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मंगल शोध वाहन ’स्पिरिट’ के अभियान का अंत: अलविदा ’स्पिरिट’!


मंगल ग्रह पर स्प्रिट शोध वाहन
मंगल ग्रह पर स्पिरिट शोध वाहन

नासा ने एक वर्ष तक “स्पिरिट” (मगंल ग्रह शोध वाहन) से पुनः संपर्क स्थापित करने के असफल प्रयासो के पश्चात इस अभियान को बंद करने का निर्णय लिया है। 4 जनवरी 2004 को प्रक्षेपित स्पिरिट वाहन अब सभी प्रायोगिक कारणो से ’मृत’ है।

स्पिरिट वाहन से अंतिम संदेश मार्च 2010 मे प्राप्त हुआ था, उस समय मंगल ग्रह पर स्प्रिट यान के स्थान पर गर्मियों का प्रारंभ हो रहा था। यह आशा थी कि गर्मियों मे स्पिरिट वाहन की बैटरीयां पुनः चार्ज होकर वाहन को पुनर्जिवित कर देंगी। लेकिन कई महीनो के प्रयासो के बाद भी स्पिरिट से संपर्क स्थापित नही हो पाया है।

कुछ ही महीनो पश्चात एक नये मंगल अनुसंधान वाहन “क्युरीओसीटी(जिज्ञासा)” का प्रक्षेपण होने जा रहा है। यह वाहन गोल्फ गाड़ी के आकार का है और स्पिरिट से बेहतर उपकरण लिए है। स्पिरिट के संचार मे प्रयोग किये जा रहे संचार उपग्रहो तथा मंगल की कक्षा के उपग्रहों को अब “क्युरीओसीटी” के लिये उपयोग मे लाया जायेगा।

स्पिरिट की मृत्यु दुःखद है। यह एक बेहतरीन वाहन था। इस वाहन ने आशा से ज्यादा कार्य किया है,अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा। इसे 90 मंगल दिवसो (92 पृथ्वी दिवसो) के लिए बनाया गया था लेकिन इसने छः वर्षो से ज्यादा कार्य किया है। एक कार या कम्प्यूटर की कल्पना किजीये जिसने अपनी वारंटी से २५ गुणा ज्यादा कार्य किया हो! या किसी मनुष्य के 1500 वर्षो तक जीवन की कल्पना किजीये!

स्प्रिट यह नासा के सबसे ज्यादा सफल अभियानो मे से एक है। इसका जुड़वा “ओपरचुनीटी” अभी भी कार्यरत है।

इतिहास मे जब भी सफल अंतरिक्ष अभियानो का उल्लेख होगा उसमे शायद “वायेजर यानो” के साथ स्पिरिट का नाम भी सुनहरे अक्षरो मे लिखा जायेगा!

अलविदा “स्प्रिट” !

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