युद्ध का देवता


मंगल यह सूर्य का चौथा और आकार मे सांतवे क्रमांक का ग्रह है। अपने लाल रंग के कारण यह ग्रीक मिथक कथाओं मे युद्ध का देवता माना जाता रहा है। मार्च महीने का नाम भी इसी ग्रह के नाम पर पडाहै।

विज्ञान कथा लेखकों के लिये यह ग्रह सबसे प्रिय रहा है, उनके अनुसार पृथ्वी के अलावा सौर मंडल मे जीवन की संभावना सिर्फ मंगल मे है। लेकिन सच यह है कि इस ग्रह मे अब तक की खोजों के अनुसार जीवन के कोई लक्षण नही पाये गये है। वैज्ञानिक लावेल द्वारा खोजी गयी नहरें भी अब सिर्फ प्राकृतिक रूप से संरचना है।

चन्द्रमा के अलावा मंगल अकेला ग्रह है जिस पर मानव निर्मित यान पहुंचा है।सबसे पहले मंगल तक पहुंचने वाला यान मैरीनर 4 था जो 1965 मे मंगल के पास पहुंचा था।उसके बाद मंगल 2(Mars 2) पहला यान था जो मगंल पर उतरा था, इसके बाद 1976 मे वाइकिंग,1997 मे पाथफाईंडर, 2004 मे स्प्रिट और आपुरचुनिटी मंगल पर उतर चुके हैं।

मंगल की कक्षा दिर्घवृत्ताकार है। मंगल पर औसत तापमान लगभग -55सेल्सीयस रहता है जो सतह पर सर्दियो मे -133सेल्सीयस से गर्मियों मे 27 सेल्सीयस तक पहुंचता है।

मंगल पृथ्वी से बहुत छोटा है लेकिन उसकी सतह का क्षेत्रफल पृथ्वी की सतह के क्षेत्रफल के बराबर ही है। क्योंकि मंगल पर सागर नही है ! मंगल पर पर्वत भी है जिसमे से ओलम्पस मान्स पर्वत यह सौरमण्डल मे सबसे उंचा पर्वत है| इसकी उंचाई लगभग 78,000 फीट (माउंट एवरेस्ट से तीन गुना उंचा)!

मंगल का वातावरण काफी पतला है जिसमे 95.3 % कार्बन डाय आक्साईड, 2.7 % नायट्रोजन, 1.6% ओर्गन. 0.15 % आक्सीजन और 0.03 %प्रतिशत जल भाप है। वायु का दबाव सिर्फ 7मीलीबार है(पृथ्वी के वायुदाब का सिर्फ 1%)। लेकिन वायु दबाव इतना है कि तेज़ हवाये, धूल के अंधड़ चल सकते है।
मंगल का वातावरण ग्रीनहाउस प्रभाव तैयार करता है लेकिन तापमान सिर्फ 5 सेल्सीयस ही बढ़ पाता है जो कि पृथ्वी और शुक्र की तुलना मे काफी कम है।

मंगल के दोनो ध्रुवों पर पानी और कार्बन डाय ऑक्साइड की बर्फ की एक टोपी बनी हुयी है। मंगल की सतह के नीचे पानी की संभावना है।

आशा के विपरीत ,मंगल पर जीवन के कोई लक्षण नही पाये गये है। 1996 डेविड मैके ने घोषणा की कि ALH84001 उल्का पर किसी पुरातन मंगल के सूक्ष्म जीव के अवशेष पाये गये है। लेकिन वैज्ञानिक समुदाय ने इसे मानने से इंकार कर दिया। यदि मंगल पर जीवन है या था, हम अब तक उसका पता नही लगा पाये है। मतलब कि आशा अभी भी जवान है !

मंगल पर भी (पृथ्वी की तरह ही सर्वत्र नही)चुंबकिय क्षेत्र पाये जाते है। शायद यह क्षेत्र किसी समय मंगल पर रहे सार्वत्रिक चुंबकिय क्षेत्र के अवशेष हैं! यह भी यह मंगल पर किसी प्राचीन काल मेजीवन की संभावना का संकेत है।

मंगल के दो चन्द्रमा भी है जिनका नाम फोबोस और डीमोस है। फोबोस का व्यास 11 किमी है जबकि डीमोस का व्यास सिर्फ 6 किमी है।

रात मे मंगल आसानी नंगी आंखो से देखा जा सकता है।

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11 विचार “युद्ध का देवता&rdquo पर;

  1. सर, में ग्राफ़िक डिज़ाइनर हूँ और अंतरिक्ष विज्ञानं में भी रूचि राखत हूँ आप के लिए पोस्टर डिज़ाइन करना चाहता हूँ क्या में कर सकता हूँ

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  2. अरे कहाँ छिपे हुए अब तक मेरे भाई ??

    इस प्रकार के ब्लौग को देख कर तो दिल गार्ड्न-गार्डन हो गया.

    आशा करता हूँ की भविष्य में कुछ और मजेदार चीजें पढने को मिलेगी इस ब्लौग में.

    लगे रहिये !!!!!!!!!!!

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  3. जानकारी ज्ञानवर्धक है,लेकिन मंगल ग्रह पर
    आए ताजा रिपोर्ट यह बतलाती है कि वहाँ जो
    एक flow of liquid नजर आया है उससे काफी
    संभावना बनती है जीवन होने की……॥

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