मानवता का दूत : 20 अरब किलोमीटर दूर जा चुका वायेजर क्या है?


खोज करना मानव की फ़ितरत है। इसके लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार होता है। तभी तो, मानव उस चीज़ को खोजने में जुटा हुआ है, जिसकी कोई हद नहीं। जिसका कोई ओर-छोर नहीं। पर, वो आख़िर … पढ़ना जारी रखें मानवता का दूत : 20 अरब किलोमीटर दूर जा चुका वायेजर क्या है?

सौर मंडल की सीमा पर वायेजर 1? शायद हां शायद ना !


सौर मंडल की सीमा पर ऐसा कोई बोर्ड नहीं है कि जो कहे “आकाशगंगा के मध्य के अंतरिक्षीय क्षेत्र मे आपका स्वागत है”!

अब से 35 वर्ष पहले प्रक्षेपित और पृथ्वी से 115 अरब मील दूरी पर नासा का अंतरिक्ष यान वायेजर 1 सौर मंडल की सीमा को पार कर आकाशगंगाओं के मध्य के अंतरिक्ष मे प्रवेश करने जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों ये वैज्ञानिक उस पल का इंतज़ार कर रहे है जब कोई मानव निर्मित वस्तु सौर मंडल की सीमा को पार कर खुले अंतरिक्ष मे प्रवेश करेगी, ऐसा होना तय है। लेकिन अब तक ऐसा हो चुका है कि हमें लगा है कि वायेजर इस सीमा को पार कर चुका है लेकिन बाद मे ज्ञात हुआ है कि सौर मंडल की सीमा उस बिंदु से और आगे है।

 वायेजर- 1
वायेजर- 1

पिछले गुरूवार 27 जून 2013 को वैज्ञानिकों ने कहा कि वायेजर 1 अभी भी सौर मंडल की सीमा मे है लेकिन एक ऐसे क्षेत्र मे है जिसकी अपेक्षा नहीं थी और हमारी समझ से बाहर है। ये एक ऐसे विचित्र क्षेत्र मे है जो सौर मंडल की निश्चित रूप से अंतिम परत होना चाहिये। अर्थात हीलीयोस्फियर का आख़िरी छोर, जो । सौर मंडल को घेरे हुये सौर वायु से निर्मित एक विशालकाय बुलबुला है। वायेजर 1 जो वर्तमान मे 3800 मील प्रतिघंटा की गति से सौर मंडल से दूर जा रहा है, उसने पिछले कुछ समय मे अपने आसपास अंतरिक्ष मे कुछ परिवर्तन महसूस किये है। पढ़ना जारी रखें “सौर मंडल की सीमा पर वायेजर 1? शायद हां शायद ना !”