M104 की साधारण प्रकाशीय (Optical) तस्वीर
सोम्ब्रेरो आकाशगंगा एक गोल टोपी या हैट के जैसे क्यो दिखायी देती है ?
इसके कारणो मे है इस आकाशगंगा के मध्य मे आसाधारण रूप से बडा और विस्तारीत तारो का उभार और श्याम धुल की रेखाये जो एक तश्तरीनुमा आकार मे इसके किनारे दिखायी देती है!
इस आकाशगंगा के मध्य मे उपस्थित उभार मे लाखो पुराने तारे है जो इस उभार की चमक को छितराते हैं। इस तस्वीर मे केन्द्रिय उभार को यदि ध्यान से देंखा जाये तो पता चलता है कि अधिकतर प्रकाशबिन्दू गेंद के आकार के तारासमुह(globular clusters) है। इस आकाशगंगा जिसे M104 भी कहते है कि बाहरी धुल से बने वलय मे अनेको नये और चमकदार तारे हैं।
इस आकाशगंगा का केन्द्र विद्युत चुम्बकिय वर्णक्रम (electromagnetic spectrum) के सभी रंग बिखेरता है जिससे यह अनुमान है कि वंहा पर एक महाकाय श्याम विवर हो सकता है।
यह आकाश गंगा हमसे 280लाख वर्ष दूर है। इसकी चौडाई लगभग 50,000 प्रकाश वर्ष है। यह कन्या आकाशगंगा समुह मे उपस्थित सबसे बडी आकाशगंगाओ मे से एक है।
M104 की अवरक्त (infrared) तस्वीर
इसे हम एक छोटी दूरबीन से कन्या तारासमुह के पास देख सकते है।
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radhe radhe …
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ya allah|| teri maya yu hi jane|.
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Very butiful picture. ise dek kar lagta hai ki abhi insaan ne toh kuch bhi nahi dekha aur kudrat apna roop dkhana bi nahi chahti. Aap bhadhee ke paatar hai. God bless you. Good luck.
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bahut acha laga hai main pahli bar dekha hai ki
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मां कसम,
पूरे इंटरनेट में से सबसे सुन्दर फोटो को पोस्ट किया है अपने ब्लौग पर.
मेरा सुझाव है की अगर आप इतनी मेहनत कर ही रहे हैं, तो फिर इन सारे लेखों को एक ई.बुक के रूप में क्यों नहीं बना देते ? ( .chm फाइल )
अगर् सहायता चाहिये तो बोलिये ..बन्दा तैयार है.
अपने लेखों को word फाइल के रूप में भेजिये,चित्र के साथ, बाकी सब काम मैं कर दुंगा.
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उत्तम जानकारी। मैंने कुछ बच्चों को भी पढ़वाया। उन्हें बहुत अच्छा लगा पढ़कर। ज़ारी रखें।
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बढ़िया. अंगूठी वाकई सुंदर अंगूठी जैसी ही दिख रही है.
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