अभी तक हम क्वार्क और क्वार्क से निर्मित यौगिक कण बारयान और हेड्रान को देख चुके है। अब हम कहानी के दूसरे भाग लेप्टान पर नजर डालते है।
यदि आपने इस श्रृंखला के प्रारंभिक लेख नही पढ़े है, तो आगे बढ़ने से पहले उन्हे पढ़ें।
लेप्टान

दूसरी तरह के पदार्थ कणो को लेप्टान कहा जाता है।
लेप्टान छः तरह के होते है जिनमे से तीन का विद्युत आवेश होता है बाकि तीन मे नही। ये बिंदु के जैसे लगते है जिनकी कोई आंतरिक संरचना नही होती है। सबसे प्रमुख लेप्टान (e–) है, जिसे हम इलेक्ट्रान कहते है। अन्य दो आवेशीत लेप्टान म्युआन(μ) और टाउ(τ) है जो कि इलेक्ट्रान के जैसे आवेशीत है लेकिन इनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है। अन्य तीन लेप्टान तीन तरह के न्यूट्रिनो(ν) है। इनमे कोई आवेश नही होता है, बहुत कम द्रव्यमान होता है और इन्हे खोजना कठिन होता है।
क्वार्क हमेशा समूह मे होते है और हमेशा यौगिक कणो मे अन्य क्वार्क के साथ होते है लेकिन लेपटान एकाकी कण है। आवेशीत लेप्टान को स्वतंत्र बिल्लीयों के जैसे माना जा सकता है जिनके साथ न्यूट्रिनो जैसी चिपकी हुयी मख्खीयाँ होती और इन मख्खीयों को देखना कठिन होता है।
अन्य कणो की तरह ही हर लेप्टान का एक प्रतिलेप्टान(प्रतिपदार्थ होता है। प्रतिइलेक्ट्रान के लिए एक विशेष नाम है “पाजीट्रान“।
लेप्टान ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है “कम द्रव्यमान“। लेकिन यह एक असंगत शब्द है?
उत्तर : लेप्टान का अर्थ कम द्रव्यमान हो लेकिन टाउ लेप्टान इलेक्ट्रान से 3000 गुणा भारी होता है।
फर्मीयान
पदार्थ का निर्माण करने वाले बारयान तथा लेप्टान को संयुक्त रूप फर्मीयान कहा जाता है।

पदार्थ के घटकों की संपूर्ण तस्वीर

लेप्टान क्षय(Lepton decay) क्यों होता है ?
भारी लेप्टान म्युआन और टाउ, साधारण पदार्थ मे नही पाये जाते हैं। ये कण अस्थायी होते है और क्षय हो कर हल्के लेप्टान मे परिवर्तित हो जाते है। कभी कभी टाउ लेप्टान क्षय हो कर एक क्वार्क, एक प्रतिक्वार्क और एक टाउ न्यूट्रिनो मे परिवर्तित होता है। इलेक्ट्रान और अन्य तीन न्यूट्रिनो स्थायी है और उन्हे हम अपने आसपास देखते है।

जब एक भारी लेप्टान का क्षय होता है तब हमेशा एक संबधित न्यूट्रिनो बनता है। इस क्षय द्वारा निर्मित दूसरे कणो मे क्वार्क और प्रतिक्वार्क या दूसरा लेप्टान और प्रतिलेप्टान युग्म हो सकता है। वैज्ञानिको के निरीक्षण के अनुसार कुछ तरह के लेप्टान का क्षय संभव है और कुछ का नही। इसे समझाने के लिए उन्होने लेप्टान को तीन लेप्टान परिवारो मे बांटा:
- इलेक्ट्रान और इलेक्ट्रान-न्युट्रीनो,
- म्युआन और म्युआन-न्युट्रीनो
- टाउ और टाउ-न्युट्रीनो।
किसी भी लेप्टान क्षय मे लेप्टान परिवार के सदस्य की संख्या स्थिर रहना चाहीये। एक परिवार मे एक कण और उसका प्रतिकण एक दूसरे को रद्द कर देते है और उनका योग शून्य होता है।
लेप्टान एकाकी होते है लेकिन अपने परिवार के लिये वफादार होते है।
लेप्टान क्षय अविनाशिता
लेप्टान को तीन लेप्टान परिवारो मे बांटा गया है इलेक्ट्रान और इलेक्ट्रान-न्युट्रीनो, म्युआन और म्युआन-न्यूट्रिनो तथा टाउ और टाउ-न्युट्रीनो। इन लेप्टान परिवारों के संदर्भ मे हम इलेक्ट्रान संख्या, म्युआन संख्या और टाउ संख्या का प्रयोग करते है। म्युआन संख्या म्युआन और म्युआन-न्यूट्रिनो के लिये और टाउ संख्या टाउ और टाउ-न्यूट्रिनो के लिये है।
- इलेक्ट्रान और इलेक्ट्रान-न्यूट्रिनो की इलेक्ट्रान संख्या +1 है, पाजीट्रान और पाजीट्रान-प्रतिन्यूट्रिनो की इलेक्ट्रान संख्या -1 है। अन्य सभी कणो की इलेक्ट्रान संख्या 0 है।
- म्युआन और म्युआन-न्यूट्रिनो की म्युआन संख्या +1 है, प्रति-म्युआनऔर प्रतिम्युआन-न्युट्रीनो की म्युआन संख्या -1 है। अन्य सभी कणो की म्युआन संख्या 0 है।
- टाउ और टाउ-न्युट्रीनो की टाउ संख्या +1 है, प्रति-टाउ और प्रतिटाउ -न्युट्रीनो की टाउ संख्या -1 है। अन्य सभी कणो की टाउ संख्या 0 है।
लेप्टान के बारे मे एक महत्वपूर्ण नियम है किसी भारी लेप्टान के हल्के लेप्टान मे क्षय की प्रक्रिया मे उसकी इलेक्ट्रान संख्या, म्युआन संख्या और टाउ संख्या समान रहती है।
एक लेप्टान क्षय का उदाहरण लेते हैं:
एक म्युआन के क्षय मे एक म्युआन-न्युट्रीनो, एक इलेक्ट्रान और एक इलेक्ट्रान प्रति न्यूट्रिनो बनता है।

सारणी मे देख सकते है कि इलेक्ट्रान संख्या, म्युआन संख्या और टाउ संख्या समान रहती है। यह और अन्य अविनाशिता के नियम किसी लेप्टान के क्षय को संभव या असंभव निर्धारित करते है।
लेप्टान क्षय प्रश्नोत्तरी
निम्नलिखित मे से कौनसे लेप्टान क्षय संभव है ? क्यों और क्यों नही ?
एक टाउ लेप्टान का क्षय होकर एक इलेक्ट्रान , एक इलेक्ट्रान–न्यूट्रिनो और एक टाउ–न्यूट्रिनो बनता है।
उत्तर : हाँ ! आवेश, टाउ संख्या, इलेक्ट्रान संख्या और ऊर्जा का संरक्षण हो रहा है।
एक टाउ लेप्टान का क्षय होकर म्युआन और टाउ–न्यूट्रिनो बनता है।
उत्तर : नही! म्युआन संख्या का संरक्षण नही हो रहा है। एक म्युआन की म्युआन संख्या 1 है इसलिए समीकरण के दाये पक्ष मे 1 है लेकिन बायें पक्ष मे म्युआन संख्या 0 है।
अब एक जटिल
एक इलेक्ट्रान का क्षय होकर एक म्युआन , एक म्युआन–प्रतिन्यूट्रिनो और एक इलेक्ट्रान–न्यूट्रिनो का निर्माण होता है।
उत्तर : नही! आश्चर्य ! इलेक्ट्रान संख्या और म्युआन संख्या का संरक्षण हो रहा है। लेकिन ऊर्जा का संरक्षण नही हो रहा है। म्युआन का द्रव्यमान इलेकट्रान से कई गुणा ज्यादा होता है और एक लेप्टान अपने से भारी लेप्टान मे क्षय नही हो सकता है।
न्युट्रीनो
न्यूट्रिनो को लेप्टान का एक प्रकार माना जाता है। इनका कोई आवेश नही होता जिससे ये किसी भी अन्य कण से कोई भी प्रतिक्रिया नही करते है। अधिकतर न्यूट्रिनो पृथ्वी के आरपार किसी भी परमाणु से प्रतिक्रिया किये बीना चले जाते है।
न्यूट्रिनो का निर्माण बहुत सी प्रक्रियाओं मे होता है, विशेषतः कणो के क्षय मे। तथ्य यह है रेडीयो सक्रिय पदार्थो के क्षय के दौरान वैज्ञानिको ने न्यूट्रिनो के आस्तित्व की संकल्पना प्रस्तुत की थी। उदाहरण के लिए
- एक रेडीयो सक्रिय परमाणु केन्द्र मे, एक न्युट्रान का क्षय होता है, जिससे एक प्रोटान और इलेक्ट्रान का उत्सर्जन होता है।
- संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार इस क्षय से उत्पन्न कणो का संवेग शून्य होना चाहीये लेकिन निरीक्षित प्रोटान और इलेक्ट्रान मे नही है।.
- इसलिये एक और कण की उपस्थिति अनिवार्य है जो संवेग को समान कर सके।
- इसलिये संकल्पना की गयी कि इस दौरान एक एन्टीन्यूट्रिनो का उत्सर्जन होना चाहीये, जो बाद के प्रयोगों से प्रमाणित हो गया।
शुरूआती ब्रह्माण्ड मे न्यूट्रिनो का बड़े पैमाने मे निर्माण हुआ था और वे पदार्थ से कोई प्रतिक्रिया नही करते है, जिससे ब्रह्माण्ड मे उसकी बहुतायत है। उनका द्रव्यमान नगण्य है लेकिन बड़ी संख्या मे होने से कुल द्रव्यमान काफी अधिक हो सकता है। वह ब्रह्मांड के कुल द्रव्यमान का एक प्रमुख भाग हो तो वह ब्रह्माण्ड के विस्तार की गति पर प्रभाव डाल सकता है।
प्रश्नोत्तरी
प्रोटान किससे बने है ?
उत्तर : प्रोटान दो अप क्वार्क और एक डाउन क्वार्क से बने है। प्रोटान को uud लिखा जाता है।
इलेक्ट्रान किससे बने है?
उत्तर : किसी से नही! अब तक की जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रान मूलभूत कण है।
निम्नलिखित मे से कौन से कण क्वार्क से बने है
बारयान?
उत्तर : हाँ, वे तीन क्वार्क से बनते है।
मेसान?
उत्तर : हाँ वे एक क्वार्क और एक प्रतिक्वार्क से बने है।
अगले भाग मे ब्रह्माण्ड को कौन बांधे रखता है?
यह लेख श्रृंखला माध्यमिक स्तर(कक्षा 10) की है। इसमे क्वांटम भौतिकी के सभी पहलूओं का समावेश करते हुये आधारभूत स्तर पर लिखा गया है। श्रृंखला के अंत मे सारे लेखो को एक ई-बुक के रूप मे उपलब्ध कराने की योजना है।
Awesome knowledge
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Ye lekh bahut gyan vardhak hai.kuch logo ko insab ki jankari hi ni hoti hai btane k liye thnx
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
vaigyaniko ko itna sab kaise pata chal gaya?
Kya itne shaktishaali sookshmdarshi hain jinse inhe dekha ja sake?
Itne chhote kano ke bare me jankari kaise prapt ki jati hai?
Inka mass kaise nikalne hain? Inka size kaise napte hain?
Ji, sabse pahle in prashno ka samadhan kar deejiye!
पसंद करेंपसंद करें
अनमोल,
कोई सूक्ष्मदर्शी किसी भी वस्तु का चित्र बनाने के लिये विद्युत चुंबकीय वर्णक्रम(Electromagnetic Spectrum) पर निर्भर करती है। लेकिन इस वर्णक्रम की सबसे सूक्ष्म तरंग भी इन कणो से बड़ी है, इसलिये इलेक्ट्रान या उससे छोटे कणो को किसी भी सूक्ष्मदर्शी से देखना संभव नही है। लेकिन इन कणो की जांच के लिये दूसरे तरीके है। जिनमे से एक बबल चेंबर है। इस तरह की तकनीकों मे कणो को नही देखा जाता, उनके द्वारा उत्पन्न प्रभावो को देखा जाता है। जैसे बबल चेंबर मे इन कणो द्वारा बनाये गये पथ का चित्र बनाया जाता है। इलेक्ट्रान और प्रोटान कणो के लिये चुंबकीय क्षेत्र का प्रयोग होता है क्योंकि इलेक्ट्रान धनात्मक क्षेत्र की ओर मुडता है, वहीं प्रोटान ऋणात्मक क्षेत्र की ओर। हम बबल चेम्बर के बारे मे आगे के लेखो मे चर्चा करेंगे।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Very good article.
Here one may read about Universe.
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1
पसंद करेंपसंद करें
आप ठीक कह रहे हैं २-३ बार और पढना होगा ।
पसंद करेंपसंद करें
ये सरल है तो कठिन क्या होगा? 🙂
पसंद करेंपसंद करें
निशांत भाई, इसमे गणितीय जटिलताएँ नही है। आपको कठिन इसलिये लग रहा होगा कि इसमे ढेर सारी जानकारियाँ एक साथ आ रही है, लेकिन यदि दो-तीन बार पढें तो आसान हो जाता है। दूसरी बात यह कि इस श्रृंखला को प्रारंभ से पढ़ना होगा।
पसंद करेंपसंद करें
shandar///////////////////////////////// main ek ias student hu aur hamesha hindi madhyam me is tarah ki jankari chahta tha jo aaj mujhe mil gai ….. thanks
पसंद करेंपसंद करें
ये लेख बहुत पसन्द आया
सब याद आता जाता है
धन्यवाद
पसंद करेंपसंद करें
ये हुई बात! अब मक्खी देखते ही न्यूट्रीनो की याद हो आयेगी। म्यूऑन सिंह की अयाल पर चिपकी मक्खी!
पसंद करेंपसंद करें
Aap ek achchhe lekhak hain… Saari jankariya mil rahi hain. Iske liye dhanyawaad!
पसंद करेंपसंद करें