहा है ताकि निजी कंपनियाँ अब इस मैदान में अपनी सेवाएँ मुहैया करा सकें।

श्रोत: बीबीसी हिन्दी से साभार

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6 विचार “नासा के वर्चस्व का अंत : अंतरिक्ष शटल अटलांटिस की अंतिम उड़ान&rdquo पर;

  1. अटलांटिस के बहारे महत्‍वपूर्ण जानकारी मिली। आभार।

    वैसे अंत तो सभी का एक न एक दिन होता ही है।

    ——
    जादुई चिकित्‍सा !
    इश्‍क के जितने थे कीड़े बिलबिला कर आ गये…।

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    1. नासा के वर्चश्व का अंत विज्ञान के लिए अच्छी खबर नही है। यह संस्थान लाभ के लिए कार्य नही करता है, इस संस्थान की योजनायें लाभ की जगह नयी खोज/आविष्कार पर केन्द्रित होती है! अब इस क्षेत्र मे निजी कंपनीयां आयेंगी जो अपनी योजनाएँ नयी खोज या आविष्कारो की जगह सिर्फ और सिर्फ अपने लाभ पर केंद्रित करेंगी!

      लाभ की इस होड़ मे मंगल पर मानव के अवतरण का सपना और कितने दशकों बाद पूरा होगा, कह पाना मुश्किल है। पता नही कि कोई और वायेजर अंतरिक्ष यात्रा के लिए जा पायेगा? इन यानो से कोई तात्कालिक व्यावसायिक लाभ नही है!

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