एक मृत सितारे की कलाकृती


M2-9 : तितली निहारीका के पंख

क्या तारे अपनी मृत्यु के बाद ज्यादा कलात्मक हो जाते है ? चित्र देख कर तो ऐसा ही प्रतित होता है। वे अपनी मत्यु के पश्चात एक सुंदर और अनुठी ब्रम्हांडिय कलाकृती का निर्माण करते है।
इस चित्र मे हमारे सूर्य के जैसे ही एक कम द्रव्यमान वाला तारा M2-9 अपनी मृत्यु के बाद अपना बाहर का गैस का आवरण उत्सर्जीत कर एक सफेद वामन (बौने) तारे मे परिवर्तीत हो गया है। यह तारे द्वारा उत्सर्जीत गैस एक सुंदर कलात्मक ग्रहीय निहारीका के रूप मे अगले हजारो वर्षो तक अपनी चमक बिखेरती रहेगी।

M29 या तितली निहारीका हमसे 2100 प्रकाशवर्ष दूर है। इसके पंख एक विचीत्र किंतु अधूरी कहानी बयान कर रहे है। इसके केन्द्र मे दो सफेद वामन तारे प्लुटो की कक्षा से 10 गुनी बडी कक्षा मे एक तश्तरी नुमा आकार के अंदर परिक्रमा कर रहे है। मरते हुये तारे द्वारा  इस तस्तरी के बाहर उत्सर्जीत गैस ने यह द्विध्रुवीय आकृती बनायी है। ग्रहीय निहारीका के निर्माण की भौतिकिय प्रक्रिया के बारे मे आज भी ज्यादा जानकारी नही है।

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