परिचय वर्तमान मे ब्रह्माण्ड के जन्म संबधित सबसे मान्य सिद्धांत बिग बैंग सिद्धांत है। इसके अनुसार ब्रह्मांड का जन्म एक बिंदु से हुआ था। विज्ञान द्वारा प्राप्त सभी प्रमाण इसी सिद्धांत के समर्थन मे है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी अवधारणाये ऐसी … पढ़ना जारी रखें ब्रह्मांड का जन्म: एक समयरेखा(The Big Bang Timeline)
खगोल वैज्ञानिकों के सामने एक अनसुलझी पहेली है जो उन्हे शर्मिन्दा कर देती है। वे ब्रह्मांड के 95% भाग के बारे मे कुछ नहीं जानते है। परमाणु, जिनसे हम और हमारे इर्द गिर्द की हर वस्तु निर्मित है, ब्रह्मांड का केवल 5% ही है! पिछले 80 वर्षों की खोज से हम इस परिणाम पर पहुँचे हैं कि ब्रह्मांड का 95% भाग रहस्यमय श्याम ऊर्जा और श्याम पदार्थ से बना है। श्याम पदार्थ को 1933 मे खोजा गया था जो कि आकाशगंगा और आकाशगंगा समूहों को एक अदृश्य गोंद के रूप मे बाँधे रखे है।। 1998 मे खोजीं गयी श्याम ऊर्जा ब्रह्मांड के विस्तार गति मे त्वरण के लिये उत्तरदायी है। लेकिन वैज्ञानिकों के सामने इन दोनो की वास्तविक पहचान अभी तक एक रहस्य है!
2 जीवन कैसे प्रारंभ हुआ?
चार अरब वर्ष पहले किसी अज्ञात कारक ने मौलिक आदिम द्रव्य(Premordial Soup) मे एक हलचल उत्पन्न की। कुछ सरल से रसायन एक दूसरे से मील गये और जीवन का आधार बनाया। ये अणु अपनी प्रतिकृति बनाने मे सक्षम थे। हमारा और समस्त जीवन इन्हीं अणुओं के विकास से उत्पन्न हुआ है। लेकिन ये सरल मूलभूत रसायन कैसे, किस प्रक्रिया से इस तरह जमा हुये कि उन्होंने जीवन को जन्म दिया? डी एन ए कैसे बना? सबसे पहली कोशीका कैसी थी? स्टेनली-मिलर के प्रयोग के 50 वर्ष बाद भी वैज्ञानिक एकमत नहीं है कि जीवन का प्रारंभ कैसे हुआ? कुछ कहते है कि यह धूमकेतुओ से आया, कुछ के अनुसार यह ज्वालामुखी के पास के जलाशयों मे प्रारंभ हुआ, कुछ के अनुसार वह समुद्र मे उल्कापात से प्रारभ हुआ। लेकिन सही उत्तर क्या है?
इस ब्लाग पर हमने ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति , उसे बनाने वाले मूलभूत तत्वो, घटको की खूब चर्चा की है। हम जानते है कि हमारा दृश्य विश्व, हमारी आकाशगंगा, हमारी धरती और हम स्वयं किससे निर्मित है। लेकिन हम यह सब कैसे जानते है ? इस प्रमाण क्या है ? क्या हमने इसे प्रायोगिक रूप से प्रमाणित किया है या केवल गणितीय/दार्शनिक तुक्के हैं ?
हम यह सब कैसे जानते है ?
इस ब्लाग पर हम भौतिकी के विभिन्न आयामो, जिसमे से एक प्रमुख स्तंभ स्टैंडर्ड माडेल की चर्चा करते रहें है। स्टैंडर्ड माडेल विचित्र नामो वाले नन्हे, अदृश्य परमाण्विक कणो के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करता है। यह सभी वैज्ञानिक सिद्धांत “एलीस इन वंडरलैण्ड” के जादुई विश्व के जैसे लगते है, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि भौतिकशास्त्र मे किसी कमरे मे बैठकर कहानीयाँ नही गढी़ जाती है। इस विज्ञान मे विभिन्न अवधारणाओं को प्रयोगशाला मे जांचा परखा जाता है, उसके परिणामों के आधार पर सिद्धांत गढे़ जाते है।
सिद्धांतो की जांच-परख के लिये वैज्ञानिक प्रयोग करते है, इन प्रयोगो मे वे ज्ञात सूचनाओं के प्रयोग से अज्ञात को जानने का प्रयास करते हैं। ये प्रयोग सरल आसान से लेकर जटिल तथा विशाल भी हो सकते है।
सृष्टि से पहले सत नहीं था, असत भी नहीं अंतरिक्ष भी नहीं, आकाश भी नहीं था छिपा था क्या कहाँ, किसने देखा था उस पल तो अगम, अटल जल भी कहाँ था -ऋग्वेद(10:129) सृष्टि सृजन का सूक्त
लगभग पांच हजार वर्ष पुरानी यह श्रुति आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी इसे रचित करते समय थी। सृष्टि की उत्पत्ति आज भी एक रहस्य है। सृष्टि के पहले क्या था ? इसकी रचना किसने, कब और क्यों की ? ऐसा क्या हुआ जिससे इस सृष्टि का निर्माण हुआ ?
अनेकों अनसुलझे प्रश्न है जिनका एक निश्चित उत्तर किसी के पास नहीं है। कुछ सिद्धांत है जो कुछ प्रश्नों का उत्तर देते है और कुछ नये प्रश्न खड़े करते है। सभी प्रश्नों के उत्तर देने वाला सिद्धांत अभी तक सामने नहीं आया है।
सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त सिद्धांत है महाविस्फोट सिद्धांत (The Bing Bang Theory)।
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