समय विस्तारण: पृथ्वी केंद्रक की आयु सतह से 2.5 वर्ष कम


’नेचर’ पत्रिका मे प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार पृथ्वी के केंद्रक की आयु उसकी सतह की आयु से 2.5 वर्ष कम है। दोनो की आयु मे यह अंतर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से उत्पन्न समय विस्तारण(Time Dilation) से आया है। इस प्रभाव के कारण पृथ्वी के केंद्रक पर पृथ्वी की सतह की तुलना मे समय की गति धीमी है।

नोट : आइंस्टाइन के साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार प्रकाशगति के समीप या गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव मे समय की गति धीमी हो जाती है।

1960 मे भौतिक वैज्ञानिक रिचर्ड फाइनमेन ने अनुमान लगाया था कि पृथ्वी के केंद्रक और सतह मे मध्य आयु का अंतर एक या दो दिन होगा, इसके पश्चात इस आकड़े का अनेक भौतिक वैज्ञानिको ने अपनो शोधपत्रो मे उल्लेख किया था। आर्हास विश्वविद्यालय डेनमार्क के उल्रिक उग्गेर्होज और उनके सहयोगियो ने सोचा कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से उत्पन्न समय विस्तारण का प्रभाव फ़ाइनमेन के अनुमान से अधिक होना चाहिये और उन्होने फ़ाइनमेन के दावे पर पुनविचार करने का निर्णय लिया।

पृथ्वी के केंद्रक और सतह मे मध्य आयु के अंतर की गणना करने के लिये उन्होने दोनो स्थानो मे गुरुत्वाकर्षण विभव(gravitational potential) के अंतर को मापा। गुरुत्वाकर्षण विभव(gravitational potential) यह गुरुत्वाकर्षण द्वारा द्रव्यमान को स्थानांतरित करने मे हुये कार्य का मापक है। इस अंतर को आइंस्टाइन द्वारा प्रतिपादित साधारण सापेक्षतावाद के समीकरणो मे रखने पर उन्होने समय विस्तारण गुणक(Time dilation factor) का मूल्य 0.0000000003 पाया, जिसका अर्थ है कि पृथ्वी के केंद्र मे समय सतह की तुलना मे 0.0000000003 गुणा धीमे चलता है।

अब हम जानते है कि पृथ्वी का जन्म आज से 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था, अर्थात गणना कम करने पर हम पायेंगे कि पृथ्वी के केंद्रक की आयु सतह की तुलना मे 2.5 वर्ष कम है।
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Earth core is younger by 2.5 years w.r.t. crust. Time dilation due to earth’s gravity.
– Nature.

Back in the 1960s, physicist Richard Feynman estimated that the difference in age between the Earth’s center and surface was about a day or two — a figure that has been repeated and cited in numerous papers by other physicists since. However, Ulrik Uggerhøj of Aarhus University in Denmark and his colleagues realized that the effect of gravitational time dilation would be much more pronounced for Earth, and decided to re-examine Feynman’s claim.

To calculate this age difference, the team worked out the difference in gravitational potential — a measure of the work done by gravity in moving a mass from one location to another — between Earth’s center and surface. Plugging this difference into the equations of general relativity, resulted in a time dilation factor of around 0.0000000003, meaning every second at the Earth’s center ticks this much slower than it does on the surface.

Now, this may not seem like very much, but you have to remember that Earth is over four-and-a-half billion years old, so this cumulative effect of time dilation adds up to a difference of around a year and a half.

24 विचार “समय विस्तारण: पृथ्वी केंद्रक की आयु सतह से 2.5 वर्ष कम&rdquo पर;

  1. Sir Time dilation galat theory hai…. Bcz time dilation ho hi nhi skta… Samay nahi kbhi dhire chlta hai nahi kbhi tej chlta hai wah uske hisab se hi chlta rahega chahe tum light ke speed se travel kro ya fir bailgadi se….
    2 watch me time set kro light speed wala vaykti aur bailgadi wala vaykti dono me difference distance ka rhega time ka nhi…. So ye galat theory hai..

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    1. अक्षय आप आइंस्टीन को गलत ठहरा रहे है।
      यदि आप GPS का प्रयोग करते है तो उसमें टाइम डाइलेशन का खयाल रखा जाता है, ऐसा नही करे तो वह इतनी सटीकता से आपकी स्तिथि नही बतायेगा।

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    1. आप बल को नही उसके प्रभाव को ही देख सकते है। आप किसी बैटरी मे उपस्थित विद्युत बल को नही देख सकते है उसी तरह से आप गुरुत्विय बल को भी नही देख सकते है।

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  2. आइंस्टाइन के साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार प्रकाशगति के समीप या गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव मे समय की गति धीमी हो जाती है। समय की वास्तविक गति कितनी है ?
    गति अथवा गुरुत्वाकर्षण आदि से मुक्त अवस्था में समय की गति क्या/कितनी है ?

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    1. यदि गति नही है तो समय का अस्तित्व ही नही है। कोई भी गति चाहे वह किसी पिंड की हो या समय की वह सापेक्ष होती है, इनके मापन के लिये एक निरीक्षक चाहिये, निरिक्षक की अनुपस्थिति मे गति शून्य होगी।

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      1. गति के आभाव में समय का अस्तित्व नहीं होता तो फिर पृथ्वी के सतह और केंद्र के बीच समयांतर कैसे हो सकता है? क्या ये परस्पर गतिमान है !?
        आप ने लिखा है कि, आइंस्टाइन के साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार प्रकाशगति के समीप या गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव मे समय की गति धीमी हो जाती है। गति शून्य होने पर समय का अस्तित्व नहीं होता तथा प्रकाश गति पर समय धीमा हो जाता है| अर्थात गति के सापेक्ष समय का परास, 0 < t < प्रकाश गति | इस पुरे रेंज में समय सार्वाधिक कब होता है?

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      2. पृथ्वी घूर्णन कर रही है और इसका केंद्र भी स्थिर नही है, वह भी घूर्णन कर रहा है।
        किसी पिंड के प्रकाशगति पर होने पर स्थिर निरिक्षक के सापेक्ष समय रूक जाता है, लेकिन पिंड पर समय सामान्य गति से चलेगा । जबकि निरीक्षक और पिंड दोनो की गति एक दूसरे के सापेक्ष समान हो तो दोनो की समय गति समान होती है।
        इस संबध मे किसी भी चर्चा मे ’सापेक्ष’ महत्वपूर्ण है। जब हम पृथ्वी की सतह और पृथ्वी के केंद्र की समय गति मे अंतर की बाद कर रहे है तो यह अंतर उनमे एक दूसरे के सापेक्ष है।

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  3. OK

    Harcharnsingh272@gmail.com

    31 मई 2016 को 12:21 am को, “विज्ञान विश्व” ने
    लिखा:

    > आशीष श्रीवास्तव posted: “’नेचर’ पत्रिका मे प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार
    > पृथ्वी के केंद्रक की आयु उसकी सतह की आयु से 2.5 वर्ष कम है। दोनो की आयु मे
    > यह अंतर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से उत्पन्न समय विस्तारण(Time
    > Dilation) से आया है। इस प्रभाव के कारण पृथ्वी के केंद्रक पर पृथ्वी ”
    >

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  4. यह वाकये में एक सोध का विषय है। आने वाले समय में यह समय कम जा ज्यादा भी बताया जा सकता है। पृथ्वी की रचना से संबंधित सभी तथ्य शायद ही हम इस सदी तक जान पाएं।

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    1. अरुण, केन्द्रक और सतह एक साथ बने है लेकिन दोनों के लिए समय की गति भिन्न रही है। केंद्र में सेकण्ड की गति धीमी है जिससे 2.5 वर्ष का अंतर आया है।

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