कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार (Types of AI) : प्रतिक्रियात्मक से आत्मचेतन तक (From Reactive to Self-Aware)


कंप्युटर गणना क्षमता तथा उससे संबधित तकनीक जैसे मशीन द्वारा सीखना(Machine Learning), न्युरल नेटवर्क. मानव भाषा संसाधन(Natural Language Processing), जिनेटिक अल्गारिथम तथा कंप्युटर सृजनात्मकता मे तीव्र विकास के साथ अब मशीने धीरे धीरे प्रतिक्रियात्मक मशीनो से आत्मचेतन मशीनो की ओर विकास कर रही है। इस इन्फ़ोग्राफ़िक मे हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता(AI) की वर्तमान स्तिथि और उसके भविष्य की ओर एक नजर डालेंगे।

वर्ग 1 : पूर्ण प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)

यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सबसे आधारभूत प्रकार है। यह वातावरण और परिस्थितियों से सीधे सूचना ग्रहण करता है और उसके आधार पर निर्णय लेता है। इसके पास विस्तृत विश्व की जानकारी नही होती है। यह अपने अनुभवों को संरक्षित नही कर सकता है, ना ही अपने अनुभवों के आधार पर वर्तमान समस्या पर निर्णय ले सकता है। यह केवल एक ही क्षेत्र मे विशेषज्ञता हासिल कर सकता है।

उदाहरण

  1. IBM का डीप ब्ल्यु जिसने कास्पोरोव को शतरंज मे हराया था।
  2. गूगल का अल्फागो जिसने मानव को एक कंप्युटर बोर्ड खेल गो मे हराया था।

वर्ग 2 : सीमित स्मृति

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास मे यह अगला चरण है। इस वर्ग मे पिछले अनुभवों को सीमित मात्रा मे सूचना के रूप मे संरक्षित रखा जाता है और उसे विश्व के प्रोग्राम रूप मे माना जाता है। इस सीमित स्मृति के आधार कृत्रिम बुद्धिमत्ता निर्णय लेती है और उसके आधार पर अपना कार्य निर्धारित करती है।

उदाहरण

  1. स्वचालित कार
  2. चैटबाट, पर्सनल डिजिटल असीस्टेंट(एप्पल सीरी, माइक्रोसाफ़्ट कोर्टना)

वर्ग 3 : मस्तिष्क सिद्धांत

वर्ग 3 कृत्रिम बुद्धिमत्ता मे मानव के विचारो और मानव व्यवहार को प्रभावित करने वाली भावनाओं को समझने की क्षमता होगी। इस वर्ग की कृत्रिम बुद्धिमत्ता भावनाओ, मूल भावों, उद्देश्यों तथा अपेक्षाओं को समझ सकेगी और सामाजिक रूप से व्यवहार करने मे सक्षम होगी। ये मशीन अब तक बनी नही है लेकिन ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अगला चरण होंगी।

उदाहरण

  1. स्टार वार फ़िल्मो के C-3PO तथा R2-D2
  2. I, Robot फ़िल्म का सोनी

वर्ग 4 : आत्म चेतन

इस तरह के रोबोट अपना प्रतिनिधित्व स्वयं कर सकेंगे। यह मस्तिष्क सिद्धांत का अगला चरण होंगे, वे अपनी आंतरिक स्थिति से अवगत होंगे, वे दूसरो की भावनाओं को समझने मे सक्षम होंगे तथा उसने आधार पर निर्णय ले सकेंगे। वे भविष्य की पिढी की मशीन होंगे जोकि अत्याधिक मेधावी, संवेदनशील तथा जागृत(चेतन) होंगे।

उदाहरण

  1. 2015 मे आयी फ़िल्म एक्स मशीना की इवा
  2. 2015 टीवी धारावाहिक ह्युमन्स का सिन्थ्स

 

पूर्ण इन्फ़ोग्राफ़िक

ग्राफिक्स स्रोत : https://futurism.com

मूल ग्राफिक्स कॉपी राइट : https://futurism.com

लेख सामग्री : विज्ञान विश्व टीम

 

 

7 विचार “कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार (Types of AI) : प्रतिक्रियात्मक से आत्मचेतन तक (From Reactive to Self-Aware)&rdquo पर;

  1. ग़ैर क़ुदरती दिमाग़ में आत्म चेतना की मुम्किनात पर दार्शनिक जगत में बरसों से बहस होती आयी है। मेरे ख़्याल से वर्ग तीन से वर्ग चार का सफ़र सबसे मुश्क़िल व रचनात्मक होगा।

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    1. रोबोट, यह चेक भाषा का शब्द है, इसका शाब्दिक अर्थ होता है श्रमिक। तकनिकी रूप से रोबोट एक ऐसा बुद्धिमान यंत्र है जो स्वयं या किसी सहायता से कार्य कर सकता है। व्यवहारिक रूप से रोबोट एक ऐसी विद्युत चुंबकिय प्रणाली हो जो कंप्युटर तथा इलेक्ट्रानिक व्यवस्था से संचालित होती है। वे स्वचालित या अर्धस्वचालित हो सकते है। इनका आकार किसी भी प्रकार का हो सकता है। वर्तमान मे हम रोबोटो से घीरे हुये हैं। किचन के टोस्टर, मिक्सर से लेकर मंगल ग्रह पर चलने वाले मंगल वाहन स्प्रिट तथा आपर्टुनिटी इसके उदाहरण है।

      एंड्राईड , ऐसे रोबोटों को कहते है जो मानव सदृश दिखते है। द टर्मीनेटर का टी-100 या आई रोबोट का सोनी इसके उदाहरण है। स्टार ट्रेक का लेफ्टीनेंट कमांडर डेटा भी एंड्राइड है। एंड्राइड भी कल्पना के आकाश से उतरकर वास्तविकता के धरातल मे आ चूके हैं। इसके उदाहरणो मे आसिमो (ASIMO) या टोपीओ(TOPIO) हैं। आसिमो चल सकता है, दौड़ सकता है। टोपियो टेबल टेनीस खेल सकता है।

      सायबोर्ग, अर्ध या आंशिक मशीनी मानवो के लिए प्रयुक्त शब्द है। लेकिन क्या सायबोर्ग वास्तविकता मे है ? जी हां! ऐसा कोई भी मानव जिसका जीवन, किसी स्वचालित फीडबैक आधारित मशीनी अंग पर निर्भर है, सायबोर्ग की परिभाषा मे आता है। पेस मेकर लगाये हुये व्यक्ति, कृत्रिम स्वचालित हाथ पैर लगाये व्यक्ति को सायबोर्ग कहा जा सकता है।

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      1. गूगल को अपने मोबाईल आपरेटींग सीस्टम को एक नाम देना था उसने एन्ड्रोइड नाम दे दिया। एप्पल आईफोन के आपरेटींग सीस्टम का नाम iOS है, पुराने नोकिया के आपरेटींग् सीस्टम का नाम सिंबीयन था।

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