
शुक्रवार 13 मई 2011, को चार ग्रह बृहस्पति, मंगल, बुध और शुक्र एक रेखा मे आ जायेंगे। यह दुर्लभ घटना दक्षिणी गोलार्ध मे देखी जा सकेगी।
- यह दुर्लभ घटना हर 50 से 100 वर्षो मे एक बार होती है।
- विश्व का अंत नही होने जा रहा है, आकाशीय पिंडों के देखने के लीए एक सुनहरा अवसर है।
- ऐसी स्थिती भविष्य मे अब 2056 मे होगी।
यदि आप इस दुर्लभ घटना को नही देख पाये हो तो आप कल (14 मई) को भी देख सकते है। 14 मई को स्थिति थोड़ी भिन्न होगी लेकिन ज्यादा नही।
ये ग्रह ऐसी स्थिती मे पिछली बार अक्टूबर 1910 मे आये थे। यह स्थिति हर 50 से 100 वर्षो मे होती है लेकिन दिनांक 13 तथा दिन शुक्रवार को दुर्लभ रूप से होती है।
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अब हम भी इतने उत्तरी गोलार्ध में तो नहीं 🙂
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अरविन्द जी ,
उत्तरी गोलार्ध में गर्मी में इस घटना को देखा जाना मुश्किल है ! मै आजकल आस्ट्रलिया में हूँ इसलिए आसानी से देख पाया !
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क्षितिज पर ये इतने लो हैं कि जुपिटर के अलावा सब दिखें इसके पहले ही आसमान में लालिमा फैल गयी
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