
30 अगस्त 2016 से इंटरनेट (भारतीय मिडीया भी) मे सेती(SETI- “Search for Extraterrestrial Intelligence”) द्वारा एलीयन सभ्यता के संकेत पाये जाने के समाचार आ रहे है। लेकिन वैज्ञानिक इन समाचारो पर अभी तक सहमत नही है।
HD 164595 नामक सूर्य के जैसे तारे से रूसी खगोल वैज्ञानिक द्वारा ’कृत्रिम’ रेडियो संकेत पाये गये है। यह तारा हमसे 94 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है, खगोलिय पैमाने पर यह तारा हमारे पास मे ही है। इस तारे के पास नेपच्युन के आकार के ग्रह की उपस्थिति के स्पष्ट प्रमाण है।
मिडीया इन समाचार से उछल गया है और उन्होने एलियन सभ्यता की खोज की घोषणा कर दी है। उनके अनुसार सेती अंतरिक्ष से आये एक परग्रही रेडियो संकेतो की जांच कर रहा है। लेकिन दूसरी ओर वैज्ञानिक अभी सशंकित है, उनके अनुसार यदि यह किसी एलियन सभ्यता से उत्सर्जित रेडियो संकेत है तो वह सभ्यता काफ़ी उन्नत सभ्यता होगी। वे उस सभ्यता को कार्दाशेव पैमाने पर वर्ग II मे रख रहे है। लेकिन उनके अनुसार यह सब अभी दूर की कौड़ी है।
खगोल वैज्ञानिको के अनुसार इस तरह के संकेत अप्रत्याशित नही है, वे इस तरह के विचित्र संकेत अक्सर पाते रहते है और जांच के पश्चात ये संकेत हमेशा निराश कर देते है, जांच मे कुछ नही निकलता है। अधिकाशत: इस तरह के संकेत प्राकृतिक कारणो से उत्पन्न होते है जिनमे खगोलिय ज्वाला(stellar flare) या पृथ्वी मे ही उत्पन्न रेडियो संकेत का किसी वस्तु से परावर्तित होकर वापस आना होता है। किसी एलियन सभ्यता से उत्सर्जित संकेतो के सत्यापन के लिये वैज्ञानिको को वे संकेत एकाधिक बार प्राप्त होना चाहिये लेकिन ऐसा होता नही है।(ऐसे ही एक संकेत Wow! के बारे मे पढ़े।)

इसका अर्थ यह है कि एलियन सभ्यता के स्वागत समारोह को अभी स्थगित रखा जाये।
सेती वैज्ञानिक मानते है कि इस रेडियो संकेत की अभी जांच आवश्यक है और पूरी संभावना है कि कहीं ना कहीं कुछ गलत है।
बार्कली सेती(Berkeley SETI) के खगोल वैज्ञानिक एरिक कोर्पेला (Eric Korpela) ने इसे एक सनसनीखेज समाचार ही माना है जोकि परग्रही सभ्यता की खोज मे कोई महत्व नही रखता है। वे कहते है कि
मैने इस संकेत का प्रस्तुतिकरण देखा है। हम इससे प्रभावित नही है। इस तारे की जांच के 39 प्रयोगो मे से केवल एक बार 4.5 गुणा अधिक शक्ति का संकेत दिखायी दिया है जो कि आंकड़े ग्रहण करने मे एक त्रुटि से संभव है। SETI@Home प्रयोगो मे इस तरह के लाखों संकेत देखे गये है। किसी परग्रही सभ्यता के संकेत होने के लिये इसके अतिरिक्त और भी बहुत कुछ चाहिये। जिसमे संकेतो का एकाधिक बार प्राप्त होना न्यूनतम मानक है।
इन संकेतो को एक रेडियो आवृत्ति के चौड़े पट्टे(broad band measurement) मे मापा गया है, इस संकेत मे ऐसा कुछ नही है कि उसे किसी प्राकृतिक रेडियो संकेत उत्सर्जक(radio transient) से अलग किया जा सके, जिसमे खगोलिय ज्वाला(stellar flare), सक्रिय आकाशगंगा केंद्रक(active galactic nucleus), पृष्ठभूमी के किसी स्रोत के संकेतो पर माइक्रोलेंसीग प्रभाव का समावेश है। इस तरह के संकेत किसी कृत्रिम उपग्रह के दूरबीन के सामने से गुजरने से भी प्राप्त किये जा सकते है। ये संकेत सेती प्रोजेक्ट के नजरिये से महत्वहीन है।

कोर्पेला के अनुसार किसी परग्रही(एलियन) सभ्यता द्वारा उत्सर्जित संकेतो मे कुछ विशिष्ट गुण होना चाहिये जिससे खगोल वैज्ञानिक उसे जांच के लायक मान कर आगे प्रयोग करे।
वे संकेतो को निम्नलिखित शर्तो के पूरा करने पर जांच योग्य मानते है :
- संकेत स्थायी होना चाहिये। इस संकेत को निरीक्षण करने पर आकाश के उसी स्थान पर एकाधिक बार पाया जाना चाहिये।
- इस संकेत को आकाश के एक ही स्थान से प्राप्त होना चाहिये।
- यदि हम स्रोत को पुन: निरीक्षण करें तो संकेत दोबारा प्राप्त होना चाहिये।
इस संकेतो की विश्वसनियता बढ़ाने के लिये निम्नलिखित शर्ते है :
- इन संकेतो की आवृत्ति(frequency) ज्ञात संकेतो की आवृत्ति(frequency) से भिन्न होना चाहिये।
- इन संकेतो मे प्राप्त डाप्लर विचलन सौर मंडल के संदर्भ मे स्थिर होना चाहिये।
- इन संकेतो के गुणधर्म(बैंड विड्थ, एनकोडींग) मे किसी बुद्धिमान सभ्यता द्वारा निर्मित होने के गुण होना चाहिये।
दुर्भाग्य से रूसी वैज्ञानिको द्वारा निरीक्षण मे प्रयुक्त विधि से इस संकेतो का उपरोक्त शर्तो पर सत्यापन कठीन है।
- ये संकेत स्थाई नही है।
- स्रोत के पुनः निरीक्षण पर संकेत दोबारा नही पाये गये।
- संकेतो की आवृत्ति ज्ञात नही की जा सकी।
- संकेतो मे डाप्लर विचलन ज्ञात नही किया जा सकता।
- निरीक्षण मे प्रयुक्त संकेतो की आवृत्ति पट्टे मे कई त्रुटि उत्पन्न करने वाले कारक जैसे कृत्रिम उपग्रह उपस्थित है।
- इन संकेतो की जांच मे कुछ भी महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त नही की जा सकी है।

HD 164595 तारे की दिशा की ओर से प्राप्त इन संकेतो को रूसी वैज्ञानिको ने मई 2015 मे खोजा गया था, लेकिन इस जानकारी को अन्य वैज्ञानिको के साथ एक वर्ष बाद अगस्त 2016 मे साझा किया गया। उसके पश्चात अन्य वैज्ञानिको ने इस संकेतो के पुन: निरीक्षण के प्रयास किये लेकिन उन्हे ये संकेत दोबारा प्राप्त नही हुये जिससे इस दिशा मे आगे बढ़ा जा सके।
सेती संस्थान(SETI Instititute) के वरिष्ठ वैज्ञानिक सेठ शोस्तक(Seth Shostak) के अनुसार :
एलन दूरबीनो के जाल(Allen Telescope Array (ATA)) को 28 अगस्त की शाम से HD 164595 की दिशा मे मोड़ा गया था। सेती के वैज्ञानिक जान रिचर्ड तथा गेरी हार्प के अनुसार ATA द्वारा खोजे जा सकने वाले अंतरिक्ष के बड़े भाग मे उन्होने कोई संकेत नही पाये है।
बार्कले सेती के वैज्ञानिको ने भी अपने उपकरणो से इन संकेतो की जांच की लेकिन उन्हे भी कुछ नही मिला। बुद्धिमान एलियन जीवन की उपस्थिति के प्रमाणो की अनुपस्थिति का अर्थ किसी भी तरह से एलियन सभ्यता की अनुपस्थिति का प्रमाण नही होता है। लेकिन हमारी दूरबीनो ने HD 164595 की दिशा से आते कोई रेडियो संकेत नही पकड़े है।
शोस्तक कहते है कि
” एलियन सभ्यता से संकेत प्राप्ति की संभावना अच्छी नही है लेकिन हमे सारी संभावनाओं की जांच करना चाहिये। यह एक महत्वपूर्ण विषय है”
HD 164595 से प्राप्त इतने मजबूत सकेंत को उत्पन्न करने भारी मात्रा मे ऊर्जा चाहिये

शोस्तक ने रूसी टीम द्वारा ग्रहण किये गये इस संकेत की मजबूती के आधार इसे उत्पन्न करने के लिये लगने वाली ऊर्जा की गणना की। यह ऊर्जा की मात्रा अत्याधिक है। यदि यह संकेत किसी एलियन सभ्यता द्वारा निर्मित है तो वह सभ्यता कार्दाशेव पैमाने पर वर्ग II की होना चाहिये।
हम संकेत की क्षमता तथा HD 164595 की दूरी के आधार पर एलियन संकेत को उत्पन्न करने की ऊर्जा की गणना कर सकते है। इसमे दो संभावनायें है।
- उन्होने संकेतो को हर दिशा मे प्रसारित किया। ऐसा करने के लिये उन्हे 1020 वाट (100 अरब अरब वाट) की ऊर्का चाहिये। यह ऊर्जा की मात्रा सूर्य द्वारा पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रकाश की ऊर्जा का सौ गुणा है। यह इतनी मात्रा है कि हमारी सारी क्षमताओं के बाहर है। हम इतनी ऊर्जा उत्पन्न करने मे अगली कुछ सदी मे भी सक्षम नही हो पायेंगे।
- उन्होने ये संकेत पृथ्वी की दिशा मे प्रसारित किये। इस स्थिति मे ऊर्जा कम चाहिये लेकिन यह ऊर्जा भी एक खरब वाट होगी जोकि मानव द्वारा समस्त इतिहास मे प्रयुक्त ऊर्जा के तुल्य है।
इन दोनो संभावनायें मानव की क्षमता के बाहर है। और यह भी आश्चर्यजनक अविश्वसनिय तथ्य है कि कोई पृथ्वी की दिशा मे इतने शक्तिशाली संकेत क्यों भेजना चाहेगा। यह तारा इतनी दूर है कि इसने मानव द्वारा निर्मित कोई रेडियो संकेत नही पकड़े होंगे जिससे वे जान सके कि पृथ्वी पर कोई बुद्धिमान सभ्यता उपस्थित है।
यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि HD 164595 तारा 94 प्रकाश वर्ष दूर है। पृथ्वी पर रेडीयो संकेतो के प्रसारण का इतिहास ही 94 वर्ष पुराना नही है। जिससे इस तारे पर उपस्थित किसी सभ्यता द्वारा हमारे संकेतो को ग्रहण कर उत्तर देने की संभावना नगण्य है।
इस सब का अर्थ है कि यदि किसी एलियन सभ्यता का ब्रह्माण्ड मे अस्तित्व है तब भी यह संकेत किसी एलियन सभ्यता द्वारा उत्पन्न होने की संभावना न्यूनतम ही है।
ये लोग १ साल तक छुपाये रखे इस बात को. ? इनकी सोच विकृत है. .
पसंद करेंपसंद करें
बिजली बिना किसी चालक तार के या अन्य किसी चालक के बिना कैसे धरती पर गिरती है बरसात मे क्या कारण हो सकता है।
पसंद करेंपसंद करें
आकाशीय बिजली में इतना अधिक विभवांतर (वोल्टेज) होता है कि वह वायु को भी सुचालक बना देता है।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thanks
Harcharnsingh272@gmail.com
31 अगस्त 2016 को 1:41 am को, “विज्ञान विश्व”
ने लिखा:
> आशीष श्रीवास्तव posted: ” 30 अगस्त 2016 को इंटरनेट (भारतीय मिडीया भी) मे
> सेती(SETI- “Search for Extraterrestrial Intelligence”) द्वारा एलीयन सभ्यता
> के संकेत पाये जाने के समाचार आ रहे है। लेकिन वैज्ञानिक इन समाचारो पर अभी तक
> सहमत नही है। HD 164595 नामक सूर्य के जैसे तारे से ”
>
पसंद करेंपसंद करें
अधेरे में तीर चलाने जैसा है.
जीवन की अन्य जगह पर सम्भावना नही लगती
यदि अन्य किसी जगह पर जीवन है भी तो वो नजदीक होनी चाहिऐ मनुष्य के सामर्थ से दूर जीवन की सम्भावना हो ही नही सकती .
जो भी है ईश्वरीय माया नगरी की बात नही कर रहा हूँ.
पसंद करेंपसंद करें
Dear Sir,
You are really doing a good job. Please keep posting such articles.[ð]
Regards
Mani
________________________________
पसंद करेंपसंद करें
Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
पसंद करेंपसंद करें
यह सन्देश कितनी आवृती का है?
पसंद करेंपसंद करें
11 GHz
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
लगता नहीं है आना चाहेंगे वो यहाँ देख समझ कर 🙂
पसंद करेंपसंद करें
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 31 अगस्त का इतिहास और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर … अभिनन्दन।।
पसंद करेंपसंद करें
यह कैसे समझ आता होगा कि प्राप्त संकेत परग्रही(एलियन) से ही आये हैं?
वास्तविक क्या है यह भले ही अँधेरे में हो लेकिन परग्रही(एलियन) के बारे में जानना रोमांचकारी होता है …
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
प्राकृतिक रेडियो संकेत की अपनी विशेषता होती है, उससे अलग कृत्रिम संकेत होंगे। अब इसमें से भी मॉनव या मॉनव उपकरण से उत्पन्न संकेतो को अलग करने पर बचा संकेत एलियन का होगा। अब तक ऐसा संकेत मिला नहीं है।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
संभव है कि यह संकेत किसी ग्रह से न होकर किसी गतिमान कृत्रिम उपकरण (अंतरिक्ष यान) से आया हो, पर ये सभी संभावना भी किसी काम की नही, क्योंकी एलियन के अस्तित्व को समझने के लिये यह बहुत सूक्ष्म प्रमाण है।
पसंद करेंपसंद करें
App muje ye bat bataiye. agar unke dvara koi sanket prapt hota bhi he. to us sanket me vo kya batana chah rahe he vo kese pata chalega? Kya vo Hame bata paenge ke unka plent kaha par he or hum unse kese contet Kar sakte he.
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
दो संभावनाये है :
१. वे किसी बुद्धिमान सभ्यता के अपने होने का संदेश देना चाहते हो। जैसे मानव मे अरेशीबो संदेश भेजकर किया था। यह लेख देखे :https://vigyanvishwa.in/2011/01/31/seti/
२. संभव है कि यह संकेत उनके किसी प्रसारण जैसे टीवी या उनके किसी अंतरिक्षयान के लिये भेजा गया हो और हमे मिल गया हो।
अब वे क्या बताना चाहते है, हम केवल तुक्के लगा सकते है।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति