हाँ यह सच है ! उस महिला के दावे के अनुसार वह सौर मंडल को उष्णता और प्रकाश देने वाले सबसे नज़दीक के तारे सूर्य की स्वामिनी है ! उस महिला के शब्दों में
वह पृथ्वी से १४९,६००,००० किलो मीटर दूरी पर सौर मंडल के केंद्र में स्थित वर्णक्रमीय प्रकार जी २ के तारे सूर्य की स्वामिनी है !
चलो मान लिया कि वह सूर्य की स्वामिनी है ! लेकिन क्या यह स्वामित्व वैध है ? उस महिला के अनुसार
इस में कोई परेशानी नहीं है। यह पूरी तरह से वैध स्वामित्व है। मै बेवकूफ नहीं हूँ। मुझे कानूनों का ज्ञान है। कोई भी ऐसा करे उसके पहले मैंने ऐसा किया है।
वह बेवकूफ़ तो नहीं है लेकिन गलत ज़रूर है ! यह स्वामित्व कानूनी तरह से अवैध है और उस महिला को कानूनों की जानकारी नहीं है।
जोन गैब्र्य्नोवीच ( Joanne Gabrynowicz) जो कि नेशनल सेन्टर फार रीमोट सेंसींग, एअर एन्ड स्पेस ला ओले मिस्स (director of the National Center for Remote Sensing, Air and Space Law, at Ole Miss) के संचालक के साथ कानून के व्याख्याता भी है और अंतरिक्ष क़ानूनों मे २५ वर्ष का अनुभव रखते है। जोन के अनुसार
“मेरी राय मे इस समय जो उभरता हुआ अंतरराष्ट्रीय मत है उसके अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी खगोलीय पिण्ड के स्वामित्व का दावा नही कर सकता।”
१९६७ मे १०० से ज्यादा राष्ट्रो द्वारा की गयी
बाह्य अंतरिक्ष संधी (The Outer Space Treaty) के अनुसार कोई भी संप्रभू राष्ट्र किसी खगोलीय पिंड जैसे सूर्य या चन्द्रमा के स्वामित्व का दावा नही कर सकता है। लेकिन कुछ व्यक्तियो ने इस संधी मे एक कमी ढूंढ निकाली है। उनके अनुसार यह संधि किसी व्यक्ति के द्वारा खगोलिय पिण्डो के स्वामित्व के बारे मे मौन है। तकनिकि तौर पर यह सही है कि यह संधि किसी व्यक्ति को किसी खगोलीय पिण्ड के स्वामित्व से रोकती नही है। श्रीमती दूरन के अनुसार उनका सूर्य के स्वामित्व का दावा करना भर सूर्य पर उनके दावे को सिद्ध करने काफी है।
भूतकाल मे
डेनीस होप ने विभिन्न देशो की सरकारो को चन्द्रमा के स्वामी होने का नोटीस भेजा था। इस नोटीस मे उन्होने कहा था कि यदि वे सरकारें उनके नोटिस का जवाब नही देती है तो वे डेनीस के चन्द्रमा के स्वामी होने के दावे को मान्यता देती है। यह कोई आश्चर्य नही है कि किसी भी सरकार ने इस नोटीस का कोई जवाब नही दिया। डेनीश महोदय ने एक कदम आगे जाये हुये चन्द्रमा पर प्लाट बेच दिये और अरबो कमाये !
श्रीमती दूरन जो कि स्पेन की निवासी है। स्पेन ने इस संधि पर हस्ताक्षर किये है। इस संधि के आर्टीकल छः के अनुसार
चन्द्रमा या अन्य खगोलिय पिण्ड पर की जाने वाली किसी भी गतिविधी की जिम्मेदारी संधि पर हस्ताक्षर करने वाले राष्ट्रो की है चाहे यह गतिविधी किसी सरकारी एजेंसी या अ-सरकारी एजेन्सी द्वारा की गयी हो। राज्य इस बात का आश्वाशन देते है कि यह गतिविधी इस संधि के विभिन्न मानको के अनुरूप है। किसी भी अ-सरकारी निकाय द्वारा अंतरिक्ष(चन्द्रमा और अन्य खगोलिय पिण्ड सहित) के संदर्भ मे की जाने वाली किसी भी गतिविधि के लिये राज्य कि पुर्वानुमति तथा निरिक्षण अनिवार्य है। यदि अंतरिक्ष(चन्द्रमा और अन्य खगोलिय पिण्ड सहित) के संदर्भ मे की जाने वाली गतिविधि किसी अन्तराष्ट्रीय संस्था द्वारा हो तब इसकी जिम्मेदारी इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी राष्ट्र तथा अंतराष्ट्रीय संस्था की है।
अब यह स्पष्ट है कि यह संधि सूर्य या चन्द्रमा पर स्वामित्व के दावो के लिये राष्ट्र सरकारो की पूर्वानुमति के लिये बाध्य करती है, चाहे यह दावा किसी व्यक्ति के द्वारा हो। यदि आपको एक राकेट बनाकर अंतरिक्ष मे भेजना हो और आप भारत के निवासी है, आपको भारत सरकार से अनुमति लेनी आवश्यक है। यह अंतरिक्ष के किसी भी पिण्ड पर स्वामित्व के दावे पर भी लागू होता है। सरकार को यह नोटीस भेज देना कि “यदि आपने नोटीस का जवाब नही दिया उसे मेरे ब्रह्माण्ड के स्वामित्व को मान्यता देना माना जायेगा” पर्याप्त नही है।
सो अंत मे निष्कर्ष
- श्रीमती दूरन का दावे मे कोई योग्यता नही है।
- इस दावे मे कोई योग्यता हो तब उन्हे स्पेन सरकार से अनुमति लेनी चाहिये।
- स्पेन सरकार सूर्य पर ऐसा कोई दावा नही कर सकती है क्योंकि ……………
अब यह स्पष्ट होगा कि कोई भी व्यक्ति जो चन्द्रमा या सूर्य पर दावा करता है वह गलत है। यदि वह आपको चन्द्रमा पर कोई प्लाट बेचता है वह धोखाधड़ी भले ही ना हो लेकिन कानूनी नही है।
वैसे श्रीमती दूरन पर त्वचा कैन्सर के रोगी या लू के मरीज मुवावजे के लिये दावा कर सकते है क्योंकि ये सूर्य के कारण है! नासा भी श्रीमती दूरन पर दावा कर सकता है, श्रीमती दूरन की प्रापर्टी से निकले सौर फ्लेयर के कारण उसके इतने सारे उपग्रह जो खराब हुये है!
और हां श्रीमती दूरन आपको सौर उर्जा के प्रयोग का बील भेज दे तो यहां टिप्पणी ज़रूर कर दिजियेगा !
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क्या लेख लिखा हैं👏👏👏 बहुत अच्छे लगे रहो भाई
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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अच्छा लेख!
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अत्यंत ज्ञानवर्धक व प्रसंशनीय
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ये तो मेरे स्कूल के बच्चो के लिए बहुत उपयोगी ब्लॉग है.इतने दिन कहाँ छुपे थे जी? शुभकामनाये.और ….समय समय पर लिंक देते रहियेगा प्लीज़.
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bahut achae
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सोच रहा हूँ मैं भी श्रीमति डुरेन पर एक आध केस ठोक दूँ, उनका सूरज गर्मियों में मेरे सिर पर आग बरसाता है 🙂
बहुत अच्छा लेख
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आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (2/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
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