बुध यह सूर्य से सबसे पहला और द्रव्यमान मे आंठवा सबसे बडा ग्रह है। सौर मंडल मे दो चन्द्रमा गुरू का गेनीमेड और शनि का टाईटन व्यास मे बुध से बडे है लेकिन द्रव्यमान मे आधे हैं।
रोमन मिथक के अनुसार बुध (Mercury)वाणिज्य, व्यापार के देवता हैं। यह ग्रह सुमेरीयन सभ्यता के काल से ज्ञात है।
इस ग्रह तक सिर्फ एक ही अंतरिक्ष यान मैरीनर १० सन १९७४ मे गया है। एक नया यान मेसेंजर जो २००४ मे छोडा गया है बुध तक २०११ तक पहुंचेगा।
बुध की कक्षा दिर्घ वृत्ताकार है ,कभी यह सुर्य से ४६० लाख किमी होता है, कभी यह ७०० लाख किमी दूर चला जाता है। बुध की कक्षा मे सूर्य की परिक्रमा की गति न्युटन के नियमो के अंतर्गत करने के बाद और निरिक्षित गति से तुलना करने पर एक छोटा सा अंतर आता था। यह कोई भी विज्ञानी समझ नही पा रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। कुछ विज्ञानीयो ने एक और ग्रह वल्कन जो बुध की परिक्रमा कक्षा से भी अंदर हो की कल्पना कर ली थी। उनका मानना था कि यह ग्रह वल्कन बुध की गति को विचलित कर रहा है। लेकिन कोई भी ऐसा ग्रह नही पाया गया । बाद मे आईन्सटाईन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत ने इस गुत्थी को सुलझा दिया। इस सिद्धांत से गणना करने पर आये आंकडे ,निरिक्षण से प्राप्त आंकडो से मेल खा रहे थे।
शुक्र की तरह बुध का घुर्णन धीमा है। बुध जितने समय मे सूर्य के दो चक्कर लगाता है उतने समय मे खुद के तिन चक्कर लगाता है। मतलब यह कि बुध के दो वर्षो मे तीन बुध के दिन होते है।
बुध की सतह पर तापमान ९० केल्विन से ७०० केल्वीन तक रहता है।
बुध को हमारे चन्द्र्मा का भाई कहा जा सकता है दोनो की सतह पर उलकापात से बने ढेर सारे गढ्ढे है। लेकिन बुध का घनत्व चन्द्रमा के घनत्व से कहीं ज्यादा है(५.४३ ग्राम/घन सेमी और ३.३४ ग्राम/घन सेमी)। बुध का घनत्व सारे सौर मण्ड्ल मे सिर्फ पृथ्वी से कम है। लेकिन पृथ्वी का घनत्व उसके गुरुत्वाकर्षण के कारण ज्यादा है, जबकि बुध का घनत्व उसके लोहे की कोर के कारण है जो कि ३६०० किमी से ३८०० किमी व्यास की है। इस लोहे की कोर के उपर का सिलीका का आवरण ५०० से ६०० किमी मोटा है।
बुध का वातावरण काफी पतला है। यह वातावरण सौर हवा से लगातार प्राप्त होते परमाणुओ से बना है। बुध काफी गरम है इस कारण इस ग्रह पर ये परमाणु टिक नही पाते है और उड जाते है। जहां पृथ्वी और शुक्र के वातावरण स्थिर है वंही पर बुध के वातावरण का पुननिर्माण होते रहता है।
बुध पर आश्चर्यजनक रूप से इसके उत्तरी ध्रुव पर कुछ क्रेटरो मे पानी की बर्फ के प्रमाण मिले है !
बुध पर चुंबकिय क्षेत्र है लेकिन पृथ्वी की तुलना मे काफी कमजोर लगभग १% है। बुध का कोई चंद्रमा नही है।
बुध को नंगी आंखो से देखा जा सकता है। लेकिन सूर्य के काफी पास होने की वजह से इसे देखना दूष्कर रहता है।
Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
पसंद करेंपसंद करें
क्या आप कुछ समय बाद इन्हें विकीपीडिया पर भी डालते हैं?
—अनुराग सही पूछ रहा है, काहे नहीं करते ऐसा… ?? 🙂 🙂
हम तो सलाहकार हैं बस अनुराग का समर्थन करेंगे..बाकि परेशानी तुम्हारी.
पसंद करेंपसंद करें
आपके लेख निश्चय ही जानकारी से भरपूर होते हैं। क्या आप कुछ समय बाद इन्हें विकीपीडिया पर भी डालते हैं?
पसंद करेंपसंद करें