लुढकने वाला ग्रह


यह तस्वीर 1986 मे वायेजर 2 अंतरिक्ष यान से ली गयी है। यह अकेला यान है जो युरेनस के पास से गुजरा है।

युरेनस यह गुरु और शनी के बाद तिसरा सबसे बढा ग्रह है। यह मुख्यतः चट्टानो और बर्फ से बना है लेकिन इस पर हायड्रोजन और हीलीयम का एक काफी मोटा आवरण है। इसका निला रंग इसके वातावरण मे मिथेन गैस की उपस्थिति के कारण है। मिथेन गैस लाल रंग को सोख लेती है।

युरेनस के के 10 से ज्यादा चन्द्रमा है और इसके आसपास शनि के जैसे लेकिन धुंधले वलय भी हैं।

युरेनस का अक्ष उसकी सूर्य की परीक्रमा के प्रतल से (शुक्र ग्रह के जैसे ही) बहुत ज्यादा झुका हुआ है, कभी कभी तो यह अक्ष सुर्य के लम्बवत हो जाता है। जिससे यह प्रतित होता है कि यह ग्रह सुर्य की परिक्रमा लुढकते हुये कर रहा है। ज्ञात रहे पृथ्वी का अक्ष 23.5 अंश झुका हुआ है।
युरेनश और नेपच्युन काफी मिलते जुलते ग्रह है, युरेनस बडा है लेकिन इसका द्रव्यमान कम है।

3 विचार “लुढकने वाला ग्रह&rdquo पर;

  1. यूरेनस और वीनस तो ग्रह घूमने के मामले में सारे ग्रहों से फर्क हैं। यदि यूरेनस लुढ़कता है तो वीनस उलटा घूमता है। वीनस में सूर्य पस्चिम से उगेगा।

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