सूर्य और वी वाय कानीस मेजारीस

विशालकाय, महाकाय ब्रह्मांडीय पिंड


खगोलीय पिंडो का आकार और उनके मध्य की दूरी इतनी विशाल होती है कि वह मनुष्य की कल्पना से बाहर हो जाती है। इस लेख के चित्र पृथ्वी से शुरुवात कर बढ़ते क्रम मे पिंडो के आकार को दर्शा रहे है।

सबसे पहले सौर मंडल के आंतरिक ग्रह। यह सभी ग्रह ठोस है। बुध सबसे छोटा है और बढते क्रम मे मंगल, शुक्र और पृथ्वी है। शुक्र और पृथ्वी लगभग समान है।

बुध, मंगल, शुक्र और पृथ्वी
बुध, मंगल, शुक्र और पृथ्वी

सौर मंडल के बाह्य ग्रह आकार के बढते क्रम मे पृथ्वी, नेपच्युन, युरेनस, शनि और बृहस्पति। पृथ्वी के अलावा सभी गैस के महादानव है और इनका घनत्व सौर मंडल के अन्य ग्रहो से कम है। लेकिन अपने अत्याधिक द्रव्यमान के कारण इनका गुरुत्वाकर्षण ठोस ग्रहो से कही ज्यादा है। इन सभी गैस महादानवो के आसपास वलय भी है।

पृथ्वी,युरेनस, नेपच्युन, शनि और बृहस्पति
पृथ्वी,युरेनस, नेपच्युन, शनि और बृहस्पति

बृहस्पति, वोल्फ 359,सूर्य और रात्री आकाश का सबसे चमकदार तारा सीरीयस । सूर्य जी वर्ग का मुख्य क्रम वाला 5 अरब वर्ष पुराना एक साधारण तारा है। सौर मंडल के कुल द्रव्यमान का 99% सूर्य का है; शेष 1 प्रतिशत मे भी आधे से अधिक द्रव्यमान बृहस्पति का है। शेष आधे प्रतिशत मे बाकि सभी ग्रह आते है। सूर्य अपनी परिक्रमा 28 दिनो(विषुवत पर) मे करता है। वोल्फ 359 सिंह तारामंडल मे एक लाल वामन तारा है। यह तारा सौर मंडल के समीप के तारो मे से एक है, 7.8 प्रकाशवर्ष दूरी पर।

बृहस्पति, वोल्फ ३५९,सूर्य और रात्री आकाश का सबसे चमकदार तारा सीरीयस
बृहस्पति, वोल्फ 359,सूर्य और रात्री आकाश का सबसे चमकदार तारा सीरीयस

इस चित्र मे मे रात्री आकाश मे सबसे चमकदार तारा सीरीयस के साथ जेमीनी(मिथुन) तारामंडल का तारा पोलक्स और 37 प्रकाशवर्ष दूर का तारा आर्कटूरस तथा आल्डेबरान जो वृषभ तारामंडल मे वृषभ की आंख के स्थान पर है। पोलक्स तारे के बृहस्पति से दोगुने द्रव्यमान  वाले ग्रह एक ग्रह की पुष्टि हुयी है।

सीरीयस,पोलक्स ,आर्कटूरस तथा आल्डेबरान
सीरीयस,पोलक्स ,आर्कटूरस तथा आल्डेबरान

इस चित्र मे है मृग नक्षत्र (ओरियान) का तारा रीगेल, वृश्चिक तारामंडल का एंटेरस तथा मृग तारामंडल का बीटलगूज जो एक लाल महादानव है। यदि एंटेरस को सूर्य के स्थान पर रख दिया जाये तो वह बृहस्पति की कक्षा तक स्थान ले लेगा। ध्यान दे बृहस्पति की सूर्य से दूरी 5.2 AU है।

अल्डेबरान, रीगेल, एंटेरस तथा बीटलगूज
अल्डेबरान, रीगेल, एंटेरस तथा बीटलगूज

इस चित्र मे है अब तक के ज्ञात दानवाकार तारे बीटलगूज, म्यु सेफेइ, वी वी सेफेइ ए, तथा वी वाय कानीस मेजारीस

बीटलगूज, म्यु सेफेइ, वी वी सेफेइ ए, तथा वी वाय कानीस मेजारीस
बीटलगूज, म्यु सेफेइ, वी वी सेफेइ ए, तथा वी वाय कानीस मेजारीस

सूर्य की तुलना मे वी वाय कैनीस मेजारीस। कैनीस मेजोरीस अब तक का सबसे बड़ा ज्ञात तारा है। अन्य महाकाय तारो के विपरीत यह तारा अकेला है। सामान्यतः महाकाय तारे युग्मो मे या तारो के समूह मे पाये जाते है। इसका व्यास 30.63 अरब किमी(9.8AU) है। यह शनि की सूर्य से दूरी 9.5 AU से ज्यादा है। अर्थात यदि कैनीस मेजोरीस को सूर्य के स्थान पर रख दे तो वह शनि की कक्षा से भी आगे तक का स्थान घेर लेगा ! ध्यान दे बृहस्पति की शनि से दूरी लगभग 4 AU है और सूर्य से दूरी 5.2AU है ।

1AU(खगोलीय इकाई)=149,597,870.70 किमी(पृथ्वी की सूर्य से औसत दूरी)

सूर्य और वी वाय कानीस मेजारीस
सूर्य और वी वाय कानीस मेजारीस
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