कण त्वरकों मे सूक्ष्म कणों के टकराने से भारी ऊर्जा का निर्माण होता है।

ईश्वर कण(हिग्स बोसान) की खोज : शायद हाँ, शायद ना


कण त्वरकों मे सूक्ष्म कणों के टकराने से भारी ऊर्जा का निर्माण होता है।
कण त्वरकों मे सूक्ष्म कणों के टकराने से भारी ऊर्जा का निर्माण होता है।

जेनेवा में महाप्रयोग से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें हिग्स बोसोन या ईश्वर कण की एक झलक मिली है। समझा जाता है कि यही वो अदृश्य तत्व है जिससे किसी भी मूलभूत कण(फर्मीयान अथवा बोसान) को द्रव्यमान मिलता है।

लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी निर्णायक प्रमाणो के लिए उन्हें आने वाले महीनों में अभी और प्रयोग करने होंगे।

पिछले दो वर्षों से स्विट्ज़रलैंड और फ्रांस की सीमा पर 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में अति सूक्ष्म कणों को आपस में टकराकर वैज्ञानिक एक अदृश्य तत्व की खोज कर रहे हैं जिसे हिग्स बोसोन या ईश्वर कण(god particle) कहा जाता है। इसे ईश्वर कण इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यही वह अदृश्य-अज्ञात कण है जिसकी वजह से सृष्टि की रचना संभव हो सकी। अगर वैज्ञानिक इस तत्व को ढूँढने में कामयाब रहते हैं तो सृष्टि की रचना से जुड़े कई रहस्यों पर से परदा उठ सकेगा। इस शोध पर अब तक अरबों डॉलर खर्च किए जा चुके हैं और लगभग आठ हज़ार वैज्ञानिक पिछले दो वर्षों से लगातार काम कर रहे हैं।

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प्रकाशगति से तेज न्युट्रिनो ?: क्रांतिकारी खोज या प्रायोगिक गलती ?


ओपेरा कण जांचक( OPERA particle detector)
ओपेरा कण जांचक( OPERA particle detector)

अपडेट मार्च 17,2012: आइंस्टाइन का सिद्धांत कि प्रकाशगति से तेज यात्रा असंभव  है, अभी तक सही है, प्रकाशगति से तेज न्युट्रिनो प्रयोग के पीछे एक उपकरण की गलती थी। इस प्रयोग मे प्रयुक्त एक फाइबर आप्टिक केबल ढीला होने से समय की सही गणना नही हो पा रही थी, जिससे प्रकाशगति से तेज न्युट्रीनो का भ्रम उत्पन्न हो रहा था।

जेनेवा स्थित भौतिकी की दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न(CERN) में वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने परमाण्विक कण (Subatomic Particles) न्यूट्रिनो की गति प्रकाश की गति से भी ज़्यादा पाई है।

अगर ऐसा सच हुआ तो ये भौतिकी के मूलभूत नियमों को पलटने वाली खोज होगी। शोधकर्ता स्वीकार कर रहे हैं कि वे इस नतीजे से काफ़ी आश्चर्यचकित हैं और इसीलिए उन्होंने कोई दावा नहीं करते हुए अन्य लोगों से स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि करने की अपील की है।

आइंस्टाइन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार कोई भी कण प्रकाशगति से तेज नही चल सकता है। यदि यह निरीक्षण सत्य है तब भौतिकी की किताबो को नये सीरे से लिखना होगा। पढ़ना जारी रखें “प्रकाशगति से तेज न्युट्रिनो ?: क्रांतिकारी खोज या प्रायोगिक गलती ?”

मुंबई मे हिग्स बोसान रहस्योद्घाटन : क्या स्टीफन हांकिंग अपनी हारी शर्त जीत गये है ?


अपडेट :4 जुलाई 2012″ स्टीफन हाकिंस अपनी शर्त हार चुके है। हिग्स बोसान खोज लिया गया है।

LHC मे उच्च ऊर्जा पर मूलभूत कणो का टकराव
LHC मे उच्च ऊर्जा पर मूलभूत कणो का टकराव

कुछ वर्षो पहले के समाचारो के अनुसार अविख्यात ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हाकिंग ने एक शर्त लगायी थी कि CERN का लार्ज हेड्रान कोलाइडर(LHC) हिग्स बोसान की खोज मे असफल रहेगा। हिग्स बोसान जिसे “ईश्वर कण(God particle)” भी कहा जाता है, को शुरुवाती ब्रह्माण्ड मे भारी कणो के द्रव्यमान के लिए उत्तरदायी माना जाता है।

स्टीफन हाकिंग के इस दावे ने भौतिक विज्ञान के क्षेत्र मे एक हलचल मचा दी थी। स्काटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्स ने इसे निजी चुनौती के रूप से लिया क्योंकि यह कण उन्ही के नाम पर है। उन्के अनुसार यह स्टीफन हाकिंग की चुनौती “मृत राजकुमारी डायना की आलोचना” के जैसी  है।

अधिकतर भौतिक विज्ञानी मानते है कि हिग्स बोसान का आस्तित्व है तथा इसका प्रायोगिक सत्यापन एक औपचारिकता मात्र है। यह औपचारिकता लार्ज हेड्रान कोलाइडर(LHC) को चलाने के पश्चात पूरी हो जायेगी और हिग्स बोसान खोज लिया जायेगा। अधिकतर वैज्ञानिक मानते है कि स्टीफ़न हाकिंग विवादास्पद और धारा के विपरीत विचारो के लिए जाने जाते है और यह(शर्त) भी उन्ही प्रयासो मे से एक है।

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