
इस ब्रह्माण्डीय जलप्रपात निहारिका का निर्माण कैसे हुआ ? कोई नही जानता! इस चित्र मे प्रस्तुत संरचना NGC 1999 का भाग है जो कि बृहद ओरीयान आण्विक बादल संरचना( Great Orion Molecular Cloud complex ) का एक भाग है। यह ब्रह्माण्ड की सबसे रहस्यमयी संरचनाओं मे से एक है। इस क्षेत्र को HH-22 के नाम से भी जाना जाता है।
इस चित्र मे दिखायी दे रही गैस की धारा लगभग 10 प्रकाशवर्ष लंबाई मे है, और यह अनेको रंगो को प्रदर्शित करती है। एक अवधारणा के अनुसार गैस की यह धारा पास के आण्विक बादल से एक नये तारे से प्रवाहित सौर वायु के टकराव के फलस्वरूप बन रही है। लेकिन यह अवधारणा यह बताने मे असमर्थ रहती है कि इस जलप्रपात की धारा और अन्य धूंधली धारायें मुड़कर एक चमकीले बिंदू पर मील रही है, जो कि एक रेडियो तरंगो का अतापी(non thermal) श्रोत है। यह रेडियो श्रोत इस मुड़ी हुयी धारा के उपर बायें स्थित है।
एक दूसरी अवधारणा के अनुसार यह असामान्य रेडियो श्रोत किसी युग्म तारे से उत्पन्न हो रही है जिसमे एक तारा श्वेत वामन(White Dwarf), न्युट्रान तारा(Neutron Star) या श्याम विवर(Black Hole) है और यह जलप्रपात इस तीव्र ऊर्जावान प्रणाली से उत्सर्जित गैसीय जेट धारा है। लेकिन इस तरह की प्रणाली मे एक्स रे(X Ray) का भी उत्सर्जन होता है लेकिन किसी एक्स रे श्रोत का पता नही चला है।
वर्तमान मे रहस्य बरकरार है। भविष्य के ज्यादा सावधानीपुर्वक किये गये निरीक्षण इस रहस्य के आवरण को हटा सकते है।
जितना हम प्रकृति के बारे में जानते जाते हैं, यह और रहस्यमयी होती जाती है। अद्भुत दृश्य वही प्रदान कर सकती है।
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अद्भुत !
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