प्रति-पदार्थ ?

11 सरल क्वांटम भौतिकी: भौतिकी के अनसुलझे रहस्य


अब तक हमने सभी मूलभूत कणो और मूलभूत बलों की जानकारी प्राप्त की है। क्या इसका अर्थ है कि इसके आगे जानने के लिये कुछ भी शेष नही है ?

नही! हमारी वर्तमान भौतिकी अधूरी है, हमारे पास ऐसे बहुत से प्रश्न है, जिसका कोई उत्तर नही है। हमारा सबसे सफल सिद्धांत ’स्टैंडर्ड माडेल’ अपूर्ण है, इसके विस्तार की आवश्यकता है।

स्टैन्डर्ड माडेल से आगे

स्टैन्डर्ड माडेल “पदार्थ की संरचना और उसके स्थायित्व” के अधिकतर प्रश्नो का उत्तर छः तरह के क्वार्क , छः तरह के लेप्टान और चार मूलभूत बलो से दे देता है। लेकिन स्टैडर्ड माडेल सम्पूर्ण नही है, इसके विस्तार की संभावनायें है। वर्तमान मे स्टैण्डर्ड माडेल के पास सभी प्रश्नो का उत्तर नही है, इसके समक्ष बहुत से अनसुलझे प्रश्न है।

  • जब हम ब्रह्माण्ड का निरीक्षण करते है तब हम पदार्थ ही दिखायी देता है, प्रतिपदार्थ नही। क्या पदार्थ और प्रतिपदार्थ की मात्रा समान नही है, क्यों ? क्या इन दोनो  के मध्य सममीती नही है? क्यों ?

    प्रति-पदार्थ ?
    प्रति-पदार्थ ?
  • श्याम पदार्थ(dark matter) क्या है? उसे हम देख नही सकते है लेकिन उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को देख सकते है,  ऐसा क्यों  ?
  • स्टैन्डर्ड माडेल किसी कण के द्रव्यमान की गणना करने मे असमर्थ क्यों है?
  • क्या क्वार्क और लेप्टान मूलभूत कण है ? या वे भी और छोटे घटक कणो से बने है ?
  • क्वार्क और लेप्टान की ठीक ठीक तीन पीढ़ी क्यों है ? चार या दो क्यों नही ?
  • इन सब के मध्य गुरुत्वाकर्षण की क्या भूमिका है ?

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बीज गणित और ज्यामिति से स्थिर पिंडो के बारे मे गणितीय गणना संभव है।

स्ट्रींग सिद्धांत(String Theory) भाग 01 :सैद्धांतिक भौतिकी और न्युटन


स्ट्रींग सिद्धांत यह कण भौतिकी का एक ऐसा सैद्धांतिक ढांचा है जो क्वांटम भौतिकी तथा साधारण सापेक्षतावाद के एकीकरण का प्रयास करता है। यह महाएकीकृत सिद्धांत(Theory of Everything) का सबसे प्रभावी उम्मीदवार सिद्धांत है जोकि सभी मूलभूत कणो और बलो की गणितीय व्याख्या कर सकता है। यह सिद्धांत अभी परिपूर्ण नही है और इसे प्रायोगिक रूप से जांचा नही जा सकता है लेकिन वर्तमान मे यह अकेला सिद्धांत है जो महाएकीकृत सिद्धांत होने का दावा करता है।

इस लेखमाला मे हम इस सिद्धांत को समझने का प्रयास करेंगे। इस लेख माला के विषय होंगे

  • सैद्धांतिक भौतिकी और न्युटन
  • सापेक्षतावाद और आइंस्टाइन
  • क्वांटम भौतिकी और गुरुत्वाकर्षण
  • स्ट्रिंग सिद्धांत क्यों ?
  • स्ट्रिंग सिद्धांत क्या है?
  • कितने स्ट्रिंग सिद्धांत है?
  • क्या ये सभी स्ट्रिंग सिद्धांत एक दूसरे संबंधित है?
  • क्या इससे ज्यादा मूलभूत सिद्धांत भी है?
  • स्ट्रिंग सिद्धांत के अनसुलझे प्रश्न और आलोचना

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ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 05 : मानक प्रतिकृति की कमियाँ और आलोचनाएं


मानक प्रतिकृति(Standard Model) एक सफल सिद्धांत है लेकिन इसमे कुछ कमीयां है। यह कुछ मूलभूत प्रश्नो का उत्तर देने मे असमर्थ है जैसे द्रव्यमान का श्रोत, मजबूत CP समस्या, न्युट्रीनो का दोलन, पदार्थ-प्रतिपदार्थ असममिती और श्याम पदार्थ तथा श्याम उर्जा का श्रोत

एक समस्या मानक प्रतिकृति(Standard Model) के गणितिय समिकरणो मे है जो साधारण सापेक्षतावाद सिद्धांत(Theory of General Relativity) से मेल नही खाती है। ये सिद्धांत (एक या दोनो) कुछ विशेष परिस्थितियों (महाविस्फोट के दौरान(During Big Bang), श्याम विवर के घटना क्षितिज के पास (Event Horizons of Black Hole)) की व्याख्या नही कर पाते है और असामान्य परिणाम दर्शाते है। पढ़ना जारी रखें “ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 05 : मानक प्रतिकृति की कमियाँ और आलोचनाएं”

मानक प्रतिकृति (Standard Model)

ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 04 : मानक प्रतिकृति(Standard Model)


इस श्रंखला मे अब तक मूलभूत कण तथा मूलभूत बल की चर्चा हुयी है। मानक प्रतिकृति (Standard Model) मूलभूत बल तथा मूलभूत कणों के सम्पूर्ण ज्ञात सिद्धांतो का समावेश करता है। अब तक के लेखो मे वर्णीत महा एकीकृत सिद्धांत(Grand Unified Theory)  मानक प्रतिकृती का ही एक भाग है। यह सिद्धांत 20 वी शताब्दी की शुरुवात से लेकर मध्य तक विकसीत हुआ है तथा 1970 मे क्वार्क के आस्तित्व के प्रायोगिक निरीक्षण के पश्चात मान्य हुआ है। इसके पश्चात बाटम क्वार्क (1977), टाप क्वार्क(1995) तथा टाउ न्युट्रीनो(2000) की खोज के बाद इस सिद्धांत को प्रामाणिकता मिली है। इस सिद्धांत द्वारा विभिन्न प्रायोगिक निरीक्षणो को सैद्धांतिक रूप से सत्यापन करने मे मिली सफलता के कारण इसे पूर्ण सिद्धांत माना जाता है। पढ़ना जारी रखें “ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 04 : मानक प्रतिकृति(Standard Model)”

ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 03 : मूलभूत बल – महा एकीकृत सिद्धांत(GUT)


महा एकीकृत सिद्धांत(Grand Unified Theory) विद्युत-चुंबकिय बल, कमजोर नाभिकिय बल तथा मजबूत नाभिकिय बल के एकीकरण का सिद्धांत है। यह नाम प्रचलित है लेकिन उचित नही है क्योंकि यह महा नही है ना ही एकीकृत है। यह सिद्धांत गुरुत्वाकर्षण का समावेश नही करता है अर्थात पूर्ण एकीकरण नही हुआ है। यह सिद्धांत पूर्ण सिद्धांत भी नही है क्योंकि इस सिद्धांत मे बहुत से कारक ऐसे है जिनके मूल्य की गणना नही की जा सकती है, उल्टे उन्हे प्रयोग की सफलता के लिए चुना जाता है! फिर भी यह पूर्ण एकीकृत सिद्धांत की ओर एक कदम है। पढ़ना जारी रखें “ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 03 : मूलभूत बल – महा एकीकृत सिद्धांत(GUT)”