नाभिकिय क्षय

08 सरल क्वांटम भौतिकी:कणों का क्षय और विनाश(Particle Decay and Annihilation)


कणों का क्षय (Particle Decay)

स्टैंडर्ड मॉडल के अनुसार मूलभूत कणों का अन्य कणों में क्षय संभव है।

नाभिकीय क्षय में एक परमाणु का केन्द्र छोटे केन्द्रों में टूट जाता है। अर्थात एक बड़े परमाणु से दो छोटे परमाणु बनते है। प्रोटान और न्यूट्रॉन के एक बड़े समूह का प्रोटान और न्यूट्रॉन के छोटे समूहों में बंट जाना समझ में आता है।

नाभिकिय क्षय
नाभिकिय क्षय
कण का क्षय
कण का क्षय

लेकिन मूलभूत कण का क्षय ? लेकिन किसी मूलभूत कण के क्षय का अर्थ उस कण के अपने घटक कण में टूट जाना नहीं होता है। मूलभूत कण का अर्थ ही होता है कि उसके घटक नहीं है, उसे और ज्यादा तोड़ा नहीं जा सकता है। यह पर ’कण क्षय’ का अर्थ ’मूलभूत कण का दूसरे मूलभूत कण में परिवर्तन’ है। इस तरह का क्षय विचित्र है क्योंकि ’नये बने कण’ मूल कण के टुकड़े ना होकर एकदम नये कण होते हैं।

इस भाग में हम क्षय के प्रकार, क्षय के कारण और कब क्षय होगा, कब क्षय नहीं होगा की चर्चा करेंगे।

यदि आपने इस श्रृंखला के प्रारंभिक लेख नही पढ़े है, तो आगे बढ़ने से पहले उन्हे पढ़ें।

  1. मूलभूत क्या है ?
  2. ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 1?
  3. ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 2?
  4. ब्रह्माण्ड को कौन बांधे रखता है ?
  5. परमाणु को कौन बांधे रखता है?
  6.  नाभिकिय बल और गुरुत्वाकर्षण
  7. क्वांटम यांत्रिकी

रेडियो-सक्रियता(Radio Activity)

क्ष किरण( X Ray)
क्ष किरण( X Ray)

19 वीं सदी के अंत में जर्मन भौतिक वैज्ञानिक विल्हेम रांटजन(Wilhelm Conrad Röntgen) ने इलेक्ट्रॉन की धारा को धातु के टकराने के बाद उत्पन्न एक नयी किरण खोजी। यह एक अज्ञात प्रकृति की किरण थी, इसलिए उन्होने इसे X किरण(X Ray) नाम दिया।

हेनरी बेकवेरल
हेनरी बेकवेरल

इसके दो महीने पश्चात फ्रेंच वैज्ञानिक हेनरी बेकवेरेल ने पाया कि उनकी फोटोग्राफिक प्लेट कुछ खनिजों की उपस्थिति में प्रकाश से प्रभावित हो रही है, जबकि ये प्लेट काले कागज में लिपटी हुई थी। बेकवेरेल ने महसूस किया कि इन खनिजों से ऊर्जा किरणों का उत्सर्जन हो रहा है। इन खनिजों में यूरेनियम भी था।

बेकवेरेल के प्रयोग ने दर्शाया कि कुछ प्राकृतिक प्रक्रियाओं से कुछ तत्वों से ऊर्जावान x किरणों का उत्सर्जन होता है। इससे पता चला कि कुछ तत्व प्राकृतिक रूप से अस्थायी होते हैं क्योंकि ये तत्व स्वाभाविक रूप से भिन्न तरह की ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं। इन ऊर्जा कणों का उत्सर्जन उनके अस्थायी परमाणु केन्द्रक के क्षय से होता है जिसे रेडियो-सक्रियता(Radio Activity) कहते हैं।

रेडियो सक्रियकण

वैज्ञानिकों ने अंततः रेडियो-सक्रिय पदार्थों से उत्सर्जित होने वाले कणों के प्रकार को पहचान लिया। इन तीन विकिरणों को प्रथम तीन ग्रीक अक्षरों का नाम दिया गया :  α(अल्फा), β(बीटा), तथा  γ(गामा)।

अल्फा कण

अल्फा कण हीलियम परमाणु केन्द्रक होते हैं। (2 प्रोटान और 2 न्यूट्रॉन)

बीटा कण

बीटा कण इलेक्ट्रॉन होते हैं।

गामा तरंगें

गामा विकिरण उच्च ऊर्जावान फोटान होते हैं।

नाभिकिय विकिरण पर विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव
नाभिकिय विकिरण पर विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव

इन तीन तरह के विकिरणों को चुंबकीय क्षेत्र से पहचाना जा सकता है क्योंकि

  • धनात्मक आवेश वाले अल्फा कण एक दिशा में मुडेंगे,
  • ऋणात्मक आवेश वाले बीटा कण दूसरी दिशा में मुड़ेंगे,
  • जबकि विद्युत उदासीन गामा किरण के फोटान सीधे जायेंगे।

अल्फा कणों को एक कागज के पन्ने से रोका जा सकता है, बीटा कणों को एल्युमिनियम से जबकि गामा विकिरण के लिये सीसे का मोटा ब्लाक चाहिये। गामा विकिरण किसी भी पदार्थ में अंदर तक जा सकता है इसलिए गामा विकिरण रेडियोसक्रिय पदार्थों के साथ काम करते समय सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। सभी रेडियोसक्रिय विकिरण खतरनाक होते हैं। दुर्भाग्य से वैज्ञानिकों को रेडियो सक्रियता के खतरों की जानकारी पता चलने में समय लगा जिससे बहुत से वैज्ञानिकों की असमय मृत्यु हुई।

क्षय से संबंधित विरोधाभास

नाभिकिय क्षय की दर

कई भारी तत्वों का  क्षय सरल तत्वों में होता हैं। लेकिन निरीक्षणों ने कुछ विरोधाभासी प्रश्न खड़े किये।

यूरेनियम – 238 के क्षय का उदाहरण लेने पर:

यूरेनियम – 238 का एक टुकड़ा एक स्थायी गति से क्षय होगा और  4,460,000,000 आधा यूरेनियम का क्षय हो जायेगा। लेकिन किसी विशिष्ट यूरेनियम परमाणु के क्षय का पूर्वानुमान असंभव है, वह अगले पांच मिनट में क्षय हो सकता है, अगले 10 खरब वर्ष पश्चात। किसी परमाणु का किसी प्रायिकता(Probability) के आधार पर क्षय क्यों होना चाहिये ?

यूरेनियम – 238  का द्रव्यमान  238.0508 इकाई परमाणु द्रव्यमान होता है। उसका क्षय थोरीयम(234.0436  इकाई परमाणु द्रव्यमान) तथा अल्फा कण(4.0026 इकाई परमाणु द्रव्यमान ) में होता है। लेकिन यूरेनियम का द्रव्यमान से उससे बने घटकों के द्रव्यमान के हटाने पर 0.0046 इकाई परमाणु द्रव्यमान बचता है। यह द्रव्यमान कहां गया ?

युरेनीयम नाभिक का क्षय
युरेनीयम नाभिक का क्षय

अगले भाग मे हम इन प्रश्नो का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

यह लेख श्रृंखला माध्यमिक स्तर(कक्षा 10) की है। इसमे क्वांटम भौतिकी के  सभी पहलूओं का समावेश करते हुये आधारभूत स्तर पर लिखा गया है। श्रृंखला के अंत मे सारे लेखो को एक ई-बुक के रूप मे उपलब्ध कराने की योजना है।

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6 विचार “08 सरल क्वांटम भौतिकी:कणों का क्षय और विनाश(Particle Decay and Annihilation)&rdquo पर;

  1. कोई भी वस्तु या पिंड अपने अवयवी पदार्थ में विभक्त होता / टूटता है न कि अपने घटकों में..
    आपको घटक कण के स्थान पर अवयवी कण लिखना चाहिए।

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  2. ई बुक के रूप में ये समस्त लेख अगर एक साथ पढ़ ने को मिल जाये तो मज़ा आ जाये प्राथना है के आप हमें इस श्रृखला के सभी लेख एक ई बुक के रूप में उपलब्ध करावे धन्यवाद

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