झुलसाने वाला श्याम सूर्य


जी हां यह हमारा सूर्य ही है !

झुलसाने वाला तो ठीक है लेकिन श्याम सूर्य ? ये क्या बात हुयी ?

किसी सामान्य दिन सूर्य यह झुलसाने देने वाला अत्यंत गर्म गैस का गोला ही रहता है। लेकिन कभी कभी अचानक सूर्य पर कुछ अत्यंत चुम्ब्कीय क्षेत्रो का निर्माण होता है जिसके कारण कुछ धुंधले ‘सूर्य धब्बो’ और चमकिले ‘सक्रिय क्षेत्रो’ का निर्माण होता है। ”सूर्य धब्बे’ का तापमान अन्य क्षेत्रो से कम होता है।

ये सक्रिय क्षेत्र गैस को चुंबकिय छल्लो के रूप मे प्रवाहित करते है। सामान्यतः यह गैस वापिस सुर्य पर आ जाती है लेकिन कभी कभी यह ‘सूर्य कोरोना(Corona) या सौर हवा(Solar Wind) के रूप मे हमारे अंतरिक्ष मे आ जाती है। यह तस्वीर पराबैगनी प्रकाश के तीन रंगो मे ली गयी है। सुर्य के सक्रिय क्षेत्रो से ही पराबैंगनी किरणे निकलती है इसलिये तस्वीर का अधिकतर हिस्सा श्याम (अंधेरा) दिखायी दे रहा है। तस्वीर के रंगीन क्षेत्र जो ज्यादा चमक रहे है वह ‘सूर्य के सबसे ज्यादा अशांत क्षेत्र हैं। ‘सूर्य की सतह हमेशा अशांत रहती है लेकिन उसने निकलने वाला प्रकाश पिछले ५ बिलियन वर्ष से हमेशा एक सा ही रहा है इसलिये पृथ्वी पर जिवन संभव हो पाया है।

2 विचार “झुलसाने वाला श्याम सूर्य&rdquo पर;

  1. आपके सभी लेख अच्छे और ज्ञान वर्धक हैं।
    आपसे सम्पर्क करने का कोई और साधन न मिलने पर एक विनम्र निवेदन टिप्पणी के रूप मे कर रहा हूँ।
    कृपया सुर्य को सूर्य से चुम्बकिय को चुम्बकीय, तिन को तीन और जिवन को जीवन से बदल दीजिये।

    अन्यथा न लीजियेगा।

    आशा करता हूँ आप इसी तरह हमारा ज्ञानार्जन कराते रहेंगे।

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